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वरीशा जिन्न साधना

वरीशा जिन्न साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज मैं आप लोगों के लिए एक अलग तरह की साधना लेकर आया हूं। इस साधना को हम 1 जिन्न की साधना कहते हैं और यह एक स्त्री जिन्न है जिसे हम वरीशा के नाम से जानते हैं, कौन है यह जिन्न और कैसे इसकी साधना की जाती है। आइए इसके विषय में जानते हैं। इसके जिन्न के इस दुनिया में आने के पीछे की कहानी को पहले समझते हैं और फिर उसके बाद इसकी साधना के विषय में जानेंगे। आज से कई हजार साल पहले इस दुनिया में जब जिन्न लोक से एक कांटेक्ट बन गया था। उस दौरान जब आकाश से बिजली चमक रही थी तो वह किसी प्रकार से जिन्न लोक से जुड़ी हुई एक प्रकार से आयामी द्वार निर्मित हो गया था और उसी दौरान यह जिन्न जब लाइट के रूप में अपनी दुनिया से इस दुनिया में आ गई और वहीं बिजली जब एक पेड़ के ऊपर गिरती है तो वहां आग लग जाती है और इसी आग से पहली बार वरीशा प्रकट हुई थी। यह एक शक्तिशाली जिन्न है और लगभग सारे तरह के कार्य करने में समर्थ मानी जाती है, इसका साधक विभिन्न प्रकार के गोपनीय तंत्र प्रयोग करने में सक्षम होता है और यह उसके साथ पत्नी के रूप में रहकर उसकी सारी मनोकामना पूरी करती है। लेकिन और साधनाओं की तरह यहां पर भी आप किसी अन्य स्त्री के साथ संबंध नहीं रख सकते हैं।

अन्यथा यह आपको जान से मार देगी। इस बात का आपको बहुत ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि यह एक विचित्र और गोपनीय साधना है तो इसके विषय में लोग नहीं जानते हैं। वरीशा बिजली के तरह अपने कार्यों को करने में सक्षम मानी जाती है। और इसकी जो साधना का विधान है वह भी एक विशेष समय में शुरू किया जाता है तो आइए जानते हैं। कब इसकी साधना शुरू करें और यह कैसे की जाती है। यह कहा जाता है कि जब आकाश में बिजली जोरों से चमकने लगे और चारों ओर तेजी से आवाज हो रही हो। उस दौरान किसी पेड़ के नीचे खड़े होकर के पहली बार इस का आवाहन किया जाता है। आकाश में तेजी से चमकती हुई बिजली को देखकर। साधक उस बिजली के माध्यम से इसे अपनी दुनिया में आमंत्रण दे सकता है। वह उसी बिजली के माध्यम से आप की दुनिया में अपने जिन्न लोक को छोड़ कर के। आप की दुनिया में आ जाती है तो इस शक्ति को बुलाने का अर्थ है कि साधक में इतनी सामर्थ्य पहले से होनी चाहिए। इसकी ऊर्जा को सहन कर सके। इसके लिए आप रक्षा कवच अवश्य ही धारण कर लें।

पुराने समय में पीर और पैगंबर लोग आयतुल कुर्सी नाम का एक रक्षा कवच होता है। उसी को धारण करके इसको पुकारते थे, लेकिन इसमें सावधानी की आवश्यकता यह है कि अगर आपने पहले काफी ज्यादा साधनाएं नहीं की है और आपके अंदर अधिक ऊर्जा नहीं है तो आपके शरीर में भी है। सीधे प्रवेश कर सकती है तो अगर आसमानी बिजली आप पर गिरेगी तो आप की मृत्यु हो सकती है। इसीलिए जिस व्यक्ति ने भी कम से कम गुरु मंत्र का 900000 मंत्र जाप किया हो। इसके अलावा या फिर उसने कम से कम किसी भी रूहानी मंत्र का 10 लाख से ज्यादा जाप किया हो रोज इसी तरह की साधना है। वह करता है केवल वही इस साधना को करने के बारे में सोचे क्योंकि बिजली की शक्ति इसके अंदर भरी होती है और इसी कारण से यह कोई भी कार्य करने में सक्षम मानी जाती है। इस जिन्न को बुलाने का मतलब है कि आपने अपने अंदर बिजली की शक्ति पैदा कर दी है। इस साधना को बहुत ही गोपनीय तरीके से। जैसा मैंने बताया उसी दिन से शुरू करना चाहिए।

यह साधना रात के समय जब इस तरह का माहौल पैदा हो जाए और तेज बिजली कड़कने की आवाज और उससे पूरा प्रकाश हो तभी आप किसी पेड़ के नीचे जाकर इस के मंत्रों का जाप शुरू कर दें। आपको इस प्रकार कुल 41 दिन तक अब उसी स्थान पर रोज मंत्र का जाप करना है। कहते हैं इसकी सिद्धि 41 दिन से पहले कभी भी हो सकती है और आपको यह बिजली के रूप में सीधे आकाश के नीचे उतरती हुई नजर आती है। इसकी सामर्थ्य बहुत अधिक है और साधक जब इसे सिद्ध कर लेता है तो फिर यह उसके साथ पत्नी रूप में रहने लग जाती है। लोगों को दिखाई नहीं पड़ती है। लेकिन साधक इसका प्रयोग किसी प्रकार से भी कर सकता है। अब इस साधना से व्यक्ति क्या कर सकता है, इसके विषय में जानते हैं। साधक अगर किसी का रोग ठीक करना चाहता है तो फिर इसे अपने हाथों में आमंत्रण दे और फिर उससे व्यक्ति के शरीर के उस अंग को छूना शुरू करें। मंत्र का जाप करें तो तेजी से बिजली उसके शरीर के अंदर अदृश्य रूप में जाती है और उस जगह का रोग नष्ट कर देती है।

