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रतिकेलि यक्षिणी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। गुप्त नवरात्रि में अगर विशेष बरसात के समय की गुप्त नवरात्रि हो तो इस महीने की गुप्त नवरात्रि में यक्षिणी लोक में विशेष तरह की हलचल होती है। इसी कारण इस दौरान अगर यक्ष और यक्षिणी साधना की जाए तो निश्चित रूप से फलदाई होती हैं। ऐसी ही एक साधना रतिकेलि यक्षिणी के नाम से जानी जाती है।रतिकेली बहुत ही सुंदर और जल्दी प्रसन्न होने वाली यक्षिणी है। इसकी सुंदरता का वर्णन करने वाला सिर्फ इसकी तारीफ ही करता रह जाता है। जो दिखने में बहुत अधिक सुंदर और रूपवान है। अपने साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाली एक अद्भुत और गुप्त यक्षिणी है। इसकी साधना विधान बहुत ही कम देखने को मिलता है।  इस गुप्त साधना को करने पर जीवन में प्रसन्नता, सफलता और धन-धान्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा! सभी प्रकार के स्त्री सुख उस व्यक्ति को अवश्य ही प्राप्त होते हैं। इस संबंध में एक कथा भी आती है। ऋषि मंदव।

एक बार अपने आश्रम में बैठे। ध्यान और साधना कर रहे थे तभी उनके पास एक व्यापारी अपनी समस्या लेकर आया। उसने कहा गुरुदेव मैं बहुत अधिक परेशान हूं। जीवन में न तो कोई आनंद है, ना ही खुशी धन समस्याएं बढ़ती चली जा रही हैं। ऐसे में मैं क्या करूं? तब? ऋषि ने कहा, आप मां भगवती की उपासना करें। वह धीरे-धीरे सभी आपके मनोरथ पूर्ण कर देंगी।तब उस व्यक्ति ने कहा, मैं मां की तो हमेशा ही साधना करता हूं। लेकिन मुझे कुछ ही समय में सब कुछ प्राप्त करना है। ऐसा कोई गोपनीय मार्ग हो तो बताइए जो सिर्फ। हफ्ते भर में मुझे सब कुछ प्राप्त करवा दें। तब ऋषि ने कहा, ऐसा तो केवल तांत्रिक साधना में होता है। इसलिए तैयार हो जाओ, मैं तुम्हें एक ऐसी गुप्त यक्षिणी के बारे में बता रहा हूं। अगर उसकी साधना तुमने की तो तुम्हारी जीवन से असंतोष और आनंद की कमी हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। और धन और वैभव की सभी।जो भी वस्तुएं हैं वह सब प्राप्त हो जाएंगी।

तब उस व्यापारी ने ऋषि मंदव से।उन साधनों के विषय में जानकारी प्राप्त की। यह साधना थी रतिकेलि यक्षिणी! की, यह साधना मात्र 5 दिनों में ही संपन्न हो जाती है। इस साधना के लिए ना तो विशेष सामग्री की आवश्यकता है और ना ही। सामग्री इत्यादि की विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है। इसे व्यक्ति अपने घर में बड़ी ही आसानी से कर सकता है। ऋषि के निर्देश पर उस व्यापारी ने इस साधना को 5 दिन तक किया। और पांचवी ही रात को। यक्षिणी ने उसे साक्षात दर्शन दिए और कहा, मैं तुम्हारी समस्त परेशानियां समाप्त कर दूंगी। तुमने? मुझे किस रूप में प्राप्त करना चाहा है? तब उस व्यापारी ने कहा, मेरे पास पत्नी है, मैं आपको पत्नी नहीं बना सकता। किंतु मेरी पत्नी मुझसे हमेशा प्रसन्न नहीं रहती है। इसलिए आप कोई ऐसा विधान करें जिससे उसे। आनंद की प्राप्ति हो और वह मेरी तरफ आकर्षित हो जाए। मेरे जीवन में धन की भी बड़ी समस्या है। आप उसे भी हल कर दें। तब रतिकेली ने। प्रसन्न होकर कहा अवश्य मैं तुम्हारी समस्त मनोकामनाएं पूरी कर दूंगी। मैं अभी तुम्हारी पत्नी के शरीर में प्रवेश करती हूं और उसे कामकला सिखा देती हूं। इस प्रकार उस यक्षिणी ने। व्यापारी की पत्नी के शरीर में प्रवेश किया।

