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शक्तिशाली जिन्न का प्रकोप जिन्न सिला का अनुभव भाग 1

शक्तिशाली जिन्न का प्रकोप जिन्न सिला का अनुभव भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम जो अनुभव लेने जा रहे हैं, यह एक जिन सिला की कहानी पर आधारित है और भेजने वाले एक व्यक्ति ने इस घटना के विषय में बताया है तो चलिए शुरू करते हैं। आज के इस अनुभव को और जानते हैं इस सिला नाम की जिन के अनुभव को।

नमस्ते गुरुजी, मेरा नाम यासिर है और इसके अलावा आप कोई भी जानकारी मेरी किसी को ना बताएं। मैं आपका चैनल पिछले 2 वर्षों से देखता चला आ रहा हूं। गुरु जी आप एक सच्चे उस्ताद हैं। आपकी वजह से बहुत सारे लोगों को सिद्धियां भी मिली है इसीलिए! सभी लोग आपको पसंद करते हैं। मैं आपको एक अनुभव बताना चाहता हूं जो कि मेरे दादाजी का था। यह उस समय का है जब हमारा देश आजाद नहीं हुआ था और वह एक शहर के बिल्कुल किनारे पर रहा करते थे कई लोगों को इस बात पर यकीन नहीं होगा कि जिन्नो की बिरादरी में एक बहुत ही सुंदर और समझदार जिंद होती है। यह एक लड़की होती है जिसे हम सिला के नाम से जानते हैं। इसकी साधना का वर्णन भी बहुत ही कम मिलता है और जहां पर यह रहती है अगर कोई वहां पहुंच जाए तो यह अगर खुश हो जाए तो किसी वजह से भी आपके ऊपर फिर मेहरबानियां बरसा देती है। आपको सब कुछ देती है।

खुदा की सारी रेहमतें उस इंसान को मिलने लगती है। उसके पास दौलत शोहरत सबकुछ आ जाता है। गुरु जी मेरे दादाजी काम के सिलसिले में शहर के बाहर ही रहा करते थे। और उनका आना-जाना एक जंगल से होता था। वह कुछ ऐसा काम करते थे जिसको मैं यहां पर नहीं बता सकता। अधिकतर यह सुनने में आया है कि मेरी दादी बताती हैं कि वह उस रास्ते से होकर गुजरते थे जहां पर एक जंगल के बीच में कुवां पड़ता था। उस कुएं में जब भी वह पानी पीने के लिए रुकते थे तो अजीब सी आवाज आती थी। लेकिन उन्होंने कभी इस बारे में ध्यान नहीं दिया। लेकिन एक बार रात के 12:00 बजे वह उस रास्ते से गुजर रहे थे। कि तभी उन्हें प्यास लगी।

उन्होंने सोचा उसी कुएं के पास जाकर मैं आज फिर से पानी पी लेता हूं और वह उसके नजदीक जाकर खड़े हो गए। बाल्टी को पानी। भरने के लिए उसके अंदर डाला। पर पानी से जब बाल्टी टकराती है तो अधिकतर आवाज आती है। पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

तब उन्होंने नीचे जाकर देखा। वहां पर एक बहुत ही खूबसूरत लड़की ने उनको मदद के लिए पुकारा

मैं?

बहुत परेशान हूं।

मैं यहां थक गई हूं।

आप मुझे बाहर निकाल सकते हो तो निकाल लो।

तब मेरे दादाजी ने बड़े ध्यान से उसे देखा वह रात में भी चमक रही थी। बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। सफेद दूधिया चांदनी में नहाई रंग वाली वह खूबसूरत। एकदम अकेली लड़की का इस प्रकार से कुएं के बीच में दिखाई देना आचरज से कम नहीं था। मेरे दादाजी को शक हुआ और उसी वक्त उन्होंने एक योजना बना दी।

तब उन्होंने कहा ठीक है, मैं तुम्हें ऊपर खींचता हूं। पर मेरी शर्त यह है कि ऊपर आते ही तुम यहां से चली जाओगी। बिना कुछ किए।

मेरी शर्त अगर मंजूर है तो मैं तुम्हें बाहर निकालता हूं। तो वह कहने लगी, ठीक है। मैं तुमसे वादा करती हूं। ऊपर आने के तुरंत बाद ही मैं यहां से चली जाऊंगी।

और?

जब उसे ऊपर खींचने लगे तब उन्होंने लगभग जब वह ऊपर पहुंचने ही वाली थी, उससे कहा, तुम्हें खींचने के लिए मुझे तुम्हारा कोई कपड़ा चाहिए। क्योंकि यह जरूरी है। मैं इस रस्सी से तुम्हें नहीं खींच पाऊंगा। दोनों की ताकत लगेगी तो तुम नीचे नहीं करोगी तो वह कहने लगी, ठीक है और उसने अपने चेहरे को खोल कर एक बहुत ही सुंदर दुपट्टा उसे दे दिया। दुपट्टा जैसे ही मेरे दादा जी के हाथ में आया उन्होंने। उसे अपनी जेब में रख लिया और इसे ऊपर जल्दी से खींच लिया।

ऊपर जैसे ही आई कहने लगी। तुम ने पहली बार मुझे खींचा है, पर मैं यहां रुक नहीं सकती। तुमसे वादा जो कर चुकी हूं।

