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भयंकर मारण प्रयोग का सच्चा अनुभव

भयंकर मारण प्रयोग का सच्चा अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक मारण प्रयोग के सच्चे अनुभव को लेने जा रहे हैं और इस अनुभव में देखेंगे। कैसे एक व्यक्ति की आखिरकार मृत्यु ही हो गई। इस मारण प्रयोग में और उनके परिवार के एक सदस्य ने कैसे इन चीजों से अपना? बचाव किया और उनके क्या अनुभव है? उन्हीं के एक मित्र के द्वारा लिख कर भेजे गए हैं जो कि मेरे शिष्य भी है। पढ़ते हैं इस ईमेल पत्र को और जानते हैं इस अनुभव के विषय में जय माता पराशक्ति। जय माता पराशक्ति, प्रणाम, गुरुदेव, चरण स्पर्श और गुरु माता को भी चरण स्पर्श गुरुदेव मैं अपना अनुभव धर्म रहस्य चैनल को भेज रहा हूं। अनुभव अन्य किसी चैनल पर प्रकाशित या भेजा नहीं गया है। इसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। यह अनुभव मेरे मित्र का है जो कि आप से ही दीक्षित है । गुरुदेव, मेरा नाम और ईमेल आईडी इत्यादि गोपनीय रखे।

मेरे दादा जी बीमार हो गए थे तो वह अपना आयुर्वेद के डॉक्टर! वैद्य भी थे। उन्होंने भगवान राम के मंत्र की दीक्षा भी ले रखी थी। मेरे दादा जी का खुद का वैद्य का काम वह करते थे। अपनी खुद की दुकान में ही तो अचानक ही उनका अच्छा खासा चलता काम कम होने लगा। इसके कारण वह चिंता में आ गए थे और फिर उन्होंने एक तांत्रिक को दिखाया। तांत्रिक ने कहा कि आपका कारोबार किसी क्रिया के द्वारा बांध दिया गया है। फिर वह तांत्रिक को उन्होंने कहा कि आप थोड़ी तांत्रिक क्रिया करवाले, तांत्रिक क्रिया करवानी पड़ेगी आपके घर आकर फिर 1 हफ्ते के बाद रविवार को तांत्रिक घर आया और फिर रात को तांत्रिक क्रिया और हवन किया। उसने अपने साथ एक छोटी गुड़िया सिंदूर 5-4 चूड़ियां। आदि सामान लाया था और हवन के बाद फिर उसने कुछ मंत्र बोले और उस! काली गुड़िया पर सुइयां लगा दी और फिर उस गुड़िया पर लाल सिंदूर लगा दिया और नींबू लाल सिंदूर लगाकर उस पर सूइयां लगा दी थी तो फिर उस तांत्रिक ने यह करने के बाद दो कीले अभिमंत्रित करके मेरे दोस्त को दे दिया तो तांत्रिक बोला यह घर के मेन गेट की दहलीज पर गाड़ दो और तांत्रिक बोला, 2 महीने में आपका काम चलने लगेगा और जो भी तांत्रिक क्रिया करी हुई थी, वह नष्ट हो गई। 2 महीने बीत गए।

दादा जी उस तांत्रिक के पास गए और कहा कि जो भी काम चल रहा था, वह पहले से भी अब खराब हो गया है और दादाजी तांत्रिक के साथ उनकी कहासुनी हो गई और सारे पैसे उन्होंने वापस ले लिए। 1 साल के बाद दादाजी बहुत ही परेशानी और बीमारी में उनका शरीर आने लगा। काम धंधा भी बंद हो गया। दादा जी को अस्पताल में टेस्ट हुआ की बीमारी निकली। फिर बीच में ठीक हो जाते और फिर बीमार हो जाते। ऐसा चलता रहा। फिर दादा जी का दोस्त आया। उनसे मिलने के लिए तब उसने दादाजी को कहा कि आप पर तंत्र क्रिया मारण प्रयोग किया गया है और वह दोस्त माता काली का भक्त था और दरबार भी लगाता था तो उसने बोला आपका? पांच रविवार मेरे दरबार में माता के सामने हाजिरी लगानी पड़ेगी पर दादाजी जान की हालत में रहे थे कि इसलिए दादाजी के बदले उन्होंने अपने पोते को ही भेज दिया और जो भी क्रिया उन्होंने कहा, बताऊंगा। इस से काम लेना आप लोग सही हो जाएंगे। फिर उस क्रिया को मैं उनके अभिमंत्रित जल जो दिया था। दादा जी को जल देने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ा और तबियत पहले से ज्यादा बिगड़ने लगी फिर उनकी!
