Site icon Dharam Rahasya

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 139

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 139

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लोग माता लक्ष्मी से संबंधित बहुत सारे प्रश्नों को लेंगे और जानेंगे कि दीपावली पर माता लक्ष्मी का स्वागत कैसे किया जा सकता है? तो दर्शकों ने बहुत सारे प्रश्न पूछे हैं। उनमें से कुछ प्रश्न मैंने डाले भी हैं लेकिन बहुत सारे ऐसे और भी प्रश्न है जो पूछे गए हैं। सभी को आज के वीडियो में कवर करने की कोशिश की जाएगी तो चलिए शुरू करते हैं। सबसे पहला महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा गया है कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सरल उपाय। तो अगर शुक्रवार के दिन लक्ष्मी जी के मंदिर में या फिर घर के मंदिर में या दीपावली के शुभ अवसर पर। अपने घर के मंदिर में शंख, कमल का फूल, मखाने, बताशे खीर और गुलाब का इत्र चढ़ाया।जाये तो माता जल्दी ही प्रसन्न हो जाती हैं और घर में लंबे समय तक सुख समृद्धि बनाए रखने के लिए शनिवार की शाम पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक भी जलाना चाहिए। घर में मां लक्ष्मी की कृपा कैसे होती है, यह कैसे प्राप्त की जाए तो देखिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने घर या व्यवसाय स्थल पर साफ सफाई का हमेशा ध्यान रखें और पवित्रता जरूर कायम करें। यह बात बहुत अधिक महत्वपूर्ण है कि किसी भी अशुद्ध या गंदे स्थान से माता लक्ष्मी रूठ कर सदैव चली जाती हैं। रात्रि को किचन में भूल कर के भी गंदे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। अगर दीपावली या ऐसा कोई माहौल है तो? अगर माता लक्ष्मी को घर में बुलाना है तो क्या खास सिंपल बातें हमें करनी चाहिए? किसी शुभ दिन जरूरतमंद व्यक्ति को सफेद पदार्थ जैसे आटा, चावल, सफेद, वस्त्र आदि का दान करें। इससे घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। अगर आप चाहते हैं सदा लक्ष्मी का वास हो तो 11 लघु नारियल एक पीले कपड़े में बांधे और रसोईघर के पूर्वी कोने में बांध देने से अन्न धन की कमी नहीं होती है। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उनके मंत्र का उच्चारण करें। लाल धागे में सात मुखी रुद्राक्ष गले में धारण करने से भी धन की प्राप्ति के योग बनते हैं। धन लक्ष्मी की उपासना के लिए सच्चे भाव से उनका स्मरण कर सुबह। श्याम महालक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर पर कुमकुम, अक्षत गंध, फूल, इत्यादि चढ़ाकर अगरबत्ती लगाकर आस्था और पवित्र भाव से पूजा करनी चाहिए। माता लक्ष्मी घर आने से पहले आखिर क्या संकेत देती हैं? तो? धन की देवी महालक्ष्मी को सुबह साफ-सफाई बहुत पसंद होती है और जिन घरों में साफ-सफाई रहती है उसे माता लक्ष्मी आकर अपना वरदान जरूर देती है। कहा जाता है सुबह के समय यदि कहीं जाते हुए कोई झाड़ू लगाता दिखे तो भी है। एक शुभ संकेत माना जाता है।

धन प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए तो लक्ष्मी जी के किसी भी मंत्र का जप बुधवार या शुक्रवार से शुरू करें तथा नित्य कमलगट्टे की माला से 108 बार जाप करें। विष्णु सहस्त्रनाम तथा श्री सूक्त का 11 पाठ नियमित करना चाहिए तथा माता लक्ष्मी को गुलाब या कमल पुष्प चढ़ाना चाहिए। अपने वृद्धजनों और वरिष्ठ व्यक्तियों का सदैव सम्मान करना चाहिए और अपने परिवार में कभी कलह नहीं करनी चाहिए और सब के साथ प्रेम का व्यवहार करना चाहिए।

यह प्रश्न आता है कि घर में मां लक्ष्मी क्यों नहीं रुकती है? जिन भी घरों में सुबह और शाम के समय पूजा नहीं होती है, उस घर में माता लक्ष्मी निवास नहीं करती है। ऐसा शास्त्रों में बताया गया है। सूरज के निकलने के बाद और सूर्यास्त के बाद जो व्यक्ति होता है उसे भी माता लक्ष्मी की कृपा कम प्राप्त होती है और घर में पैसे की किल्लत भी बनी रहती है। यह भी पूछा जाता है कि आखिर घर में पैसा क्यों नहीं टिकता है? उसके लिए आप घर के मुख्य द्वार के ईशान कोण में तुलसी का पौधा रखें। शुभ है। उस पौधे को जल अर्पित करें और साय काल में घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर माता लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से घर में धन वृद्धि होने लगती है और धन रुकने भी लगता है। जो भी धन कमा कर लाया जाता है, वह अवश्य ही टिकता है। घर के मुख्य दरवाजे के अंदर और बाहर की ओर गणेश जी की दो प्रतिमाएं भी लगवानी चाहिए।

लक्ष्मी आने से क्या होता है? देखिए जहां महालक्ष्मी का वास होता है वहां हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है। यह ऐसी बहुत सारी कथाएं हमें पुराणों में मिलती हैं। जब देवी लक्ष्मी किसी स्थान को त्याग कर चली गई तो वहां अंधकार निराशा असंपन्नता और श्री हमेशा के लिए नष्ट हो गई। ऐसा देवताओं के साथ भी कई बार हो चुका है तो इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि माता लक्ष्मी की कृपा इतनी अधिक आवश्यकता है। यह भी प्रश्न आता है कि माता लक्ष्मी कौन है?