इस के अलावा अगर किसी के ऊपर भूत प्रेत या इस तरह की कोई बाधा है तो साधक उसके सिर के ऊपर अपना हाथ रख दे। तेजी से बिजली उसके शरीर के अंदर जाएगी और कोई भी शक्ति को वह बाहर निकाल कर भस्म कर देगी। इसी तरह साधक जब इसकी शक्ति बढ़ाता रहता है। एक दिन ऐसी सामर्थ्य पैदा हो जाती है कि वह साक्षात बिजली भेज सकता है और उसके माध्यम से किसी भी शक्ति को पकड़कर अपने पास ला सकता है। यह एक सामर्थ्य वान शक्ति है इसलिए कुछ भी करने की सामर्थ्य रखती है। आप कोई विशेष चीज को भी उठा कर अपने पास मंगा सकते हैं। यह बिजली की रफ्तार से जाकर उसे घेरकर उठाकर आपके पास लाकर रख देती है लेकिन इस? स्तर! की सिद्धि की शक्ति बढ़ाने में सामर्थ्य तभी आती है। जब साधक कई वर्षों तक इसकी साधना कर चुका हो। एक बार सिद्ध होने के बाद में यह आपको मार्गदर्शन करती रहती है और हर प्रकार से आप सिद्धि वान बन जाते हैं। लेकिन याद रखें। आपको हर वक्त चौकन्ना और शांत मस्तिष्क का रहना है क्योंकि आप किसी पर भी क्रोध करके मानसिक शक्तियों से भी उसका विनाश कर सकते हैं।

मारण प्रयोग में भी इसका प्रयोग बहुत आसानी से हो जाता है और उसके लिए केवल उस व्यक्ति पर क्रोध करके मंत्र का उच्चारण कर उसके हृदय पर वार करना होता है। बिजली की झटके उसके हृदय में लगते हैं और उसकी हृदय गति भी रुक सकती है तो इस साधना को करने से पहले गुरु से आवश्यक रूप से परामर्श ले और हर प्रकार से स्वयं को सुरक्षित करने के बाद ही इसकी साधना करने के विषय में सोचे क्योंकि यह एक खतरनाक साधना है और साधक के प्राण साधना के दौरान भी जा सकते हैं। इसीलिए विशेष सिद्ध गुरु के पूरे नियंत्रण में और अपने रक्षा कवच पूरी तरह धारण करके इस साधना को करने के विषय में सोचना चाहिए। जनता में इसका दुरुपयोग ना हो। इस कारण से मैं इसका मंत्र छुपा रहा हूं और इस मंत्र के विषय में आप लोगों को ज्ञान नहीं दे रहा हूं। इसका मंत्र अपने आप में एक गोपनीय मंत्र है और मुंह से उसे यूं ही नहीं बोलना चाहिए। मैंने इस साधना का ज्ञान सिर्फ इसलिए दिया है ताकि व्यक्ति जान सके कि यह एक साधना होती है लेकिन जब तक एक उच्च कोटि का साधक ना हो। इस शक्ति को वश में करने का प्रयास बिल्कुल ना करें अन्यथा उसके प्राणों पर संकट आ सकता है क्योंकि 440 वोल्ट का करंट एक प्रकार से उसे अपने शरीर में धारण करना पड़ता है। जब वह इसका पूर्ण शक्ति के साथ आमंत्रण कर लेता है। लेकिन बाद में सिद्धि प्राप्त होने पर शरीर में बहने वाली करंट विद्युत ऊर्जा को वह पूरी तरह नियंत्रित कर सकता है।

वह तो लोगों के बीच में खड़ा होकर भी सभी को घायल कर सकता है। अपनी बिजली के वार से इसलिए युद्ध में भी इस शक्ति का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन जैसा कि मैंने कहा। ऐसे ही इस साधना को करने के विषय में ना सोचे। क्योंकि इसके कई गलत प्रभाव भी पड़ सकते हैं।

इस साधना को सिद्ध कर लेने के बाद व्यक्ति समाज से अपना संपर्क अवश्य ही काट लें तभी उसकी सिद्धि बनी रहेगी, अन्यथा जा सकती है क्योंकि यह एक पूर्ण स्त्री के समान समस्त शारीरिक सुखों और अपने पति के रूप में साधक को स्वीकार करती है। इसी कारण से दूसरे व्यक्ति आपको अगर छूयेगा भी तो भी उसका नुकसान हो सकता है और आपकी ऊर्जा उसके अंदर शरीर में जा सकती है।

तो यह थी एक अत्यंत ही गोपनीय वरीशा जिन्न की साधना! अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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