साधक का जीवन अनुभव
नमस्ते गुरुजी आपको साक्षात दंड बर्त प्रणाम करता हूं आशा करता हूं कि आप ठीक होंगे गुरुजी कुछ दिनों पहले आपने अपने कम्युनिटी पोस्ट में आपने आपने अपने परिवार के कार्य हेतु कुछ दिन जीमेल पढ़ने के लिए मना किया था तो उसमें आपने शादी विवाह का फोटो लगाया था तो शायद मुझे लगता है कि गुरु जी आपकी शादी हुई है यदि ऐसा है तो आपको मैं बधाई देता हूं आपकी शादी के लिए गुरुजी कुछ दिनों पहले आपके एक शिष्य ने आपसे प्रश्न पूछा था कि गुरु मंत्र दोबारा हम पिछले जन्म में प्रवेश कर सकते हैं तो आपने बातों ही बातों में कहा था कि मैंने अपने पिछले जन्म की एक वाह क्या बताया है बस स्पष्ट नहीं कर सकता तो गुरु जी मुझे लगता है कि वह वाक्य शमशान भैरवी साधना में जो गुरु श्याम पंडित और महोदर बाबू कि आपने जो मठ वाली कथा बताई है उनमें से एक पूर्ण जन्म आपका है गुरुजी पूर्व जन्म की बात सुनकर मेरे जीवन में जो जो घटना हुई है उसे सोच समझकर और जो निश्चय निकला है ऐसा मुझे प्रतीत होता है कि मेरा पिछला जन्म मुझे शायद ज्ञात है तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि मेरे जीवन में ऐसा क्या क्या हुआ है गुरु जी बचपन मैं एक बार मुझे एक मंदिर में जहां वह मंदिर काला था वहां पर मेरे पीछे एक शेर भाग रहा था और मुझे वहां पर माता काली ने आकर बचाया और माता की एक मूर्ति एक कमरे में रखी थी तो मैं उस कमरे में चला गया और मूर्ति के पीछे चला गया और मेरी आंखें खुल गई गुरुजी जब मैं 7 8 9 साल का था तब मेरे जीवन में बड़ी समस्या चल रही थी मैं जो भी काम करता था वह गलत हो जाता था और मैं कुछ भी काम करता था वह बिगड़ जाता था उस समय मेरी मम्मी मुझे एक मंदिर के पंडित के पास ले गई तो उन्होंने बताया कि इससे हनुमान जी नाराज हैं उनकी पूजा सही तरीके से नहीं करता और कहीं ना कहीं गलती कर रहा है गुरुजी उस समय में एक लड़की के चक्कर में था तो शायद इसी वजह से हनुमान जी मुझसे नाराज थे गुरुजी फिर मैंने हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा की ओर उनसे मैंने मांगा कि हे प्रभु मेरे जीवन में जो संकट है उसे खत्म करिए तो गुरुजी मैंने आपको अपने पहले एक पत्र में बताया था कि मैं उस स्कूल के तीसरी कक्षा में एक बार की बात है कि मेरा होमवर्क कंप्लीट नहीं था तो सुबह का जो पहला ही पीरियड होता था उसमें एक मेम आती थी जो बहुत ही ज्यादा मार दी थी तो उस समय में हनुमान जी की पूजा कर रहा था और सुबह-सुबह मैंने लगातार 5 दिन तक भगवान से प्रार्थना करें कि हे भगवान हे हनुमान यह मैम मेरी क्लास में ना आए पर गुरुजी फिर भी मैंने अपना कार्य पूरा नहीं किया और 1 दिन से मेरी पिटाई हो गई फिर गुरुजी 2017 की बात है मैं अपने 11वीं क्लास में कॉलेज में जा रहा था तो मैंने जाते जाते ही सोचा कि हनुमान जी को सब लोग इतना मानते हैं और इतने शक्तिशाली भगवान है जो इतनी शक्तिशाली भगवान है जय राम जी की पूजा करते हैं तो राम जी की पूजा वह क्यों करते हैं इसी चीज को जानने के लिए मैंने पहली बार भगवान राम जी की कथा देवकीनंदन ठाकुर चैनल पर सुने और कुछ दिनों तक सुनने के बाद मैंने हनुमान जी को प्रार्थना करें कि हे भगवान मुझे राम जी की भक्ति प्रदान करो उस दिन के बाद तो मुझे भगवान राम में इतना मन लगने लग गया कि मैं उनकी बातें और उनकी प्रशंसा और उनके अपशब्द सुन नहीं पाता था और उनकी पूजा करने लगा फिर गुरु जी मेरे पिताजी के दिमाग में नास्तिक व्यक्ति ने भगवान के प्रति अपशब्द शब्द और अबशब्द बातें फैला दी कि भगवान एक काल्पनिक चीज है और इनका अस्तित्व नहीं है और गुरुजी उनके घर में उनके तीन लड़के हैं जिनका दिमाग में कमी है और वह बालक पन किसी हरकत करते हैं और उनके एक लड़के ने तो अपने घर में आग लगा ली और ऐसे ही उनके घर में बहुत सारी समस्या है पर दूसरों के घर में वह इन बातों से समस्या बैठ आते रहते हैं और भगवान के प्रति आशब्द शब्द बोलते हैं गुरुजी इसी बीच मुझे एक पुस्तक मिली जो हिप्नोटिज्म की थी तो उस बुक को पढ़ने के बाद मैंने उससे फिर हिप्नोटिज्म बुक में कुछ मत कुछ सुनने बनाने वाली किराए लिखी थी तो उसको करना शुरू कर दिया और मुझे अपने ऊपर असर भी दिखने लगा और उसमें कुछ नियम भी लिखे थे जो साधक के लिए आपने भी बताए हैं पर गुरु जी उस समय मेरी नियत गलत थी उस साधना और विद्या को मैं लड़की को वश में करने के लिए सीख रहा था तो शायद भगवान को यह मंजूर नहीं था और कुछ समय बाद वह विद्या से मैं दूर जाता गया और अब प्रयास करने पर भी वह फिर से नहीं कर पा रहा मैं तो गुरुजी वह जो किताब है वह श्री नारायण दत्त श्रीमाली द्वारा लिखित है श्री