यानी उन को उठाकर हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। फिर इलाज हुआ और कोई असर नहीं हुआ। तबीयत खराब होती चली गई। हॉस्पिटल से एक भाई ने कहा इधर से! घर ले जाओ क्योंकि यहां सब लूटने वाले बैठे हैं और इनका घर में ही ट्रीटमेंट करवाना। फिर दादाजी की दवाइयां और बाकी चीजों का बंदोबस्त कर दिया गया। फिर थोड़े से ठीक हुए तब उन्होंने बोला कि आप अपने घर में पेंट करवा दो। फिर घर के बहुत सारे लोग आ गए जो दादाजी ने कहा कि सब लोग यहां! आप ऐसी बातें क्यों कर रहे हो। फिर उन्होंने बोला कि बहुत जल्दी आपको पता चल जाएगा कि क्या होने वाला है। फिर उसके कुछ दिन बाद दादाजी की हालत और ज्यादा गंभीर हो गई। फिर उन्होंने खाना-पीना कम कर दिया और वह लेटे-लेटे ही खाते थे और ज्यादा बातचीत भी नहीं करते थे। फिर जब मेरे दोस्त के पापा दादा जी को मिलने के लिए गए तो दादा बताएं कि मैं जल्दी मरने वाला नहीं था, पर मेरे पर तंत्र किया हुई है। फिर उसके 2 दिन के बाद दादा जी की तबीयत हद से ज्यादा खराब हो गई। एक डॉक्टर के कहने पर ऑक्सीजन पर रखा गया और ऑक्सीजन के सहारे थे वह बिना खाए पिए जीवित रहे और मेरे दादा जी और दादी जी के हाल चाल पूछने के लिए घर लोग आए तब उन्होंने जैसे दादाजी को हिलाया तो उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया। फिर डॉक्टर ने कहा कि यह अब नहीं रहे दादा जी की मरने के 2 घंटे के बाद उस। कमरे के दरवाजे के नुक्कड़ पर चार से पांच छींटे खून की पड़ी हुई थी। तभी सारे परिवार के लोग हैरान हो गए। बहुत ढूंढने पर भी कोई सुराग नहीं मिला।
फिर दादाजी मेरे दोस्त को सपने में देखते थे और बोलते थे कि मुझको मारा गया है। इतना जल्दी मैं मरने वाला नहीं था। फिर माता काली के भक्त को पता चला कि दादाजी नहीं रहे तो उसने घर पर आना छोड़ दिया। उनका भक्त दोस्त को जाकर बताया कि दादाजी मेरे सपने में आकर ऐसा ऐसा बता रहे थे कि मुझे मारा गया है। तो भक्त बोला कि आप लोग माता से प्रार्थना करें कि वह जहां पर भी हैं, वहां मुक्त करें। वह भक्त ने कहा कि मैं कोई क्रिया करूंगा। उनकी मुक्ति मिले और माता से प्रार्थना करूंगा कि आपको वह सपने में ना दिखाई दे। फिर उसके बाद दादाजी कभी सपने में नहीं आए। फिर यह सब होने के बाद मेरा दोस्त कॉलेज जाने लगा और जैसे ही कॉलेज में 3sem कंप्लीट हुआ तो उसके बाद वह बीमार होने लगा। डॉक्टर को दिखाया था तो बोला कि बहुत प्रॉब्लम है। दवाइयां लेकर भी कोई फर्क नहीं हो रहा था। फिर मेरे दोस्त का एक दोस्त। ने नाम लिया तो वह एक तांत्रिक के पास जाता था। वह बोला कि तुम भी ठीक हो जाओगे। फिर तांत्रिक के पास ले गया कि उसने बोला तुम पर बहुत बड़ी क्रिया हुई है। तुम आगे न बढ़ पाओ और तरक्की ना हो पाए। उस प्रयोग में हुआ है। फिर क्रिया करा कर बाबा जी को पैसे दिए बहुत कुछ तंत्र का उसमें थोड़ा सा फर्क होगा। लगभग तीन चार महीने के बाद फिर से प्रॉब्लम शुरू हो गई। डॉक्टर को दिखाया कोई फर्क नहीं हुआ। फिर तांत्रिक बाबाओं के चक्कर में उससे हमारी दो से तीन लाख