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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 157

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 157

प्रश्न १:- ऋषि कश्यप और उनकी पत्नियों का रहस्य है ?

उत्तर:- प्रारंभिक काल में ब्रह्मा जी ने समुद्र में विभिन्न प्रकार के जीवों की उत्पति की थी और ऐसा भी विवरण आता है की  उनके कई मानस पुत्र भी हुए थे जिनमे से एक ऋषि मरीचि भी थे और ऋषि कश्यप इन्ही  मानस पुत्र के विद्वान पुत्र माने जाते थे| यहाँ एक रहस्यमई प्रश्न उठता है की क्या कोई इंसान पशु, पक्षी, सर्प आदि जातियों को भी जन्म दे सकता है? हालांकि ये एक अलग ही प्रश्न है और इन रहस्यों को साधारण व्यक्ति तो नहीं समझ सकता की क्या इनकी स्तिथि  हो सकता है |

ऋषि कश्यप की १७ पत्नियाँ थी, अदिति, दिति, दनु, काष्ठा, अरिष्टा, सुरसा, इला, मुनि आदि उनकी पत्नियों के नाम थे | अदिति से १२ आदित्यो का जन्म हुआ था, यानी जो देवता है वह अदिति के पुत्र है और उनका जो उत्पत्ति स्थल था वह उत्तरी हिमालय का क्षेत्र था | दिति से भी कई पुत्रो का जन्म हुआ जो आगे चल कर दैत्य कहलाए इनका स्थान हिमालय के दक्षिण भाग में माना जाता है | दनु से ६१ पुत्रो की उत्पत्ति हुई थी जो दानव कहलाए इसके अलावा ऋषि कश्यप के अन्य पत्नियों से अलग अलग जाति के पुत्र उत्पन्न हुए थे और  ऐसा विवरण हमें शास्त्रों में देखने को मिलता है |

प्रश्न २:-  मणि धारी नागों का क्या रहस्य है?

उत्तर:- हर क्षेत्र में नाग देवता की पूजा प्राचीन काल से चली आ रही है और शिव के प्रमुख गणो में इनका नाम आता है, कहते है ऋषि कश्यप के क्रोध वषा नाम की पत्नी से सर्प और जहरीले जीवो की उत्पत्ति हुई थी | यह सभी नाग, कश्यप वंशी है और प्राचीन काल में उड़ने वाले सर्प हुआ करते थे और आज भी यह माना जाता है की जो भी सर्प १०० वर्ष से अधिक आयु को प्राप्त हो जाता है तो उस सर्प को  वायु में गमन करने की शक्ति प्राप्त हो जाती है और जो सर्प १०० वर्ष या सहस्त्र वर्षो तक तपस्या कर लेता है तो वह माणिधारी और इक्षाधारी नाग कहलाता है | यह सर्प १ फण से लेकर १० फण वाले  होते है, इन सब में नील मणिधारी नाग को सबसे शक्तिशाली नाग कहाँ जाता है |

प्रश्न ३ :- मणियों का रहस्य है ?

उत्तर:-  मणि को हीरे की श्रेणी में रखा जाता है और मणिया कई प्रकार के  होते  है और जिनके पास यह मणिया होती है उन व्यक्तियों का भाग बदलने की क्षमता इन मणियों में होती है | मणियों में कई प्रकार की आध्यात्मिक शक्ति समाहित होती है और यह धरती की प्रत्यक्ष शक्ति मानी जाती है और जो उस मणि को  धारण करता है वह उस मणि के प्रभाव से शक्तिशाली हो जाता है, अजय बन जाता है |

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