गुरु जी मैंने आपके चैनल पर वीडियो देखनी शुरू करें गुरुजी पहले पहले तो मुझे इन बातों पर भरोसा नहीं होता था पर मुझे कहानी सुनने का बहुत शौक था तो कहानी सुनने के लिए मैं कई सारी खंड पिशाचिनी और काम पिशाचिनी और भूत प्रेत की कहानियां सुनता रहता था तो सुनते सुनते मैं आपके चैनल से भी जुड़ा फिर आपने मुझे वैज्ञानिक रूप से बताया आपके अपने चैनल पर की यह जो कर रहे हैं वह वास्तविक रूप से सत्य हैं और वैज्ञानिक रूप से आपने उन्हें स्थापित किया अपने चैनल पर फिर गुरु जी मैं आपके चैनल से 3 साल तक जुड़ा रहा और एक दिन मैंने आपसे दीक्षा लेने के लिए आपकी इजाजत ली तो गुरु जी मेरे घर पर मेरे भाई को फोन मिला था और उसकी यमाई जाती थी तो गुरुजी जो लास्ट एम आई थी वह कंपनी वालों ने काटी ही नहीं और वह मेरे ही फोन में पड़ी रही तो गुरुजी घर वालों को लग रहा था कि पैसे कट गए हैं पर वह पैसे मेरे पास ही रखें रहे और मैंने उन्हीं पैसों से आपसे गुरु दीक्षा ली उस तरीके से मैं आपसे जुड़ा और गुरु जी आपने जो वीडियो में तरीका बताया था उस तरीके से मैंने गुरु मंत्र को धारण किया और गुरु मंत्र का जाप करने लगा पर गुरु मंत्र का जाप में उस तरीके से नहीं करता था जैसा अब करता हूं कुछ दिन गुरु मंत्र का जाप मैंने अमन से किया पर नियति को तो कुछ और ही मंजूर था गुरु जी गुरु कृपा तो कुछ और ही करवाना चाहती थी ऐसे ही डेढ़ साल बीत गई और कभी कबार में जुबान पर गुरु मंत्र का जाप कर लेता था पर गुरु जी अब जो मैं आपको बताने जा रहा हूं तो गुरु जी मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप मुझे इस दुनिया का सबसे नादान और सबसे नासमझ शिष्य मान के मुझे क्षमा प्रदान करें मैं जानता हूं की समा के लायक नहीं हूं पर आप बड़े बन कर मुझे माफ कर दें गुरु जी मैं आपको बता तो रहा हूं पर मैं भी आपसे एक वचन लेना चाहता हूं कि आप कृपया करके मुझे माफ कर दो जो मैं आपको बात बता रहा हूं उसके लिए और मेरी इस गलती की क्या सजा हो सकती हैं वह भी जरूर बता दें क्योंकि मैं अपनी गलती की सजा ढूंढ रहा हूं और मैं पंडित और ग्रंथों में अपनी गलती की सजा ढूंढ रहा हूं जो सबसे ज्यादा बड़े अपराध के लिए हो और एक दिन एक हादसा हुआ जहां मैं रहता था वहां पर मेरी बुआ की ननंद की लड़की थी और वह भी मुझे भैया कहती थी पर वह बहुत ही चंचल मन की थी और मैं भी ऊपर बहन कहता था और गुरु जी उसे मैंने एक दिन अपने पड़ोसी के साथ ज्यादा नजदीक जाते हुए पकड़ लिया और उसमें बहुत डांट लगाई और कहा कि तुम दोनों आज के बाद एक दूसरे से बात नहीं करोगे और ना ही मिलोगे यह बात मेरे भाई ने मेरी मम्मी को भी बता दी और उसको घर भिजवा दिया पर जब है अगली बार आई तो गुरु जी एक दिन वह मेरे घर पर आकर मेरे सहारे ही सोने लगी और दो-तीन दिन बाद वह मेरे नजदीक सोने लगे और मेरे पास पास रहने लगी कुछ ना कुछ मैं भी उसे पसंद करने लगा था और एक दिन मैं अपने आप को काबू नहीं कर पाया और उसको गलत तरीके से छूने लगा पर उससे पहले मैं कुछ कर पाता उसने मेरा हाथ पकड़ कर अलग कर दिया और बैठ गई जब गुरु जी मैं होश में आया और जब एहसास हुआ कि यह मुझसे क्या हो गया पर वह अपने पैर को सुला रही थी पर मैंने उसे माफी मांगी और उसे अपनी इस हरकत के लिए क्षमा मांगी पर गुरु जी मुझे क्या पता था पर गुरु जी मैं अगले दिन बहुत शांत शांत सी और उदास उदास सी रहने लगी पर गुरु जी मैं उस समय अपने चाचा की तबीयत की वजह से उदास थी और उस समय उसके चाचा की तबीयत बहुत ही ज्यादा खराब थी पर भगवान की मर्जी कहो और नियति कि मैं उस समय समझ नहीं पाया और उस रात की घटना को लेकर उसे माफी मांगता रहा यह मेरी दूसरी गलती थी कि मैं उससे उस गलती की बार-बार माफी मांगता रहा और गुरुजी वह कुछ दिन हमारे घर पर रही पर बहुत उदास उदास थी और मुझे लगता रहा कि वह मेरी वजह से उदास है मैंने उससे माफी भी मांगी और सजा भी पर उसने कहा कि कोई बात नहीं गलती सबसे हो जाती है पर मुझे पता था कि यह गलती मुझसे हो गई है और गुरु जी उसने हमारे घर पर फोन करना भी बंद कर दिया और बात करना भी बंद कर दिया पर गुरु जी उसकी नाराजगी से पहले मैं उससे ज्यादा मतलब नहीं रखता था और ना ही ज्यादा पसंद करता था पर जब से उसने बात करना और आना हमारे घर पर बंद कर दिया तो मेरे अंदर उसके प्रति बहन की भावना जागृत हो गई और मैं घृणा से इतना भर गया कि मुझे मौत ज्यादा पसंद आने लगी और उसके घर जाता था तो वह मुझसे बात भी नहीं करती थी और आंखों ही आंखों से मुझे धिक्कार और उसका यह अधिकार मौत ज्यादा सहूलियत दे रही थी और गुरु जी उससे पहले जब है हमारे घर पर आती थी तो मैं उसको ज्यादा बहन की तरह