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भूत प्रेत भागने वाला सिद्धि मंत्र

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। बहुत बार दर्शकों की यह मांग होती है। कि आप भूत प्रेत? जिन लोगों के ऊपर आ जाते हैं उनको हटाने की कोई शक्तिशाली विधि बताइए। ऐसी कोई साधना हो या ऐसे कोई मंत्र जाप हो, जिन से साधारण व्यक्ति भी किसी दूसरे के ऊपर मौजूद कोई भूत-प्रेत पिशाच और कोई साधारण आत्मा को हटाया जा सके।

ग्रामीण स्तर में ज्यादातर उन लोगों का दिमाग कमजोर होता है। जो भी व्यक्ति जिसका मस्तिष्क इतना अधिक शक्तिशाली नहीं है, उनके दिमाग पर ऐसी शक्तियां हावी हो जाती है। जिसका भी मानसिक बल मजबूत होता है उन पर कभी भूत प्रेत हावी नहीं हो पाते हैं। भूत प्रेत स्त्रियों को आवश्यक रूप से इसलिए पकड़ लेते हैं क्योंकि वह ग्रहणी होती है और घर में रहने के कारण। उनकी सोच काफी कुंद सी हो जाती है। बाहर का वातावरण वह देखती नहीं है। इसीलिए उनका मानसिक विकास उतना तीव्र नहीं हो पाता है।

अगर आपका मानसिक विकास अच्छे से हुआ है तो कोई प्रेतात्मा आपके शरीर पर अपना कब्जा नहीं कर पाएगी। निश्चित रूप से आप उससे बचे रहेंगे और यही वजह है कि जब भी हम रिसर्च करते हैं या वैज्ञानिक लोग यह पता लगाने की कोशिश करते हैं तो एक मानसिक बीमारी के नाम से इस समस्या को टाल देते हैं और यह सोचते हैं कि। यह कोई मानसिक बीमारी है जिसकी वजह से व्यक्ति इस तरह की हरकतें कर रहा है, लेकिन सभी स्थितियों में मानसिक बीमारी नहीं होती है। कमजोर मस्तिष्क वाले।किसी भी व्यक्ति को आत्मा अपने कब्जे में ले सकते हैं। उसके मस्तिष्क को अपने नियंत्रण में ले सकती हैं।

विज्ञान का ही सिद्धांत है कि कोई भी शक्ति या कोई पदार्थ नष्ट नहीं होता। केवल उसका रूपांतरण हो जाता है। कोई व्यक्ति कैसे जिया कैसे मरा और मृत्यु के बाद उसका अस्तित्व नष्ट हो जाएगा विज्ञान कभी कहता ही नहीं। लेकिन यहां पर विज्ञान खुद यह बात मानने लग जाता है कि उस व्यक्ति का अस्तित्व नष्ट हो गया है।

उसकी जो भी भावनाएं थे, विचार थे, वह कहीं ना कहीं ब्रह्मांड में घूम रहे हैं। वही विचार और भावनाएं किसी प्रेतात्मा के रूप में जो घूम रहे हैं वह अगर उस व्यक्ति से अधिक शक्तिशाली है यदि व्यक्ति। इस वक्त किसी मानसिक परेशानी या फिर किसी वजह से प्रॉब्लम के कारण फंसा है तब अधिकतर उनके प्रकोप में शामिल हो सकता है या उसको वह अपने नियंत्रण में ले सकते हैं। ज्यादातर आपने देखा होगा। व्यक्ति जब ज्यादा परेशान हो जाता है। आत्महत्या की बात सोचने लगता है।

