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भू निधि योगिनी साधना अनुभव भाग 1

भू निधि योगिनी साधना अनुभव भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक नए साधना अनुभव के विषय में जानेंगे। यह अनुभव आज से कई 100 वर्ष पूर्व का है। एक सत्य घटना जो कि सिद्ध गुरु के जीवन में घटित हुई थी। उन्हीं की एक कथा को साधना के साथ में आज मै प्रकाशित कर रहा हूं। यह साधना है भू योगिनी की जो कि जमीन के नीचे का धन देने के लिए प्रसिद्ध योगिनी मानी जाती है। लेकिन क्योंकि योगिनी साधना बड़ी विचित्र होती हैं और इनका वर्णन भी कम मिलता है। इसीलिए इस रहस्य का उद्घाटन। आज मैं आप लोगों के लिए कर रहा हूं जो लोग भी गड़ा खजाना या धन प्राप्त करना चाहते हैं। उनके लिए यह साधना बहुत ही अच्छी साबित होगी तो जैसा कि हम जानते हैं कि आज के भारतवर्ष को हम पुराने समय में एक घने बसे जंगल के बीच में देख सकते हैं। जब मार्ग अवरुद्ध होते थे और लोग के आने-जाने के रास्तों से ही मार्गों का निर्माण हो जाया करता था। उस दौरान गुरु गोरखनाथ जी से पहले उनके गुरु! एक बार अपने एक भ्रमण पर निकले हुए थे। मच्छिंद्रनाथ एक ऐसे सिद्ध योगी थे जो योगिनी सिद्धियों को प्राप्त करते चले जा रहे थे। वह एक गांव से गुजर रहे थे। तभी उन्होंने भिक्षा मांगने के लिए एक व्यक्ति का घर चुना और उन्होंने बाहर से चिल्लाना शुरू किया। माता मुझे भिक्षा दे मच्छिंद्रनाथ के इन शब्दों को सुनकर बाहर थोड़ी देर कोई भी नहीं निकला तो मत्स्येंद्रनाथ इस बात से अत्यंत ही प्रभावित हुए। उन्होंने उस घर पर नजर डाली और उनकी सिद्धियों ने बताया कि घर में पैसे की कमी बहुत ज्यादा है। तभी थोड़ी देर बाद एक गरीब व्यक्ति बाहर निकल कर आया। उसके हाथ में थोड़ा सा सत्तू था। और उसने वही महेंद्र नाथ को दे दिया। गुरु मत्स्येंद्रनाथ यह देखकर बहुत प्रसन्न हुए और कहने लगे। तुम्हारे पास धन की बहुत बड़ी कमी है। इसके बावजूद तुम मेरे लिए अपने घर में अपने परिवार और बच्चों के लिए बचा कर रखे गए सत्तू को लेकर आए हो। मेरा हृदय द्रवित हुआ है। मैं तुम्हें कुछ देना चाहता हूं। बताओ क्या चाहते हो तब उस गरीब ब्राह्मण व्यक्ति ने कहा।

मैं आपको नहीं जानता लेकिन आपकी तेजस्वी बातों को सुनकर मेरे मन में भी लालसा आती है और यह लालसा मेरे लिए नहीं बल्कि मेरे बच्चों के लिए है जिनका मैं पेट सही प्रकार से भर नहीं पा रहा हूं। धन की बहुत ज्यादा कमी हो गई है और मैं इतना विद्वान भी नहीं कि लोगों के घर जा कर पूजा पाठ करवा सकूं। अब मैं धन कहां से प्राप्त करूं और कैसे अपने परिवार का भरण पोषण करू। मच्छिंद्रनाथ ने कहा। कि मुझे लगता है कि तुम अमीर हो लेकिन स्वयं इस बात को नहीं जानते हो। तुम्हारे पास जमीन तो होगी। है ना? तब उस ब्राह्मण व्यक्ति ने कहा, हां, एक बंजर जमीन मेरे पास है जो कि राजा ने मेरे दादाजी को दी थी और उनकी वह जमीन मेरे पिता को प्राप्त हुई थी। आज वह मेरे पास है लेकिन उस जमीन का ना तो कोई खरीदार है और ना ही उस पर कुछ उग सकता है क्योंकि बंजर जमीन पर कुछ भी नहीं होता। इसलिए वह मेरे किसी काम की नहीं है। तभी आकाश की ओर गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने देखा और ऊपर थोड़ी देर देखने के बाद मुस्कुरा कर उसकी और कहने लगे कि जिसके पास खजाना हो। उसे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, तुम्हें खजाना मिल सकता है। ऐसा संकेत मेरी शक्तियां दे रही है। इस पर उस व्यक्ति ने कहा, खजाने का रहस्य क्या होता है। कृपया मुझे बताइए। मैं कैसे जानू कि कहीं खजाना हो सकता है?