प्यार भी नहीं करता था और ना ही उससे ज्यादा मतलब रखता था पर जब से यह हादसा हुआ तो उसके प्रति मेरा भाई प्रेम जगने लगा और मुझे अपने हाथ से घर ना आने लगी और मैं डिप्रेशन में जाने लगा ऐसे ही मुझे 6 महीने बीत गए इस चक्कर में मेरा रंग भी पीला पड़ने लगा और मैं कमजोर भी होने लगा मरने को तो मैं जब भी मन नहीं चला जाता पर आपके वाक्य और कथन के अनुसार मरना कोई भी समाधान नहीं होता और मरने के बाद भी आत्मा भटकती रहती है और प्रेत योनि में चली जाती है समय से पहले यदि कोई व्यक्ति मारता है तो गुरुजी उस समय तो मुझे मरना ही सबसे उचित लग रहा था पर गुरुजी आपका और मेरी माता जी के द्वारा जो बातें मुझे पहले बताई गई थी कि मरना कोई समाधान नहीं होता तो इस चक्कर में मैं मरना मुमकिन नहीं था गुरुजी 6 महीने बाद में एक दिन उससे मिलने भी गया और मैंने निश्चय किया कि यदि वह मुझसे बात नहीं करेगी तो उसे मैं बता कर एक नहर उसके गांव के पास से होकर जाती है तो उसने मैं मरने चला जाऊंगा पर उसने मुझसे नजर उठाकर बात नहीं करी और ना ही मैं उससे बात कर पाया अकेले में और घर चला आया और गुरु जी जब भी मैं उसके घर पर आने के लिए क्या था तो वह मना कर देते और मुझे देखकर घबरा जाती उसका आ गया है व्यवहार मेरे मन को अंदर ही अंदर छलनी कर आ जा रहा था और यही बात सोच सोच कर मैं हर रात को रोहता था मुझे पता था कि उसमें गलती मेरी है पर मुझे यह नहीं पता था कि मैं अब क्या करूं और इस गलती को कैसे सुधारें उसी बीच मैंने घर छोड़ने का निर्णय किया और मैं कामाख्या मंदिर गया और आपको बताया था कि उसने मेरे साथ एक घटना हुई जिसमें एक युवक एक लड़की को लेकर नहाने आया था और वह युवक मुझे भैरव लग रहा था बाद में और वह लड़की मुझे कोई देवी लग रही थी और उसी के बाद से मेरा वहां से मन घर को जाने के लिए मचलने लगा और मैं घर को आ गया पर जब भी आने के बाद घर वालों ने मुझसे पूछा कि तो क्यों गया था पर मैंने कुछ नहीं बताया और उन्हें पता लग गया था कि मैं घर छोड़कर जाने वाला हूं और आने के बाद भी मुझे अपनी गलती पर इतना अफसोस था कि मैं मैं जी तो रहा था पर बेजान सा रहके कहीं ना कहीं मेरी मम्मी भी इस बात को जानती थी पर वह कहती नहीं थी पर मैं उनके सामने खुश रहने का नाटक करता था पर मन ही मन मुझ पर एक अपराध का भोज रखा था जो मुझे अंदर ही अंदर खोखला कर आ जा रहा था जहां भी मैं अकेला रहता तो उसे अपराध का दर्द मुझे अंदर तक रुला देता कई बार तो मैं अपने दोस्त के सामने रो पड़ता वह मुझसे बार-बार पूछता कि मुझे बता क्या हुआ पर मैं कहता कि कोई बात होती है जो बताई नहीं जाती अगर वह बात सामने आ जाती है तो फिर मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता और यही कारण था कि गुरु जी मैं आपको भी नहीं बता रहा था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि आप भी मुझसे बात ना करें और अपना शिष्य बनाने से भी मना कर दें और पता नहीं कि मैं अभी भी आपको यह बात क्यों बता रहा हूं पर गुरु जी यही मूल कारण है जो मुझे लगता है कि मुझे गुरु मंत्र जप करने के लिए मजबूर किया था क्योंकि जब भी मैं अकेला होता तो मुझे अपनी गलती का बहुत होता और गुरु मंत्र का जाप करता और गुरु मंत्र और आपसे गुरु जी और भगवान से अपनी मौत के लिए भीख मांगता है और कहता कि हे भगवान मुझे तू भी कुछ ऐसा कर जो मेरा एक्सीडेंट हो जाए और मैं मर जाऊं या मुझे सांप से कटवा दिया में गिर के मर जाऊं बस ऐसे ही दुआ मांगता रहता और गुरु मंत्र का जाप करता रहता गुरु मंत्र का जाप करते करते बस यही दुआ मांगता कि हे भगवान मुझे मेरी गलती की माफी दे दे हो सके तो मुझे माफ कर दे और इससे बढ़िया मुझे तू मौत ही प्रदान कर गुरु जी मैं जानता था कि गलती मुझसे हुई है पर उसकी सजा मैं स्वीकार करता हूं और भगवान से कहता रहता था कि हे भगवान मुझे सजा दे और मैं ने अपने आप का पूर्ण समर्पण आपके प्रति गुरु शक्ति के प्रति कर दिया था और भगवान के प्रति मुझे अपना अस्तित्व होना नहीं चाहता था फिर गुरु जी मैंने अपनी बहन से फोन पर बात करी और व्हाट्सएप पर उसे मैसेज लिख कर भेजा पर उस समय मुझे लगता था कि वह सच में नहीं जानती कि मैंने उसके साथ गलत करने की कोशिश की थी और व्हाट्सएप पर मैंने उससे बातों ही बातों में माफी मांगी और उसने भी मुझे माफ कर दिया पर पहले वह हमारे घर बहुत आती थी पर अब नहीं आती थी तो मुझे लगता था कि उसने मुझे अभी भी माफ नहीं किया पर गुरु जी इस बीच मुझे बहन की बहुत ही कमी खटक ने लगी और रोने लगा और भगवान से कहने लगा कि हे भगवान तूने मुझे बहन क्यों नहीं दी अगर तूने आज दी होती तो ऐसी गलती मुझ से ना होती और