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शोभना यक्षिणी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य  चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों की ले लेकर आया हूं यक्षिणी साधना, इन यक्षिणी का नाम है शोभना । यह जो मैं साधना दे रहा हूं यह वैदिक पद्धति से थोड़ा अलग है पुराने समय में जब बौद्ध धर्म का प्रचार हो रहा था तब उस समय इसमें थोड़ा फेर बदल किए गए थे। इसमें इनकी साधना विधि थोड़ी सी अलग है और इनका मंत्र भी अलग है और इनका मंत्र है वह तो दूसरा है और इसमें थोड़ा अलग मंत्र बताया गया है ।

शोभना यक्षिणी की साधना करने के लिए जो उचित समय माना जाता है वह रात्रि के 1:00 बजे का माना जाता है। 12:00 बजे के बाद और तीन बजे से पहले शुभ मुहूर्त माना जाता है इनकी साधना के लिए आषाढ़ की जो बदी होती है यानि कि 15 वा गुरुवार को स्वाति नक्षत्र में इस साधना को शुरू करना चाहिए । इससे इस साधना का सफलता का प्रतिशत काफी बढ़ जाता है इसका जो बलिदान किया जाता है उसके लिए आपको आटे और गुड को मिलाकर बलिदान देना है । साधना के समाप्ति के बाद आपको रोज काले कुत्ते को 108 लड्डू खिलाने होंगे । यह साधना आपकी 30 दिनों की होगी यानी कि रोज आपको आटे और गुड के लड्डू 108 बनाकर काले कुत्ते को रोज खिलाने होंगे और आखिरी दिन आपको तेल बेसन और तिल आटे के लड्डू बना कर आपको कुत्तों को खिला देना है। यानी कि आप रोज एक काले कुत्ते को खिला रहे थे और आखिरी दिन आपको ढेर सारे कुत्तों को लड्डू खिलाना है इनका जो मंत्र है वह इस प्रकार से है। 

मँत्रः ॐ शोभनाय: शोभनाय:नमः निरकारो निरामासो वश्यं कुरु कुरू स्वाहा।। 

आपको कैथ वृक्ष के नीचे तीन दिन तक बैठकर इस मंत्र का जाप करना होगा आप इसमें माला चिकनी मिट्टी के मनको की बनाएंगे यानी कि चिकनी मिट्टी को लेकर उसको गोल गोल बनाकर छेद करके उसमे माला बना लेंगे । इसमें आप कुंवारी कन्या के हाथ से काता हुआ सूत का डोरा ही इस्तेमाल करेंगे और यह विशाखा नक्षत्र में कुंवारी कन्या के हाथ काता हुआ होना चाहिए। कहते हैं कि कपास खुद से ही वर्षा के पानी के वजह से अपनी आप ही जम जाता है यह कोई लगाता नहीं है उसी पेड़ से आपको लेना होगा और इसे पंचक त्याग कर लाया जाता है और कुंवारी कन्या के हाथ से कटवाया जाता है । इस मंत्र का सवा लाख जाप करना चाहिए और उसके बाद लांगुर और कन्याओं को हलवा और चने  का भोजन करवाना चाहिए।

यथा शक्ति आपको उन्हें लाल वस्त्र देना चाहिए दांन में। कहते हैं कि जब शोभना यक्षिणी आती है तब उसका वर्णन इस प्रकार से होता है वह मैं आपको बताता हूं जब यह आती है तो रूप बदलते हुए आती है कभी कुछ दिखाई देगा कभी कुछ दिखाई देगा और कभी-कभी तो भयंकर ध्वनि सुनाई देती है। कभी-कभी इसके साथ बहुत सारी औरतें और लड़कियां आती दिखाई देती हैं और कभी-कभी खुद ही नाचते गाते हुए आती है कभी-कभी यह होते हुए आते दिखाई देगी । जिस प्रकार से आपका विचार होगा आपकी साधना होगी उसी प्रकार से रूप स्वरुप धारण करके आपके पास आएगी। कहते हैं इनका प्रचंड क्रोध अत्यंत भयंकर होता है इसलिए साधक को सावधानीपूर्वक ध्यान से बैठे रहना चाहिए और उनके रूप स्वरुप देखकर विचलित नहीं होना चाहिए सावधानी और शांति पूर्वक अपने जाप आपको पूरा करना चाहिए।

