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अक्षय तृतीया कथा,दान,धन साधना

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अक्षय तृतीया कथा,दान,धन साधना

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। आप एक शुभ अवसर जिसे हम अक्षय तृतीया के नाम से जानते हैं, आने वाला है। आखिर अक्षय तृतीया से जुड़ी हुई कहानियां क्या है? अक्षय तृतीया पर किन चीजों का हम लोग दान करें, जिससे हमारे भंडार भरे रहें और अक्षय तृतीया के माध्यम से हम कौन सी साधना करके अपने जीवन में रुपए कैसे धनराशि और संपत्ति को प्राप्त कर पाएंगे। आज की इस वीडियो के माध्यम से समझेंगे तो चलिए शुरू करते हैं। इस साल 2024 में 10 मई को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। यह माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करने से बहुत सारे लाभ देखने को मिलते हैं। इससे जुड़ी हुई कई सारी कहानियां भी। और तथ्य है जिससे पता चलता है कि यह तिथि इतनी ज्यादा महत्व शाली क्यों मानी जाती है।

कहते हैं। भगवान शिव ने कुबेर को धन का अधिपति होने का आशीर्वाद दिया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस बात का उल्लेख मिलता है कि एक बार जब सोने की लंका में कुबेर जी रहा करते थे तब उन्हीं के भाई रावण ने जबरदस्ती बल के अभिमान में सोने की लंका छीन ली थी। कुबेर जी भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। इसलिए उन्होंने कई वर्षों तक भगवान शिव की आराधना की। तब भगवान शिव ने साक्षात दर्शन देते हुए उनके सामने आकर कहा कि किसी के लंका छीन लेने से तुम्हारी संपत्ति कम नहीं पड़ेगी इसलिए मैं! तुम्हें स्वर्ग के धन का अधिपति होने और इस संसार में धन का सबसे बड़ा देवता होने का आशीर्वाद देता हूं। सारा धन तुम्ही संभालो क्योंकि यह दिन अक्षय तृतीया का था। इसीलिए इस दिन को बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया पर कुबेर जी की पूजा करने से अक्षय लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। इसी तरह अक्षय तृतीया पर ही। एक और कथा मिलती है कि

उस दिन सूर्य देवता ने पांडवों के सबसे बड़े भ्राता और कुरु वंश के राजा जो युधिष्ठिर बने थे, उनको उस वक्त अक्षय पात्र दिया था जब उसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता उन्हें थी। महाभारत के अरण्य पर्व के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सूर्य भगवान ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था। अक्षय पात्र का अर्थ होता है एक ऐसा बर्तन जिसमें अन्न कोई भी कभी भी खत्म ही नहीं होता है। कहते हैं वनवास के दौरान उनके जीवन में बहुत सारे अभाव थे तो द्रोपदी अक्षय पात्र के कारण ही पांडवों सहित सभी को भोजन करवाया करती थी। यहां तक कि साधु संत जब समागम उनका होता था तब भी सभी लोगों को भोजन कराने की जिम्मेदारी। कुंती सहित द्रौपदी की थी तब इस पात्र का अन्न खत्म नहीं होता था। इसी कारण से वह सब को भोजन करवा लेते थे।

कहते हैं नर और नारायण ने इसी दिन जीव को अर्थात मनुष्य जाति को तपस्या करने की महत्ता के विषय में बताया था। नर और नारायण यह लोग समस्त भौतिक जीवन के प्रलोभन को छोड़कर हिमालय में तपस्या करने चले गए। नर नारायण ने प्रसिद्ध बद्रिकाश्रम बद्रीवन जिसेर कहा जाता है और आज का बद्रीनाथ और केदारनाथ दोनों जगह तपस्या की थी। इसी बद्रीनाथ में जब वह तपस्या कर रहे थे तब कहते बर्फ का एक टुकड़ा भी टूट कर इन के ऊपर गिरने लगा था। तब माता लक्ष्मी ने दोनों को बचाने के लिए पेड़ का एक रूप लिया था जो कि बेर का पेड़ था। इसीलिए बेर की पूजा भी बहुत लाभप्रद मानी जाती है और तपस्या के द्वारा हर समस्या का हल किया जा सकता है। अक्षय तृतीया पर एक और कथा मिलती है कि

