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रतिप्रिया यक्षिणी मंत्र जप तीन रात का विचित्र अनुभव

मै स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मेरा यह अनुभव केवल और केवल धरम रहस्य चैनल को  पूर्णत: समर्पित है और साथ ही इस बात की ज़िममेदारी भी लेता हूं कि मेरा यह अनुभव केवल धरम रहस्य चैनल पर ही प्रसारित किया जाएगा और किसी चेनल पर नहीं।।

राधे  राधे गुरुजी आपसे अनुरोध है कि यदि आप मेरा यह अनुभव आप अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारित करें तो
कृपया मेरा नाम तथा इमेल प्रसारित मत कीजिएगा क्योंकि मैं नहीं चाहता के किसी भी प्रकार से कोई व्यक्ति इन शक्तियों का मज़ाक बनाए….
गुरुदेव मेरा नाम प्रशांत कश्यप है और मैं यूपी आगरा का रहने वाला हूं
..।।। गुरुजी यह बात दो महीने पहले की है जब मै अपने जीवन की किसी निजी समस्या से परेशान था ।।।। मै आपको बता देना चाहता हूं कि मैं हमारे धरम रहस्य चेनल से पिछ्ले तीन साल से जुड़ा हुआ हूं और मैने आपके चेनल की पिछ्ले तीन साल की सारी विडियोज भी देखी हैं। आप एक अच्छे गुरु तो हैं ही साथ ही आप एक अच्छे youtuber भी हैं।  तो अब मै अपनी बात रखने जा रहा हूं ।।…..आप ही के चेनल पर आपने  एक बार एक साधक का अनुभव पेश किया था जिसका शीर्षक था।
  ( जब मैने साक्षात् बैठी हुई रतिप्रिया यक्षिणी को देखा)
 उनका यह अनुभव मुझे काफ़ी अच्छा लगा और उस अनुभव में उन महाशय ने एक मंत्र भी दिया था जो कुछ इस प्रकार था।।।…..
ॐ ह्रीं रतिप्रिये स्वाह: ।।।
 
 जब मैने इस मंत्र और इससे जुडे़ हुए अनुभव को सुना तो सोचा कि इस मंत्र का जाप करते हैं और देखते हैं कि देवी रतीप्रिया सच में आती हैं या फिर यह केवल उन महाशय का भ्रम मात्र था।
 
क्योंकि मैने सुना था कि यदि पूर्ण समर्पण के साथ अपनी सहायता के लिए  किसी शक्ति का आवाहन किया जाता है तो वह शक्ति अवश्य ही आपकी सहायता के लिए आती है।।
 
 
इसीलिए जब मै रात को सोने के लिए गया तो अपने बिस्तर पर ही मैने इस मंत्र का जाप किया।।।
 
 
…..पहले दिन मैने किसी डर कि वजह से इस मंत्र का ग्यारह बार जाप किया तथा इससे पहले मैने 51 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप किया क्योंकि ॐ नमः शिवाय मंत्र को ही संसार का सर्वश्रेष्ठ गुरु मंत्र माना जाता है और मैने कोई गुरु दीक्षा  भी प्राप्त नहीं की थी जिस कारण मेरे पास कोई गुरु मंत्र भी नहीं था और ॐ नमः शिवाय मंत्र के बाद मैने 51 बार ॐ हनुमते नमः मंत्र का भी जाप किया था क्योंकि श्री हनुमान जी मेरे आराध्य देव हैं।। इन दोनों मंत्रों के उच्चारण के बाद मैने यक्षिनी के मूल मंत्र का जाप किया जो कि मैने ऊपर दे दिया है। मंत्र का 51 बार बार जाप करने के बाद मै अपने बिस्तर पर ही लेट जाता था।।
 
