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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरुरी जानकारी 21

१. क्या अप्सराएँ एक दिन की साधना विधि से सिद्ध हो जाती है ?

एक दिन में साधना सिद्ध करना बहुत ही कठिन कार्य  है | जब तक आप पूर्ण रूप से ब्रम्हचारी न  हों, मन को एकाग्र न कर सके, समाधी जब तक नहीं लगा सके तब तक  आपको एक दिन में साधना की सिद्धि नहीं मिलेगी| 

२. कई लोगो का कहना है की उनके घर में एक ही कमरा है| उसी में पारिवारिक कार्यो को भी संपन करना है तो क्या वहा पे साधना कर सकते है ?

देखिये गुरुमंत्र के अलावा वहा और कोई साधना सफल हो ही नहीं सकती |  क्युकी गुरु मंत्र ऐसी साधना होती है जिसको आप लगातार कही भी जप  सकते है| किसी भी अवस्था में जप सकते है|  मन में  जप कर  सकते है |  क्युकी वो आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने वाली साधना है|  इसका संबंद सिद्धि से नहीं होता है लेकिन इसकी शक्ति के कारण बाकी शक्तिया की  सिद्धियों को प्राप्त कि जा सकती  है|  इसीलिए गुरुमंत्र की साधना अवश्य करनी चाहिए | 

३. ऐसा वीडियो बनाए जिसमे अप्सरा यक्षिणी योगिनी तीनो शक्तियों की साधना करने वाले साधक के कैसे विचार जीवन शैली होनी चाहिए| इष्ट देव कौन  है इष्ट देवी कौन है और वो किसकी साधना करे ?

देखिये कुछ साधनाए होती है|  जहा पर हम साधना भले ही करे लेकिन वो पूजा कह लाती  है | कारण पराशक्ति की आप साधना कर रहे है,भगवन शिव की आराधना कर रहे है, भगवन विष्णु की आराधना कर रहे है|  पांच देवो में किसी की  भी साधना कर रहे है आप तो आप उन्हें सिद्ध नहीं कर सकते है पूर्ण रूप से क्युकी ये महा शक्तिया है | उनमे जितनी ऊर्जा होती है वो ब्रम्हांड ऊर्जा है | आप उस ऊर्जा को छोटे से शरीर में कैसे समाहित कर सकते है|  ये संभव नहीं है | आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते है उनकी कृपा प्राप्त हो वही काफी है| इसलिए हम छोटी साधनाओं की ओर जाते है जिससे हम उसकी ऊर्जा को समाहित कर सके  इसलिए छोटी साधनाए अप्सरा , यक्षिणी ये सारी साधना समाज में ज्यादा प्रचलन में आ गई जिसकी साधना से वो कोई भी कार्य सम्पन करने वाले सिद्ध व्यक्ति हो जाते है | 

आपने पूछा भैरव यक्ष की साधना पहले करनी चाहिए हां निश्चित रूप से कुबेर और भगवन  शंकर की साधना किए बिना यक्षिणी साधना सफल नहीं होती | 

४. कुछ लोग लालच के कारण साधना सिद्ध कर लेते है अपने प्रयत्नों से लेकिन अपनी जीवन शैली नहीं सुधारते गंदे मैले कपडे पहने हुए घूमते रहते है | 

देखिये जो जैसा करता है वैसा ही भरता भी है| आप अपने आप को जैसा बनाएँगे आपका  स्वरुप भी वैसा ही रहेगा | अगर कोई  अपने आप को गन्दा बना कर रखता है तो वो गन्दा ही रहेगा | इसलिए अगर कोई अघोरी अपने शरीर को गन्दा बनाए घूम रहा है तो मरने के बाद उसी स्वरुप  देखाई पड़ेगा और वैसे ही रहने वाला है|  अगर कोई अघोर होते हुए भी अपने आप को साफ़ शुद्ध रखे हुए है और भगवन शिव का बहुत बड़ा भक्त है  तो उसके शरीर से अच्छी  सुगंध आएगी | मृत्यु के बाद के बाद  भी  उसका स्वरुप स्वच्छ और दिव्य रहने वाला है| अब कौन क्या करना चाहता है ये उसके ऊपर निर्भर है वो क्या करता है किस प्रकार अपना जीवन को बनाता है | 

सम्पूर्ण जानकारी के लिए नीचे का विडियो भी देखे –

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