इसी? पृथ्वी के गर्भ से सोना निकला था। यह माना जाता है कि पृथ्वी के गर्भ से इसी दिन अक्षय तृतीया को सोना पैदा हुआ था या निकाला गया था। इसीलिए सोने को अक्षय माना जाता है। आज तक सभी पदार्थ बन चुके हैं, लेकिन सोने को प्राकृतिक रूप से ही बनते हुए हम देखते हैं। इसी कारण यह अभी तक इतना महंगा और मूल्यवान धातु मानी जाती है। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन लोग सोना खरीदना सौभाग्य का प्रतीक मानते हैं। इससे लक्ष्मी की कृपा मिलती है। इसी प्रकार अक्षय तृतीया के दिन

भगवान परशुराम का भी जन्म हुआ था। परशुराम जी त्रेता युग में एक ब्राह्मण ऋषि के घर में पैदा हुए थे। महाभारत और विष्णु पुराण में भी परशुराम जी का मूल नाम राम ही मिलता है। भगवान शिव ने उन्हें परशुराम का एक भयानक अस्त्र प्रदान किया था। परशु वाले राम अर्थात परशुराम इनका नाम पड़ गया और अक्षय तृतीया के कारण ही परशुराम चिरंजीवी हैं। उनकी आयु अक्षय अर्थात वह मृत्यु को प्राप्त नहीं होते हैं और चिरंजीवी होने के कारण या चिरंजीवी तिथि होने के कारण भी अक्षय तृतीया को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। इतने कारणों की वजह से इन कथाओं के कारण हम समझ सकते हैं कि अक्षय तृतीया बहुत ही शुभ होता है जब कोई साधना कोई विशेष प्रकार का दान करने से किस विषय प्रकार की क्रियाओं करने से बहुत ज्यादा आप लाभ और पुण्य आपको प्राप्त है कि आप कैसे क्या करें। इस दिन जिससे आपको लाभ की प्राप्ति हो तो अगर माता लक्ष्मी की कृपा चाहते हैं तो इस दिन सोना या चांदी को खरीदना चाहिए। इसके अलावा जो लोग सोना चांदी नहीं खरीद सकते, उन्हें कौड़ी भी खरीदनी चाहिए। कहते हैं इसी दिन गजकेसरी योग बन रहा है। इस योग के कारण भी कई तरह के आपके द्वारा की गई पूजा, दान व्रत और विभिन्न प्रकार के शुभ कर्म बहुत ज्यादा आपको श्रेष्ठ जीवन दिला सकते हैं। इस दिन आप अगर दान पुण्य करते हैं, यह सोना खरीदते हैं और कहते हैं। क्योंकि तिथि और भी ज्यादा इसलिए पवित्र मानी जाती की क्योंकि माता गंगा और माता अन्नपूर्णा का भी अवतरण त्रेता युग में इसी तिथि को माना जाता है।

इसके अलावा महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना भी इसी दिन शुरू की थी। किसी को अगर कार्य आरंभ करना है। गृह प्रवेश करना है। नया कारोबार शुरू करना है। वाहन खरीदना है तो यह स्वयं सिद्ध मुहूर्त होता है। इसके लिए आपको किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार हर प्रकार से यह शुभ समय है। जब आप जीवन में बहुत सारे शुभ कार्य कर सकते हैं। अब यह प्रश्न आता है कि अक्षय तृतीया पर क्या चीजों का दान करें जिससे जीवन की सभी समस्याएं नष्ट हो जाए। धन-धान्य की वृद्धि हो और आपको जीवन में शुभता प्राप्त हो तो मांगलिक कार्यों के लिए और विभिन्न प्रकार के शुभ कर्म करने के लिए यह दिन बहुत ही उत्तम है। अक्षय तृतीया पर कुछ विशेष प्रकार के कार्य आप कर सकते हैं।

इसमें अगर आप अक्षय तृतीया के दिन बिस्तर का दान करते हैं तो कहते हैं आपके जीवन में खुशियां आती हैं। इसके अलावा आपके पित्र प्रसन्न होते हैं बिस्तर का दांन। पारिवारिक जीवन में सुख समृद्धि देवी देवताओं का आशीर्वाद आपको प्राप्त होता है।