और फिर वहां से गायब हो गई आंखों के सामने! फिर मेरे दादाजी को यह बिल्कुल महसूस हो गया कि यह कोई इंसान तो बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि इंसानों में गायब होने की शक्ति नहीं होती। यह बात वह समझ गए थे। तब उन्होंने चुपचाप वहां से जल्दी जल्दी घर जाना ही ठीक समझा। घर पर वह पहुंच गए। और उन्होंने वह दुपट्टा अपने पास ही रखा।

जब दादी उनके पास आकर उनके करीब लेटने को हुई तो दोनों लोग क्योंकि बहुत दिनों बाद मिले थे तो? आपस में बातें करने लगे और फिर पता नहीं कब सो गए? रात के 2 या 3 बजे होंगे मेरी दादी को किसी ने उठाकर! जमीन पर पटक दिया। उन्हें इतनी जोर से चोट लगी कि वह चिल्लाने लगी और आसपास देख कर कहने लगी। आपने मुझे लगता है लात मार कर गिराया है और वह मेरे दादाजी पर बिगड़ने लगी। पर दादाजी ने कहा, कसम खाता हूं, मैंने तुम्हें लात नहीं मारी। भला मैं तुम्हें क्यों लात मारूंगा? लेकिन उन्हें इतनी जोर से उठा कर फेंका गया था कि अगर कोई कसके लात नहीं मारा होता तो वह अगर सोते हुए गिरती तो वहीं पर गिर जाती दूर जाकर नहीं गिरती।

दादी ने कहा, पता नहीं कौन सा सपना देख रहे थे जो इतनी जोर से तुम ने लात मारी है। अगर दोबारा ऐसा कुछ किया तो मैं मायके चली जाऊंगी।

मेरे दादा को कुछ भी समझ में नहीं आया। इस प्रकार दादी गुस्से में नीचे ही लेट गई? और इस तरह वह रात खत्म हुई।

सुबह के वक्त उसी बिस्तर पर दादा ने उनसे कहा, मुझे खाना ला कर दो और वह खाना लेने के लिए। थोड़ी ही दूर पर जहां किचन था वहां गई। और उन्होंने बहुत ही बेहतरीन खाने की चीजें उनके लिए बनाई। वह लेकर उसी बिस्तर पर। उस खाने को आई।

और जैसे ही दादाजी खाना खाने के लिए अपना हाथ ऊपर बढ़ाएं। दादी ने जोर से चिल्लाया ओह! यह क्या आ गया? मैंने तो दाल बनाई थी, दाल में बिच्छू कैसे आ सकता है और उन्होंने उठाकर वह दाल फेंक दी।

यह तो और भी अचरज भरी बात थी। मेरे दादा जी कहने लगे कल से तू पागल हो गई है। मुझे तो दाल में कहीं बिच्छू नहीं दिखाई दे रहा है। तुझे कैसे नजर आ रहा है? देख बता कहां है बिच्छू?

तब दादी कहने लगी अरे मैंने खुद अपनी आंखों से दाल में बिच्छू देखा था। अब मैंने दाल तो फेंक दी। पता नहीं बिच्छू कहां गिरा होगा।

अब मैं क्या बिच्छू ढूंढती फिरु?

आप समझते नहीं है। बिच्छू का डंक बहुत ज्यादा बुरा होता है।

इस प्रकार!

दोनों लोगों के बीच वार्तालाप हुआ। आज का दिन बहुत ही ज्यादा खुशनुमा होने वाला था क्योंकि?

दादा जी के भाई आज उनसे मिलने वाले थे। वह घर आ गए। दोपहर का समय था तो उन्होंने कहा, बड़ी दूर से आया हूं। आप दोनों दोस्त आपस में बात करेंगे। दोनों भाई बहुत ही अच्छे बचपन से ही दोस्त थे और आपस में बातें करने बैठते तो घंटों लगा देते थे। उन्होंने उनके ही बिस्तर पर बैठकर उनसे बातें करना शुरू कर दी और पुरानी आदत के जैसे ही वह उसी बिस्तर पर उनके साथ बैठे बैठे। फिर लेटे और वही दोनों लोग सो गए।

अभी कुछ देर ही हुआ होगा कि मेरे दादाजी के भाई! को किसी ने बहुत जोर से तमाचा मारा और वह चिल्लाकर ऊपर उठ बैठे। उन्होंने कहा क्या बदतमीजी कर रहा है? तूने मुझे थप्पड़ क्यों मारा है? यह सुनकर तभी दादी भी अंदर आ गई। और वह कहने लगी। इनकी हरकतें कल से ज्यादा खराब हो गई है। कल इन्होंने मुझे लात मार कर बिस्तर से नीचे फेंक दिया था और आज अपने ही भाई को तमाचा मार रहे हैं।

यह सुनकर अब मेरे दादा भी कहने लगे। अरे भाई मैं कसम खाकर कहता हूं। ना तो मैंने कल कुछ किया और ना ही आज कुछ किया है। क्यों सब मेरे पीछे पड़े हो?

यह बातें और भी ज्यादा आगे बढ़ने वाली थी।

गुरु जी आज इतना ही आगे का भाग मैं आपको। लिख कर भेज दूंगा।

नमस्ते गुरुजी!

सन्देश- तो देखिए यहां पर एक! जिन लड़की से जुड़ने की वजह से क्या-क्या घटित हो रहा है। हम लोग इस अनुभव के पहले भाग में जाने हैं। आगे के भागों में आगे की कहानी के विषय में जानेंगे तो आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

शक्तिशाली जिन्न का प्रकोप जिन्न सिला का अनुभव भाग 2

 

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