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यक्षिणी से विवाह सत्य अनुभव भाग 2

यक्षिणी से विवाह सत्य अनुभव भाग 2

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। यक्षिणी से विवाह सत्य अनुभव भाग 2 आज हम लोग शुरू करते हैं तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं। आगे क्या घटित हुआ था? नमस्ते गुरुजी जैसा कि मैंने पहले भाग में आपको बताया था। अब लड़की की अदला बदली हो गई थी और इस बात को मेरे वह पूर्वज बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।

उनके लिए तो यह अजीब बात की। हालांकि उन्होंने उस लड़की को कुछ भी नहीं कहा। इसका मूल कारण यह था कि वह जिस लड़की से विवाह करने वाले थे, उससे यह लड़की बहुत ज्यादा सुंदर थी।

अब जब उन्होंने सासु मां को बुलाकर उन्हें बताया कि आपकी बहू यह नहीं दिखती तब उन्होंने कहा, यह क्या हुआ?

किंतु ज्यादातर लोगों ने लड़की को नहीं देखा था। यह वह जमाना था जब कुछ विशेष लोग ही लड़की को देखते थे और शादी कर दी जाती थी। सबने सोचा। अगर यह कह रही है कि यह वही लड़की है तो हो सकता है।

हम लोगों ने हैं किसी और लड़की को देख लिया हो।

और उसे ही अपनी बहू समझा हो। तब उस लड़की की सासू मां ने उससे पूछा, तुम यह बताओ क्या तुम्हारी ही शादी मेरे लड़के से तय की गई थी तो वह कहने लगी। हां, मेरा ही विवाह इनके साथ हुआ है। और जब मैं खुद ही कह रही हूं कि आपने मुझे अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर लिया है और मेरे परिवार ने मुझे यहां भेजा है तो फिर आप लोग इतना परेशान क्यों है?

तब सासु मां ने कहा, हमें क्या करना। वैसे भी यह लड़की पहली वाली लड़की से कई गुना ज्यादा सुंदर और सभ्य नजर आती है। मेरे उन पूर्वक ने भी जो कि उसे देखकर आश्चर्य में पड़ गए थे कि कितनी सुंदर लड़की से उनका विवाह हो गया है। उन्होंने इस बात को स्वयं ही रद्द कर दिया।

अब दोनों का इस प्रकार मिलन हो गया।

वह दोनों काफी खुश थे।

तभी सासू मां ने कहा, हमारे घर में जो कुआं है। उस कुएं में जाकर तुम पानी भर कर लाओ। तब वह लड़की कहने लगी कि? मैं आपसे एक बात की आज्ञा लेना चाहती हूं।

मुझे कुए से पानी भरना नहीं आता है। इसीलिए आप अगर इस काम के लिए किसी और  दीजिए तो अच्छा होगा। यह सुनकर सासू मां को बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, ऐसा तो मैं पहली बार सुन रही हूं। मेरी यह बात तुम को माननी पड़ेगी। जाओ और पानी भर कर लाओ।

अब उस नई नवेली वधू के सामने कोई और चारा नहीं था। वह उस घर के कुएं के पास गई और एक टक कुछ देर खड़ी रही।

तब उसने अंदर से पानी भरा और लेकर वापस आ गई। तब सासू मां कहने लगी। तुम तो बेकार में ही परेशान हो जाती हो। अब तुम्हें क्या परेशानी थी। तुमने इस कार्य को बड़ी आसानी से कर लिया। लेकिन बहू यह बात जानती थी कि उस कुएं में अभी तो वह अकेली गई थी। जब वहां बहुत सारे लोग इकट्ठा होंगे और मुझे पानी भरने के लिए कहा जाएगा। तब क्या होगा। इस प्रकार और सारे कार्य घर के बहुत जल्दी निपटा देती थी। इसी वजह से उस परिवार में उसकी प्रसिद्ध भी बढ़ने लगी। एक तो बहुत ही ज्यादा सुंदर वह दिखने में थी। वहीं दूसरी तरफ वह कार्यों को बहुत तेजी से निपटा देती थी। परिवार में सभी को खुश रखती थी।

एक दिन जब नवरात्रि का पर्व आया तो घर में पूजा का विशेष माहौल होता था और उस दौरान घर के सभी सदस्य माता की वंदना करते थे।

तो फिर उस लड़की की सासू मां ने कहा, तुम अपने पति के साथ जाओ और पूजा करो! तो वह कहने लगी। मैंने कभी पूजा पाठ नहीं किया है। आप मुझे इसे करने के लिए कह रही हैं। क्या मैं सही से कर पाऊंगी? तब सासू मां फिर बोली, अरे जैसे तू कुवे से पानी भर लाती थी। पूजा करने में कौन सी बड़ी बात है, देख ले जैसे बाकी सब लोग करते हैं, वैसे ही तू भी कर।

इस प्रकार अब वह और उसका पति यानी मेरे पूर्वज माता के सामने जा कर पूजा करने बैठ गए। कुछ देर पूजा करने के बाद अचानक से मेरे पूर्वज ने अपनी इस नवेली सुंदर वधू की ओर देखा। और वह चिल्ला कर एक दूसरी ओर दौड़ कर भागे।

इससे पूरे परिवार में हलचल मच गई। आखिर ऐसा क्या उन्होंने देख लिया था?

