Site icon Dharam Rahasya

सर्व कार्य सिद्धि भैरव मंत्र साधना

नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत  हमारे पास साधनाओं के बहुत सारी श्रृंखला है उन्हीं में से एक है सर्व कार्य सिद्धि सर्व मनोकामना पूर्ति साधना ऐसी बहुत ही कम साधना है जिसकी साधना आसानी से हो सके और उससे हमें मनवांछित फल की प्राप्ति भी हो सके इनमें हनुमान जी की साधना और भैरव जी की साधना विशेष फलदाई होती है और सारी मनोकामना पूर्ति शीघ्र करती है तो आज मैं आप लोगों के लिए सर्व कार्य सिद्धि साधना लेकर आया हूं यह साधना भैरव साबर मंत्र की है इसको करने से आपके हर प्रकार के काम बनते ही जाएंगे और हर प्रकार से आपके काम बनने लग जाएंगे और इसमें आपकी मूल इच्छा जो होती है वह पूरी हो जाती है इसलिए ऐसे सर्व कार्य सिद्धि साधना कहा जाता है ।

इसके लिए आपको भैरव जी को जानना होगा इनका वर्णन ग्रंथों में भी आता है और इनका पूजा विधान हर जगह प्रचलित है जैसा कि हम जानते हैं कि 10 महाविद्या के भी भैरव होते हैं और इनका जिक्र भी रुद्र मालय तंत्र में कीया गया है।  बंगला मुखी के मृत्युंजय भैरव मातगी के मतंग भैरव भैरवी के बटुक भैरव कमला के नारायण भैरव धुमावती के कालभैरव भुवनेश्वरी के महादेव भैरव छिनमसता के विकराल भैरव तारा के अक्षोभ्य भैरव त्रिपुर सुंदरी जो है उनके भैरव काली के महाकाल भैरव है तो अलग अलग तरीके से इन लोगों को पुकारा जाता है और अलग-अलग तरह से इनकी साधना भी होती है भैरो को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है इसीलिए इनका वर्णन तक शांति  में मिलता है और यह अति शीघ्र ही आपके कार्य संपन्न कर देते हैं शिव पुराण में कहा गया है कि जो भैरव है वह भगवान शिव का रूप और अंश लेकर उत्पन्न हुए हैं कहते हैं कि अगर आप दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठान करते हैं तो आपको अनुष्ठान शुरु  करने से पहले और अनुष्ठान समाप्त होने के बाद भी आप को भैरव की साधना उपासना करनी होती है ।

इनको देख लोगों को डर भी लगता है पर अगर इनकी साधना सात्विक तरीके से की जाए तो  शुभ फल प्रदान करने वाले देवता हैं अगर भैरव साधना में बटूक को भैरव की साधना की जाए तो अत्यंत ही शांत स्वभाव के होते हैं शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। पर भैरव साधना में कुछ नहीं मैं आप उनका पालन करते हुए यह साधना करेंगे भैरव साधना मेे कहा गया है कि आप कोई भी कामना मन में रखकर इनकी साधना करेंगे  आप मोक्ष प्राप्त के लिए इनकी साधना नहीं कर सकते आप अपने मन में कोई इच्छा रखते ही साधना करेंगे अगर आप मोक्ष प्राप्त के लिए इनकी साधना करेंगे तो यह भैरव नहीं महादेव स्वरुप हो जाते हैं । भगवान शिव की साधना मोक्ष प्राप्ति के लिए कि जाती है और भैरव साधना मनोकामना पूर्ति के लिए की जाती है। यह तामसिक और राजसिक दोनों प्रकार की साधना में आती है सात्विक में कम आती है । आप इनकी साधना रात्रि मे करें वैसे दिन में भी इनकी साधना की जा सकती है पर जो सफलता और शीग्रता आपको रात्रि ने मिलेगी वह दिन में नहीं रात्रि मैं करने से अलग ही बात होती है़। 

अगर आप भैरव जी की साधना वाम मार्ग से कर रहे हैं तो आप इनको सूरा और मदिरा का भी भोग दे सकते हैं अगर आप ठीक साधना कर रहे हैं तो आप इनको मांस और शराब  भोग दे और अगर आप राजसिक तरीके से  कर रहे हैं तो आप शुद्ध प्रकार से बना हुवा भोजन मुख्य रुप से भैरव जी को अलग-अलग दिनों में अलग-अलग  चीजों का भोग लगाया जाता है रविवार को दूध से बनी हुई शुद्ध खीर इनको अर्पित करें । अगर आप शुद्ध सात्विक साधना कर रहे हैं तो सोमवार को लड्डू मंगलवार को भी और घी और गुड से बनी हुई लापसी देनी चाहिए। बुधवार को चिवडा और बृहस्पतिवार  को बेसन के लड्डू का भोग देना चाहिए और शुक्रवार  को भुुने हुए चने देने चाहिए और अगर इसी प्रकार अगर आप इनकी साधना शनिवार को कर रहे हैं तो उड़द के पकौड़े जलेबी सेव भी खिला सकते हैं इससे भैरव प्रसन्न हो जाते हैं । अगर आप भैरव  जी की साधना  करना चाहते हैं तो आपको काले हकीक की माला से इनका जाप करना होगा। अगर आपको हकीक माला नहीं मिलती तो आप सर्व कार्य सिद्धि रुद्राक्ष की माला ले सकते हैं ।

