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साधको के प्रश्न और उत्तर श्रंखला – भाग १

१.  मै नया साधक हूँ तो मै कौन सी साधना शुरु करुँ ?

सबसे पहले ये बात जान लीजिये , अगर आप नए साधक है तो गुरु दीक्षा के बिना कोई भी साधना नहीं करनी चाहिए, इसलिए सबसे पहले गुरु की शरण  लीजिये वहां के किसी व्यक्ति से मिलिए जो दीक्षा देते हो उनसे आप गुरु मंत्र ले लीजये और गुरु मंत्र लेने  बाद आप कोई भी साधना को सरलता से कर पाएंगे | जिससे  आपकी  साधना में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी , अगर आप कोई साधना कर  रहे है अगर उसमे खतरा है तो गुरु को भी इस बात का पता चल जाता है इस वज़ह  से आपको ज्यादा नुकसान नहीं हो पाता है |  गुरु भी इस कार्य में आपकी सहायता करता है और छोटी छोटी बाते  जो होती है वो आप पूछ सकते है अपने गुरु से, और उस चीज का हल गुरु  बता देता है इसलिए  सबसे पहले गुरु मंत्र की   साधना करनी चाहिए | 

२. कौन सी माला का उपयोग करे साधना में ?

ज्यादातर  साधनाओ में  होता है की आपको ये बता देते है की इतना मंत्र जप करना है लेकिन ये कही नहीं बताया होता है की कौन  सी माला  प्रयोग करना है | तो माला में सबसे अच्छी  माला जो है ,वो रुद्राक्ष की माला होती है | क्युकी ये भगवन शिव की प्रतीक है  ,अगर कोई साधना में पता न हो कौन सी माला का  प्रयोग करना है तो उस स्थिति में रुद्राक्ष माला का प्रयोग करना चाहिए |  अगर आप वशीकरण कर रहे है तो  स्फटिक  माला का प्रयोग करना चाहिए अगर कोई अप्सरा की साधना कर  रहा है  तो उसमे भी स्फाटिक  माला का प्रयोग कर  सकते है | अलग अलग साधनाओ के लिए अलग अलग मालाओ का प्रयोग किया जाता है लेकिन जब कोई माला न मिले तब तक रुद्राक्ष का प्रयोग कर  सकते है |  कमलगट्टे की माला लक्ष्मी साधना के लिए विशेष मानी है और कई शुभ कर्मो में इसका प्रयोग होता है |  तुलसी माला का भी प्रयोग किया जाता है ये भी शुभ   कर्मो में प्रयोग किया जाता है हर साधना में तुलसी माला का प्रयोग नहीं होता है ये अधिकतर शांति कर्मो में प्रयोग की जाने वाले माला है | 

३. साधना कहा शुरू करे ?

 प्राचीन  समय में ऋषि मुनि ग्रहस्थ आश्रम को छोड़ कर जब सन्याश में प्रवेश लेते थे तो ज्यादातर वो साधनाए घर में नहीं करते थे |  क्युकी घर में केवल आप साधना  कर  रहे होते है लेकिन कोई और साधना नहीं कर रहा होता है l इसलिए आप कोई नदी का किनारा जो बहता है चलता है लगातार जो ज़िन्दगी  प्रवाह को दर्शाता है  | अगर नदी के किनारे आप कोई साधना करेंगे तो सबसे ज्यादा फल प्राप्त होता है दूसरा है की आप किसी पर्वत की चोटी पर करेंगे साधना तो आपको अत्यधिक फल मिलेगा, क्युकी वहा जो किरणे गिर रही होती है जो विश्वा शक्ति बरसा रही है तो वो ऊंची जगह होने पर वो अधिक मात्रा में वहा बरसेगी l अगर आप यहाँ साधना नहीं कर सकते तो आप जंगल में कर  सकते है |  जहा एकांत हो जहां वृक्ष अधिक हो l आप किसी मंदिर में भी जा के साधना कर  सकते है एकांत मंदिर में जहा शोर न  मच रहा हो और यदि आप यहाँ भी साधना नहीं कर पाते है तब ही आपको घर में साधना करनी चाहिए | 

४. साधना में कौन का आसन का प्रयोग करना चाहिए ?

आप कौन सी  साधना कर  रहे है उसके हिसाब से आपको आसन लेने चाहिए | आकर्षण  कर  रहे है तो  बाघम्बर पे करे ,उच्चाटन करने की सोच  रहे है तो ऊट के चर्म के आसान पर करे, विद्वेषण करने की सोच रहे है तो घोड़े के चर्म पर करे, मारण के लिए भैसे के चर्म का प्रयोग होता है | लेकिन देखा जाए तो सबसे अधिक सिद्धि देने वाला व्याघ्रचर्म होता है बाघ का आसन जो सभी प्रकार की सिद्धि प्रधान करता है | 

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