मैंने आपसे भी कोई ऐसी साधना मांगी थी जो बहन के रूप में ही सिद्ध हो और सिद्ध होना चाहिए बहन के रूप में पर मैं अपनी गलती के प्रति इतना आत्म बल और भरोसा उठ गया था कि वह गलती मुझे जीने नहीं दे रही थी इसी बीच मेरे भाई का हाथ का ऑपरेशन हुआ तो वह अस्पताल में ही 7 दिन एडमिट हुआ और वह बहन मेरे घर पर जब भी नहीं आई और जब वह नहीं आई तो मजबूरी में मुझे उसे 1 साल के अंदर जो जो बातें हुई और जो मेरा घर छोड़ना हुआ वह सब बातें मैंने उसे बताएं तब जाकर उसने कहा कि भाई मैं तुम्हें माफ करती हूं और मैं उस तारीख को आऊंगी पर वह उस तारीख को भी नहीं आई तो उसने वह तारीख बताई थी तो मुझे लगा कि वह अभी भी मुझसे नाराज है तब उसने बताया कि मैं भाई के हाथ के ऑपरेशन के बाद आपके घर आऊंगी और मैं अपने जन्मदिन तक आपके घर रखूंगी तो मुझे बहुत ही खुशी हुई और मैंने उसके लिए उसे धन्यवाद करा और वैसा ही हुआ वह भाई के ऑपरेशन के बाद घर पर आ गई और उसको पूरे 1 साल बाद मैंने अपने गले लगाया और उसका स्वागत किया और वह हमारे घर पर रह रही थी पर वह मुझसे पहले की तरह बात नहीं कर रही थी और यदि मैं उसे तू भी देता तो वह ऐसा व्यवहार करती थी मैं उसे गलत है तरीके से छू रहा हूं और गुरु जी इस चीज मुझे अंदर तक तोड़ दिया था और उस दिन में रात को 2 घंटे तक रोया और इससे पहले जो रक्षाबंधन गया था उसने भी वह नहीं आई थी उस दिन मुझे जिंदगी में पहली बार ऐसा लगा मेरी कोई बहन नहीं है बाकी मेरी चाची की लड़की ने मुझे राखी बांधी थी पर मेरा मन तो उस बहन के प्रति ही समर्पण हो गया था और उस दिन भी मैं बहुत रोया था और जन्मदिन होने के बाद अगले दिन भी मेरे प्रति उसका यह व्यवहार मुझे अंदर ही अंदर मारे जा रहा था और मैंने उससे फिर सबके सामने ही बातों बातों में इशारों में पूछा कि क्या मेरी गलती की माफी हो सकती है तो उसने जब भी कहा कि हां हो सकती है पर मुझे उसका यह दिखाना मुझे अंदर ही अंदर मारा जा रहा था बाकी मेरे दोनों भाई के प्रति उसका व्यवहार सही था पर मेरे प्रति ऐसा था कि जैसे मैं उससे अभी भी गलत करने की कोशिश कर रहा हूं फिर एक दिन मैं अपने भाई को अस्पताल लेकर गया और वहां पर उसका चेकअप करवाने गया वहीं पर एक गणेश जी की मूर्ति थी और उसमें अखंड दीपक जल रहा था आपने बताया था कि जहां अखंड दीपक जलता है वहां देवता का जरूर वास होता है उस समय उस मंदिर का क्षण में कोई नहीं था मैं उस मंदिर कक्ष में जाकर बैठ गया और गुरु मंत्र का जाप करने लगा और भगवान गणेश से कहने लगा कि ए भगवान गणेश आप मुझे मृत्यु प्रदान करें और गुरु शक्ति से भी मैंने समा मांगी और कहा कि एक गुरुदेव में अब और सहन नहीं कर सकता मैं इस जीवन को समाप्त करने जा रहा हूं और मैं आज आपके पास आ रहा हूं और मुझे ऐसा एहसास हुआ की भगवान गणेश हाथी के रूप में आकर मेरे ऊपर पैर रखकर मेरी गलती को मार रहे हैं और मेरे अंदर की काम भावना को मार रहे हैं फिर मैं अपने भाई को लेकर चला गया और अपने भाई को घर छोड़ दिया और भा चला गया और मैंने अपने फोन से फोन किया और उससे बात करने के लिए बोला पर उसने मुझसे बात नहीं करी और रोने लगी कि मैं घर पर गया और उससे कहने लगा कि मुझसे बात कर मुझे देश से केवल एक और बार बात करनी है पर वह मुझसे बात करने के लिए तैयार नहीं थी तो मैंने उससे कहा कि मैं तुझसे केवल यह कहना आया था कि मैं अब जा रहा हूं और मेरी मौत का कारण मैं खुद हूं अपने आप को दोषी मत बहन इतना कहते ही वह मेरे सामने आकर खड़ी हो गई और रोने लगी और कहने लगी कि तुम मर जाओगे तो दुनिया मेरा ही लेगी फिर उसके सामने मैं रो गया और अपने गलती की माफी मांगने लगा पर दया रोते-रोते कहने लगे कि भाई मैंने आपको माफ कर दिया फिर आप क्यों बार-बार उस बात को लेकर बैठ जाते हो तब मैंने उससे कहा कि तू मेरे साथ कैसा व्यवहार कर रही है उससे ऐसा तो नहीं लग रहा मैंने तुझ से कह चुका हूं कि मुझसे गलती हो गई और मुझे माफ कर दे फिर उस बहन और मेरे भाई ने फोन करके अपनी मम्मी और मेरी मम्मी को बुलाया और मैंने उनको बताया कि मुझसे सोते वक्त गलती से हाथ लग गया और यह उस चीज को गलत ले जा रही हो और मुझ पर शक करती है मैंने सच इस मारे नहीं बताया कि यदि मैं सच बताऊंगा तो मेरी मम्मी फिर मेरी बहन का और मेरा मिलना बंद कर देगी पर उसने सब कुछ सच-सच बता दिया पर मैंने कहा कि तू गलत कह रही है बहन मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा और मुझे पता था कि उसे सब पता है उस दिन उसकी मम्मी और मेरी मम्मी ने एक ही मुझे समझाया और कहा कि कुछ गलतफहमियां हो जाती है क्योंकि उन्हें लग रहा था कि हां इन दोनों के बीच में गलतफहमियां हुए हैं