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मधुमति योगिनी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं मधुमति योगिनी साधना जो समस्त प्रकार की सिद्धियां देने का सामर्थ्य रखती है ।कहते हैं कि अगर योगिनी साधना में यह योगिनी सिद्ध हो जाए तो आपको किसी भी प्रकार की सिद्धि की आवश्यकता नहीं रहती । याद रखे शक्ति उपासक माता दुर्गा का उपासक अगर इसकी साधना करेगा तो अत्यधिक जल्दी सफलता मिलेगी और अगर कोई और साधक करेगा तो उसे कठिनाई होगी।

मधुमति योगिनी अत्यंत ही सुंदर शुभ वर्ण वाली मानी जाती है । वस्त्र आभूषण से अलंकृत होकर साधना के बाद आपको तीनों लोको में से कुछ भी ला कर दे सकती हैं। इनकी कृपा से पूर्ण आयु सौभाग्य और राज्य की प्राप्ति होती है और अगर साधक इनको अपनी पत्नी के रुप में सिद्ध कर सके तो पृथ्वी का महाराजा बन जाता है । अत्यंत ही शक्तिशाली हो जाता है अपनी सुंदरता में यह अप्सराओं को भी पीछे छोड़ देती है और संभोग में पूर्ण सुख प्रदान करती हैं। साधक इससे इतना प्रभावित हो जाता है कि वह किसी भी स्त्री को पसंद नहीं करता चाहे वह कितनी भी सुंदर स्त्री क्यू न हो मधुमति से पराजित हो जाती है तो चलिए बात करते हैं इन की विधि और साधना के मंत्र के बारे में इनका मंत्र इस प्रकार से है –

मँत्रः  ॐ ह्री मधुमति अनुरागणी आगच्छ मैथुन प्रिये स्वाहा।। 

इस मंत्र का पूर्ण विधि विधान से आपको रात्रि के समय रोज 10,000 बार जाप करना होगा 3 महीने तक ऐसा करे । सफेद हकीक की माला से जाप करे और अंतिम दिन पूरे दिन रात आप इनकी साधना करते रहे । तब मधुमति जाकर साधक से प्रसन्न होकर उसके साथ रति क्रीड़ा करती है और उसे समस्त सिद्धि प्रदान करती हैं।

यह साधक को काम सुख धन ऐश्वर्य वैभव और सिद्धिया  प्रदान करती है। लेकिन यह याद रखे परमात्मा की प्राप्ति करने वाले लोगों को इनकी साधना नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस साधना में साधक को रोज ही संभोग करना होता है । इसलिए प्रतिदिन उसका ब्रहमचर्य नष्ट हो जाता है यह स्वयं साधक से संभोग तो करती हैं और स्वर्ग की अप्सराएं, मनुष्य लोक की कन्याएं, यक्षिणी आदि सब आपको प्रदान करती है संभोग करने के लिए । इसलिए परमात्मा की प्राप्ति करने वाले साधक परमात्मा की प्राप्ति अगर करना चाहते हैं तो उनको यह साधना नहीं करनी चाहिए क्योंकि आप अपने मार्ग से भटक सकते हैं । अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

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