 मेरी एक और समस्या थी कि रात में इस मंत्र का जाप करने से मुझे नींद नहीं आती थी और मैं रात में केवल एक या दो घंटे तक ही सो पाता था।।। तो पहले दिन जब रात को मै मंत्र जप कर के सो गया तब मुझे उस दो घंटे की नींद में  सपना आया कि मैं एक बहुत बड़े से बंगले के सामने खड़ा हूं और वह बंगला बेहद ही सुन्दर है।
 
 
जब मै उस बंगले के पास गया तो वहां खड़ी दो सुंदर  कन्याओं ने मेरा रास्ता रोक लिया और मुझे अन्दर ही नहीं जाने दे रही थी मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं एक भिखारी हूं और मैं उस बंगले के सामने खड़े होकर भीख मांग रहा हूं तभी उस महल जैसे दिखने वाले बंगले में से एक अत्यंत ही सुन्दर कन्या निकली जिसने काले रंग के वस्त्र पहने हुए थे और उसके वस्त्रों  को देख कर ऐसा प्रतीत होता था मानो वह कोई नृत्तिका है जैसे आजकल हमारे क्लासिकल डांसर पहनते हैं।। 
 
उस परमसुंदरी कन्या ने मुझे देखा और गुस्से में अपनी द्वारपाल कन्याओं से आंखों आंखों में कुछ बोला तभी उन कन्याओं ने मुझे वहां से जाने को कहा और उसी क्षण मेरा वह स्वप्न टूट गया। जैसे ही मैने अपनी आंखें खोली तो देखा कि एक काला सा साया मेरे सर के पास से उठकर भागा है और मुझे एक बेहद ही भयावह अनुभूति हुई  फिर उसके बाद वहीं स्तिथि, मुझे नींद ही नहीं आयी और मै इसी तरह पूरी रात जागता रहा।। 
 
गुरुजी मै आपको बता देना चाहता हूं कि मै कोई साधना नहीं कर रहा था बस केवल अपनी सहायता हेतु मंत्र जाप कर रहा था तथा इस बीच मैने पूर्ण श्रद्धा के साथ ब्रह्मचर्य व्रत का निर्वाह किया दूसरे दिन से मुझे ऐसा लगने लगा कि मुझे अधिक क्रोध आने लगा है और घरवालों की छोटी छोटी सी बातों पर भी उझे गुस्सा आने लगा अपने घरवालों की जिन बातों को सुनकर  मैं कभी ज़ोर ज़ोर से हंसने लगता था अब उन्हीं बातों को सुनकर मुझे बेहद गुस्सा आने लगा पर मैं जानता था कि यह सब एक भ्रम मात्र है और मेरी परीक्षा ली जा रही है। और  सोचकर मैने अपने क्रोध को वश में कर लिया।। 
 
मुझे शुरू से ही तंत्र मंत्र का बेहद ज्ञान है परन्तु मैने कभी कोई गुरु दीक्षा नहीं ली क्योंकि मुझे कोई ऐसा योग्य गुरु मिला ही नहीं जिसके सानिध्य में मै गुरु दीक्षा प्राप्त कर सकता।।
 
अब हम दूसरी रात की तरफ आते हैं तो गुरुजी मैने दूसरी रात्रि को भी वही किया जो मैने पिछली रात्रि को किया था पहले  ॐ नमः शिवाय मंत्र का 51 बार जाप किया फिर ॐ हनुमते नमः मंत्र का 51 बार जाप किया परंतु इस बार मैने यक्षिणी मंत्र भी 51 बार जाप किया और प्रर्थाना की कि हे देवी रातिप्रिया मेरी सहायता करें इतना कहकर मैने करवट ली और अपनी आंखे बंद कर ली ।
 
