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साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 40

साधकों के प्रश्न और उत्तर बहुत जरूरी जानकारी 40

१. एक साधक है उन्होंने पूछा था की उनके जीवन में दुर्घटनाए  क्यों हो रही है ?

उत्तर:- देखिये दुर्घटनाए तो अप्रत्याशित चीज़े है|  ये किसी के भी जीवन में घटित हो सकती है| इसका कोई ये अर्थ नहीं है की आपका वो वर्ष ख़राब चला गया या बुरा चला गया | आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है आप गुरु दीक्षा ले लीजिये और साथ में गुरु मंत्र का जाप करते रहिये जिससे आपके ऊपर किसी भी बुरी शक्ति का कोई बुरा प्रभाव न पड़ सके |

२. अन्य ग्रंथो में कहा जाता है की मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए तो क्या ये सही है ?

उत्तर:- मूर्ति पूजा से सम्बंदित एक वीडियो पहले से बनी हुई है कैसे मूर्ति पूजा को लेकर दूसरे  धर्मो ने गलत अर्थ बना रखा है|  आप चैनल पर उस वीडियो को देख सकते है |

३. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या होती है ?

उत्तर:-  मासिक पंचांग यानी हिंदू कैलेंडर में एक महीने को 30 दिनों में बांटा गया है। इस 30 दिनों को दो-दो पक्षों में बांटा जाता है। जिसमें 15 दिन के  एक पक्ष को शुक्ल पक्ष कहते है और बाकी बचे 15 दिन को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। चंद्रमा की कलाओं के ज्यादा और कम होने को ही शुक्ल और कृष्ण पक्ष कहते हैं।

कृष्ण पक्ष
पूर्णिमा और अमावस्या के बीच वाले हिस्से को हम कृष्ण पक्ष कहते हैं। जिस दिन पूर्णिमा तिथि होती है उसके अगले दिन से कृष्ण पक्ष की शुरूआत हो जाती है, जो अमावस्या तिथि के आने तक 15 दिनों तक रहती है।

शुक्ल पक्ष
अमावस्या और पूर्णिमा के बीच वाले भाग को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। अमावस्या के बाद के 15 दिन को हम शुक्ल पक्ष कहते हैं। अमावस्या के अगले ही दिन से चन्द्रमा का आकर बढ़ना शुरू हो जाता है और अंधेरी रात चांद की रोशनी में चमकने लगती है। पूर्णिमा के दिन चांद बहुत बड़ा और रोशनी से भरा हुआ होता है। इस समय में चंद्रमा बलशाली होकर अपने पूरे आकार में रहता है यही कारण है कि कोई भी शुभ काम करने के लिए इस पक्ष को उपयुक्त और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

Source:- https://www.amarujala.com/

४.  64 कलाए क्या होती है ?

उत्तर :-  भगवन राम को १२ कला अवतार माना जाता है | भगवान् श्री कृष्ण को १६ कला सम्पन्न माना जाता है | भगवन नारायण पूर्ण रूपेण जो है वो ६४ कला के साथ पूर्ण माने जाते है | ६४ कलाए की विधियों को सीखना पूर्व काल में बहुत महत्पूर्ण माना जाता था | उस व्यक्ति को सम्पूर्ण मान लिया जाता था जो ६४ कला युक्त होता था |

अधिक जानकारी के लिए वीडियो को देखिये :-

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