इन दोनों में से कोई भी एक माला ले सकते हैं क्योंकि रुद्राक्ष की माला का हर प्रकार की साधना में प्रयोग होता है। और इनकी साधना के लिए आप रात्रि में स्नान करके गहरे काले शुद्ध वस्त्र पहनिए उसके बाद आप अपना पूजा स्थल साफ सुथरा करके दक्षिण  दिशा की ओर मुंह करके पटरी पर लाल कपड़ा बिछाएंगे और उसके ऊपर गुरु का चित्र और गुरु की चरण पादुका स्थापित करेंगे उसके बाद भैरव जी का चित्र या उनका विग्रह स्वरुप स्थापित करेंगे। उसके बाद आप गुरु पूजन करेंगे उसके बाद आप भेरुजी के चित्र पर कुमकुम चढ़ाकर त्रिभुज बनाकर भैरव यँत्र स्थापित करें अगर आपके पास नहीं है तो आप मार्केट से बना बनाया भैरव यंत्र खरीद लीजिए और उसके बाद आप उसके सामने दीपक जलाइए।  सरसो के तेल का उसके बाद आप उनका ध्यान करके अपनी साधना शुरू कर सकते हैं जो इनका सर्व कार्य सिद्धि साबर मंत्र साधना है तो सबसे पहले हम जान लेते हैं कि इसका मंत्र किस प्रकार 

मंत्र: ॐ काला भैरव काला बान हाथ खप्पर लिए फिरे मसान। मध्य मछली का भोजन करे साँचा भैरव हाता।चलो काली का लाडला भुतो का व्यापारी।  डाकिनी शाकिनी सोदागरी छाड छटक पटक पछाढ। सर खुला मुख बाला नही तो माता कालिका का दुध हराम शब्द साचा पिड काचा चलौ  भैरव ईश्वरो वाचा।। 


  तो यही  मंत्र है आपको इसी को सिद्ध करना है  इससे आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होगी अगर आपने अपने मन में कोई मनोकामना ली है तो वह सिद्ध हो जाएगी  तो इसके लिए आपको 40 दिन तक इनकी साधना करनी होंगे तो इसके लिए मैंने जितने भी आपको भैरव जी के नियम कानून बताएं हैं आपका ईनका सबका पालन करना होगा।  आपको यह साधना शनिवार से शुरु करनी होगी और आपके पास अगर मिट्टी का घड़ा हो तो ले लीजिए अगर नहीं है तो आप किसी कुम्हार के पास से खरीद लीजिए या आपके घर में भी पढ़ा होगा पुराना सा कोई भी ले लीजिए और इसका उपर हिस्सा काटकर निकाल दिए और जो नीचे का हिस्सा बचता है बड़ा  वाला आप उसमें आग जला कर रख लीजिए और इसके एक तरफ आपको सरसो  के तेल का दीपक जलाना है और दूसरी का आपको इसके गुगल की धूनी देनी है। 

इसके मध्य में आप इनका भोग रखेंगे भोग ने आप मछली का कबाब रखेंगे बीच में और इस मंत्र की आपको तीन माला जाप करनी है  जाप करने के बाद आपको यह मछली का भोग जो कबाब है आपको उसको अग्नि में डाल देना है जो आपने घड़ा फोड़कर अग्नि जलाई है जिसमें आपको उसने मछली का भोग डाल देना यही आपका हवन होगा जब आप ईश्वर वाचा बोल देते हैं उस के तुरंत बाद आप को अग्नि में मछली का भोग डाल देना है  प्रतिदिन आपको हवन करना है और साधना के आठवें दिन आपको आपको विशेष हवन करना है  यानी उसको ऐसे ही संपन्न करना है जैसे कि अन्य साधना की जाती है प्रतिदिन आपको  जाप करना है और आठवें दिन आपको यही प्रक्रिया करनी है  इससे आपका मंत्र सिद्ध होने लगेगा और भैरव प्रिय पदार्थों को भोग देने पर  साधक की इच्छा पूरी होती है तो आपको प्रतिदिन आपको यह साधना 40 दिन तक  करनी है  इससे आपकी निशित रूप से कार्य सिद्धि होगी यानी कि आप जो कार्य संपन्न करवाना चाहते हैं वह इस मंत्र के द्वारा आपका सिद्ध हो जाएगा ।

आप को गुप्त रुप से साधना करनी है लोगों को पता नहीं चलनी चाहिए आप घर में भी कर सकते हैं और घर के बाहर भी कर सकते हैं एकांत स्थान में  आप घर में करिए परंतु बिल्कुल एकांत वातावरण में और साधना रात्रि में शुरू करिए जब सूरज पूरी तरह से डूब चुका हूं इससे आपके दुश्मन आप से हार जाते हैं और आपके सारे रुके हुए काम फिर से बनने लगते हैं तो यह सर्व कार्य सिद्ध  भैरव शाबर मंत्र साधना है इसको करने से आपके रुके हुए कार्य बनने लगते हैं और आप की कामनाओं की पूर्ति होती और आपके शत्रु का नाश भी होते है। और इससे भेरूजी की कृपा प्राप्ति होती है और अगर आप इसका लगातार जाप करते रहेंगे तो आपको भेरुजी के साक्षात दर्शन भी हो सकते हैं  आपको हर साल उसी दिन इसी मंत्र को फिर से जागृत करना होगा यानी कि आपको इसे मंत्र की फिर से साधना करनी होगी जैसा कि आपने पिछले साल किया है क्योंकि शाबर मंत्र सिर्फ 1 साल के लिए ही काम करते हैं उसके बाद उनकी शक्तियां कम पड़ जाती हैं और रुक जाती हैं या यूं कहिए कि इनका प्रभाव कम पड़ जाता है तो अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो धन्यवाद। ।

Exit mobile version