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भानु अप्सरा और अप्सरा लोक के दर्शन भाग 1

भानु अप्सरा और अप्सरा लोक के दर्शन भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लेंगे एक ऐसे अनुभव को जो कि एक साधक महोदय द्वारा भेजा गया है और उन्होंने भानु अप्सरा और अप्सरा लोक के दर्शन के संबंधित अपना यह पहला भाग भेजा है। चलिए पढ़ते इनके पत्र को और जानते हैं क्या है यह अनुभव?

ईमेल पत्र-प्रणाम गुरुजीl कृपया मेरा नाम, e-mail address किसी को ना बताएंl मैं नहीं चाहता मेरे बारे में किसी को पता चलेl मेरा nick name प्रकाश हैl मैं west bengal से हूंl आपके चैनल को मैं 2019 के April से देख रहा हूंl आपके वीडियोस मुझे बहुत अच्छे लगते हैंl
 मैं इसी साल की गई मेरे अप्सरा साधना का अनुभव आपको भेज रहा हूंl
 मेरे कुछ physical problem के कारण मेरे college और मेरे friend circle मे कोई मुझे respect  नहीं देता थाl मैं लोगों से स्मार्टली बात भी नहीं कर पाता  थाl यहां तक की,आज तक कोई लड़की भी मेरी दोस्त नहीं बनीl इसलिए सिर्फ आकर्षण और सुंदरता प्राप्ति के लिए  मैंने अप्सरा साधना शुरू करने को सोचा थाl पर मेरे गुरुदेव ने प्रत्यक्ष दर्शन हेतु मुझे साधना करवाईl
   गुरुदेव ने पहले मुझसे महादेव के मंत्रों का  सबा लाख जाप अनुष्ठान करवाया और फिर मुझे “चंद्रज्योत्सना अप्सरा” साधना की दीक्षा दीl
यह साधना तो वैसे 3 दिन की  है, लेकिन मुझे 3 दिन 3 दिन करके 21 दिन तक इस अनुष्ठान को करने को बोला गया थाl हमारे गुरु संप्रदाय में इस साधना का मंत्र गोपनीय है, तो मैं मंत्र तो नहीं बता सकता पर विधि बता देता हूंl इन 21 दिनों में रोज 1000 मंत्रों का जाप करना होता है, और हर एक मंत्र के साथ एक एक करके दूर्वा की घास अप्सरा यंत्र पर अर्पित करनी होती हैl हर 3 दिन बाद, 3 दिन तक किए गए कुल मंत्रों के दशांश हवन, उसके दशांश तर्पण और उसके दशांश मार्जन करना होता हैl इसके साथ साथ 3 दिन तक जितनी भी दूर्वा घास यंत्र पर अर्पित हुई है, वह सब ले जाकर किसी तालाब में डाल देना होता हैl 21 दिन बाद जब  अप्सरा प्रत्यक्ष होती है, तब उन्हें गुलाब  की माला  अर्पित करनी होती हैl साधना में पीला आसन, स्फटिक माला और ब्रम्हचर्य आवश्यक हैl साधना किसी भी शुक्रवार से शुरू किया जा सकता हैl
शिव मंत्र के जाप अनुष्ठान कर लेने के बाद, मैंने अपनी अप्सरा साधना इसी साल, मतलब 2021 के जनवरी महीने की 5 तारीख से शुरू किया थाl हमारे घर की दूसरी मंजिल पर एक खाली पड़े कमरे में मैंने साधना शुरू कियाl गुरुदेव के आदेश अनुसार मैंने संकल्प प्रेमीका रूप में प्रत्यक्ष दर्शन का ही लिया थाl मेरी साधना 21 दिन तक चली, और हर 3 दिनमे हवन करने के बाद, अप्सरा यंत्र पर अर्पित घासको मैं अपने घर के पीछे के एक तालाब में डालता गयाl पर साधना के 21 दिन पूरे होने के बाद भी मुझे कोई अनुभव नहीं हुएl गुरुदेव ने मुझे इसी विधि से साधना आगे बढ़ाने को कहा, तो मैंने और 21 दिन तक साधना कियाl पर इस बार भी ना ही मुझे कोई अनुभव हुए और ना ही दर्शनl मैंने सोचा की एक और बार कोशिश कर लेता हूंl यह मार्च का महीना था, और मैंने फिर से तीसरी बार अपनी साधना शुरू करदीl गुरु कृपा से इस बार अनुभव होना शुरू हो गया, और मैं उन्हें अपनी डायरी में लिख लेता थाl तीसरे दिन से, साधना करते समय मुझे गुलाब के फूलों की  बहुत जोरदार खुशबू आना शुरू हो गई, जैसे मैं किसी गुलाब के बगीचे में बैठा हूंl इसके अलावा पूजा में अर्पित दीप की शिखा अचानक बहुत जोर से जलने लगती थी, और कभी कभी शिखा बहुत ऊपर तक उठ जाती थीl साधना के बाद जब मैं ध्यान करने बैठता था, तब लगता था कि मैं किसी बिना तल के गड्ढे में गिरता जा रहा हूं, और जिससे मुझे बहुत चक्कर भी आते थेl ऐसे ही अनुभव आठवें दिन तक चलते रहेl
