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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 155

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 155

१. भगवान की स्तुति करने के लिए उनकी तारीफ ही क्यों की जाती है ?

उत्तर:-  अगर आप किसी के विषय में कुछ कहेंगे तो निश्चित रूप से आप उसकी प्रसंशा ही करेंगे तभी उस चीज़ का प्रभाव चारो और फैलेगा | जब किसी की तारीफ करते है तो उससे  न सिर्फ वह व्यक्ति  प्रसन्न  होता है  बल्कि उसकी तारीफ चारो तरफ जाती है और उस की चर्चा होती है और इसी चर्चा को लोग मनन करते है | जब कोई साधारण व्यक्ति के लिए ऐसा किया जाता है तो निश्चित रूप से उसकी तारीफ होती है और लोगो को उसके प्रति श्रद्धा जागती है  और सबसे बड़ा श्रद्धा का जो स्तोत्र है वो ईश्वर है और जब भी हम उनकी स्तुति करते है तो निश्चित रूप से वो प्रसन्न होते है और उनकी प्रशंसा चारो तरफ बहती है यानि जो भी लोग सुनेंगे वह भी उसकी तारीफ करेंगे  और वो लोग भी उसी चीज़ का प्रचार प्रसार करेगा इसलिए देवताओ की स्तुति में उनकी तारीफ की जाती है |

दूसरा कारण आप इस तरीके से समझ सकते है की आप स्वयं विचार करे की आप जिससे प्रेम करते है, अगर आपको उनके बारे में कुछ कहना होगा तो आप क्या कहेंगे? निश्चित रूप से आप उनकी प्रशंसा ही तो करेंगे | अगर आप अपनी माता के बारे में कुछ बोलेंगे तो उनकी प्रशंसा ही तो करेंगे और इसलिए करेंगे क्युकी वह आपके लिए पूजनीय है  और ईश्वर तो पुरे ब्रम्हांड को रचने वाली मातृ शक्ति है भला जब  एक भक्त उनका वर्णन करेंगे तो उनके गुणों का ही तो वर्णन करेंगे ऐसे भी  हम उनके गुणों का क्या ही वर्णन कर सकते है, अगर सम्पूर्ण समुद्र को कागज़ बना दिया जाए और सम्पूर्ण वृक्षों को कलम बना कर भी परमात्मा के गुणों का वर्णन करे तो भी उनके गुणों का वर्णन कर पाना संभव नहीं |

२. धन प्राप्त करने के लिए किस प्रकार की साधना करनी चाहिए ?

उत्तर:- आप धन प्राप्ति के लिए माता महालक्ष्मी या उनके किसी भी स्वरुप की साधना कर सकते है, इससे निश्चित रूप से अनुकूलता प्राप्त होती ही है | आप माता लक्ष्मी के अलावा कुबेर साधना भी कर सकते है और इसके अलावा स्वर्णाकर्षण भैरव साधना भी संपन्न कर सकते है |

३. सपने में मैंने भगवती महाकाली के दर्शन किये थे लेकिन उनका स्वरुप  मेरे से बस थोड़ी ही बड़ा था |

उत्तर:- जब भी हम स्वप्न के माध्यम से किसी भी देवी या देवता के दर्शन करते है तो उनका आकार और जो स्वरुप होता है वह कभी भी बराबर नहीं होता है | जब भी देखेंगे तो उनका स्वरुप कभी बड़ा होगा या तो छोटा होगा, जब उनका  दर्शन बाल रूप में होता है तो उनका आकार छोटा होता है और जब साक्षात आते है तो विराट रूप में प्रत्यक्ष होते है | यह आपकी ऊर्जा पर निर्भर करता है की आप किस स्वरुप में उनका दर्शन कर पाते है क्युकी सम्पूर्ण ऊर्जा स्वरुप में कोई भी बड़ी शक्ति नहीं प्रकट हो सकती है |

अधिक जानकारी के लिए नीचे का विडियो जरूर देखे –

https://youtu.be/yuKHx2MRptU

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