की कमाई चली गई। फिर भी फर्क नहीं पड़ा तो मेरे रिश्तेदार  वहां कहते हैं। वहां चले जाता। फिर भी कोई फर्क नहीं पड़ता। दिन प्रतिदिन मेरे दोस्त की हालत गंभीर होती गई। वह तो ठीक है चल फिर नहीं पा रहा था। काला रंग होता जा रहा था सारे टेस्ट नार्मल आते। दवाइयों के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। फिर मेरे मामा एक तांत्रिक के बारे में बताया, फिर उसने थोड़ा सा ठीक कर दिया। चलने फिरने योग्य कर दिया।
फिर मेरे दोस्त के ऊपर उनके कुल देवता की सवारी आ गई। फिर यह बात चलने पर बहुत लोगों को दिखाया और यह सब बोले की कुल देवता की सवारी आई है। फिर जिस तांत्रिक के पास गए थे, उसने ठीक कर दिया और फिर कुल देवता की सवारी आई और फिर तांत्रिक ने पूछा कि आप यहां क्यों आए हैं। फिर पूछने पर उसने कहा कि मैं इनका कुलदेवता हूं। फिर तांत्रिक ने कहा कहां से? स्थान कहां है कुल देवता ने कहा, यह लोग मुझे भूल गए हैं। मेरी पूजा भी नहीं हो रही। यह लोग मुझे मानते भी नहीं है तांत्रिक ने कहा, मेरे दोस्त को कि तुम 1 साल तक सवारी लेनी पड़ेगी ताकि पता चल सके कि कोई प्रेत वगैरा तो नहीं है ना फिर सवारी आने पर पता चलने लगा और सब को विश्वास हो गया कि यही  हमारे कुल देवता तांत्रिक ने फिर एक साल बाद उन तांत्रिक की मदद से कुल देवता की स्थापना कराई गई। फिर यह सब होने के बाद में दोस्त ने उन तांत्रिक को मान लिया। 5 साल तक सब कुछ सही चलता रहा और उसके बाद एकदम से कंडीशन खराब होती गई और दोस्त ने उनके गुरुदेव के पास जाना भी छोड़ दिया। फिर सब नुकसान होने लगा। पैसे की कोई बरकत नहीं हो पा रही थी। जो भी कमाते थे, वह खर्च हो जाता। फिर मेरा दोस्त बहुत परेशान हो गया और माता काली के मंदिर गया। प्रार्थना की माता मुझे कोई अच्छा गुरु मिले और यह सभी परेशानियां नष्ट करें।
फिर सपने में गुरुदेव श्री सूरज प्रताप जी दिखे और सपने में ही उनसे दीक्षा मिल गई और सपने में ही एक घर में हवन कुंड के आगे गुरुदेव आप बैठे होते हैं और आपके सामने मेरा दोस्त बैठा होता है। तब उस हवन के अंतिम आहुति डालते हैं और कहते हैं कि आपकी दीक्षा संपन्न हुई। फिर सपना पूरा हुआ तब मेरे दोस्त की एक और दोस्त मिला जो कि अघोरी था और साधना मार्ग से था। वह बोला कि मैं एक मंत्र देता हूं जो कि तुझे ग्रहण काल में करना है। जो भी अनुभव होंगे। वह तो मेरे को बताना पास ही मेरे दोस्त को अनुभव हुआ, जो भी शक्ति दी थी वह। उसे सब कुछ दिख रहा था। फिर उसने बोला कि मैं एक मंत्र और देता हूं। जप करके सिद्ध कर ले। यह मंत्र रात्रि काल में जपना होगा। पर मंत्र के बाद कोई अनुभव नहीं हुआ और आठवें दिन मंत्र जाप कर जैसे ही सोया तो रात को ऐसा लगा जैसे कि कोई कमरे में है। पैरों के चलने की आवाज आई। फिर अगली रात्रि जाप करने के बाद सोया तो ऐसा लगा कि किसी ने पैरों को हाथ लगाया था तब मेरा दोस्त डर गया और जैसे छूट के उठने की कोशिश की। वह उठा नहीं पाया। फिर माता काली का नाम जपने के बाद थोड़ा ठीक हुआ। फिर यह बात गुरुदेव मैंने आपको बताई तो गुरुदेव आपने बोला कि आमंत्रण काम पिशाचिनी का है। फिर आपने कहा बिना विधि विधान के मंत्र नहीं करना चाहिए। तब गुरुदेव आपने कहा, इस समस्या से बचना है तो गुरु मंत्र होना चाहिए तब गुरुदेव मैंने आपसे दीक्षा ले ली और आपके बताए निर्देश के अनुसार विधिवत क्रिया करके आप को गुरु माना। आपको मैंने पहले ही देख लिया था