तो उस दिन के बाद फिर अगले दिन मैंने उससे अकेले में मिलकर उस से माफी मांगी और कहा की बहन मैं अपनी गलती मानता हूं और मैं स्वीकार करता हूं कि हां मैंने तेरे साथ गलत करने की कोशिश की थी पर क्या मुझे एक बार और मौका नहीं मिल सकता मैं तुझसे चाहता हूं कि तू मुझे पहले की ही तरह भाई माने और जैसे पहले प्यार करती थी वैसे ही पहले की तरह प्यार करें यदि नहीं कर सकती तो तू मुझसे अभी कह दे मैं मान लूंगा कि हां इस गलती की कोई सजा नहीं है पर आप के बाद तुम मुझसे परायो की तरह व्यवहार नहीं करेगी और पहले भाई की तरह ही व्यवहार करेगी और मैं तुझे यह वचन देता हूं कि यह गलती दोबारा नहीं होगी और भाई के जो फर्ज होते हैं वह फर्ज में पूरे निभाऊंगा तो उसने कहा कि मैं आपको भाई की तरह ही रखूंगी पर आपने कल क्यों नहीं कहा तो मैंने उसे बताया कि बहन मैं अगर कल बता देता तो मेरी मम्मी तुझे यहां नहीं आने देती और पहले तो मै तुझे बहन कहता था पर अब बहन मानता हूं बस इसीलिए मैंने कल अपनी गलती स्वीकार नहीं करी और मैं तुझसे भी कह रहा हूं कि मुझे केवल अंतिम बार मौका और माफ कर दे फिर यह गलती दोबारा नहीं होगी और मैं यह पानी लेकर संकल्प लेता हूं कि मैं तुझे बहन ही मानूंगा और बहन के अलावा कुछ नहीं मानूंगा यदि ऐसा मैं द्वारा करता हूं तो ब्रह्मा मुझे नर्क में वह सजा दे और इस जीवन में वह सजा दे जो सबसे ज्यादा बड़ी हो फिर भी मेरी मम्मी ने उसकी मम्मी को बुलाकर उसको ले जाने के लिए बोल दिया पर मेरा दिमाग अपनी गलती के लिए मानसिक रूप से परेशान था पर उस दिन मैंने उसको एक व्यक्ति के साथ व्हाट्सएप पर बात करते हुए देख लिया था और उसके व्यक्ति ने हेलो लिखा और मेरी बहन ने उससे कहा कि अभी मम्मी है बाद में बात करूंगी और डिलीट कर दिया उस दिन मैंने उससे फोन लिया और अपनी लैपटॉप में व्हाट्सएप वेब स्कैन करके उसे दे दिया फिर मैंने देखा कि उसका व्हाट्सएप का जो अंतिम स्टेटस था वह सुबह 4:00 बजे का था तो अगले दिन में अपने लैपटॉप में whatsapp.web को ओपन करके बैठ गया और स्क्रीन रिकॉर्डिंग पर लगा दी मैंने देखा कि वह किसी लड़के से बात कर रही है और उससे प्रेम की बातें कर रही है पर वह लड़का उससे अश्लील बातें कर रहा है और गाली दे देकर बातें कर रहा था तो मैंने पर मैं अपनी गलती के प्रति इतना अपराध बोध था कि मैं अपनी बहन के प्रति बहन प्रेम के चक्कर में उसकी मम्मी को नहीं बताया और उसकी मम्मी से कहा कि यह लड़का कौन है जो आपके व्हाट्सएप पर है तो उसकी मम्मी ने बताया कि वह लड़का मेरी बहन की बुआ का लड़का है तो मैंने उसकी मम्मी से कहा की मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं कि आपके जब लड़की मेरे घर पर थी तब मैंने उसे उस नंबर पर बात करते देखा उस नंबर से हेलो लिख कर आया है और मेरी बहन ने उसे कहा कि अभी नहीं मम्मी है बाद में बात करूंगी और डिलीट कर दिया मैसेज क्योंकि मुझे बात सब पता थी पर मैं एक बार मौका देना चाहता था तो मैंने देखा फिर भी वह उस लड़के से बात कर रही थी और उस लड़के से कह रही थी कि मम्मी कह रही थी कि आप से बात ना करूं और आज बात नहीं होगी और मैं आपको बाबू लिख कर भेजूंगी तो ही आप बात करना और आप मुझे पहचान लेना और किसी से बात मत करना मैं आऊंगी तो आपको बाबू लिख कर भेजूंगी और मेरी बहन उसके मैसेज को भी हाथों-हाथ डिलीट करवा फिर जब मुझे पता लगा कि वह उसकी बुआ का लड़का है तब मुझ पर रुका नहीं गया और मैंने उसकी मम्मी को बुलाकर सब कुछ बता दिया और सब चैट उसकी दिखा दी वह चैट इतनी ज्यादा गंदी थी कि उसकी मम्मी को बताई भी नहीं जा रही थी पर मैं अपनी बहन को अपनी तरह मरते हुए नहीं देखना चाहता था क्योंकि मुझसे भी एक गलती हुई थी और उस गलती का पश्चाताप में मरते मरते बचा और उसकी मम्मी को मैंने सारी बात पूरी तरीके से सब कुछ मैंने बता दिया और उसकी मम्मी ने मुझे बताया कि जो तुमने व्हाट्सएप पर मैसेज लिख कर भेजा था वह भी मैंने और आपकी मम्मी ने देखा था गुरुजी मैंने व्हाट्सएप मैसेज में मैंने उससे माफी मांगी थी गुरुजी उसकी मम्मी ने उससे जाकर बात करी जब जाकर उसने मांगा कि हां जो बात मैंने बताई वह बात ठीक है उसकी मम्मी ने उसमें खूब डांट लगाई और उस लड़के ने भी वह लड़की और उसके जो बुआ का लड़का था उस लड़की की मम्मी ने उससे लड़के की मम्मी को सारी बात बताई है उस लड़के को भी खींचा और अपनी लड़की को भी खूब डांट मारी और कहा कि यदि आज के बाद उसके साथ बात करते या उसके पास बैठते हुए थे दिखाई दे तो जान से मार देंगे पर गुरु जी कुछ दिनों बाद उस लड़की की जो हुआ थी वह उन दोनों की बात करा रही थी तो मैंने उस लड़की की मम्मी को