जाह्नवी अप्सरा की कहानी भाग 1
जाह्नवी अप्सरा और गंगा: रहस्यमयी कथा नमस्कार दोस्तों, धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत
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इस वीडियो-पोस्ट में दीपावली की रात में माता कालिका की तांत्रिक साधना और शाबर रक्षा मंत्र के अनुष्ठान की गहन जानकारी दी गई है। जानिए कैसे इस साधना से साधक एक वर्ष तक बुरी शक्तियों से सुरक्षित रह सकता है और एक ही रात में मंत्र को जागृत कर सकता है।
सिद्ध लक्ष्मी योगिनी, जो माता लक्ष्मी का ही एक रूप हैं, तंत्र साधना में एक विशेष स्थान रखती हैं। दीपावली की रात्रि में उनकी साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है, जिससे साधक को धन, वैभव, और सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो भौतिक और आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं। साधना के दौरान पीले वस्त्र और स्वर्ण आभूषणों से सजी देवी का चित्र या मूर्ति स्थापित करना चाहिए। मंत्र जाप और लक्ष्मी कवच का पाठ आवश्यक है। यह साधना शत्रुओं का नाश करती है और जीवन में आने वाली बाधाओं को समाप्त करती है।
श्मशान सुंदरी यक्षिणी साधना तंत्र साधना की एक अत्यंत दुर्लभ और शक्तिशाली विधा है, जिसे अघोरी और तांत्रिक साधक ही करते हैं। यह साधना विशेष रूप से श्मशान भूमि में की जाती है, जहाँ साधक यक्षिणी को प्रसन्न कर धन, सौंदर्य, समृद्धि, और अन्य इच्छाओं की पूर्ति करता है। साधना के लिए शारीरिक और मानसिक शुद्धता, संयम, ब्रह्मचर्य, और गुरु के निर्देशन की आवश्यकता होती है। मंत्र जाप और अनुष्ठान के दौरान साधक को भूत-प्रेत आत्माओं का सामना करना पड़ता है। साधना सफल होने पर यक्षिणी साधक को आशीर्वाद देती हैं और उसकी इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।
पितृ दोष से जूझ रहे एक परिवार की सच्ची कहानी, जिसमें दुर्गा सप्तशती के पाठ और तांत्रिक साधना के माध्यम से आत्मा की मुक्ति पाई गई। जानें कैसे पितृ दोष से उत्पन्न समस्याओं का समाधान किया गया और देवी दुर्गा की कृपा से परिवार में सुख-शांति लौटी।