ऐसा करने के लिए प्रेत आत्माएं ही व्यक्तियों को वशीभूत कर लेती हैं ताकि उनकी आबादी मे उनकी जैसी विचारधारा वाला उनको प्राप्त हो सके। अपने लोक में उसे ले जाएं या गमन करवा ले। तो यहां पर आप समझ ही रहे हैं कि कोई भी शक्ति उससे मिलती-जुलती भावनाओं संवेदनाओं को अधिकतर आकर्षित कर लेती हैं और इसी कारण से उनके ऊपर हावी हो जाती है। विज्ञान अभी तक इनका पता नहीं लगा पाया हैं, लेकिन तंत्र में इन सब के बारे में पहले से ही वर्णन मिला है। क्या हो? जब किसी व्यक्ति को अपने आप पर ही विश्वास ना रहे और अत्यधिक ग्लानि बनाने की आदत कुछ भी गलत सोचना ऊटपटाँग से व्यवहार करना। जीवन को नश्वर मानते हुए। मुक्ति का प्रयास ना करते हुए आत्महत्या जैसी भावनाएं उसके मन में पैदा हो जाना यह प्रेत बाधा हो सकती है।

इसी को हटाने के लिए तांत्रिकों ने बहुत सारे ऐसे मंत्रों और झाड़ा मंत्र और बंदिनी इत्यादि का निर्माण किया। उनमें से कुछ मंत्रों का आज मैं आपको प्रयोग और तरीका बता रहा हूं जिसके माध्यम से आप स्वयं भी किसी भी व्यक्ति के ऊपर चढ़ा हुआ भूत प्रेत पिशाच उनकी आत्मा अवश्य ही हटा सकते हैं। बहुत अधिक शक्तिशाली आत्मा होगी तो बात अलग है, लेकिन लगभग लगभग सभी प्रकार की आत्माओं को इससे हटा पाएंगे। मंत्र हैं जिनके माध्यम से यह मंत्र झाड़े जाते हैं या धोनी या बंधनी का प्रयोग किया जाता है। वह मैं आज आपको बताने जा रहा हूं तो पहले मंत्र लेते है।

जीरा जीरा महा जीरा जीरिया चलाय। जीरिया की शक्ति से। भूतनी प्रेतनी डाकिनी शाकिनी चली जाए।जिए तो रम न टले। भौंहे तो मसान टले।

यह मंत्र है।

अब इसी प्रकार का एक प्रयोग है जिसे आप करेंगे-

हमारे जीरा मंत्र से अमुक(व्यक्ति का नाम ले) अंग भूत चला जाए। हुकुम पाडुका पीर की दोहाई

यह साधारण मंत्र हैं और इस तरह के मंत्रों का प्रयोग करके किसी अंग विशेष पर लगा हुआ भूत।अवश्य ही भाग जाता है। इसी प्रकार एक और मंत्र आता है। मंत्र है-

लोना चमारिन नवनाथों की दुहाई। मरघट पीर की दुहाई। गोगा जाहर पीर की दुहाई। हनुमान, नव दुर्गा, महाकाली, जगन्नाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ जी की दोहाई। भैरवनाथ बाबा चर्पटीनाथ की दुहाई।

यह भी आप कह सकते हैं और इसके आगे की फिर आप जीरा मंत्र से आगे बोलते हुए उस रोगी का नाम लेंगे कि इसके ऊपर से भूत चला जाए कि दूसरा एक और मंत्र देते हैं। वह है-

ए सरसों पीला, सफेद और काला। तू चलना फिरना भाई साथ चाला। तोहर बाण ते गगने फट जा ईश्वर महादेव की जटा कटाये। डाकिनी शाकिनी योगिनी भूत पिशाच । काला, पीला श्वेत सुचाञ्च। सब मारकाट ढरू खेत खलिहान। तेरे नजर से भागे भूत लै जान। आदेश देवी कामरु कामाख्या माई। आज्ञा हाडी दासी चंडी, दोहाई।

यहां पर इन्हीं इनमें से किन्हीं भी मंत्रों का प्रयोग करके आप जीरा मंत्र के माध्यम से रोगी का नाम लेते हुए उसके ऊपर से फिराते हुए आप विधि अनुसार उसके ऊपर से लगा हुआ कोई भी भूत प्रेत पिशाच। हटा सकते हैं! इसकी जो विधि है उसको अगर हम समझेंगे तो किस तरह से करेंगे कि