 
गुरुजी मुझे नहीं पता कि हर एक व्यक्ति जो मंत्र जप करता है उसके साथ ऐसा होता है या नही किन्तु मै जब मंत्र का उच्चारण करता था तब  मेरे आज्ञा चक्र पर बहुत भयानक दर्द होता था जो कि बिलकुल ही असहनीय था ।    मुझे ये तो पता था कि जितनी भी तांत्रिक शक्तियां होती हैं वह सभी मानसिक शक्तियां होती हैं और और साधक के मस्तिष्क से जुड़ी हुई होती हैं परंतु मुझे यह नहीं पता था कि इन मंत्रों के जाप से आज्ञा चक्र पर दर्द होता है। 
 उस रात  को मंत्र जाप  करके मैं करवट लेकर लेट गया और उसके कुछ देर बाद मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ ।
   मुझे ऐसा लगा  मेरे लिंग में तनाव हो  रहा है। मुझे मेरे लिंग में तनाव महसूस हुआ।। तभी मै समझ गया कि अब यह मेरी काम  परीक्षा है क्योंकि अपने क्रोध। को मैने अपने वश में कर रखा था और मुझे वह क्रोध भाव से हरा ना सकी इसीलिए उन्होंने मुझे काम भाव से हराने का प्रयास किया।।
तभी मैंने माता आदिशक्ति का स्मरण किया और कहा   कि हे मां मुझे सहायता की आवश्यकता है परन्तु आपके बेटे का ब्रह्मचर्य तुड़वा कर उसके मंत्र जप को खंडित करने का प्रयत्न किया जा रहा है।।
 तभी मैने देखा कि मेरे लिंग का तनाव कम हो रहा है और कुछ समय बाद सबकुछ सामान्य हो गया।।
 गुरुजी मैने अपने आप को इतना नियंत्रित कर कर रखा था कि मुझे आज तक कभी भी स्वप्नदोष नहीं हुआ और ना ही आजतक मै आजतक कभी किसी पे अतिक्रोधित हुआ क्योंकि मै बोलता है इतना कम था कि क्रोध करने का तो प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता था।
हर रात की तरह उस रात को भी मै मंत्र जप के बाद जाग रहा था क्योंकि मंत्र जाप के बाद मुझे नींद ही आती थी और ती भी तो एक या दो घंटे से अधिक नहीं आती थी।
मै जाग ही रहा था कि मैने देखा वही काला साया जो पिछली रात को मुझे दिखा था वह अचानक से आया और मेरे बिस्तर के चारो ओर बहुत तेज़ी से घूमने लगा। यह देखकर मै थोड़ा डर गया किन्तु मैने अपने को संभाला और और अपने आराध्य देव श्री हनुमान जी को स्मरण किया और 30 सेकंड के बाद वह साया अचानक गायब हो गया।।
इस प्रकार मेरी वह दूसरी रात भी कट गई।।
दूसरे दिन जब मैं सुबह सो कर उठा तो मेरे आज्ञा चक्र पर बहुत तीव्र पीड़ा हो रही थी ऐसा लग रहा था कि मानो मेरे आज्ञा चक्र पर कोई बहुत तेज हथोड़े मार रहा हो।।
फिर मैने एक पेनकिलर ली परंतु कुछ असर नहीं हुआ ।।।
अब मै आपको  ऐसी बात बताने जा रहा हूं जिसका ज्ञान मुझे भी नहीं था ।।
तो बात कुछ ऐसी है कि जब मै अपने रूम से बाहर निकला तो सारे घरवाले एकाएक मुझे बहुत गौर से देख रहे थे। मैने जब पूछने की कोशिश की तो किसी ने मुझे नहीं बताया ।।
फिर उसके बाद जब मै घर से बाहर दुकान पर कुछ सामान लेने जा रहा था तो रास्ते में सब मेरी तरफ घूर घूर कर देख रहे थे । रास्ते में जितनी  लड़कियां, महिलाएं थीं वह सभी मुझे ऐसे घूर के देख रहे थे मानो उन्होंने मेरे जैसा लड़का पहली बार देखा हो ।।
 एक अजीब बात यह भी हुई कि रास्ते में जितने भी कुत्ते और गाय थी वह भी मेरे पीछे पीछे चलने लगी।।