वह इशारा करने लगे। उस नवेली वधू की ओर और वधू भी उनके पास आकर खड़ी हो गई तब? सासु मां और परिवार के अन्य सदस्यों ने। मेरे उन पूर्वज से पूछा तुमने ऐसा क्या देख लिया कि तो इतना डर गए हो तो वह उस नवेली वधू की ओर उंगली से इशारा करते हुए कहने लगे। मैंने इसका चेहरा बदलते हुए देखा।

बहुत ही भयानक रूप था। पूरे चेहरे पर जले के निशान थे।

दांत बाहर निकल रहे थे। खून टपक रहा था। रूप बहुत ही भयानक था। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे बगल में कोई चुड़ैल बैठी है। अब मैं बहुत ज्यादा डर गया हूं।

वह नवेली वधू आकर उनका हाथ थाम ली और कहने लगी। आपको कोई भ्रम हुआ होगा जरा देखिये मेरे चेहरे की ओर। क्या मैं आपको चुड़ैल जैसी लगती हूं? और क्या आपको मेरा चेहरा पसंद नहीं है? तो आसपास खड़े लोग हंसने लगे और कहने लगे। बहु चाहे कितनी भी सुंदर हो। आखिर उसके पति को वह चुड़ैल ही नजर आती है। इस प्रकार सभी हंसते हुए वहां से चले गए। किसी ने भी इस बात की गंभीरता को नहीं समझा। कोई सोच नहीं सकता था कि जो मेरे उन पूर्वज ने देखा है, क्या वह सत्य हो सकता है इसी प्रकार एक बार कुए पर बहुत सारी स्त्रियां। बर्तन कपड़े इत्यादि उसके चारों ओर घेर कर बैठी धो रही थी। तब सासू मां ने उस नवेली वधु को कहा जाओ। पानी भर कर लाओ। तब वह पानी लाने में फिर से सकुचाने लगी। अब यह बात कोई नहीं समझ सकता था। लेकिन वह तो जानती थी। अब वह जब कुए पर एक बार फिर से पहुंची, तब वहां खड़ी बहुत सारी स्त्रियों ने पानी भरते हुए जब उसे देखा तो वहां से चिल्लाकर भागी।

और चारों तरफ जैसे हड़कंप मच गया।

वह पानी भरकर अपने घर में आ गई।

और खुद ही कहने लगी। मैंने उस कुएं पर एक चुड़ैल को देखा है। सारी स्त्रियां जो डर के मारे अपने अपने घरों को भाग गई थी। वह सब कहने लगी कि नई नवेली वधू चुड़ैल जैसी दिखती है।

यह बात आश्चर्य में डालने वाली थी और वधू ने घर में बताया कि उसने भी कुए पर चुड़ैल देखी थी।

इसीलिए सभी लोग अब आपस में चर्चा करने लगे कि आखिर माजरा है क्या?

कई लोगों के कहने पर वहां उस कुएं पर एक तांत्रिक को बुलाया गया। और तांत्रिक ने अपने मंत्रों के द्वारा वहां पर उस कुएं में बहुत सारे प्रयोग किए थे। कुछ देर बाद जब वह साधना करके उठा तो उसने उस कुए के अंदर झांका और उसे जो नजर आया जिसे देखकर वह भी आश्चर्य में पड़ गया। उसने तुरंत ही वहां के मुख्य सभी सदस्यों को बुलाकर कहा। मैं आप लोगों को एक विचित्र बात बताना चाहता हूं। आज तक मैंने ऐसा नहीं देखा। यह मेरे जीवन में पहली घटना है। सभी ने पूछा, आखिर आपने क्या देख लिया है? तो वह कहने लगा। मैंने उस कुए के अंदर पानी में एक लड़की को अपनी मदद के लिए पुकारते हुए देखा है। वह चिल्ला कर कह रही थी। मुझे इस पानी से बाहर निकालो। मैं जिंदा हूं। बार-बार बस यही बात कह रही थी कि मुझे इस पानी से बाहर निकालो, मैं जिंदा हूं।

मैंने अपना हाथ पानी के अंदर डाला तो मेरे हाथ को उस लड़की ने छुआ।

मैं भी आश्चर्य में आकर डर कर वापस अपना हाथ बाहर खींच लिया। अब चारों तरफ यह बात फैल चुकी थी कि इस कुएं में किसी चुड़ैल का वास है।

आगे क्या हुआ इस घटना के विषय में अगले भाग में बताऊंगा गुरुजी! नमस्ते गुरुजी!

संदेश-तो देखिये यहां पर इनके पूर्वज के जीवन में जो अप्रत्याशित घटना घट रही है, उसकी कथा को इन्होंने यहां पर बताया है। अगले भाग में हम जानेंगे आगे क्या घटित हुआ था तो अगर यह जानकारी और कथा आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

यक्षिणी से विवाह सत्य अनुभव भाग 3

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