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श्रीराम तारण योगिनी साधना

श्रीराम तारण योगिनी साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज एक ऐसा अनुभव हमें प्राप्त हुआ है जो कि स्वयं के अनुभव पर आधारित है। एक ऐसे साधक जिन्होंने अपना अनुभव भेजा है। वह यह बात बताना चाहते हैं कि कैसे एक गोपनीय साधना के द्वारा हम भगवान श्रीराम को साक्षात देख सकते हैं और उनकी एक अत्यंत गोपनीय शक्ति एक ऐसी योगिनी को सिद्ध कर सकते हैं जो समस्त सिद्धियां प्रदान करने के अलावा मोक्ष भी प्रदान करती हैं। क्या है यह साधना? और कैसे यह की जाएगी इसके संबंध में मैंने इंस्टामोजो में भी लिंक दे दिया है जो कि उन्होंने मुझे भेजा तो चलिए शुरू करते हैं इनके पत्र को पढ़ना।

ईमेल पत्र-नमस्कार मित्र! मेरे संदर्भ में मैं आपको कुछ खास नहीं बता सकता क्योंकि कुछ गोपनीय सिद्ध साधक होते हैं जो हिमालय की कंदराओं में गोपनीय तरीके से आजीवन साधनाएं करते रहते हैं। लेकिन कभी-कभी उन्हें भी किसी की इच्छा से कुछ विशेष करना पड़ता है। आपको सबसे पहले मैं इस बात के लिए बधाई देता हूं कि आप एक महान कार्य कर रहे हैं? हिंदू सनातन धर्म की।

जो महत्वपूर्ण साधनाएं हैं, वह सर्व जगत में आप के कारण प्रसिद्धि प्राप्त कर रही हैं। इतना ही नहीं आपने गोपनीय साधनाओं के द्वारा हिंदू सनातन धर्म समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश की है। इसी कारण से आज मैं आपको एक गोपनीय साधना जो मैंने स्वयं सिद्ध की और भगवान श्री राम के दर्शन भी किए हैं। आपको बताना चाहता हूं। असल में यह घटना तकरीबन 7 दिन पुरानी है जब मैंने अपनी सिद्धि के बाद। 1 दिन योग साधना और मंत्र जाप करते हुए भगवान श्री राम का ध्यान कर रहा था। तभी अचानक से मेरे गुरु मेरे दिव्य दृष्टि में मुझे नजर आए। उन्होंने तुरंत ही मुझसे कहा, साधना समाप्ति के बाद एक चैनल को देखो। और मैंने उनकी बात मान ली। उन्होंने यह कहा कि तुम अपनी अत्यंत गोपनीय साधना इन्हें बताओ और यह जगत में उसे फैलायेगे। यह मेरे लिए आश्चर्यजनक बात थी क्योंकि हम तो ऐसे साधु हैं जो दीन दुनियादारी से बहुत ही दूर रहते हैं। लेकिन मेरे गुरु का इस प्रकार दर्शन देना स्वर्ग से वापस आकर मुझे कुछ समझाना यह विशेष ही बात थी।

फिर मैंने उनके बताए गए दो शब्दों धर्म रहस्य। इस पर सर्च किया और आपका चैनल मुझे देखने में आया। मैंने आप के सारे वीडियो देखें और तब मुझे एहसास हुआ कि गुरु ने क्यों मुझे अपनी की गई साधना वाली गोपनीय साधना जनसामान्य को देने के लिए कहा है। और इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि आज के युग में कुछ सच्चे गुरु भी मौजूद हैं जैसे कि आप वरना मेरे गुरु आखिर क्यों मुझे इसके लिए कहते कि मैं? मोबाइल के माध्यम से इस दुनिया की कोई? चीज को देख़ू और आपको इसके विषय में अपनी कुछ बातें लिखकर के भेजूं आपने ईमेल के माध्यम से सबके लिए सर्व सुलभ बातें तैयार कर रखी हैं, इसलिए मैंने यह पत्र लिखा।

और मैं अपनी वह सिद्धकी हुई श्री राम!