जाप आपको नहीं छोड़ना है बिल्कुल भी नहीं तो आप पागल हो सकते हो, इसका आपके मन पर भीषण प्रहार होता है। इनकी साधना में आप लाल रंग के ऊनी कपड़ो को धारण करेंगे और जो सभी साधनाओं में उपयुक्त लाल रंग माना जाता है उसी लाल रंग के कंबल का आप इसमें भी में प्रयोग करेंगे। जहां पर आप कैथ वृक्ष के नीचे बैठ कर जाप करेंगे उसके चारों तरफ आपको सुरक्षा घेरा बना लेना है और सुरक्षा मंत्र का कम से कम 108 बार जाप कर लेना है आपको। उसके बाद आप भगवान शिव के मंत्रों का 21 बार जाप करेंगे, उसके बाद आप भगवान भैरव के मंत्रों का 21 बार जाप करेंगे, अब आप यह साधना शुरू करेंगे। इन सभी मंत्रों का जाप करने से पहले आप गुरु मंत्र और श्री गणेश जी के मंत्रों का जाप करें इनका रुप स्वरुप भयानक और सुंदर दोनों ही होता है तो सबसे पहले मैं इनके भयानक रुप का वर्णन कर देता हूं प्रत्यक्ष दर्शियो  का कहना  है कि यह बहुत ही बुरे रूप रूप वाली बहुत ही बुरे मुंह वाले दिखती है ।

इसकी एक आंख ऊपर की तरफ उठी हुई होती है और एक आंख नीचे की तरफ झुकी हुई होती है इसका मांथा टेढ़ा होता है। इसको देखकर आपको घिन आ  जाएगी आप अपना मुंह फेर लेंगे इतना बुरा स्वरुप होता है और इसे मदिरा और मांस प्रिय होते हैं। यह मनुष्यों की खोपड़ीओ की माला धारण किए होती है जो लाल रंग से पुते होते हैं। जब यह खतरनाक रुप में आती है तो अपने साधक को उठाकर फेंक देती है पटक देती है पर उस समय आपको अपने मंत्रों का जाप नहीं रोकना चाहिए लगातार आपको करते रहना चाहिए भले ही वह आपको कई बार उठाकर पटक दे पर आपको अपनी प्रक्रिया नहीं रोकनी हैं।

कहते हैं कि अगर इनके बुरे व्यवहार को साधक सह गया तो उसको मालामाल होने से कोई नहीं रोक सकता उसके बाद यह 24- 25 वर्ष की औरत के रूप में आपके साथ रहेंगी यह गोरे रंग वाली लाल साड़ी पहने हुए बहुत ही सुंदर दिखने में होती है और गोल मुंह होता है इसलिए कहते हैं कि अगर इनकी परीक्षा को सह गया साधक तो उसको सब कुछ मिल जाता है जीवन में । जैसा कि मैंने आप लोगों बताया है कि इनकी साधना रात्रि के एक बजे से शुरु करनी है आषाढ़ बदी गुरुवार का 15 वा दिन होना चाहिए, स्वाति नक्षत्र में कैथ के पेड़ के नीचे बैठ कर आप को इसका जाप करना है। अगर आप सच्चे नियम और निष्ठा के साथ इनकी साधना करेंगे तो 11 दिन में ही इनकी सिद्धि आपको हो जाएगी । कभी-कभी तीन दिन में भी हो जाती है पर माना जाता है कि 14 दिन में शोभना यक्षिणी की सिद्धि  हो जाती है । आप अपने गुरु से आज्ञा लेकर यह साधना करेंगे तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद ॥

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