तब मत्स्येंद्रनाथ कहते हैं कि मैं कुछ बातें तुम्हें बताता हूं जो कि 1 योगिनी ने मुझे बताई कि धन किन स्थानों पर होता है। धन उस भूमि के आसपास जहां जल स्रोत नहीं होता और भूमि नम दिखाई पड़ती है। इसके अलावा आसपास किसी काले सर्प के होने के निशान दे तो वहां पर गड़ा धन होता है। जहां की मिट्टी में कमल की सुगंध यानी कमल के फूल जैसी सुगंध आती हो। उस जमीन में धन संपदा छिपी रहती है। किसी स्थान पर बाजव, बगुला या अन्य बहुत सारे पक्षी बहुतायत में बैठते हैं। वहां पर भी धन संपदा होने की संभावना प्रबल रहती है। यदि किसी एक ही जगह पर बहुत सारे पेड़ हो लेकिन उनमें भी किसी एक ही जगह पर पक्षी हमेशा बैठता हो और वह भी यदि कोई बाज और कबूतर एक साथ बैठे तो उस जगह पर निश्चित ही भूमि में धन छुपा होता है। जहां बारिश होने पर पानी वाली जगह पर घास न उगती हो, लेकिन गर्मी के मौसम में धूप में भी घास उगती हो। वहां जमीन के अंदर संपत्ति होती है। जहां सांप नेवला या गिरगिट निकलते हो या उनके बिल हो। वहां भी गड़ा धन होने की संभावना होती है। इसी तरह जहां पौधे प्राकृतिक कद से ऊंचे हो, वहां भी गड़ी संपत्ति मिलने की संभावना रहती है। अगर इसके अलावा भी तुम कुछ अचूक संकेत जानना चाहते हो तो स्वप्न के माध्यम से भी इसे पता कर सकते हैं जैसे कि सपने में अगर कमल का फूल दिखे या आप कमल के पत्ते पर स्वयं को भोजन करते देखे तो इस बात का संकेत है कि भविष्य में आपको गड़ा धन मिल सकता है।

इसके अलावा शगुन, स्वर विज्ञान इत्यादि के माध्यम से भी बड़े खजाने को देखा जा सकता है। सपने में अगर अक्सर सफेद सांप और जलता हुआ दीपक दिखाई दे तो इसका मतलब यह है कि उनके लिए कोई खजाना गाड़ कर गया है। ऐसी बहुत सारी संभावनाएं हैं। जैसे अगर स्वप्न में आपको पुराना मंदिर, आभूषण से भरा हुआ, बक्सा, शंख, कलश इत्यादि चीजें दिखाएं तो आपके भाग्य में पैतृक संपत्ति मिलने का योग बनता है। इसके अलावा अगर आप की मस्तिष्क रेखा सही स्थिति में हो यानी कि फटी कटी हुई नहीं हो। साथ ही भाग्य रेखा की एक शाखा जीवन रेखा से निकलती हो अर्थात गुलाबी और मांसल हो तो भी संपदा प्राप्त होती है। ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जिसके माध्यम से हम गड़े धन को प्राप्त कर सकते हैं और उनके संकेत भी हमें मिलते हैं। यह सब बातें सुनकर ब्राम्हण आश्चर्यचकित रह गया और वह कहने लगा कि आपको अगर इतना सब कुछ ज्ञान है तो आप क्यों नहीं धन प्राप्त कर लेते। यू प्रत्येक व्यक्ति की चौखट पर जाकर मांगते हो। मुझे तो तुम कोई ढोंगी बाबा नजर आते हो।

