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साधुओ का जिन्नों से युद्ध भाग 4

साधुओ का जिन्नों से युद्ध भाग 4

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। साधु का जिन्नो से युद्ध अब तक की कथा में आपने जाना कि कैसे नागा रूद्र भैरव अब अपने गोकुल की रक्षा के लिए अपने नागा साधुओं के साथ तैयार था लेकिन अब! वहां पर अफगानी सेना की एक टुकड़ी आ चुकी थी। उन्होंने स्त्रियों को पकड़ना शुरू कर दिया।

स्त्रियों चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर नागा रूद्र भैरव गुस्से से बाहर निकले। और अपने नागा साधुओं के साथ उनसे युद्ध करने लगे। लेकिन अबकी बार मुस्लिम सेना ज्यादा ताकतवर थी। धीरे-धीरे करके कई नागा साधु मरने लगे।

यह देखकर अब नागा रूद्र भैरव घबराने लगे। उन्हें लगा कि शायद अब हम लोग इन कन्याओं की रक्षा नहीं कर पाएंगे।

तो आखिरकार उन्होंने एक प्रयोग किया उन्होंने! उस स्थान की ओर गमन किया जहां पर वह बैठकर साधना किया करते थे। नर्वाणी देवी के आगे पहुंच कर उन्होंने सिर झुकाया और कहा माता मेरा रक्त स्वीकार करो और अब रक्षा करो। क्योंकि मुझ में और मेरे सैनिकों में इतनी सामर्थ्य नहीं है कि इस मुस्लिम शक्तिशाली! अफगानी सेना को हराया जा सके।

और यह कहते हुए उसने अपने हाथ से रक्त की बूंदे वहां गिराना शुरू कर दिया।

देवी मां! उस वक्त उर्जा रूप में वहां प्रकट हुई और उन्होंने कहा। अब से? तुम सब युद्ध में भैरव की तरह शक्तिशाली होगे। तुम इतनी अधिक गति प्राप्त करोगे कि पलक झपकते ही किसी एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर जा सकोगे। और तुम्हारे अंदर अद्भुत शक्तियां विराजमान होंगी जो भी अपने हृदय से इस युद्ध को पूरी तत्परता से करेगा। उसके अंदर मेरे भैरव की शक्तियां विराजमान रहेंगे।

यह कहकर माता अदृश्य हो गई।

इसके बाद वह हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

एक बार फिर से। नागा रूद्र भैरव अपने बचे हुए कुछ नागा साधुओं में जोश भर कर कहने लगे मां हमारे साथ हैं। उनके भैरव की शक्ति हमें मिल चुकी है। अपनी जान पर खेलकर लड़ो। लड़ो तब तक जब तक कि खुद मृत्यु को प्राप्त ना हो जाओ। और आज यहां एक ऐसा चमत्कार घटित होगा कि संसार में सदैव याद रखा जाएगा कि साधु भी शस्त्र अगर उठा ले तो हर सेना को पराजित कर सकता है। भले ही हमारे पास ना अस्त्र हैं। ना ही शस्त्र है। लेकिन हमारे यह चिमटे वाले और त्रिशूल! भारी पड़ेंगे मैं वचन के साथ सत्य कहता हूं। माता हमारे साथ हैं और फिर युद्ध हुआ शुरू। अभी तक जिन साधुओं को लड़ने में बड़ी परेशानी हो रही थी उनकी गति और तीव्रता देखकर। सारे सैनिक! आश्चर्य में आ गए थे। एक साधु की गति इतनी तीव्र थी कि पलक झपकते ही वहां एक सैनिक को मारकर अगले 10 सैनिकों का वध कर देता था। यह देख कर! वह सैनिक टुकड़ी घबराने लगी। केवल! मात्र 5 मिनट के अंदर 600 सैनिकों की पूरी टुकड़ी मारी जा चुकी थी। उसमें से कुछ सैनिक बचकर वहां से भाग निकले। बाकी सारे वहां मारे गए। यह देखकर सभी साधु भी आश्चर्य में आ गए थे कि उनके अंदर इतनी तीव्र शक्ति कहां से आ गई। उनके भालो उनके चिमटो और त्रिशूलों में इतनी शक्ति कहां से आ गई? नागा रूद्र भैरव कहने लगे। तैयार हो जाओ कितनी बड़ी भी सेना आए हम सभी को मौत के घाट उतार देंगे। विश्वास रखो। तुम सबके अंदर माता की कृपा से भैरव विद्यमान हो गए हैं। और फिर शाम के समय नागा रूद्र भैरव! स्वयं अपने बचे कुचे।

नागा साधुओं के साथ माता की शरण में जाकर उपासना करने लगे। सभी कन्याए भी वहां उपस्थित होकर माता की शरण में मौजूद थी। धीरे-धीरे यह बात आसपास के क्षेत्र में फैलती चली गई की?

गोकुल में अद्भुत चमत्कार घटित हुआ है। एक पूरी सेना की टुकड़ी समाप्त कर दी गई है। इसकी वजह से आसपास के बूढ़े बच्चे और कन्याए उस क्षेत्र की ओर आने लगे। यह बात उन सैनिकों के द्वारा सेना के कमांडर को दी गई तो उसने कहा। तुम जैसे मूर्खों से मेरा कैसे पाला पड़ गया है?