यह सब देख कर मैं आश्चर्य में पड़ गया कि ऐसा क्यों हो रहा है।
उसी दिन शाम को मेरी एक फ्रेंड घर पर आईं थी उसे कॉलेज के कुछ नोट्स चाहिए थे । उसने मुझे देखा तो एकाएक मुझे देखती रह गई। मैने उससे पूछा कि इसे क्यों देख रही हो तो वह बोली कि “आज तुम तो कुछ ज़्यादा ही सुंदर लग रहे हो एकदम हीरो। जैसे और तुमने परफ्यूम कौन सा लगाया है जो इतना महक रहे हो।।।
उसकी यह बात सुनकर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ क्योंकि नहाने के बाद मैने अपने शरीर पर किसी  प्रकार की सुगंधित वस्तु का प्रयोग नहीं किया था।।
मैने उसकी बात को सुना और मज़ाक में ले लिया।।
वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी और मेरे बीच कोई  ग़लत संबंध नहीं था लेकिन आज वह मेरे बहुत पास आ रही थी और मैने जब उससे दूर बैठने  को कहा तो उसने मुझे संबंध बनाने की इच्छा प्रकट की।।
यह सब देख कर मै पूरा हिल गया। जो लड़की इतने अच्छे विचार रखती थी आज वो लड़की किस तरह  बातें कर रही थी।
 मैने ब्रह्मचर्य व्रत लिया था और मंत्र भी जाप कर रहा था इसीलिए मैने उससे कहा कि अभी तुम घर जाओ रात होने वाली है हम कल इस बारे में बात करेंगे । क्योंकि वह अपनी जिद पर अड़ गई थी इसलिए मुझे उसे ऐसा कहना पड़ा।।
अब जब रात को मैं सोने अपने बिस्तर पर गया तो आज दिन हुई घटनाओं के बारे में सोचने लगा तभी मुझे याद आया कि अप्सराओं की तरह यक्षिणी मंत्र का जाप करने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है । परन्तु केवल दो दिन मात्र 51 बार जाप करने से इतनी आकर्षण शक्ति कैसे आ सकती है।।
यही मेरा प्रश्न भी  है गुरुजी आपसे कि ऐसा कैसे हो सकता है या सच में ऐसा हो सकता है ?
उस रात को भी मैने सबकुछ ठीक वैसा ही किया जैसा दूसरी रात को किया था और आज बहुत अजीब सी बात हुई ! मुझे मंत्र जाप  बाद नींद नहीं आती थी और मैं जागता रहता था किंतु आज मंत्र जाप करने के ठीक बाद ही मुझे इतनी तेज़ नींद आई  मुझे पता ही नहीं चला के मेरी आंख कब बंद हो गई और मैं कब सो गया।
उसी रात को मुझे एक अजीब सा सपना आया और मैने देखा कि को बंगला मैने मंत्र जाप की पहली रात के सपने में देखा था मैं उसी बंगले के अंदर हूं और मेरी दो बहुत ही सुन्दर बेटियां हैं, जिसमें से एक बेटी। की मै चोटी बना रहा हूं तथा दूसरी बेटी एक बहुत ही सुन्दर लड़की की गोद में बैठी हुई है।
वह लड़की बहुत ही सुंदर थी और उसने काले रंग की साड़ी पहन रखी थी। इतना सुन्दर नयन नक्श देख कर मुझे ऐसा लग रहा था मानो एक बगीचे में कई कलियां  एक साथ खिल उठी हों।
मै जब उस लड़की के पास गया तो मैने पूछा  आप कौन हैं देवी और इतनी सुन्दर काया का क्या राज़ है।
उस लड़की ने मुझे बोला कि मैं आपकी पत्नी हूं और ये दोनों बच्चियां आपकी बेटी हैं।  यह सुनकर मुझे  अजीब सा महसूस हुआ।
एक तरफ़ मुझे डर भी लग रहा था और दूसरी तरफ़ मन को प्रसन्न करने वाली अनुभूति भी हो रही थी। मैने उस लड़की को कहा कि ठीक है देवी आप मेरी पत्नी  हो और ये दोनों मेरी बेटियां।  परन्तु उससे पहले मुझे अपने घरवालों को बताना है ।
