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महा स्वर्ण भैरवी साधना

महा स्वर्ण भैरवी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो विशेष प्रकार की एक साधना का ज्ञान और कथा प्राप्त करने जा रहे हैं। इसके माध्यम से किसी के भी जीवन में धन संबंधी परेशानियों को अवश्य ही दूर किया जा सकता है। अगर इनकी सच्चे मन से साधना की जाए तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई व्यक्ति के जीवन से धन की परेशानी हल ना हो जाए। इस प्रयोग को अगर गुप्त नवरात्रि में करते हैं।तो भी अवश्य ही कल्याण की प्राप्ति होती है और सबसे अधिक शुभ समय भी इसे ही माना जाता है। तो चलिए जानते हैं।

इस?

अद्भुत रहस्यमई साधना के विषय में ज्ञान।

यह साधना मूल रूप से स्वर्णाकर्षण भैरव जी की पत्नी या उनकी सहायिका शक्ति स्वर्णा भैरवी के रूप में है। स्वर्ण भैरवी! धन देने में सबसे बड़ी भैरवी शक्ति मानी जाती है।इनकी कृपा प्राप्त कर साधक के जीवन में कभी भी धन का अभाव नहीं होता है। और क्योंकि यह एक गोपनीय और? शक्ति साधना है इसलिए अवश्य ही नवरात्रि मूल रूप से गुप्त नवरात्रि में करने पर अद्भुत लाभ प्राप्त होता है।

स्वर्णाकर्षण भैरव की गोदी यानी अंक में विराजित होने वाली उनकी सर्वप्रिय और उनका हर प्रकार से कार्य आगे चलकर संपादित करने वाली अत्यंत ही दुर्लभ और गोपनीय भैरवी शक्ति है। जिस प्रकार भगवान शिव की शक्ति माता पार्वती को माना जाता है। भगवान नारायण की पत्नी उनकी शक्ति नारायणी या माता लक्ष्मी को माना जाता है उसी तरह स्वर्णाकर्षण भैरव जी की पत्नी को स्वर्ण भैरवी के नाम से जाना जाता है।

इस संबंध में जो ज्ञान हमें ग्रंथों से प्राप्त होता है वह कुछ इस प्रकार से है।

ग्रंथों में वर्णित इसका विवरण हमें इस प्रकार से प्राप्त होता है। कहते हैं नंदी जी ने मनुष्यों की दरिद्रता का नाश करने के लिए।

गोपनीय ज्ञान का वर्णन महर्षि मार्कंडेय जी को किया था। तब जबकि मार्कंडेय जी ने उनसे पूछा कि उनके जीवन में अगर धन! केवल ग्रहों के कारण नहीं आ पा रहा हो। पूर्व जन्मों के पाप इतने ज्यादा हों कि धन प्राप्त हो ही नहीं सकता। जिनकी कुंडली में धन भाव का संबंध कमजोर सूर्य या गुरु से है और अनेक लक्ष्मी जी और कुबेर साधना करने के बाद भी धन की परेशानियां किसी कारणवश नहीं समाप्त हो पा रही हैं तब अवश्य ही इनकी साधना करनी चाहिए।

कहते हैं इनकी साधना करने से अद्भुत लाभ मिलता है और जीवन से हमेशा के लिए उस व्यक्ति के धन का जो भी परेशानी है।

वह! समाप्त हो जाती है। तो फिर इसकी जो कथा है वह इस प्रकार से शुरू होती है।

कहते हैं जब देव और असुरों का संगम शुरू हुआ तो 100 वर्षों तक युद्ध में। सभी देवता भारी धन की हानी उन्हें झेलनी पड़ी स्वर्ग में स्थित दिव्य धन को राक्षस उनसे छीनने लगे। यहां तक की माता लक्ष्मी से प्राप्त होने वाला सारा धन भी नष्ट हो गया। इस प्रकार कुबेर जी और माता लक्ष्मी भी धन से हीन हो गई। यानी उनके पास भी धन समाप्त हो गया। तब सभी देवी और देवता भगवान महादेव जी की शरण में गए। भगवान महादेव जी ने! नंदी जी को माध्यम बनाकर देवता स्वर्णाकर्षण की महिमा गाए और देवताओं सहित नंदी जी ने यक्ष राज श्री कुबेर जी को धनवान बनाने के लिए। भगवान शिव से जब प्रश्न किया था। तब उन्होंने पूछा था कि जो कुबेर जी के भी खाली भंडार को भर दे ऐसी कौन सी शक्ति इस ब्रह्मांड में है। तब महादेव भगवान शिव ने माता भगवती त्रिपुरा के अविनाशी धाम। श्री मणि धाम जो कि एक दिव्य अलौकिक धाम है। एक ऐसा मणिद्वीप लोक हैं जहां की कोष के अध्यक्ष श्री स्वर्णाकर्षण भैरव जी है। अगर उनकी साधना की जाए तो निश्चित रूप से धन प्राप्त होता रहेगा। सब कहते हैं कि लक्ष्मी जी और कुबेर जी ने विशाला तीर्थ जिसे हम बद्री विशाल धाम कहते हैं। 3000 वर्षों तक सभी देवताओं के साथ में धन के देवता, श्री लक्ष्मी और कुबेर जी ने भीषण तपस्या की। तब वहां स्वर्णाकर्षण भैरव नाथ प्रकट हुए थे। और तब उन्होंने अपने से प्रकट की हुई वह दिव्य शक्ति! जिनको हम स्वर्ण भैरवी कहते हैं, उनकी शक्ति के माध्यम से अपनी चार भुजाओं से धन की वर्षा करनी शुरू कर दी। तब सभी देवता प्रसन्न हो गए और जगत में सभी लोगों के लिए स्वर्णाकर्षण भैरव। जोकि काल भैरव का सात्विक रूप माने जाते हैं। प्रसिद्ध हो गए धन के लिए उनकी पूजा की । किंतु यह गोपनीय ज्ञान छुपाया गया कि उनकी मूल शक्ति स्वर्ण भैरवी है और यह भैरवी देवी जो कि उनकी गोदी में विराजमान रहती हैं। हमेशा के लिए जो भी साधक स्वर्णाकर्षण भैरव साधना करता है, अगर इनका ध्यान नहीं रखता तो उसे स्वर्णाकर्षण भैरव साधना का भी पूरा फल नहीं मिल पाता है।