अजीब सी हलचल शरीर में महसूस कर उस व्यापारी की पत्नी के मन में काम भावनाएं तीव्रता से उमड़ने लगी। और उसने पहली बार अपने पति का आलिंगन किया। उसे उसमें अत्यधिक आनंद प्राप्त हुआ। मन में व्यापारी के भी अनंत प्रेम उमड़ने लगा। यह सब कुछ यक्षिणी की शक्तियों के कारण हो रहा था दोनों।कामदेव और रति के समान।एक दूसरे में खोए रहते और जीवन सुख पूर्वक आगे बढ़ने लगा। दोनों एक दूसरे के अलावा किसी और कार्य में अपना मन लगाते ही नहीं थे। यह सब कुछ उस यक्षिणी की शक्ति के कारण हो रहा था। इधर व्यापारी के जीवन में धीरे-धीरे बदलाव आना शुरू हो गया। उसका व्यापार अब दूर दराज के क्षेत्रों में पहुंचने लगा। वह जो भी सामान भेजता उसका अधिक मूल्य उसे मिलता इसी कारण उसकी संपन्नता बढ़ती चली गई।2 वर्ष के भीतर ही उसके व्यापार में। बहुत अधिक फायदा उसे देखने को मिला और इस प्रकार वह एक शक्तिशाली धनी व्यापारी बन गया। अब वह उस ऋषि के पास गया और उनसे कहने लगा। आपने मुझे एक दुर्लभ यक्षिणी की साधना बताई और उसका लाभ मैंने प्राप्त किया है। किंतु गुरुदेव इसे अपने तक सीमित रखें। और इसका प्रयोग किसी को ना बताएं। तब उन ऋषि ने केवल अपने शिष्यों के अतिरिक्त किसी को भी उस गुप्त यक्षिणी विद्या का ज्ञान नहीं दिया।

और? उन्होंने कहा, अगर इसे? एक्सो की नवरात्रि! यानी!आषाढ़ में पड़ने वाली।नवरात्रि के समय में अगर कोई व्यक्ति करता है तो निश्चित रूप से यक्षिणी प्रसन्न होती है और उसकी सिद्धि प्राप्त होती है।गुप्त नवरात्रि में अगर इसकी साधना की जाए तो यक्ष लोक के द्वार उस व्यक्ति के लिए खुल जाते हैं और वहां से यक्षिणी आती जाती रहती हैं और प्रत्येक व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं वह पूरी करती हैं। इस साधना को करने से अनगिनत लाभ व्यक्ति को प्राप्त होते हैं। आर्थिक समस्या समाधान तो होता ही है। जीवन में आनंद और स्त्री सुख की प्राप्ति अवश्य होती है।मन में उल्लास और प्रेम स्वता ही जागने लगता है और व्यक्ति सुख पूर्वक जीवन बिताता है। उसके जीवन से नीरवता हमेशा के लिए नष्ट होने लगती है। तो यह एक बहुत ही उत्तम साधना है और इस साधना को कोई भी व्यक्ति कर सकता है। साधना के दौरान भय ना करें। अगर इसी प्रकार यक्षिणी आप को भयभीत करने की कोशिश करें तो भी आपको डरना नहीं चाहिए। जिन लोगों ने गुरु मंत्र नहीं लिया है वह अपनी रक्षा का प्रबंध स्वयं करें और उसके लिए कोई रक्षा कवच छाती पर लगा ले और जिन लोगों ने गुरु मंत्र ले रखा है वह केवल अपने चारों तरफ गुरु मंत्र पढ़ते हुए पानी छिड़ककर मानसिक रक्षा कवच बना ले।इतने मात्र से उनके ऊपर कोई हानि नहीं होगी।

क्योंकि गुरु मंत्र की कारण उनकी सदैव रक्षा और सुरक्षा में। विभिन्न प्रकार की शक्तियां उपस्थित रहेंगी। तो यह केवल 5 दिन की साधना है अगर गुप्त नवरात्रि पर की जाए तो अवश्य ही फल देती है। अगर आप में से जो भी व्यक्ति इस साधना को करना चाहता है उसके लिए मैंने नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में लिंक दे रखा है। आप इंस्टामोजो अकाउंट पर जाकर वहां से इस साधना को खरीद सकते हैं और डाउनलोड बटन पर क्लिक करके साधना को डाउनलोड कर सकते हैं।जो लोग इन चीजों को नहीं कर पाते हैं। उसके लिए यूट्यूब में बहुत सारे वीडियो हैं जिनके माध्यम से आप जान सकते हैं एक ऐसे इंस्टामोजो से सामग्री कैसे खरीदी जाती है।इस साधना को करने के लिए सबसे उपयुक्त समय आषाढ़ की नवरात्रि का होता है जो कि गुप्त नवरात्रि है जो इस वक्त चल भी रही है।गुप्त नवरात्रि में माता की कृपा और यक्षों की कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है। इसलिए सभी लोग साधनाएं करते रहें और जिन लोगों को यह साधना खरीदनी है, उसके लिए नीचे मैंने लिंक दे रखा है। वहां से क्लिक करके इंस्टामोजो से वह इस साधना को खरीद सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी और कथा अच्छी लगी है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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