Site icon Dharam Rahasya

वैष्णवी सत्य रूपिणी योगिनी साधना

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य  चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत आज मैं आप लोगों के लिए लेकर आया हूं वैष्णवी सत्यरुपीणी  योगिनी साधना। इनकी साधना करने से वैष्णव शक्ति प्राप्त होती है यह वैष्णव कुल की मानी जाती है और सात्विक शक्ति के रुप में प्रसिद्ध है पर इस साधना को बिना गुरु के नहीं करना चाहिए । इस साधना को करने के बाद आपके अंदर सात्विक भाव का आगमन होगा, आप अपने जीवन में सब कुछ कर पाएंगे आपके अंदर सात्विक शक्ति का पदार्पण होगा ।

इनको वैष्णव शक्ति का प्रतीक माना जाता है इनका निवास स्थान हिमालय की कन्दराओ में है  जिस सिद्धाश्रम के बारे में आप लोगों को बताया था, इनका निवास स्थान वही माना जाता है ।जब सिद्धआश्रम के पास सरोवर या जलीय शक्ति जहां निवास करती हैं उसी जल के अंदर यह कमल के फूल के ऊपर बैठकर विराजमान दिखाई पड़ती है । यह केवल उन्हीं को दिखाई पड़ती है जो गहरे ध्यान की अवस्था को प्राप्त करते हैं ।

हिमालय के उजाड़ स्थानों में इनकी साधना करना चाहिए इनकी साधना के ह्रदय में उत्साह साहस धैर्य विश्वास सहनशीलता का भाव जागृत होता है इसमें विशेष भाव प्रधान रखनी चाहिए यह वैष्णव शक्ति का प्रतीक है इसलिए आपको अपने ब्रह्मचर्य का पूर्ण रुप से पालन करना होगा ।मन कर्म वचन तीनो रूपों में आपको इसका पालन करना होगा। ब्रम्हचर्य का आपको पूर्ण रुप से पालन करना होगा क्योंकि जितनी भी सात्विक शक्तियां होती है वह आपके अंदर किसी भी प्रकार की नकारात्मक को बर्दाश्त नहीं करेंगे ।इसलिए आप इनकी साधना करने से पहले अपने मन को पक्का कर लीजिए  क्योंकि इनकी साधना करने के लिए पूर्ण रुप से शुद्ध होना ही होगा ।

जिस दिन से आपकी साधना शुरू होगी और जब तक आप की साधना खत्म नहीं हो जाती तब तक आपको अपने हाथों से ही भोजन बनाकर खाना होगा । किसी भी स्त्री के हाथों से बना हुआ भोजन आप ग्रहण नहीं कर सकते और आपको 24 घंटो में केवल एक बार ही भोजन करना होगा और वह भी पूरी तरह से सात्विक, जिसमे की आप प्याज और लहसुन का भी प्रयोग नहीं करेंगे ।आपको इस साधना के लिए पीले चमकीले वस्त्रो  का चयन करना होगा और आपको पीले ऊन  का बना हुआ आसन प्रयोग मे लेना होगा।

आप यह साधना घर में भी कर सकते हो और बाहर भी कर सकते हैं पर जब तक आप की साधना चलेगी आपके उस स्थान पर जहां आप साधना करते हैं किसी का भी प्रवेश वर्जित होना चाहिये अगर किसी ने भी वहां प्रवेश कर लिया है तो आपकी साधना खंडित हो जाएगी । इसके लिए आप आपको गुरुवार की रात्रि से साधना शुरु करनी होगी और 41 दिन तक यह साधना चलेगी । आप इसमें पीली हल्दी या तुलसी  की माला का प्रयोग कर सकते हैं। जब आप साधना करने बैठेंगे तब आपको पहले सबसे पहले अच्छे से प्रणायाम  कर लेना होगा उसके बाद आप एक माला गुरु मंत्र की, एक माला भगवान शिव की और एक माला भगवान नारायण की करनी होगी और एक माला माता काली की जरुर करेंगे उसके बाद आपको अपनी साधना शुरु करेंगे।

इसमें 51 माला का जाप करेंगे पीली हल्दी की माला से या फिर आपको कोई भी शुद्ध पीली माला मिल जाए जो संस्कारीत हो आप उसका प्रयोग कर सकते हैं। इनकी कृपा से आपके सारे काम बनेंगे और आपको सब कुछ मिलेगा । याद रखे आप इनकी साधना केवल और केवल मां के रूप में ही करेंगे और किसी रूप में कोई साधारण मनुष्य इन्हे सिद्ध नहीं कर सकता, वैष्णवी शक्ति के रूप में यह देवी हिमालय मैं निवास करती है । यह आपको स्वप्न में या साक्षात भी दर्शन दे सकती हैं जब  इन देवी का प्राक्टयकरण होता है तब आपको इनको माता के रूप में मानकर इनसे कामना करनी चाहिए कि आप सदैव मेरी रक्षा सुरक्षा करें और मेरी सहायता करें । सदैव मेरे साथ रहे । इनमें किसी भी प्रकार की नकारात्मकता का और ब्रहमचर्य का किसी भी प्रकार भँग ना हो। यह माता वैष्णवी की योगिनी शक्ति है मैं आपको इसके मंत्र के बारे में भी बता देता हूं देवी  वैष्णवी योगिनी का मंत्र इस प्रकार से हैं।

मँत्र ॐ ऐं ह्री श्रीं श्री वैष्णवी सत्यरुपिणी स्वाहा।। 

यह एक अत्यंत ही गोपनीय और शक्तिशाली योगिनी साधना है ।अगर आपको यह पसंद आई हो तो धन्यवाद।।

Exit mobile version