तारण योगिनी साधना आपके लिए लेकर के आया हूं। आप इसे जनसामान्य के लिए उपलब्ध करवा दें क्योंकि यह मेरे गुरु का आदेश है।

अब मैं इसके विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको बताना चाहूंगा।

सभी ने श्री रामचरितमानस पड़ी होगी। इसलिए भगवान राम के विषय में ऐसी कोई बात नहीं है। जो लोग नहीं जानते लेकिन जो मैं बताने जा रहा हूं, उसके विषय में शायद ही कोई जानता होगा।

भगवान राम के साथ में उनकी एक गुप्त योगिनी रहती हैं। जिन्हें हम राम तारण योगिनी के नाम से जानते हैं। यह देवी मां तारा का स्वरूप है। इनकी शक्ति के कारण ही व्यक्ति राम भगवान के साक्षात दर्शन कर सकता है और अन्य प्रकार की गुप्त सिद्धियां भी प्राप्त कर सकता है। भगवान राम के ऐसे ही दर्शन तुलसीदास को कैसे हुए थे। इस के संदर्भ में मैं आपको बताता हूं। चित्रकूट पहुंचकर तुलसीदास जी मंदाकिनी नदी के तट पर राम घाट पर ठहर गए थे। वह प्रतिदिन मंदाकिनी नदी में स्नान करते और भगवान के दर्शन के लिए जाते भगवान राम के मंत्रों का जाप भी करते। एक दिन। जब उन्होंने अपनी सिद्धि के द्वारा हनुमान जी से सहायता मांगी तब हनुमान जी ने उन्हें एक गोपनीय साधना के विषय में बताया, जिस का वर्णन स्वयं तुलसीदास जी ने भी नहीं दिया क्योंकि वह नहीं चाहते कि इस कलयुग में कोई भगवान के दर्शन आसानी से कर पाए और जिसके कारण वह गोपनीय सिद्धियां प्राप्त कर वैकुंठ में निवास करें, लेकिन उन्हें जिस साधना को करने के लिए कहा गया, वह स्वयं हनुमान जी ने उन्हें बताई थी। उस! साधना को करने के बाद जिन महाशक्ति योगिनी देवी के दर्शन उन्हें हुए, उन्होंने ही उस दिव्य ऊर्जा अर्थात भगवान श्री राम और लक्ष्मण जी को उनके दिव्य स्वरूप में लाकर पृथ्वी पर उनके दर्शनों के लिए उपस्थित कर दिया था।

आप स्वयं अनुमान लगाइए जो राम तीनों लोकों के स्वामी हैं। वह पृथ्वी पर दुबारा आए और वह भी बिना शरीर धारण किए तो उनकी तेज से यह पृथ्वी जल नहीं जाएगी। यह बात समझते हुए ही उन शांत और सौम्य योगिनी देवी ने उन्हें दो राजकुमार बालकों के रूप में बना कर इस पृथ्वी पर भेजा। जब? अपने मार्ग में भगवान राम और लक्ष्मण के रूप में दो घोड़ों पर सवार हाथ में धनुष और बाण लिए शिकार खेलने जाते दो बालकों को देखकर तुलसीदास मुग्ध हो गए और उन्हें पहचान नहीं पाए तब? स्वयं हनुमान जी ने वहां पर।

माया देवी से प्रार्थना की कि आप तुलसीदास को दिव्य चक्षु प्रदान करें और जिससे वह इनके पूर्ण दर्शन कर पाए। तब उन योगिनी शक्ति ने तुलसीदास की आंखों के अंदर! स्वयं विराजित होकर तुलसीदास को भगवान राम और लक्ष्मण के दिव्य बालक रूप के दर्शन करवाए थे।

उनकी पूजा में मगन।

तुलसीदास तब भी उन्हें केवल निहारे जा रहे थे उनकी सुध वापस लौटाने के लिए स्वयं हनुमान जी ने बुधवार संवत 1607 की मौनी अमावस्या के दिन। यह दोहा पढ़कर तोते के रूप में उन्हें संकेत दिया था। चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीर तुलसीदास चंदन घिसे, तिलक देत रघुवीर।

इस प्रकार तब उन्हें। उन मन मोहिनी बालक स्वरूपों के दर्शन मिले थे और यही कारण है। इन्हीं योगिनी देवी के विषय में तुलसीदास जी ने किसी को भी नहीं लिखा है। यही योगिनी शक्ति।

जब?