लक्ष्मी की बड़ी बहन को माता और अलक्ष्मी भी कहते हैं। समुद्र मंथन के समय कालकूट के बाद इनका प्रादुर्भाव हुआ था। यह वृद्ध स्वरूप में रहती हैं। इनके केश पीले आंखें लाल मुंह काला है। लक्ष्मी से पूर्व इनका आविर्भाव हुआ था। विष्णु से लक्ष्मी का विवाह होने के पूर्व इसका ज्येस्था का विवाह उद्दालक ऋषि से करना पड़ा था।

माता लक्ष्मी का जन्म कब हुआ था यह भी उसी बात पर? बिल्कुल प्रकट है कि धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी का जन्म दिन माना जाता है। जिस कारण इस दिन को लक्ष्मी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

जैसा कि आप जानते हैं कि समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई थी। धन प्राप्ति के लिए किन की पूजा सर्वोत्तम मानी जाती है? तो हमेशा माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा धन प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम सात्विक पूजा कहलाती है।

विष्णु भगवान की पूजा और लक्ष्मी माता की पूजा करने और माता लक्ष्मी के 18 पुत्रों की पूजा करने से धन की प्राप्ति जरूर होती है। शालिग्राम की नित्य पूजा करने से भी धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

अब अगर धन प्राप्ति शिवलिंग के माध्यम से करनी है तो क्या करेंगे? भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति मानी जाती है। तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है। जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है। गेहूं चढ़ाने से संतान की वृद्धि होती है और बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से लाभ होता है। गुप्त धन मिलने के क्या संकेत हमें दीपावली के अवसर पर मिल सकते हैं तो यदि कोई सपने में दियासलाई जलाता है तो उसे अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। कहीं जाते समय नेवला अगर रास्ता काटता है या नेवला दिखता है तो यह भी धन लाभ का संकेत देता है। सोकर उठते नेवला दिखे तो भी गुप्त धन प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

माता लक्ष्मी की कितनी बहने हैं जैसे कि मैंने बताया, माता लक्ष्मी की एक और बहन है जिनके बारे में मैंने आपको बताया था। माता लक्ष्मी के पुत्र का क्या नाम है तो भगवान शिव की इच्छा का सम्मान करते हुए भगवान विष्णु ने अश्व रूप धारण किया था और देवी लक्ष्मी से उनका मिलन हुआ था। इससे देवी लक्ष्मी ने एक पुत्र को जन्म दिया था जो एकवीर के नाम से जाना जाता है तो यह बड़े पुत्र जो है वह एकवीर कहलाते हैं। माता लक्ष्मी के कितने अवतार हैं, माता लक्ष्मी के 8 अवतार माने जाते हैं।

तो लक्ष्मी जी के कितने रूप हैं, माताजी लक्ष्मी के मूल 8 स्वरूप माने जाते हैं।

तो इस बातों से आप जान सकते हैं कि आखिर माता लक्ष्मी! को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है और उन के 18 पुत्रों का अगर आप नाम लेते हैं तो भी आपको निश्चित रूप से लाभ होता है। आखिर माता लक्ष्मी के 18 पुत्र कौन से हैं। चलिए आज मैं इनके नाम भी आपको बता देता हूं। मंत्र के रूप में यह 18 नाम इस प्रकार से जाते जाते हैं। –

 -ॐ देवसखाय नम:
– ॐ चिक्लीताय नम:
– ॐ आनन्दाय नम:
– ॐ कर्दमाय नम:
– ॐ श्रीप्रदाय नम:
– ॐ जातवेदाय नम:
– ॐ अनुरागाय नम:
– ॐ सम्वादाय नम:
– ॐ विजयाय नम:
– ॐ वल्लभाय नम: 

– ॐ मदाय नम:
– ॐ हर्षाय नम:
– ॐ बलाय नम:
– ॐ तेजसे नम:
– ॐ दमकाय नम:
– ॐ सलिलाय नम:
– ॐ गुग्गुलाय नम:
– ॐ कुरूण्टकाय नम:।

इस प्रकार ये 18 नामों से जाने जाते हैं और निश्चित रूप से माता लक्ष्मी की कृपा यह दिलवाते हैं। माता लक्ष्मी की पूजा दीपावली पर सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। इसके अलावा गोपनीय रूप से तांत्रिक साधनाएं भी दीपावली पर बहुत अधिक लाभकारी होती है तो यह थे आज के माता लक्ष्मी से जुड़े हुए बहुत सारे प्रश्न अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

Exit mobile version