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मधुमती योगिनी और सुभगा किन्नरी सत्य अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे दो अनुभव को पहला अनुभव मधुमती योगिनी साधना से संबंधित है। वही दूसरा अनुभव सुभगा किन्नरी  साधना और उसकी विधि से संबंधित है? चलिए शुरू करते हैं पहले पत्र को, जिसमें हम मधुमती योगिनी साधना के विषय में जानेंगे।

ईमेल पत्र-प्रणाम गुरुजी! मेरा गुरु मंत्र का जाप पूर्ण होने वाला है इसलिए मैं कुछ आपकी वीडियो देख रहा था। कल रात को तो मुझे मधुमती योगिनी में। इंटरेस्ट आया और सोचा यही करूंगा। क्योंकि मैंने 4 साल पहले! इंडिया में कामेश्वरी यक्षिणी साधना शुरू की थी जो मैं पूरी नहीं कर पाया क्योंकि वह जान गई थी कि मेरा मन में क्या है? और उसने मुझे सपने में आकर बताया कि वह जानती है कि मैं उसे ऑप्शन की तरह उसे ले रहा हूं। पहला कनाडा का वीजा या? दूसरा कामेश्वरी यक्षिणी की साधना।

वह बोली, तुम इंसान ऐसे ही होते हो और इतना बोलने से पहले उसने सपने में आकर मेरा वीर्यपात करवाया था और साधना भी खंडित हो गई थी।

और आज जो कि मैं ऑस्ट्रेलिया में हूं, भैरव जी की पूजा करते आज तक मेरी किसी से रिलेशनशिप नहीं हुआ है जो कि मुझे बहुत खलता है। कि कोई भी स्त्री मुझसे अफेयर नही करना चाहती है, इसलिए मैंने मधुमती योगिनी साधना करने की सोची है और रात को सोने से पहले मैंने सोचा कि गुरु मंत्र तो पूरा होने ही वाला है। इसके मंत्र को भी याद कर लेता हूं और फिर मंत्र याद करते-करते मुझे उससे आकर्षण भी हो गया। फिर मैं सो गया उसके बाद गुरुजी सपने में मैं।

धड़ाम से छत से गिर गया और मेरा सर जमीन से जोर से लगा। फिर मुझे किसी ने पीछे से पकड़ा। मुझे हवा में दोबारा ऊपर उठाया और फिर मुझे गिरा दिया। ऐसा दोबारा करने पर मैं समझ गया कि कोई शक्ति मेरे सपने में आ गई है। मैंने तुरंत अपने आराध्य महादेव पर ध्यान केंद्रित किया और वह शक्ति 2 सेकंड के लिए रुकी फिर से वैसे ही मुझे गिराते गिराते जमीन के पास आकर। स्लो हो जाती और मुझे डराने की कोशिश कर रही थी पर मैं शांति से भगवान शिव में लीन हो गया। पर फिर जब मैंने देखा कि वह मुझे। छोड़ने वाली नहीं है। मैंने जोर से सपने में बोला, महादेव मेरी रक्षा करो तभी वह भी चिल्ला कर कुछ बोली जो मुझे नहीं समझ में आया और जोर से मेरे प्राइवेट पार्ट पर पकड़ कर चली गई ।जिसे मुझे उस हालत में झेलना पड़ा था। मैंने इस दिन में भी पी ली थी। गुरुजी मुझे पता चल गया। मेरे सपने में शक्ति आई क्योंकि जब से मैंने कामेश्वरी यक्षिणी साधना की है। तब से कोई ना कोई बुरी शक्ति मेरे सपने में आकर मुझे डराती रहती है और कई बार मेरे घर की कोई स्त्री बनके मेरे साथ सेक्स भी करती है।

गुरु जी मार्गदर्शन करें। मैंने महादेव के बाद आपको ही गुरु माना है और आपके गुरु मंत्र का जाप कर रहा हूं। मैं बहुत! कमजोर हूं अभी मधुमती योगिनी साधना करने के लिए यह मैं जान चुका हूं। लेकिन जब मैंने उसकी प्रतिक्रिया सुनी जब वह चिल्लाई तो मैं सोचने लग गया कि इस शक्ति ने मुझे रिस्पांस दिया जो कि मुझे अच्छा भी लगा। मेरे मन में जिज्ञासा भी आई। मैं इससे दोबारा ऐसे और इसको फिर याद करके सोने की कोशिश करने लगा। पर फिर मुझे नींद ही नहीं आई। सारी रात में जागता रहा। अगर आप शेयर करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। मेरे बारे में कुछ भी नहीं बताइएगा मेरी समस्या! मैं भी बताइएगा गुरुजी! थैंक यू!