स्वर्णाकर्षण भैरव जी तब से पाताल में निवास करते हैं। क्योंकि सोना धरती के गर्भ में होता है। इन्हें प्रसाद रूप में दूध मेवा और भोग सामग्री दी जाती है। इनकी साधना में मांस मदिरा सख्त वर्जित मानी जाती है। यह रात्रि! देवता है।

इसी कारण से इनकी साधना मध्य रात्रि के 12:00 से 3:00 बजे करनी चाहिए।

साधना में स्वर्णाकर्षण भैरव सहित भगवती भैरवी जो कि स्वर्ण भैरवी है। इनको स्थापित कर साधना की जाती है।

जब इनकी साधना की जाती है तो साधक को इनकी खुशबू आती है। कहते हैं इनकी साधना से अष्ट दरिद्र का निवारण हो जाता है। अर्थात संसार में जितने भी प्रकार के दरिद्रता के सूचक प्रकार हैं उनका भी विनाश होता है। इसीलिए इनकी साधना अद्भुत है और पूर्ण गोपनीय है। आज मैं आप लोगों के लिए इसे लेकर आया हूं। इसे मैंने आप लोगों के लिए इंस्टामोजो स्टोर में उपलब्ध करवा दिया है। जिसका लिंक इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में आपको मिल जाएगा। वहां से क्लिक करके आप इस साधना को खरीद सकते हैं और किसी भी गुप्त नवरात्रि में करके लाभ उठा सकते हैं। क्योंकि यह सात्विक साधना है इसलिए! किसी भी प्रकार की परीक्षा में आप को डरने भयभीत होने आश्चर्यचकित होने या किसी भी प्रकार का कोई नुकसान आपके साथ नहीं होगा, लेकिन अगर परीक्षा होती है तो सावधान रहें ताकि आप किसी से भी किसी वजह से नष्ट ना हो जाए और आपको अवश्य ही धन की प्राप्ति हो। क्योंकि? जब? स्वर्ण भैरवी प्रकट होती हैं तो वह विभिन्न प्रकार से आपकी परीक्षा ले सकती हैं। इनकी साधना! उपासना का तरीका बहुत ज्यादा स्वर्णाकर्षण भैरव से मिलता जुलता है।

इनकी साधना! करने वाले साधक को सावधान होकर पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए। शुद्ध अंतर्मन से कार्य करते हुए पूजा और पाठ करना चाहिए। इनकी साधना का फल निष्फल नहीं जाता है। अगर आपके हृदय पवित्र नहीं है तो फिर चाहे आप कोई भी साधना करें। आपको सफलता नहीं मिलती। लेकिन पवित्र हृदय वाले को इनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती। स्वयं ब्रह्मा जी का वाक्य है।

तो अवश्य ही आप इस साधना को करके देखें और इस साधना को गोपनीय रखे क्योंकि! स्वर्णाकर्षण भैरव जी प्रकट स्वरूप है, पर उनकी पत्नी अप्रकट है।

जिसकी वजह से वह संसार के लिए गोपनीय मानी जाती है। तो मैंने आज आप लोगों के लिए? अद्भुत! धन और ज्ञान के साथ जीवन में दरिद्रता का विनाश करने वाली स्वर्ण भैरवी साधना के विषय में बताया है। इस साधना को करने के लिए आप इंस्टामोजो स्टोर पर जाकर इसे खरीद सकते हैं और अपना और अपने परिवार का कल्याण कर सकते हैं। अगर आज का विडियो आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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