 तभी उस लड़की ने मुझे गले लगा लिया और कहा कि आपके घरवाले हमारी शादी को नहीं मानेंगे इसीलिए। आप कहीं मत जाइए और मेरे साथ मेरे घर पर रहिये, आपको मै संसार। के हर भौतिक सुख दूंगी जो भी इस संसार उपलब्ध है वे हर सुख ।
परन्तु मैने उससे कहा कि नहीं ऐसा करना ग़लत होगा हमें मेरे परिवार को तो बताना ही पड़ेगा। उसने मुझसे बहुत मिन्नतें की।
वो भी अपनी ज़िद पे अड़ गई और मैं भी अपनी ज़िद पे अड़ गया तब कुछ समय बाद मै जाने को हुआ  उसने मेरी शर्ट की आस्तीन पकड़ ली । जब मै अपनी आस्तीन छुड़ाने के लिए पीछे मुड़ा तो मेरे होश फाख्ता हो गए !
मैने देखा कि उस कन्या की आंख जो कुछ देर पहले तक समुंदर जैसी सुन्दर और शीतल लग रही थी, अब   उन आंखों में अग्नि कि लपट दिखाई दे रही थी ।।
उसने बहुत ही भयंकर रूप धारण कर लिया था मानो माता कालरात्रि अपने रौद्र रुप में खड़ी हों।
ये देखकर मैने जैसे तैसे अपनी शर्ट छुड़वाई तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और इतना तेज़ पकड़ा कि अगर वो थोड़ी देर और मेरा हाथ पकड़े रखती तो शायद मेरे हाथ की हड्डी टूट जाती ।
उसके पकड़ने पर मुझे इतना दर्द हुआ कि उस दर्द के कारण मेरी नींद खुल गई और वो सपना टूट गया।
मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि वही काला साया मेरे पास से उठकर दरवाज़  से बाहर निकला है ।।
ये घटना इतनी भी ख़तरनाक नहीं थी परंतु मेरा डर पता नहीं क्यों बढ़ता ही जा रहा था और उस दिन से बाद उस मंत्र को मैने फिर कभी नहीं जपा।
उस लड़की ने जब मेरा हाथ पकड़ा था तो मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और जब मैने उठ कर देखा तो मेरे हाथ पर उसकी उंगलियों के निशान पड़ गए थे अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि उसने मेरा हाथ कितनी शक्ति के साथ पकड़ा होगा।।
उस दिन के बाद जिस काम के लिए मैने देवी रतिप्रिया का मंत्र जाप किया था वह काम बड़ी कुशलता पूर्वक संपन्न हो गया परन्तु  वो सुन्दर लड़की मुझे फिर नहीं दिखी ।।
गुरुजी यह मेरा तीन दिन का अनुभव था जो आज मैने आपको भेजा है मैने देखा है कि आप सबके अनुभवों पर विडियोज़ बनाते हैं और सबके सवालों का जवाब देते हैं। मेरी भी आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि कृपया मेरे इस विचित्र से अनुभव को पूर्णत: स्पष्ट कीजिए कीजिए कि क्या ऐसा संभव है ? आप एक बहुत ही उच्च कोटि के गुरु हैं और गुरु को तो हर बात का ज्ञान होता है।
पता नहीं गुरु जी आप मेरे इस अनभव को प्रसारित करेंगे या नहीं मै नहीं जानता ।।।
बाकी अगर आपको मेरा यह अनुभव पसंद आए तो इस पर वीडियो भी बना सकते हैं। क्योंकि लोगों को यह ज्ञान अवश्य होना चाहिए कि मंत्रों में वास्तव में शक्ति होती है फिर चाहे वो मंत्र किसी भी शक्ति का क्यों न हो।
आपका आभारी ।।
प्रशांत कश्यप। यूपी(आगरा) ।
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