Author: Dharam Rahasya

अभिमंत्रित जल, जल और तंत्र क्रिया, जल का तांत्रिक प्रयोग, जल ध्यान, तंत्र में जल का उपयोग

“तंत्र साधना में जल का रहस्य: गहरी जानकारी और वैज्ञानिक प्रमाण”

“तंत्र साधना में जल का रहस्य जानें! अभिमंत्रित जल के उपयोग, इसके तांत्रिक लाभ, चंद्रमा से जुड़ाव, और डॉ. मासारू इमोटो की वैज्ञानिक रिसर्च के रहस्यों को इस ब्लॉग में विस्तार से समझें। जानिए कैसे जल आपके जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक लाभ ला सकता है।”

"जानिए माता कमला की कथा, समुद्र मंथन से उनका प्राकट्य, तांत्रिक लक्ष्मी के रहस्य, साधना विधि, मंत्र और पूजन पद्धति। माता कमला की कृपा से आर्थिक तंगी दूर करें और समृद्धि प्राप्त करें।"

श्री कमला देवी कथा रहस्य और साधना

माता कमला, दस महाविद्याओं में अंतिम और महत्वपूर्ण स्वरूप मानी जाती हैं। ये देवी लक्ष्मी का तांत्रिक रूप हैं और समृद्धि, सौभाग्य, और भौतिक-आध्यात्मिक उन्नति की अधिष्ठात्री देवी हैं। समुद्र मंथन से प्रकट होकर उन्होंने भगवान विष्णु को पति रूप में वरण किया। माता कमला की साधना से आर्थिक तंगी समाप्त होती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। उनकी उपासना शुक्रवार, दीपावली और पूर्णिमा के दिन अत्यंत फलदायी होती है। साधना के लिए विशेष मंत्र, पूजा विधि, और भजन से माता की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

MPDRST कंबल वितरण और भण्डारा कार्यक्रम

अमरावती में मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट का आयोजन: कंबल वितरण और भंडारा कार्यक्रम

अमरावती जिले में मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व जिलाध्यक्ष सचिन भैया ने किया, जिसमें ठंड से बचाव हेतु कंबल वितरण और लोगों के लिए भोजन भंडारा का आयोजन किया गया।

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 5 अंतिम भाग

जाह्नवी अप्सरा की कथा एक साधक, एक वृद्ध स्त्री, और एक वृद्ध पुरुष के चारों ओर घूमती है। साधक की साधना, मगरमच्छों का आक्रमण, और गंगा माता का अद्भुत चमत्कार – यह कथा केवल रहस्यमयी नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक भी है।

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 4

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 4

इस भाग में अग्निदेव की परीक्षा अपने चरम पर पहुँचती है। बैल का हमला, साधक का संघर्ष, और गंगा नदी में मगरमच्छ से सामना – ये सब मिलकर एक अद्भुत रहस्यमयी कथा का निर्माण करते हैं। जानिए कैसे साधक ने अपनी परीक्षा को पार करने का प्रयास किया और माता गंगा के आशीर्वाद से किस तरह चमत्कार घटित हुआ।

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 3

अग्निदेव, जो कि एक तांत्रिक साधक थे, अचानक एक वैद्य से मिलते हैं। लेकिन रात के अंधेरे में वैद्य का स्वरूप बदल जाता है और वह एक स्त्री के रूप में प्रकट होता है। उसकी हंसी भयावह और कानों को चीर देने वाली थी।

क्या यह माया थी?
क्यों अग्निदेव इस मायाजाल को समझ नहीं पाए?

इस रहस्य का खुलासा जल्द ही होता है जब वह स्त्री कहती है: “अरे मूर्ख, मैं वही हूं जो वैद्य और कन्या दोनों बनी।”

जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 2

we continue the enchanting story of Apsara Jhanvi and the tantric Agnidev. Drawn by her celestial beauty, Agnidev attempts to bind Jhanvi using his tantric powers. However, Jhanvi warns him of dire consequences if his intentions remain impure. The story unfolds amidst moonlit rivers, enchanted forests, and a chilling underwater trial where Agnidev faces his ultimate test. A tale of love, ambition, and divine retribution, this episode explores the boundaries of devotion and desire, leaving viewers spellbound with its mystical allure.

भूत विद्या तंत्र और आयुर्वेद का रहस्यमय विज्ञान Bhut Vidya Explained

भूत विद्या: आयुर्वेद और तंत्र विद्या का रहस्यमय विज्ञान Bhut Vidya Explained

क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद और तंत्र में भूत विद्या का क्या महत्व है? इस वीडियो में जानिए आत्मा, भूत, और तंत्र विद्या का गूढ़ रहस्य। भूत बनने के कारण, भगवान शिव के भूतगण और सामान्य भूतों में अंतर, और तंत्र में भूत सिद्धि की प्रक्रिया व खतरे को विस्तार से समझें। इसके अलावा, 24 तत्वों की गहराई और मृत्यु के बाद आत्मा के स्वरूप को भी जानें।

माता त्रिपुर भैरवी का रहस्य

माता त्रिपुर भैरवी जयंती: एक दिव्य तांत्रिक पर्व

माता त्रिपुर भैरवी जयंती हर वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मनाई जाएगी, जो दस महाविद्याओं में छठी मानी जाती हैं। देवी का स्वरूप तंत्र साधना और अध्यात्म में अद्वितीय है। उनकी उपासना भय, शत्रु और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती है। त्रिपुरासुर वध कथा में उनकी भूमिका सृष्टि के संतुलन को बनाए रखने की शक्ति को दर्शाती है। उनके उग्र और सौम्य रूप साधकों को भक्ति और मुक्ति प्रदान करते हैं। रात्रिकालीन साधना में लाल वस्त्र, चंदन, और दीपक का उपयोग अत्यंत शुभ माना गया है।

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