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पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्मा अशांत होती है। इसका कारण श्राद्ध, तर्पण, और पिंडदान की कमी या अनैतिक कर्म हो सकता है। पितृ दोष के प्रभावों में संतान प्राप्ति में बाधा, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं, परिवार में कलह, और अकाल मृत्यु शामिल हैं। इसके निवारण के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, हवन, और पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, दान और सात्विक जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए कुंडली का विश्लेषण कर उचित उपाय करना आवश्यक है।

पितृ दोष कारण लक्षण साधना और रहस्य

पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्मा अशांत होती है। इसका कारण श्राद्ध, तर्पण, और पिंडदान की कमी या अनैतिक कर्म हो सकता है। पितृ दोष के प्रभावों में संतान प्राप्ति में बाधा, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं, परिवार में कलह, और अकाल मृत्यु शामिल हैं। इसके निवारण के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण, महामृत्युंजय मंत्र का जाप, हवन, और पीपल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। साथ ही, दान और सात्विक जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए कुंडली का विश्लेषण कर उचित उपाय करना आवश्यक है।

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