गुरु मंत्र लेने के बाद सब ठीक हो गया और माता के प्रति समर्पण बढ़ता ही गया और आपके जैसा गुरु पाकर मैं धन्य हो गया। गुरुदेव आगे का पत्र में कुछ दिनों में लिख कर भेज दूंगा गुरुदेव मैंने अपने दोस्त का नाम छुपाया है क्योंकि यह करना जरूरी है। लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप अपना नादान बालक समझकर मुझे क्षमा करें और गुरु मां को चरण स्पर्श कुछ प्रश्न है। गुरुदेव दादाजी के मरने के बाद खून के छींटे क्यों पड़े थे? दादाजी दोस्त और माता काली का भक्त था तो दादाजी को बचा क्यों नहीं पाए? गुरुदेव आपकी दीक्षा से पहले स्वप्न में देखने का क्या मतलब है और हवन किया के द्वारा दीक्षा लेने के विषय में भी बताइए। गुरुदेव जो भी आप का मंत्र है वह पहले से ही गुरु मंत्र का जाप कर रहा था। इसका क्या मतलब होता है?
सन्देश-  यहां पर जो दादाजी के मरने के बाद खून के छींटे आए। यह उन पर मारण प्रयोग को दर्शाता है। मुझे ऐसा विश्वास है कि उस तांत्रिक जो कि सबसे पहला तांत्रिक था। उसी ने इनके घर पर इनकी तरक्की बढ़ाने के चक्कर में पुतली के माध्यम से एक भयंकर प्रयोग किया था ताकि पूरी तरह धन रुपया, पैसा इत्यादि चीजें इनको वशीकरण करके इनके परिवार में बांध करके इसमें कीले वगैरह कब लगाना होता है। वह धन के माध्यम से हमेशा प्राप्त करना चाहता था। इसी वजह से दादाजी की लड़ाई उस तांत्रिक से हुई थी जिसकी वजह से वह और भी ज्यादा क्रोधित हो गया होगा और क्योंकि उसने पुतली और कील स्थापित किया था। उस घर में उस तंत्र को तो वह नुकसान देह हमेशा के लिए वह तंत्र होने वाला था। इन्हीं बातों पर हमेशा ख्याल रखना चाहिए। तंत्र बाधने नहीं खोलने के लिए होता है। कभी भी पुतली तंत्र का प्रयोग खोलने  के लिए नहीं बल्कि बांधने के लिए किया जाता है। उस घर में बंधन करने के लिए या कोई गलत प्रयोग करने के लिए होता है। इसके अलावा माता काली के भक्त और इसमें कई बातें सामने आती की भक्त कितनी अधिक तीव्रता रखता है। यह उस पर निर्भर करता है। इसलिए ऐसा हुआ होगा और दीक्षा लेने से पहले सपने में हवन करते देखना इस बात का प्रतीक है कि गुरु उत्तम है और आप उनसे पहले से ही पूर्व जन्मों के द्वारा जुड़े हुए हैं और वही मंत्र अगर आप कर रहे हैं तो इसका मतलब भी यही है कि गुरु से आप का पूर्व जन्म का नाता है। आपको अवश्य ही गुरु से और भी ज्यादा सानिध्य और शक्तियां प्राप्त होती रहेंगी और भविष्य में यह मंत्र हमेशा आपका कल्याण करता रहेगा।
तो यह था मारण प्रयोग अनुभव का एक सच्चा अनुभव अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
https://youtu.be/9OBrWH2GW3I
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