रोज रात को साधना करने के बाद, मैं साधना कक्ष में ही जमीन पर सो जाता थाl नौवें दिन सुबह सोकर उठने के बाद जब मैं नीचे आया, देखा कि घर के सारे लोग मुझे अजीब तरह से घूर रहे हैंl मैंने पूछा कि क्या हुआ आप लोगों को? सब कहने लगे, आज तू कुछ अलग सा दिख रहा है, जैसे तेरा चेहरा ग्लो कर रहा होl जो भी हो, तेरा चेहरा बहुत सुंदर लग रहा है आजl मुझे यह सब बातें कुछ समझ नहीं आई, पर कुछ देर बाद जब मैं सामान लाने दुकान जा रहा था, तब बाहर भी मेरे साथ कुछ ऐसा ही हुआl रस्ते में भी सारे लोग मुझे ठीक वैसे ही घूर रहे थेl इसके बाद के दिनों में मेरे साथ ऐसा ही सब चलता रहाl सब मुझे बहुत अटेंशन दे रहे थेl दोस्त लोग पूछते थे, ऐसा क्या कर रहा है तू आजकल? बहुत बदला हुआ सा दिख रहा हैl जिंदगी में ऐसा पहली बार हो रहा था जब सब मुझे इतना रिस्पेक्ट दे रहे थे, वरना कोई तो मुझ से ढंग से बात भी नहीं करता थाl मुझे बहुत अच्छा लग रहा थाl अब तो मैं गाना भी बहुत अच्छा गाने लग गया था गुरुजी, मेरे दिल में हर पल अब एक खुशी से छाई रहती थीl अब मार्च का महीना खत्म होने को आया और इस तीसरी बार भी मेरे साधना के 21 दिन पूरे हुएl पर इस बार भी मुझे अप्सरा के दर्शन नहीं हुएl
 तीन बार कोशिश करने के बाद भी मैं सफल नहीं हुआ, और वैसेभी अप्सरा साधना से मैं जो कुछ भी चाहता था वह सब मुझे मिल चुका थाl तो गुरुदेव को बीना बताएं ही मैंने साधना वहीं पर बंद कर दियाl बस हर रोज रातको अप्सरा मंत्र की एक माला जाप कर लेता थाl यह अप्रैल का महीना था और मेरा साधना बंद किए 3 हफ्ते गुजर चुके थेl 3 हफ्ते बाद एक दिन अचानक गुरुदेव ने मुझसे पूछा,’मुझे कुछ ना बता कर तूने साधना क्यों बंद कर दी?’ उनकी बातों से मैं चौक गया, मैंने थोड़ा शर्माते हुए पूछा कि आपको भला कैसे पता चल गया गुरुजी? गुरुदेव ने कहा,’कल रात को सपने में मुझे अप्सरा के दर्शन हुएl उन्होंने मुझे बताया कि आपके एक शिष्य है प्रकाश, जो मेरी साधना कर रहे थेl मैं उनके पास जाना तो अवश्य चाहती हूं, पर वह अपनी साधना बंद करके बैठे हैंl आप कृपया उन्हें अपनी साधना फिरसे शुरू करने को कहिएl इसीलिए आज सुबह ही मैं तेरे पास चला आयाl मुझे बिना बताए ऐसा करके तूने ठीक नहीं कियाl जो भी हो, उसी विधि से फिर से साधना शुरू कर दे’l मैंने गुरुदेव से क्षमा मांगी और पूरे जोश के साथ फिर से मैंने साधना शुरू कर दियाl
अप्रैल का महीना खत्म होने में अभी 8 दिन बाकी थेl क्योंकि मैंने अपनी साधना बीच में ही छोड़ दी थी, इसीलिए इन 8 दिनों में मुझको फिर से महादेव के मंत्रों का जाप अनुष्ठान करवाया गयाl मैं अप्सरा साधना का चौथा चरण May के महीने में 7 तारीख से शुरू करने वाला थाl तो 6 तारीख की रात को जब मैं सो रहा था, तब मुझे एक सपना आयाl मैंने देखा कि मैं अपने घर के पीछे उस तालाब के किनारे खड़ा हूं, जिसमें मैं अप्सरा यंत्र पर अर्पित घास को डाल देता थाl रात का समय था, मैंने देखा कि तालाब के अंदर से दो प्रकाशपुंज बाहर निकल कर मेरी तरफ आने लगे और तालाब के किनारे आकर खड़े हो गएl फिर मुझे एक लड़की की मीठी सी आवाज