बताया कि जो मेरी बहन की गलती नहीं है उसकी बुआ की गलती है वह इन दोनों की बात करा रही है उसकी मम्मी ने उसकी बुआ को भी खूब तगड़ी डांट मारी पर गुरु जी उस लड़की को मैं अपनी सगी बहन से भी ज्यादा मानता हूं उसकी यह बात मैंने अपने घर में भी नहीं बताई जिसकी वजह से उसकी बदनामी हो पर उसकी मम्मी को मुझ पर पूरा भरोसा है इस वजह से उसकी मम्मी जी उस लड़की अर्थात मेरी बहन के बारे में सब कुछ बता दिया मेरी मम्मी को और मेरी मम्मी ने भी कहा कि इस लड़की को अब अच्छी तरीके से खींच दो पर गुरु जी मेरी बहन के लिए मेरा प्रेम खत्म नहीं हुआ मैं अभी भी अपनी बहन को प्रेम करता हूं और उसके इस गलती करने पर भी मुझे उस पर गुस्सा नही पर उस लड़के पर और उसकी बुआ पर मुझे इतना क्रोध आ रहा है कि मैं बता नहीं सकता कि मैं क्या कर जाता अगर वह मेरे सामने आ जाए तो पर गुरु जी अपनी इस बहन की गलती की वजह से मेरा स्त्री पर से भरोसा उठ गया था मुझे इस बात से दिक्कत नहीं है कि वह किसी को पसंद करती थी पर मुझे इस बात से दिक्कत है कि तो है उसी की बुआ का लड़का था यदि वह किसी अनजान व्यक्ति को पसंद करती तो मैं उसकी वह बात किसी को नहीं बताता पर वह अपनी बुआ के लड़के को पसंद करती थी इसी वजह से मेरा लड़कियों पर से भरोसा उठ गया था मेरे दिमाग में एक बात आने लगी की चाणक्य कहते थे कि इस दुनिया में सबसे गंदी ज्यादा जो चीज है वह स्त्री जात है पर मुझे क्या पता था कि यह बात भी गलत सिद्ध हो जाएगी कुछ समय के बाद तो गुरु जी आपने कुछ समय बाद अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो डाली जिसमें आप ने बताया कि गुप्त नवरात्रि चालू होने वाली है यदि आप उसमें यक्षिणी के साधना करते हैं तो आपको ज्यादा अनुभव और फल जल्दी प्राप्त होता है पर गुरु जी मैंने गुप्त नवरात्रि में साधना तो नहीं करी पर मैंने अपने घर के मंदिर के सामने जाकर पानी से यह संकल्प लिया कि वे यक्षिणी देवी मैं आपके मंत्र की 9 दिन तक जॉब करूंगा स्पीच आप मुझे ऐसा कोई एक अनुभव कराएं जो अलौकिक हो और इस भ्रम की दुनिया से पर्दा हटाए और मैंने अपने आकर्षण के लिए भी कुछ मांगा था गुरुजी और मैंने कहा था कि मैं आपके साधना नहीं कर रहा हूं और जल को गिरा दिया तो गुरुजी उसी दिन बारिश हो गई थी तो छत पर नहीं सो पाए तो हमारे घर में एक कमरा है मैं उस में आकर सो गया और आधी रात को मुझे बाथरूम लगा तो मैं बाथरूम करने ऊपर गया छत पर और बाथरूम कर कर जब मैं आया और पलंग पर सोने लगा तो मैंने सोचा कि क्यों ना अभी यक्षिणी का मंत्र का जाप करें मैं मंत्र का जाप करने लगा और मुझे एहसास हुआ कि कोई सीढ़ियों से चलता हुआ आ रहा है क्योंकि मुझे पायलों की आवाज भी साथ-साथ आ रही थी और गुरु जी मैंने अपनी आंखों को बार-बार मसला और होश में आने की कोशिश करें पर मुझे पायलों की आवाज बिल्कुल साफ साफ सुनाई दे रही थी और गुरु जी मुझे थोड़ा सा डर लगा और मैं पलंग पर सो गया और सोने का नाटक करने लगा पर मुझे अभी भी पायलों की बिल्कुल आवाज साफ साफ सुनाई दे रही थी उस दिन का अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा कि मैं नहीं कितनी बार अपने कानों को मारा और अपनी आंखों मैं से नींद को भगाया पर आवाज मुझे लगातार आ रही थी उस दिन मुझे अनुभव हुआ पारलौकिक दुनिया का और पता नहीं मुझे कब नींद आ गई और सुबह को मेरी आंख खुली मुझे पता ही नहीं चला गुरुजी उसके दूसरे दिन जब मैं रात को सोने गया तब मुझे अपने पास ऐसा अनुभव हुआ कि कोई मेरे पास खड़ा है और मुझे देख रहा है यह अनुभव मुझे उस दिन पूरी रात रहा उस रात जब मैं वॉशरूम करने गया तो मैंने यह भी महसूस कराती है जो भी चीज थी वह बाथरूम के बाहर है और जैसे ही मैं आया वह मेरे साथ साथ फिर से शक्ति महसूस होने लगी और गुरु तीसरे से दिन को ज्यादा अनुभव नहीं हुआ पर चौथे दिन मेरे घर में मेरे मम्मी पापा मेरे लिए लड़की देखने के लिए मेरे मामा के यहां गए वहां पर लड़की की मम्मी मुझसे पता नहीं क्यों नाराज सी थी पर लड़की का भाई और लड़की का पिता मुझसे खुश थे पर उसकी मम्मी की उसके घर में चलती है तो इस वजह से वहां से मना हो गई और जब मैं रात को खाना खाने बैठा तो मेरे भाई जो मामा के लड़के हैं उन्होंने मीट बनाया था उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि सावन का महीना चल रहा है तो मीट नहीं खाऊंगा पर पता नहीं फिर भी मैंने उसे चख लिया और मुझे ऐसा लगा कि जो मैंने संकल्प लिया था 9 दिन मंत्र जपने का वह टूट गया पर गुरु जी जब मैं किसी अन्य मंत्र का जाप करता हूं तो मुझे धन्य की कमी होने लगती है पर जब मैं फिर से गुरु मंत्र का जाप करने लगता हूं तो मुझे