संदेश -देखिए आपने कामेश्वरी यक्षिणी के बाद में फिर! मधुमती योगिनी ही की है। यह एक काम प्रधान साधना है। इसलिए सबसे पहले आपके मन में ऐसी कोई भावना नहीं होनी चाहिए जिसकी वजह से शक्ति यह सोचे कि यह केवल इस कार्य के लिए मुझे सिद्ध कर रहा है, वरना वह सिद्ध नहीं होगी और कोई ना कोई तरकीब लगा करके आपकी साधना भंग कर देगी। पहले आप गुरु मंत्र साधना को पूरी तरह से पूर्ण कीजिए और गुरु मंत्र पर पूरा विश्वास रखते हुए आगे तांत्रिक साधना में उतर जाइएगा।

इसमें आपको? कोई समस्या नहीं होगी लेकिन पूरी विधि जानकर और एकनिष्ट हो करके साधना करनी पड़ेगी जिसमें ब्रह्मचर्य रक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और इसमें कोई भी देवी देवता यह शक्ति मदद नहीं करती है क्योंकि यह आपके स्वयं के नियंत्रण की वस्तु है। इसीलिए वीर्य रक्षा करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और उसके लिए आपके मन में कोई गलत विचार कभी भी नहीं आना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो शक्ति आपका तब तुरंत तप भंग कर देती हैं और इन्हें इस बात की सदैव छूट भी मिली हुई होती है। इस बात को आप को सदैव समझना होगा। और तभी आप? इन साधनाओ में सफल हो सकते हैं।

अब अगला अनुभव हम पढ़ते हैं।

सुभगा किन्नरी का है ।

ईमेल पत्र -प्रणाम गुरुजी मेरा नाम ………..है। मैं महाराष्ट्र से हूं गुरुजी, मेरा नाम और ईमेल आईडी गुप्त ही रखिएगा। पिछला अनुभव काफी दर्शकों को पसंद आया था। इसलिए सभी साधक दर्शकों को मेरा धन्यवाद अब आता हूं। साधना अनुभव पर जो घटित हुए हैं, गुरु जी यह साधना मैंने खुद की और यह साधना आज से 2 साल पहले की थी। यह साधना करने से 3 माह पहले ही मैंने भगवान शिव के मंत्र का 900000 जाप भी किया था। जो मैंने बताया भी है गुरु जी इस साधना की दीक्षा मैंने एक पंडित से ली थी। उसने मुझे बताया था कि किस तरह से यह करनी है जब मैंने साधना करी तो 4 दिन मुझे कुछ भी अनुभव नहीं हुआ। फिर 6 दिन बाद मेरी बहन की पर्स कीले से! लटकी हुई थी।

उसका एक बांधा निकल चुका था, फिर मुझे थोड़ा डर लगने लगा। उसके बाद मुझे गुरुजी मेरे चेहरे पर हल्की सी हवा का एहसास भी होने लगा। जो की हवा इस तरह की थी जैसे हल्की-फुल्की कोई मार कर जा रहा हो एकदम धीमी सी।

1 दिन आंखों के सामने एक चमकती हुई बिंदिया सी दिखने लगी। कभी-कभी सफेद नीले रंग की दिखाई पड़ती थी। फिर गुरुजी 3 माह होते ही मैंने यह साधना रोक दी क्योंकि घर वालों का दबाव बढ़ने लगा था। और मेरे पास कोई एकांत स्थल नहीं था। ना ही कोई ऐसा रूम जहां साधना कर सकूं? बस यही हुआ अनुभव इसमें ज्यादा कुछ नहीं है। अब मैं इसकी साधना विधान के विषय में बताता हूं।

साधना सामग्री-गुलाबी आसन कुछ गुलाब के फूल जो हर दिन चाहिए। चौकी पर बिछाने के लिए लगभग सवा मीटर गुलाबी कपड़ा। गुरु जी का फोटो! जो भी चीज हो या फिर जिस को गुरु माना है। उनका चित्र!