भगवान राम के बाणों से रावण को कोई भी अहित नहीं प्राप्त हो रहा था। तब भी वह विभीषण के बुद्धि में प्रवेश कर उन्हें इस रहस्य को बताने के लिए कहती हैं कि नाभि में अमृत है। तब भगवान श्रीराम उनकी नाभि पर वार करते हैं और! इस प्रकार रावण का अंत होता है। तो आप जान सकते हैं कि यह एक अत्यंत ही गोपनीय साधना है जो केवल गुरु शिष्य परंपरा में दी जाती है। इसीलिए साधारण जन इन गुप्त साधनाओं के विषय में नहीं जानते हैं। मैं यही साधना आप लोगों के लिए लेकर के आया हूं। आप इसे अपने समस्त शिष्यों और सभी जनमानस के लिए उपलब्ध करवा दें। इनकी साधना कर मैंने सिद्धि प्राप्त की और साक्षात भगवान श्री राम।

माता सीता के साथ लक्ष्मण जी के दर्शन मैंने किए। किंतु ऐसे स्वरूप के दर्शन के विषय में ज्यादा मैं कुछ नहीं कहना चाहता। इसके अलावा मुझे कई तरह की सिद्धियां प्राप्त भी हुई। आप के विषय में मैंने सारा ज्ञान भी इनकी साधना के विषय में जानकारी। आपको यह पत्र लिखा है। मैं सब कुछ जानता हूं। आप के विषय में केवल इस साधना के कारण ही किंतु। जैसे ही मेरी यह बात आपके दर्शकों तक पहुंचेगी अवश्य ही मुझसे संपर्क करने की बहुत लोग कोशिश करना चाहेंगे। लेकिन एक साधु के जीवन की विशेषता यही है कि वह जन सामान्य से पूरी तरह अलग रहें अन्यथा उसकी साधना भंग होती है। मेरी भी यही इच्छा है। मेरी इच्छा का सम्मान आप अवश्य करेंगे। केवल मैं आपको भविष्य में मेरे पास जो भी गुप्त और अत्यंत गोपनीय साधनाएं उपस्थित हैं, उन्हें देता रहूंगा ताकि जनमानस का भला होता रहे। किंतु कृपया। मुझसे कोई संपर्क ना करें क्योंकि मैं दुनियादारी में नहीं पड़ना चाहता।

अगर कोई व्यक्ति अपना भला करना चाहता है तो इन साधनाओं द्वारा अपना भला कर सकता है।

मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता है कि स्वयं मेरे गुरु ने ऐसा आदेश मुझे दिया। मैं आपके चैनल आपकी और आपके दर्शकों के सुखद भविष्य की कामना करता हूं। नमस्कार!

संदेश-तो देखिए यहां पर इन्होंने। हिमालय की कंदरा में साधना जीवन को अपना रखा है और इन्होंने एक दुर्लभ अत्यंत गोपनीय साधना हम लोगों के लिए भेजी है और यह बहुत उत्तम बात है कि इनके गुरु ने स्वयं इन्हें निर्देशित किया और इस प्रकार कहा है आप सभी का भाग्य बहुत प्रबल है तभी हमको ऐसी गोपनीय बातों की जानकारी मिल रही है। इस साधना को अगर आप करना चाहते हैं तो इसके लिए मैंने इंस्टामोजो का लिंक दे दिया है। वहां मैंने यह साधना और इनकी कही गई सारी बातों को पीडीएफ के रूप में। आप लोगों के लिए उपलब्ध करवा दिया है जिसका लिंक मेरे इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में आपको मिल जाएगा। तो अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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