धन से सहूलियत सी महसूस होती है यह मैंने महसूस करा है उस चीज से मुझे महसूस होता है कि जब भी आप किसी छोटी शक्ति को सिद्ध करने की कोशिश करें तो उसे पूरे नियम और व्रत संकल्प के साथ ही प्रयास करें यदि आप उसे ऐसे ही सपना शुरू कर देंगे तो वह आपके जीवन में मंत्र शक्ति उथल-पुथल करने लगेगी उसके कुछ दिनों बाद गुरुजी जिस बहन के बारे में मैं बता रहा था उसकी एक सहेली है जिसको मैंने एक झलक देखा था और मैंने बिना बताए अपनी बहन से फोन में से उसके उस सहेली का नंबर ले लिया और उसको व्हाट्सएप पर मैसेज लिखा और बताया कि जो आपकी मित्र है वह मेरी बहन है और मैं उसका मामा का लड़का हूं और मैंने आपको जब से देखा है मैं आपको पसंद करने लगा हूं और ऐसे ही हमारी बात चलती रही पर उसने कहा कि हमारी बात नहीं चल सकती क्योंकि आपकी बहन को मैं अपनी बहन मानती हूं और आपकी बहन के जो भाई हैं वह मुझे बहन मानते हैं तो मैं आपसे मित्रता नहीं कर सकती आप भी उसी नाते आप भी मेरे भाई ही लगे उससे मैंने खूब दोस्ती करने की कोशिश करी पर उसने साफ-साफ इंकार कर दिया और मुझसे कहा कि आप मुझे ब्लॉक कर दें हम दोनों मित्र नहीं हो सकते भाई बहन तो हो सकते हैं गुरुजी उस लड़की ने मेरे यह भ्रम को तोड़ दिया कि चाणक्य द्वारा जो बात मैंने आपको बताई थी कि इस दुनिया में सबसे गंदी चीज स्त्री जात है वह बात गलत सिद्ध कर दी उस लड़की को देखकर लगता है कि हां लड़की को समझना इस दुनिया में किसी के बस की नहीं है एक तरफ वह लड़की है जिसे मैं बहन मानता हूं और उसने अपने सगे बुआ के लड़के के साथ ऐसा चक्कर चलाया था और एक वह लड़की है जो मेरे बहन की सहेली है जो मुझे अपना भाई मानती है और मेरे साथ मित्रता करने के लिए भी मना कर दी सही में इस संसार में लड़की को समझना नामुमकिन है और गुरु जी मैंने जो आपको बात बताई थी की मुझे ऐसा लगता है कि जो मेरा पिछला जन्म है वह श्री नारायण दत्त श्रीमाली जी का है पर यह बात मेरे मन से आती है और जिस दिन श्री नारायण दत्त श्रीमाली जी का देहांत हुआ था उसी सन और उसी दिन मेरा भी जन्म हुआ है पर गुरु जी मैंने अपने जीवन में इतने बड़े-बड़े पाप करे हैं कि मुझे लगता है ऐसा मुमकिन ही नहीं हो सकता कि जिस इंसान ने सभी के दुखों का हरण किया और इतना सातवीं के जीवन से और तंत्र को विज्ञान के पैमाने पर रखा जो कई तत्वों के विशेषज्ञ हैं और जो पुण्य आत्मा है उनका अगला जन्म में तो नहीं हो सकता बस मैं आपसे अपने मन की बात कह रहा हूं और मुझे ऐसा नहीं लगता कि डॉक्टर नारायण दत्त श्रीमाली जी का अगला जन्म में हो सकता हूं वह तो गुरु जी मैं आपके यूट्यूब चैनल के साथ और आपके साथ कई सालों से जुड़ा हुआ हूं तो यह तो मुझे निश्चय ही हो चुका है कि आत्मा कभी नहीं मरती और जन्म से जन्म लेती रहती है पर गुरु जी जब से यह घटना मेरे साथ हुई है तब से मैं अपनी गलती सुधारने के लिए और उसे खत्म करने के लिए गुरु मंत्र का लगातार जाप करता रहता हूं और मैंने आपको भी बताया था पहले के पत्रों में कि मैं गुरु मंत्र का जाप करने के लिए मजबूर हो गया हूं इस घटना की वजह से दो चीज तो ठीक हुई है गुरु जी कि मैंने गुरु मंत्र का जाप करना शुरू कर दिया और अपने अस्तित्व को खत्म कर दिया अपने हाथों से और आप पर मुझे पूर्ण भरोसा है गुरु जी आपने गुरु दीक्षा वीडियो में बताया था कि गुरु यह तो सब ही परम शब्द है और भगवान शिव ने भी कहा है कि गुरु से बड़ा न कोई यदि आपका गुरु आपके साथ है तो हर भगवान आपके साथ है यदि आपका गुरु आपसे नाराज है तो कोई भी देवता और कोई भी भगवान आपकी मदद नहीं कर सकता और यह वास्तविक बात है गुरु जी मैं आपको मानसिक रूप से आपकी पूजा के समय आपके चरणों को धोकर आपकी भक्ति करता हूं और गुरु जी इसी के बाद मुझे माता लक्ष्मी माता काली पर माता सरस्वती जी की आंख बंद करके झलक दिखाई देती है और वह मुझे मुस्कुराती हुई दिखाई देती हैं और ही साथ में साथ ऐसे बहुत सारे अनुभव हुए हैं देवी देवता और भगवान से संबंधित बस यह गुरु जी आपकी ही कृपा है और गुरु मंत्र की और गुरु शक्ति की जो मुझे ऐसे अनुभव हो रहे हैं जो इस भ्रम दुनिया को वास्तविक मेरे सामने ला रही है कि हम तो केवल कुछ समय के लिए ही यहां पर आए हैं बाकी तो आगे की भी यात्रा करनी है यह तो शुरुआत है गुरु जी बस में अपने जीवन में चाहता हूं कि मुझे ऐसी शक्ति प्राप्त हो जिसे हम सम्मोहन शक्ति कह सकते हैं जिसके द्वारा हम किसी भी व्यक्ति की बुरी आदतों जैसे शराब नशा को छुड़वा सके और उसकी मानसिक बीमारियों को भी ठीक कर सके जिससे मुझे जो धन प्राप्त हो उसे मैं संतो और मंदिरों की सेवा में लगा हूं और गुरु जी मैं एक ऐसी शक्ति