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विशाला यक्षिणी साधना

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लेकर आया हूं यक्षिणी साधना । इन यक्षीणी का नाम विशाला है। यह बाकी यक्षिणी की तरह नहीं है इनका आकार स्वरुप अत्यंत ही विशाल है । जब यह आती है तो अत्यंत ही विशाल रूप में आती है इसीलिए इन्हें विशाला कहा जाता है। इनकी साधना के लिए रात्रि के तीसरे प्रहर में काले धतूरे के वृक्ष के नीचे बैठ कर गधे की चमड़ी से बने हुए आसन पर आप बैठकर आहुति और हवन के लिए आप वहां पर अष्टधातु के निर्मित एक हवन कुंड का निर्माण करवाएंगे। वह त्रिकोण की तरह होना चाहिए और उसके मध्य में आदित्य भगवान की मूर्ति की स्थापना करेंगे ।

आदित्य भगवान- मतलब सूर्य भगवान की स्थापना करेंगे। मूर्ति को पूरी तरह से तेल लगा दे उसके बाद देवी के मंत्र का जाप करेंगे आपको यह प्रयोग कर लेने के बाद ही साधना शुरू करने होगी ।उसके बाद रोज 108 देवि का जाप करेंगे उसके बाद आषाढ़ बदी महीने का 15 दिन जो होता है उस दिन आदित्य वार होना चाहिए उसी दिन विशाला नक्षत्र में रात्रि के 3:00 बजे श्मशान भूमि में जाकर साधना शुरू करेंगे । जो मंत्र में बताऊंगा उसका जाप करेंगे और जब मंत्र पूरा हो जाए और स्वाहा लगाएंगे । तब आप चावल और तेल को हवन कुंड में डालकर स्वाहा बोलेंगे और जो आखिरी आहुति बचेगी उसमें आप शराब और मांस की आहुति देंगे । आखिर आहुति में और उसके बाद तुरंत सीधे घर चलें आएंगे बिना पीछे मुड़े़। आपको यह प्रयोग रोज एक 41 दिन तक करना होगा और रोज 5000 देवी के मंत्रों का जाप करना होगा इनका मंत्र इस प्रकार से है –

मँत्रः ॐ यें विशाले स्त्रीं क्लीं स्वाहा।। 

आखिरी दिन आपको इनकी सिद्धि मिल जाती है यह देवी का रुप सवरुप कैसा है और इनका आगमन कैसा होता है अब मैं आपको यह सब बताता हूं इनके आने से पहले खतरनाक जंगली जानवर शेर बाघ चीता गीदड़ और भी कई जानवर खतरनाक जोडे से चिल्ला कर आवाज करके वातावरण को भयभीत करेंगे । उसके बाद तुरंत ये अदृश्य हो जाएंगे और फिर दिखाई देंगे फिर अदृश्य हो जाएंगे और दक्षिण दिशा से ऐसा लगेगा कि मनुष्य बातचीत कर रहे हैं उस समय साधक को अपना ध्यान इन सब चीजों से हटाना नहीं चाहिए । नहीं तो अगर वह घर आएगा तो उसकी तबीयत खराब हो जाएगी और आप जहां भी जाएंगे आपको चारों तरफ आवाज सुनाई देंगी इसलिए आपको साधना के समय डरना नहीं है ।

अगर आप करेंगे तो आपको कौई भी हो  बिमारी हो जाएगी की आपको चारो  तरफ से आवाज सुनाई देने लगेंगी अब मैं बताता हूं कि विशाला यक्षिणी का रूप कैसा होता है । इनकी लंबाई 1 पीपल के पेड़ के बराबर होती है । यह अत्यंत ही विशाल होती है जब यह आएंगी तब आपको लगेगा कि आप यह पैरों को पटकते हुए बहुत तेज से आपके पास आ रही है । उनके सर के बाल चेहरे को पूरी तरह से ढके हुए होते हैं इसलिए आप उनका चेहरा भी नहीं देख पाएंगे और आप समझ जी सकते हैं कि इनका स्वरूप कितना भयानक हो जाएगा । मैंने इनकी लंबाई तो बता ही दी है कि अत्यंत ही विशाल है एक पीपल के पेड़ जितनी ऊंची और विशाल है यह आते हुए जादू टोने करती हुई दिखाई देंगी ।

इनकी उम्र का कोई भी पता नहीं लगा पाता जितनी लंबी या होंगी उतने ही लंबे इनके हाथ-पैर होंगे मान लीजिए 50 फीट लंबी होंगी तो उसी हिसाब से अनुमान लगा लीजिये इनके हाथ-पैर कैसे होंगे और इनका मुंह भी अत्यंत ही विशाल होता है और इनके दांत आगे की ओर निकले हुए होते हैं । अब मैं आप लोगों को इनका प्रभाव बता देता हूं अगर कोई साधक इनको प्रसन्न कर ले तो यह खुश होकर उसे मालामाल कर देती हैं । धन संपत्ति  सुख ऐश्वर्या समृद्धि सब कुछ प्रधान कर देती हैं और अगर यह किसी कारण से साधक से नाराज हो गई तो या उसके कुटुंब सहित उसका सर्वनाश कर देंगी । इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी बात से देवी नाराज ना होने पाए और आप अपना सारा काम इनसे पूछकर करिए जब आपको इनकी सिद्धि मिल जाए तब आप इस बात को राज ही रखे कि आपको इनकी सिद्धि है पूरी दुनिया से इस बात को आप को छुपाना होगा नहीं तो आपकी सिद्धि भी नष्ट हो जाएगी ।

अगर आप मां के रूप में करेंगे तो आपको सब कुछ देंगी और अगर आप बहन के रूप में करेंगे तो आपको स्त्री भी लाकर देंगी। पत्नी के रुप में तो यह स्वयं आपके साथ भोग करेंगी तो इस प्रकार से आपको यह साधना करनी है। कुछ लोग अब पूछेंगे कि क्या हम साधना घर में कर सकते हैं तो मैं यही कहूंगा कि आप लोग अगर पहला प्रयोग करना चाहते हैं तो वह तो आपको श्मशान में करना ही होगा । उसके बाद आप अगर घर पर करना चाहते हैं तो उसी श्मशान की भूमि की राख लाकर आपको अपने आसन के नीचे बिछानी होगी और आपको रोज ऐसा करना होगा ताकि यह एहसास बना रहे की आप श्मशान में ही साधना कर रहे हो ।

आपको घर में भी किसी ऐसे कमरे में ही करना होगा जहां किसी का भी आना जाना वर्जित और कोई भी आवाज सुनाई दे आपको किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।  आप रात को 11:00 बजे से जाप शुरू कर सकते हैं और सुबह की पहली किरण से पहले आपको 5000 जाप पूरा कर लेना होगा। अगर इनकी सिद्धि हो जाएगी आपको तो या आपको सब कुछ देंगी और आपको किसी भी चीज की कमी नहीं होगी अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

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