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यह कथा एक राजकुमार की है, जो अनुरागीनी नामक यक्षिणी के प्रेम में पड़ जाता है और उसे प्राप्त करने के लिए तांत्रिक के कहने पर माता त्रिपुर भैरवी की कठिन तपस्या करता है। माता त्रिपुर भैरवी प्रसन्न होकर राजकुमार को दिव्य शक्तियां देती हैं, जिससे वह तांत्रिक से युद्ध करता है। हालांकि, तांत्रिक अनुरागीनी को यक्षलोक भेज देता है।

अनुरागिनी यक्षिणी की प्रेम कहानी भाग 5 अंतिम भाग

यह कथा एक राजकुमार की है, जो अनुरागीनी नामक यक्षिणी के प्रेम में पड़ जाता है और उसे प्राप्त करने के लिए तांत्रिक के कहने पर माता त्रिपुर भैरवी की कठिन तपस्या करता है। माता त्रिपुर भैरवी प्रसन्न होकर राजकुमार को दिव्य शक्तियां देती हैं, जिससे वह तांत्रिक से युद्ध करता है। हालांकि, तांत्रिक अनुरागीनी को यक्षलोक भेज देता है। अंततः, माता त्रिपुर भैरवी प्रकट होकर राजकुमार को बताती हैं कि वह अनुरागीनी को इस जीवन में नहीं, बल्कि अगले जन्म में प्राप्त करेगा। यह कहानी मिर्जापुर के एक प्राचीन मंदिर से जुड़ी है।

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