यह सुनकर मत्स्येंद्रनाथ हंसने लगे और कहने लगे। मेरा जीवन धन और उसके पीछे भागना नहीं है। मेरा उद्देश्य मुक्ति की प्राप्ति है। सिद्धियां तो मुझे यूं ही मिलती चली जाती है। लेकिन सिद्धियों के पीछे मैं नहीं भागता सिद्धियां मेरे पीछे भागती हैं। ऐसी ही एक सिद्धि भू निधि योगिनी की है। अगर इन सब प्रकार के संकेत ना भी मिले तो भी इस योगिनी की साधना करके साधक अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है और अगर उसके परिवार वंश या फिर कहीं उसे धन गड़े होने की संभावना नजर आती है तो यह योगिनी उसे निश्चित धन की प्राप्ति करवाती है। इसलिए अगर तुम्हें मुझ पर विश्वास हो तो तुम इस योगिनी की साधना करके देखो। मैं प्रमाणित रुप से कहता हूं। तुम्हें धन की प्राप्ति अवश्य होगी। यह बात सुनकर उस ब्राम्हण व्यक्ति ने कुछ क्षण सोचा और फिर उन मच्छिंद्रनाथ गुरु जी के पैर छुए और कहने लगा। गुरुदेव इसकी विद्या मुझे सिखाइए। मैं दरिद्रता से जल रहा हूं। आप जैसे हजारों ब्राह्मणों को और साधु-संतों को भोजन करवा पाए। यही मेरी बस इच्छा है। कोई मेरे द्वार से भूखा ना जाए और स्वयं मैं भी कभी भूखा ना रहूं। कृपया मुझे इस गोपनीय तंत्र विद्या की जानकारी दीजिए। तब मच्छिंद्रनाथ ने कहा, मेरे पास सिर्फ 1 दिन का अवसर होगा। जब मैं आपको यह विद्या सिखाऊंगा और इस विद्या को जानकर आप इसका प्रयोग बाद में करते रहिएगा। मैं सारे नियम और दुर्लभ विधियां को सिखा कर चला जाऊंगा क्योंकि साधु किसी भी जगह कुछ समय से ज्यादा नहीं रुक सकता। मैं तो? नारद जी के समान हूं, मैं ना तो रुक सकता हूं और ना ही कहीं पर स्थित होकर ठहर सकता हूं। मेरी सिद्धियां भी मुझे रुकने नहीं देती। इसलिए मुझे यहां से जल्दी ही जाना पड़ेगा तो इसलिए आज रात मैं तुम्हारे यहां रुकता हूं और तुम्हें यह विद्या सिखाता हूं। कल सुबह होते ही मैं यहां से चला जाऊंगा और तुम्हारा भला हो जाएगा। क्योंकि तुम्हारे समर्पण को देखकर मेरा हृदय!

पूरी तरह से व्याकुल हो चुका है और मैं तुम्हारे बच्चों के भोजन की व्यवस्था और सदैव के लिए तुम्हारी दरिद्रता का नाश करवा देना चाहता हूं। इस प्रकार रात्रि के समय उस ब्राम्हण गरीब व्यक्ति ने गुरु मत्स्येंद्रनाथ से उस विद्या की जानकारी ली। यह विद्या क्या थी? इसका ज्ञान भी मैं आप लोगों को अपने इंस्टामोजो के माध्यम से दे दूंगा जिसका लिंक आपको मेरे नीचे वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मिल जाएगा। वहां से क्लिक करके आप इस साधना खरीद सकते हैं। इस कथा में आगे क्या हुआ जानेंगे। अगले भाग में तो अगर यह जानकारी और कहानी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

भू निधि योगिनी साधना अनुभव भाग 2

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