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साधकों के प्रश्न उत्तर श्रंखला भाग 6

1. सपनो का भविष्य से संबन्ध क्या है ?

सबसे पहली बात सपनो का सच होना, कही न कही अपने पिछले जन्म में साधना कर रखी है|  इस वजह से आपका कोई न कोई चक्र जागृत है इन्ही  वजह से आप जब सपना देखते है तो गहराई में उत्तर जाते है |

सपने २ तरीके के होते है 

१ मस्तिष्क से बनने वाला सपना 

२ एक सपना आपके अंतरतम  में उतरने से बनता  है इसीलिए कहते है की सुबह ४ बजे का सपना सच होता है क्युकी उस समय हम गहरे निद्रा में चले जाते है | और जो मस्तिष्क  के ख्याल है उसके बाद की जो दुनिया शुरू होती है उसको हम सच मानते है |  जो कुछ भी पता चलता है मानस शक्ति के माध्यम से वो सच होती है ऐसा ही आपके साथ भी होता है अगर इसको और गहराई से जानना है तो आप लोगो को स्वप्नेश्वरी साधना करनी चाहिए | 

2. एक सवाल शुभम चौहान जी ने पूछा है रति सुंदरी योगिनी  साधना में माला कौन  सी प्रयोग होगी और मेरा  एक  मित्र है उसने  रूद्र साधना बिना किसी विधि विधान की संपन्न की  है उनके पास रूद्र की सिद्धि है तो क्या रति सुंदरी योगिनी साधना बिना विधि के कर सकता हूँ ?वो भी माता के मंदिर में उत्तर दें?

सबसे पहले बात आप योगिनी साधना में हकीक की माला का प्रयोग कर  सकते है साथ ही साथ रुद्राक्ष का भी कर सकते है | क्युकी योगिनिया भी शक्ति का स्वरुप है इसलिए सबसे अच्छी माला रुद्राक्ष की होती है  | जैसा आपने बताया आपके मित्र ने रूद्र साधना की है ,तो  बात यहाँ रूद्र साधना भगवन शिव की साधना है तो वो बिना विधि विधान के भी हो सकती  है | लेकिन योगिनी साधना पूरी  विधि विधान से करना चाहिए नहीं तो सिद्धि नहीं मिलेगी और इसको मंदिर में किया जा सकता है देखने के लिए करना चाहते है तो मन में संकल्प लीजिये मै  आपको देखने के लिए  साधना कर रहा हूँ इसलिए मै  ये साधना बिना विधि विधान के कर रहा हूँ  तो आपको इसमें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी 

3. रति सुंदरी योगिनी है की यक्षिणी ?

एक नाम आता है रति सुंदरी और एक नाम आता है रति प्रिया, तो रति प्रिया यक्षिणी है  रति सुंदरी योगिनी है दोनों में अलग अलग अंतर है ये प्रश्न बार बार आता है की यक्षिणी और योगिनी में क्या अंतर है ?

यक्षिणी यक्ष लोक से संबन्ध रखती है इनका शरीर आधा अधूरा होता है कहने का मतलब धरती से जुड़ा होता है योगिनी के साथ ऐसा नहीं होता है योगिनी माता काली के पसीने के बून्द से उत्पन हुए है इसीलिए माता काली के सामान वो भी बलशाली होती है इसलिए दोनों साधना में योगिनी की साधना ज्यादा अच्छी मानी जाती है क्युकी खुद योगिनियो की साधना कुबेर जी ने की थी इसलिए वो  धनवान बने |

हां ये जरूर है की यक्षिणी साधना सबसे जल्द सिद्ध होती है योगिनी साधना के मुकाबले

1. सपनो का भविष्य से सम्बंद क्या है ?

सबसे पहली बात सपनो का सच होना कही न कही अपने पिछले जनम में साधना कर  रखी है|  इस वजह से आपका कोई न कोई चक्र जागृत है इन्ही  वजह से आप जब सपना देखते है तो गहराई में उत्तर जाते है |

सपने २ तरीके के होते है 

१ मस्तिष्क  से बनने वाला सपना 

२ एक सपना आपके अंतरतन  में उतरने से बनता  है इसीलिए कहते है की सुबह ४ बजे का सपना सच होता है क्युकी उस समय हम गहरे निद्रा में चले जाते है | और जो मस्तिष्क  के ख्याल है उसके बाद की जो दुनिया शुरू होती है उसको हम सच मानते है |  जो कुछ भी पता चलता है शक्ति के माध्यम से वो सच होती है ऐसा ही आपके साथ भी होता है अगर इसको और गेहराई से जननी है तो आप लोगो को स्वप्नेश्वरी साधना करनी चाहिए | 

2. एक सवाल शुभम  चौहान जी ने पूछा है 

रति सुंदरी योगिनी  साधना में माला कोन  सी प्रयोग होगी और मेरा  एक  मित्र है उसने  रूद्र साधना बिना किसी विधि विधान की संपन्न की  है उनके पास रूद्र की सिद्धि है तो क्या भी रति सुंदरी योगिनी साधना बिना विधि के कर सकता हूँ ?वो भी माता के मंदिर में उत्तर देंगेए?

सबसे पहले बात आप योगिनी साधना में हकीक की माला का प्रयोग कर  सकते है साथ ही साथ रुद्राक्ष का भी कर सकते है | क्युकी योगिनिया भी शक्ति का स्वरुप है इसलिए सबसे अछि माला रुद्राक्ष की होती है  | और जैसा आपने बताया आपके मित्र ने रूद्र साधना की है ,तो  बात यहाँ रूद्र साधना की है  भगवन शिव की साधना है तो वो बिना विधि विधान के भी हो सकती  है | लेकिन योगिनी साधना पूरी  विधि विधान से करना चाहिए नहीं तो सिद्धि नहीं मिलेगी और इसको मंदिर में किया जा सकता है देखने के लिए करना चाहते है तो मन में संकल्प लीजिये मै  आपको देखने के लिए  साधना कर रहा हूँ इस लिए मै  ये साधना बिना विधि विधान के कर  रहा हूँ  तो आपको इसमें नश्चित रूप से सफलता मिलेगी 

3. रति सुंदरी योगिनी है की यक्षिणी ?

एक नाम आता है रति सुंदरी और एक नाम आता है रति प्रिया तो रति प्रिया  यक्षिणी है  रति सुंदरी योगिनी है दोनों में अलग अलग अंतर है ये प्रश्न   बार बार  आता है की यक्षिणी और योगिनी में क्या अंतर है ?

यक्षिणी यक्ष लाक से संबंद रखती है इनका शरीर आधा अधूरा होता है कहने का मतलब धरती से जुड़ा होता है योगिनी के साथ ऐसा नहीं होता है योगिनी माता काली के पसीने के बून्द से उत्पन हुए है इसीलिए माता काली के सामान वो भी बलशाली होती है इसिलए दोनों साधना में योगिनी की साधना ज़ादा अच्छी मणि जाती है क्युकी खुद योगिनियो की साधना कुबेर जी ने की थी इसलिए वो  धनवान बने |

हां ये जरूर है की यक्षिणी साधना सबसे जल्द सिद्ध होती है योगिनी साधना के मुकाबले तीनो ही रूपों में आप इसको सिद्ध कर  सकते है लेकिन मैंने पहले ही बता दिया की जैसा करेंगे उस हिसाब से सोच या संकल्प होना चाहिए 

तीनो ही रूपों में आप इसको सिद्ध कर  सकते है लेकिन मैंने पहले ही बता दिया की जैसा करेंगे उस हिसाब से सोच या संकल्प होना चाहिए l

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