का साधन यह चाहता हूं जो मुझे मां की तरह दिशा निर्धारित करें और मुझसे बात करें और मुझे मां की तरह ही प्यार करें जैसे एक गार्डियन होता है और गुरु जी मैं अपने देश के लिए कुछ करके जाना चाहता हूं तो इसी चीज को सोचते हुए मैंने आपको बताया कि यदि मुझे सम्मोहन शक्ति ऐसी प्राप्त हो जाए जिससे मैं किसी भी व्यक्ति के नशा शराब और उसके मानसिक बीमारी को दूर कर पाऊं तो इतना भी काफी है मेरे देश के लिए यदि मैं देश को शराब मुक्त और नशा मुक्त कर पाऊं यदि गुरु जी आपके पास कोई ऐसी साधना है जो मेरे इस काम को कर पाए तो आप कृपया करके मुझे जरूर बताएं गुरुजी मार्गदर्शन के लिए कहते हैं माता तारा से बढ़िया कोई नहीं हो सकता तो मैं सोच रहा था कि मैं माता तारा की साधना करूं और श्री नारायण दत्त श्रीमाली द्वारा सम्मोहन तांत्रिक विधि भी करो जिससे मुझे किसी भी व्यक्ति को सम्मोहन करके उसके अंदर जो कमी है वह पूरी कर सकूं और उसकी गंदी आदतों को दूर कर सकूं इसमें आपका क्या कहना है कृपया करके आप अपनी राय दें और गुरु जी जो सम्मोहन तांत्रिक विधि है वह भी मैं लिख कर भेज रहा हूं जो इस प्रकार हैसम्मोहन दो प्रकार का होता है, एक तो व्यक्ति सम्मोहन और दूसरा ‘समूह सम्मोहन’ सम्मोहन के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को अपने मन के अनुकूल बनाया जा सकता है, इस प्रकार का प्रयोग करने के बाद सामने वाले व्यक्ति को जो कुछ भी कहा जाता है वह उसी प्रकार से करता रहता है, उसकी सारी इच्छाए विचार और तर्क समाप्त हो जाते है, केवल उसका ध्येय सम्मोहनकर्त्ता के कथन का पालन करना रह जाता है। दूसरा सम्मोहन समूह-सम्मोहन’ होता है इसमे सर्वप्रथम स्वयं पर सम्मोहन करना होता है। फिर वह सम्मोहनकर्ता जहा तक दृष्टि डालता है उस दृष्टिपथ मे जितने भी लोग होते हैं वे सब सम्मोहित से रहते हैं, इस सम्मोहन के द्वारा विशाल भीड भी सम्मोहित की जा सकती है, और उस भीड़ से मनचाहा कार्य लिया जा सकता है, उस समय उस भीढ़ की इच्छा और तर्क समाप्त हो जाते हैं, केवल वह सम्मोहनकर्त्ता की इच्छाओ का दास बन जाती है, ऐसे समय में यदि कोई साधु या सन्यासी प्रवचन करता है। तो सामने चाहे हजारो, लाखो व्यक्ति बैठे हो, वे चुपचाप उस प्रवचन को सुनते रहते हैं चाहे वह प्रवचन नीरस हो, परन्तु उस भीद को वह प्रवचन अद्वितीय लगता है और वह भी यही चाहती है कि इस प्रकार बैठे रहे और सुनते रहे। उस समयउनकी सारं ज्ञानेन्द्रिया और कर्मेन्द्रिया उस सम्मोहनकर्त्ता के अनुकूल बन जाती हैं। तथा ऐसे समय वह जो भी आदेश या सलाह देता है भीड़ उस सलाह को मानने मे प्रसन्नता अनुभव करती है। आपने आगे समझाते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति को जन मानस पर अपना नियंत्रण स्थापित करना है, या जन मानस को अपने नियंत्रण में रखना है, या उसे अपना अनुयायी बनाना है तो इस प्रकार की साधना सर्वश्रेष्ठ रहती है, परन्तु इसमे इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि भीड को यह मालूम नही होने देना चाहिए कि आपने उस भीड़ पर सम्मोहन किया है। इसके बाद आपने इस साधना की क्रिया भी अपने शिष्य को समझाई थी, आपने बताया था कि इस प्रकार की साधना शुक्ल पक्ष की पंचमी से प्रारम्भ होती है और इसमे एक महीना लग जाता है। सर्वप्रथम पचमी को प्रात उठकर स्नानादि कर पीली धोती पहन लेनी चाहिए, इसके अलावा शरीर पर अन्य किसी भी प्रकार का वस्त्र नही होना चाहिए। सूर्योदय से पूर्व ही पूर्व दिशा की ओर किसी भी वट वृक्ष या आक के वृक्ष को निमंत्रित कर उसकी एक डाली तोडकर ले आनी चाहिए, यह डाली हरी होनी चाहिए। तत्पश्चात् सूर्योदय से पूर्व ही नदी तट पर जाकर कमर तक पानी मे खड़े होकर दायें हाथ में वह डाली से ले और दाहिने हाथ मे मूंगे की माला ले ले। इस माला मे चोपन मनके होने चाहिए, जो कि मूंगे के मनके होते है, मूंगा रत्न लाल रग का होता है। और ज्योतिष की दृष्टि से इसे मंगल का रत्न माना जाता है । इसके बाद निम्नलिखित मन्त्र की इक्कीस मालाए उसी जल में खड़े-खड़े अपनी चाहिए, खडे होते समय पानी कमर तक होना चाहिए और पूर्व की तरफ मुह करके खडा होना चाहिए। चौपन मंत्र जपने पर एक माला कही जाती है, यदि नदी नहीं हो तो तालाब मे या अपने घर मे पानी का कुण्ड बनाकर उसमे खड़े होकर भी यह माघना की जा सकती है, परन्तु इस बात का ध्यान रखें कि जब तक इक्कीस मालाए समाप्त न हो जाय तब तक किसी से भी बातचीत न करें और कितना ही जरूरी काम हो पानी के बाहर न निकले, इसके अलावा किसी की आवाज आने पर या प्रश्न पूछे जाने पर भी जवाब न दें, केवल मुह से स्फुटित रूप मे मत्र जप करते रहे। यह प्रयोग तीस दिन का होता है।