एक सुंदर चित्र जो स्त्री का बनाया गया हुआ हूं। लोबान अगरबत्ती कपूर लोंग एक बर्तन जो कि लोंग और कपूर जलाकर वातावरण को शुद्ध करें और देसी गाय के घी का दीपक।

विधि -दिशा पूर्व या उत्तर स्नानादि से निवृत्त होकर सामने चौकी लगाएं। चौकी पर सवा मीटर गुलाबी कपड़ा बिछाए। उस पर गुरु पूजन के साथ में सुंदर स्त्री का बनाया हुआ चित्र, गुलाब के फूल से उस चित्र की पूजा करनी है और अपने आसन के पास भी कुछ पंखुड़ियां बिछाए। दीपक जलाकर लोबान अगरबत्ती कपूर लोंग से पूरा वातावरण शुद्ध करें। फिर आसन पर बैठकर 3 मिनट का प्राणायाम और 3 मिनट का नाड़ी शोधन करें। अब निम्न मंत्र का 5 बार मानसिक जाप करें मंत्र है।

हे रंबाय अमोघसिद्धि नमः।

इसके बाद एक माला गुरु मंत्र की करें। अब इस मंत्र की आपको 11 माला करनी है मंत्र इस प्रकार है।

हलीम सुभग एक किन्नरी स्वाहा हलीम!

अब मूल मंत्र की 51 माला आपको करनी है।

ओम सुभगे स्वाहा।

साधना में जब तक प्रत्यक्षीकरण ना हो तब तक साधना करते ही रहना है।

यह मंत्र कोई भी बड़ी आसानी से कर सकता है। मंत्र बहुत ही छोटा है। यह साधना साधक पर निर्भर करती है कि वह कैसे करता है। इस साधना के लिए आप 10:00 से 11:00 के बीच में कर सकते हैं। एक बार जिसके पास गुरु नहीं है, वह यह साधना कर सकता है। लेकिन मेरे ख्याल से गुरु होना ही सर्वश्रेष्ठ रहेगा क्योंकि गुरु मुख से मिला मंत्र सबसे ज्यादा कारगर होता है। इसके बाद 30 मिनट का ध्यान आपको अवश्य ही करना है। यह थी सुभगा किन्नरी की साधना गुरु जी चाहे तो आप इसे प्रकाशित करें या फिर इंस्टामोजो अकाउंट में भी डाल सकते हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है। गुरु जी मेरे कुछ प्रश्न है।

मेरे चेहरे पर हवा लगना यह क्या था, मुझे प्रत्यक्षीकरण क्यों नहीं हुआ और क्या मैं दूसरा चरण कर सकता हूं अथवा नहीं गुरु जी और एक बात आज भी मेरे चेहरे पर कभी कभी हल्की सी हवा लगती है। इसका कारण क्या है?

संदेश-तो देखिए यहां पर इन्होंने सुभगा किन्नरी की साधना के विषय में बताया है। और यह साधना के विषय में पहले से ही जानता हूं। इस साधना में किन्नरी आप के समीप आती है तो हल्का सा आप को छूने का एहसास दे सकती है यह एहसास हवा के रूप में या फिर साक्षात शरीर का एहसास भी हो सकता है।

इसीलिए आपके चेहरे पर हवा लगती थी क्योंकि वह वायु तत्व के रूप में ही सबसे पहले आती है। लेकिन जल तत्व बनाना और उसके बाद ठोस में बदलना इसके लिए आपको कठिन साधना की आवश्यकता है। वैसे तो किन्नरी साधना है।

पर्वत पर गुफा में। या अत्यंत ही गुप्त स्थान पर करनी चाहिए? पब्लिक प्लेसेस में या घर में करने पर सिद्धियां नहीं मिलती हैं।

क्योंकि यह अपने आने के मार्ग में कोई अवरोध नहीं चाहती।

इसके अलावा आप इनका दशांश हवन भी अवश्य करें ताकि इनको आप आसानी से सिद्ध करने की राह में आगे बढ़ सके इसके अलावा।

उत्तम गुरु मंत्र आपके पास होना भी अनिवार्य है। जिसके अधीन। इनका मंत्र भी अवश्य आता हो इसके लिए।

आपके पास तांत्रिक शिव मंत्र या कोई शक्ति मंत्र हो तो अधिक उत्तम रहेगा क्योंकि किन्नरी शक्ति!

स्वयं उस शक्ति को प्रणाम करती हो और उनके लोक से संबंधित भी हो।

तो यह थे आज के दो अनुभव अगर आप लोगों को पसंद आए हैं तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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