तुम बता रहे हो कि साधु ने तुम्हें हरा कर भेज दिया है। तुम लोग कैसे निरे मूर्ख हो लड़ना जानते भी हो या नहीं? चलो मैं अपनी तीन गुना सेना के साथ चलता हूं और तुम्हारे साथ और दिखाता हूं कि उनकी लाशों और सरकटे शवों को कैसे इकट्ठा किया जाता है।

और वह चल दिया उस ओर इधर! जहां कहीं भी इस सेना को। साधु और नागा साधु दिखाई पड़ते उन सब को मारकर काट दिया जाता।

भीषण तबाही मचा दी गई थी। कोई भी इस सेना के सामने आ रहा था। वह मृत्यु को ही प्राप्त होता जाता। कमांडर काफी गुस्से में था और वह कह रहा था। क्या यही है साधु जिन से हार कर तुम लोग भाग कर आए हो?

अब एक बार फिर से मुस्लिम सेना अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही थी और धीरे-धीरे वह उसे क्षेत्र में पहुंचे जहां। नागा रूद्र भैरव और उनके कुल 100-200 नागा साधु। अपनी।

रक्षा और कन्याओं की रक्षा के लिए।

साधना रत थे, उन्हें देखकर हंसते हुए उस कमांडर ने कहा। हमारे पास दो हजार सेना एक साथ उपलब्ध है। अब इन 100-200 नागा साधुओं का क्या होगा जाओ इनके शरीर के? इतने ही टुकड़े करो जितनी मेरी सेना में सैनिक मौजूद है। हर एक नागा साधु को कई टुकड़ों में काट दो ताकि लोगों को पता चले कि हमारी शक्ति के आगे।

झुकने के अलावा इनके पास कोई और रास्ता नहीं है।

और कमांडर की आज्ञा से एक बार फिर से वहां पर सेना ने हमला शुरू कर दिया।

इधर एक बार फिर नागा रूद्र भैरव माता से प्रार्थना कर फिर से खड़ा हुआ और युद्ध के लिए चल पड़ा।

सामने नागा रूद्र भैरव ने देखा की 2000 की सेना के साथ। पूरे अस्त्र और शस्त्र से भरी हुई एक विशाल और मजबूत सेना उपलब्ध है। जो बख्तरबंद कवचों के साथ और उनके पास आधुनिक हथियार भी हैं, लेकिन नागा रूद्र भैरव ने माता का नाम स्मरण किया और एक बार फिर से जोश में भर कर अपने साधुओं से कहा, जैसे पिछला युद्ध हमने जीता। अब भी जीतेंगे। माता हमारे साथ हैं। उनके भैरव हमारे अंदर विद्यमान हैं। यह युद्ध हमें कोई नहीं हरा सकता। जय मां नर्वाणी देवी और कहते हुए उन्होंने फिर से हमला शुरू कर दिया। एक बार फिर चमत्कार घटित हुआ। नागा साधुओं के अंदर इतनी तीव्र ऊर्जा आ गई कि उनके हमले और वार करने की गति कमांडर ने जब देखी तो वह एक बार फिर से आश्चर्य में आ गया क्योंकि जो बात उसके सैनिकों ने बताई थी, उससे भी ज्यादा तीव्रता और फुर्ती इन साधुओं के अंदर दिखाई दे रही थी।

कुछ ही क्षणों के बाद पूरी 2000 की सेना वहां पर कई? टुकड़ों में काट दी गई थी। एक ऐसा अद्भुत पराक्रम उन नागा साधुओं ने दिखाया था जिसके बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती। जो कार्य भारतीय जनता और उनकी बड़ी-बड़ी सेनाएं नहीं कर पा रही थी। इन हाथों ने करके दिखाया था। कमांडर अपनी जान बचाकर वहां से भागता हुआ नजर आया और अपने सबसे बड़े कमांडर के पास पहुंच गया और उससे कहा कि वहां के नागा साधुओं के पास कोई तांत्रिक विद्या मौजूद है जिसकी वजह से वह सभी को हरा दे पा रहे हैं। आप बिना कुछ चमत्कारिक शक्तियों के वहां मत जाइए। तब इस बात पर मुख्य कमांडर हंसता है। और कहता है कि तुम सब पागल हो गए हो लेकिन?

बात की गंभीरता सैनिकों की लाश और उनके बारे में बता कर जब उस कमांडर ने समझाई तो वह समझ गया। उसने तुरंत ही उनके सबसे शक्तिशाली मौलवी लोगों को बुलाया। वह वहां पहुंच गए। साथ में उनके कई सारे तांत्रिक मौजूद थे। उन्होंने कहा, अगर युद्ध तंत्र विद्या का ही हो रहा है तो हम सभी तैयार हैं। रात के समय उन पर हमला किया जाएगा और अबकी बार हमारे पास हमारे गुलाम हजारों जिन्नो की ताकत होगी। सारे जिन्न उस क्षेत्र में तबाही मचा देंगे हमारी सेना और जिन्न मिलकर के उस पूरे क्षेत्र को कब्रिस्तान बना देंगे।

अब उनके पास न सिर्फ सेना की कई हजार टुकड़िया मौजूद थी बल्कि उनके साथ तांत्रिक विद्या में निपुण हजारों की एक ऐसी जिन्नों की सेना और मौजूद थी जो तैयार थी इन साधुओं को समाप्त कर देने के लिए। आगे क्या हुआ हम लोग जानेंगे अगले भाग में तो अगर यह कहानी और जानकारी आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

साधुओ का जिन्नों से युद्ध भाग 5

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