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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 36

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 36

१. गुरूजी मै  हरि ॐ मंत्र की साधना करना चाहता हूँ|  कृपया बताए की ये मंत्र किस देवता से संबन्धित है और ये साधना किस प्रकार से करनी चाहिए ?

उत्तर :- ॐ परमात्मा का प्रतीक माना जाता है| और इसमें तीनो शक्तिया का वास माना जाता है | लेकिन हरि शब्द जो है विशेष रूप से भगवान विष्णु के लिए प्रयोग किया जाता है| हालांकि ये मंत्र बोल चाल के रूप में लिया गया ये वैदिक मंत्र नहीं था | वैदिक मंत्र का मतलब होता था की उस मंत्र के ऋषि होते थे उसका जाप करने के लिए विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती थी और उसका विधिवत अनुष्ठान होता था | इस मंत्र को आप एक तरीके से भक्ति मार्ग की साधना कह सकते है ये वैदिक मार्ग की साधना नहीं मान सकते अगर आप इसको करना चाहते है तो बिलकुल इसका जाप कर सकते है |

२. हवन में पितृ देवता की भी आहुति दे सकते है क्या ?

उत्तर:-  हाँ बिलकुल आप दे सकते है लेकिन मेरे हिसाब से अगर आपके पास कुल देवी देवता है और साथ में इष्ट मंत्र है गुरु मंत्र है तो उसी को ही जपा जाता है|  विशेष रूप से पितृ देवताओ को याद करने की आवश्यकता  नहीं है  उनका जो समय होता है पितृ पक्ष आप उसमे हवन कर सकते है | पितृ कोई देवता नहीं है असल में ये एक योनि है उनमे इतनी अधिक शक्तिया नहीं  लेकिन आपसे ऊर्जा प्राप्त करने की उनकी इच्छा होती है इसलिए पितृ पक्ष में आप इनकी पूजा और हवन कर सकते है |

३. क्या इष्ट मंत्र जपने के लिए भी क्या उस मंत्र की दीक्षा लेना जरुरी है ? और अपने कहा था किसी मंत्र की दीक्षा उसी से ले जो मंत्र को उसी मंत्र को जपता हो और उसको सिद्ध किया हो तो ये कैसे संभव है की प्रभु श्री राम को किसी ने सिद्ध किया हो?

उत्तर:- जिस भी देवी देवता के मंत्रो को आप जपना चाहते है तो उससे संबन्धित गुरु जो उस मंत्र का जाप करता है तो आप उनसे दीक्षा ले सकते है|  लेकिन अगर आपको ऐसा गुरु नहीं मिलता है तो आप किसी महा मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति को और उसमे  वो तत्त्व भी आता हो जैसे शिव तत्त्व, विष्णु तत्त्व और ब्रम्ह तत्त्व है अगर ये तीनो तत्व उसमे निहित है तो इनसे संबन्धित कोई भी साधना कर सकते है उस मंत्र के माध्यम से |

और अधिक जानने के लिए नीचे का विडियो देखे –

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