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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 181

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 181

प्रश्न १:- गुरुजी क्या किसी और से प्रेम करने पर अप्सरा को प्रेमिका रूप मे प्राप्त किया जा सकता है? क्या इसके कुछ दुष्परिणाम भी  होंगे? क्या ये उचित होगा या दोनो के साथ विश्वासघात होगा?

उत्तर:- कोई भी अप्सरा भौतिक और आध्यात्मिक दोनों का मिश्रित स्वरुप होती है | प्रेम हम कई लोगों से कर सकते है अगर कृष्ण गोपी संबंद में देखे तो भगवान कृष्ण को सभी गोपियों से प्रेम था | अगर आप किसी के शरीर से प्रेम करते है और उसके मूल में वासना का उद्देश्य है तो दो लोगो से प्रेम करना अनुचित है और निश्चित रूप से यह बर्बादी का कारण बनेगा लेकिन आपका प्रेम शुद्ध है और उसका आधार एक दूसरे को खुशियाँ देना है, सुखी रखना है एक दूसरे की मदत करने की भावना है तो निश्चित रूप से आप केवल एक नहीं बल्कि हज़ारो लोगों से प्रेम कर सकते है |

प्रश्न २:- गुरुजी अगर हमारा जन्म और हमारी अवस्था हमारे पूर्व कर्मों का फल है तो क्या गरीबों की मदद करके परमात्मा के कर्म फल विधान में हम बाधा नहीं डाल रहे?

उत्तर:- किसी भी व्यक्ति को  बुरी अवस्था में डालना प्रकृति का कार्य है  इसके पीछे कई कारण हो सकते  है | ऐसा हो सकता है की उसने अपने जीवन में कोई अच्छा कर्म नहीं किया हो इसलिए उसे इस प्रकार का  जीवन प्राप्त हुआ हो लेकिन आज की अवस्था में आपको ईश्वर से स्वतंत्र छोड़ा है कर्म करने के लिए और आप अपने जीवन को उचाई की और उठा सकते है अपने कर्मो के माध्यम से | प्रारब्ध जीवन के केवल कुछ भागो पर ही अपना  प्रभाव दिखता है लेकिन सभी कार्यो पर प्रारब्ध का  प्रभाव नहीं हो सकता और अगर आप इस जीवन में अच्छे कर्म करते है तो इस जीवन में आप बहुत कुछ प्राप्त कर पाएँगे और आने वाला जीवन भी निश्चित रूप से सुखमय ही होगा | कोई व्यक्ति अगर अपने जीवन में गरीब है तो हो सकता है की यह उसके कर्मो के कारण हो लेकिन अगर वह चाहे तो अपने जीवन को बदल सकता है अपने प्रयासों से और फिर भी नहीं बदले तो यह उसका स्वयं का निर्णय होगा, लोग सिर्फ एक रास्ता दिखा सकते है चलना तो उन्हें स्वयं ही है |

प्रश्न ३:- गुरुजी अगर हम जिसकी आराधना करते है वैसे बन जाते है तो क्या अगर हम माँ काली की आराधना करें तो हम बहुत ज्यादा क्रोध करने लगेंगे,अगर हम काल भैरव के भक्त बन जाए तो क्या हम भी मदिरा के शौकीन बन जायेगे?

उत्तर:- हम जिस किसी  भी देवी देवता की आराधना करते है तो उसके गुण हम में आने लगते है निश्चित रूप से माता काली की साधना करते है तो आपके अंदर क्रोध का भाव जागेगा और भैरव जी के भक्त होने पर मदिरा के तरफ आपका आकर्षण जाएगा लेकिन यहाँ पर महत्पूर्ण बात यह है की हम किसी भी देवी देवता की आराधना किस तरीके से करते है | क्रोध भाव को जितने के लिए अगर भगवती काली की आराधना करते है तो सदैव के लिए क्रोध भाव आपके आधीन हो जाएगा | मदिरा जैसी चीज़ो पर विजय प्राप्त करने की दृष्टि से अगर आप भरीव जी की आराधना करते है तो आप उन चीज़ो से ऊपर उठ सकते है |

अधिक जानकारी के लिए नीचे का youtube विडियो अवश्य देखे –

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