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शशि देव्या अप्सरा साधना सिद्धि

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक पर फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए फिर से लेकर आया हूं एक अप्सरा साधना। इंद्रदेव को जब भी अपने सिंहासन पर खतरा मासूस होता है और उन्हें ऐसा लगता है कि कोई ऋषि या कोई दानव आसुरी दैत्य उनके सिंहासन के लिए तपस्या कर रहा है तब वह अप्सराओं को भेजकर उनकी तपस्या को भंग करवाने की पूरी कोशिश करते हैं और इसमें वह सफल भी हो जाते हैं ।

यह अप्सरा देवराज इंद्र की आज्ञा का पालन करने के लिए पूरी कोशिश करती हैं और सफल भी हो जाती हैं पर कभी कभी इनको ऋषि-मुनियों का भी श्राप भी झेलना पड़ता है । देखा जाए तो अप्सराएं दिव्यता का प्रतीक होती हैं इनके बोलने का तरीका, इनके चलने का तरीका, इनकी सत्य निष्ठा इत्यादि इनके प्रेम को दर्शाती है। इसी श्रंखला मे एक अत्यंत सुदँर और जिसे चन्द्रमा की चाँदनी भी कहते है इस देवी का नाम शशी देव्या अप्सरा है। इनकी साधना शुक्रवार से शुरु करनी चाहिए या पूर्णिमा से शुरु करे तो बहुत ही अच्छा है।

इसे रोज़ाना रात के 10 बजे से ही शुरु करे । आपको यह साधना लगातार 21 दिन तक करनी होगी और जब वह आए तो उसे फुलो की माला पहनाकर वचन ले लीजिए । सामग्री मे शशी देव्या अप्सरा यँत्र, सफेद हकीक की माला, गुलाब के फूल, धुप इत्र इत्यादि और आसन दिशा उत्तर होनी चाहिए। इसका मँत्र इस प्रकार से है –
मँत्र : ॐ ह्रीं आगच्छ आगच्छ कामेश्वरी शशि देव्ये अप्सरायै नमः 

इस मँत्र कि आपको रोज 51 माला करनी होगी बाकी नियम विधिया पहले वाली मेनका अप्सरा की तरह ही है उसके लिए आप मेरी मेनका अप्सरा की वीडियो और पोस्ट देख सकते हैं। इनका रंग अत्यधिक गोरा होता है । कामेश्वरी होने के कारण साधक का ब्रम्हचर्य आते ही तोडने की कोशिश करती है याद रखे कि आप को इससे बचना होगा नही तो आपको सिद्धि नहीं मिलेगी । यह सिद्ध होने पर साधक की हर मनोकामना पूर्ण करती है और कामदेवी होने के कारण शारीरिक सुख भी प्रदान करती हैं । अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो आप का धन्यवाद।। 

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