क्रमांक में? एक जीरा लेकर के उसमें 7 बार ऊपर लिखे हुए या बताए गए मंत्रों को पढ़ते हुए आपको फूँक मारते रहना है और उस पीड़ित व्यक्ति का लगातार आपको नाम लेते जाना है। जो मंत्र आपने बोला उसे 7 बार उसको पढ़ ले। उसके बाद आप हमारे जीरा मंत्र से अमुक यहां अमुक का मतलब उस रोगी का नाम होगा जिसका भूत आप हटाना चाह रहे हैं और भूत चला जाए और उसके बाद आप की जितनी भी दुहाई मंत्र है वह सब बोल कर के आप।

थोड़ा जीरा जो है अभिमंत्रित करके भूत प्रेत या जिस पर भी नजर लग गई है उस नजर ग्रस्त व्यक्ति के बदन से छुआ करके आग में डालकर पीड़ित को छुआना है , नाक मुंह और बदन को आपको छूआना है। प्रकाश से आपको उसमें धोनी देनी है। धुआँ देना है, वह शुद्ध हो जाता है जिसमें इतनी सारी बुराइयां शामिल हैं। भूत प्रेत प्रतिदिन ऐसा करने से रोगी का साथ छोड़ कर भाग जाता है। उसे भागना ही पड़ता है। यह साधारणतंत्र आप उन लोगों पर प्रयोग कर सकते हैं जो इस तरह की समस्या लेकर आपके पास आए हैं । यंत्र पीने या जलाने या जमीन में दबाने के साथ धोनी झाड़ा भी किया करें ।

इसी मंत्रों को आप लिख लीजिए। भोजपत्र के ऊपर विशेष समय पर जब यंत्र सिद्धि समय हो तो अगर इसको आप फिर जमीन में जला देते हैं। दबा देते हैं तो यह करेंगे तो भी इसका उपयोग और भी अधिक बढ़ जाता है। अब जो मंत्र मैंने ऊपर बताया था उन्हीं में सरसों को जहां पर जो सरसों का मंत्र आया था। –

ए सरसों पीला, सफेद और काला। तू चलना फिरना भाई साथ चाला। तोहर बाण ते गगने फट जा ईश्वर महादेव की जटा कटाये। डाकिनी शाकिनी योगिनी भूत पिशाच । काला, पीला श्वेत सुचाञ्च। सब मारकाट ढरू खेत खलिहान। तेरे नजर से भागे भूत लै जान। आदेश देवी कामरु कामाख्या माई। आज्ञा हाडी दासी चंडी, दोहाई।

उसी तरह आप यहां पर सरसों का भी प्रयोग करेंगे। और सरसों को 3 बार मंत्र द्वारा फूंके मारने के बाद रोगी के बदन को छुआ कर उपरोक्त तरीके से ही आपको धूनीदेनी होती है और तब उस व्यक्ति के ऊपर चढ़ा हुआ भूत प्रेत भाग जाता है, उसके शरीर को उसको छोड़ना ही पड़ता है तो इस प्रकार से आप बहुत ही साधारण तरीके से मंत्र का झाड़ा लगा करके साधना करते हुए सिद्धि भी प्राप्त करते हैं और इस डायरेक्ट सिद्धि का प्रयोग आप व्यक्ति विशेष पर कर सकते हैं और उसको ठीक कर सकते हैं।

इन मंत्रों को सिद्ध करने के लिए आप अब 11 माला का किसी भी अमावस में या ग्रहण काल में सिद्धि करण कर सकते हैं और दशांश हवन भी उसी पदार्थ से करें। यानी कि जीरे और सरसों से करना होगा तो इस प्रकार से आप किसी का भी भूत-प्रेत पिशाच नष्ट कर सकते हैं और उसको रोगमुक्त या? ऊपरी बाधा मुक्त कर सकते हैं।

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