सुनाई दी, जो शायद उस प्रकाशपुंज से ही आ रही थीl उस लड़की की मीठी सी आवाज ने मुझे कहा,’कल से जब तुम साधना शुरू करोगे, उससे पहले इस तालाब की किनारे से कुछ मिट्टी ले जाकर तुम्हारे आसन के नीचे रख देनाl ध्यान रखना, भूल मत जाना’l इतना बोलने के बाद वह दो प्रकाशपुंज फिर से तालाब के अंदर चले गएl सुबह नींद से उठकर सबसे पहले मैंने वही किया जो उस लड़की की आवाज ने मुझसे करने को बोला थाl तालाब के किनारे की कुछ मिट्टी ले आकर मैंने अपने आसन के नीचे रख दिया, क्योंकि आज रात से ही मुझे साधना का चौथा चरण शुरू करना थाl
तो अब May के महीने में 7 तारीख की रात से मैंने साधना शुरू कर दियाl इस बार पहले ही दिन से साधना में अनुभव शुरू हो गएl जैसे कभी मुझे जोरो से गुलाब की खुशबू आती, तो कभी ऐसा लगता की कोई पायल पहन कर पूरे कमरे में चल रहा हैl कभी ऐसा लगता कि कोई आकर मेरे पास बैठ गया हो, तो कभी-कभी लगता की मेरे चारों तरफ बहुत सी लड़कियां आपस में बातें और हंसी मजाक कर रहे हैंl पर इतना सब कुछ होने पर भी मैं अपनी आंखें बंद ही रखता था और साधना करता रहता थाl साधना के बाद जब मैं जमीन पर सो जाता था और रात को जब कभी मेरी नींद टूटती थी, तो महसूस होता की कोई मेरे पीछे की तरफ, मेरे पीठ से लगकर सो रहा हैl
 गुरुदेव ने कहा था, इस बार जब तक दर्शन ना हो जाए तब तक साधना चलाते रहनाl तो मैं इसी विधि से अपनी साधना चलाता गया और मुझे ऐसे ही सारे अनुभव होते रहेl ऐसे ही देखते देखते 3 महीने गुजर गए और अगस्त का महीना आ गयाl
अब आई अगस्त के महीने की 3 तारीखl रोज की तरह साधना के बाद जमीन पर सो गयाl मैं दीवार की तरफ अपना मुंह करके सो रहा थाl तो रात के समय किसी हलचल से अचानक मेरी नींद टूट गईl पर अब मेरे साथ बहुत अजीब सा कुछ हुआl मुझे मेरे पीछे की तरफ से एक सिंह, यानी एक शेर की हल्के हल्के दहाड़ने की आवाज सुनाई दे रही थीl जैसे वह गुस्से में आकर हल्के हल्के दहाड़ रहा होl इस बात से मैं सच में बहुत डर गयाl मैंने मुड़ कर देखना चाहा, पर मैं मुड़ ही नहीं पायाl जैसे मेरा पूरा शरीर अटक गया होl ना ही मैं अपने हाथ पेर हीला पा रहा था और ना ही मेरे मुंह से कोई आवाज निकल रही थीl तभी मुझे अपने पीछे कुछ लड़कियों की हंसने की आवाज सुनाई दीl लग रहा था कि वह सब मेरे पीछे ही बैठी हैl फिर किसी ने अपने हाथों से मेरे सर के बालों को सैलाना शुरू किया, उन हाथों का स्पर्श बहुत ही कोमल थाl यह सब 2 से 3 मिनट तक मेरे साथ चला, फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरे पीछे से वह सब उठ कर चली गईl अब शेर की आवाज भी बंद हो गई थीl पर मैं ऐसे ही हालत में और 1 या 2 मिनट तक पढ़ा रहाlफिर जब मैं उठकर पीछे मुड़ा, तो मेरे पीछे कोई नहीं थाl
 मैं अपने अनुभव का अगला हिस्सा दूसरे भाग में भेज दूंगा गुरुजी, तब तक के लिए आप को मेरा प्रणामl
सन्देश- तो देखे! यहां पर इन्होंने! अपनी इस अप्सरा की साधना के अनुभव को भेजा है। निश्चित रूप से लगातार प्रयास करने से अप्सरा साधना सिद्ध होती हैं। बस आपको अपने पर नियंत्रण रखने और सावधान रहने की आवश्यकता होती है। तो अगले भाग में जब इनका पत्र प्राप्त होगा तो जानेंगे। आगे क्या घटित हुआ था तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है। लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो।

भानु अप्सरा और अप्सरा लोक के दर्शन भाग 2

 

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