इसी दिन अगर आप वस्त्र का दान करते हैं तो जिन भी लोगों को जरूरत हो, उनको वस्तुओं का दान करते हैं तो अक्षय तृतीया के दिन आपके इस कार्य से आपके जीवन के रोग या बीमारी दूर होते हैं। स्वास्थ्य में बहुत अच्छे बदलाव आपको देखने को मिलेंगे। बिस्तर का दान करने से आपकी आपको क़र्ज़ से भी मुक्ति मिल सकती है। इसलिए बिस्तर का दान इस दिन करना शुभ माना जाता है।

इस दिन आप चंदन का दान कर सकते हैं। अगर आप अपने आप को दुर्घटनाओं से बचाना चाहते हैं तो चंदन का दान अक्षय तृतीया के दिन करना चाहिए। इसके साथ ही चंदन का दान करने से आपके जीवन में विपरीत परिस्थिति पैदा नहीं होती है। आपके बिगड़े कार्य भी बनने लगते हैं और किसी भी काम में आपके रुकावट नहीं आती है। किसी दिन कुमकुम का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। कुमकुम को प्रेम श्रृंगार विश्वास का प्रतीक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन कुमकुम का दान करने से पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है। पैसों से जुड़ी की परेशानियों से आपको मुक्ति मिलती है। कुमकुम का दान से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां भी आप दूर कर सकते हैं।

इसके अलावा अक्षय तृतीया पर जल का दान करते हैं तो भी आपको बहुत पुण्य प्राप्त होता है क्योंकि यह समय गर्मी का होता है। इसीलिए आप जल का दान कर सकते हैं और जो लोग भी ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं। हमारे वह किसी विशेष स्थान पर ठंडे जल की व्यवस्था करके लोगों को पानी पिलाएं तो यह पुण्य का काम भी होगा और ट्रस्ट के माध्यम से आपको प्रसिद्धि भी मिल सकती है। इसलिए इस दिन इस सबसे सरल काम को अवश्य कीजिए और आपके पास अगर चंदन है तो आने जाने वालों को चंदन का तिलक लगाएं या कुमकुम का तिलक लगाएं और फिर उन्हें पानी पिलाएं। इससे आपको विशेष तरह की प्रसिद्धि मिलेगी और इससे आपके जीवन में जो भी चंद्रमा से जुड़ी हुई समस्याएं हैं या जीवन में अस्थिरता है असंतुलन की स्थिति बनी हुई है या फिर पारिवारिक या आर्थिक रूप से समस्याएं ऊपर नीचे होती रहती है तो उनके लिए जल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मानसिक शांति आपको प्रदान करने वाला यह दिन माना जाता है। इसलिए जल का दान बहुत उत्तम माना जाता है।

इसके अलावा अपने अपने गुरु को आप इस दिन अवश्य ही प्रसिद्ध कोई भी चीज का दान आप कर सकते हैं, जिसमें आप दक्षिणा दे सकते हैं। इस दिन आप गुरु दीक्षा भी ले सकते हैं। इसके अलावा आप यह विशेष दिन पर गुरु को समर्पित कर सकते हैं। कुछ धनराशि जिसकी वजह से आपको उससे कई गुना वापस मिलता है क्योंकि इस दिन कहते हैं जो भी चीज दी जाती है। वह पलट कर कई गुना होकर आपको वापस मिलती है। इसीलिए यह दिन अक्षय तृतीया का विशेष रूप से शुभ फलदायक माना जाता है। इसके अलावा जैसे कि मैंने अभी आपसे बताया था कि इस दिन कुबेर जी को धन का अधिपति होने का आशीर्वाद मिला था और माता लक्ष्मी का भी पदार्पण नर नारायण के समय में हुआ था। इस दिन एक विशेष साधना भी की जा सकती है। इस साधना को करके आपके जीवन में आर्थिक परेशानियों को दूर किया जा सकता है। इस साधना को हम कुबेर जी की साधना कहते हैं। कुबेर जी की इस गोपनीय साधना को करके आप विशेष लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। इस साधना का विवरण मैंने अपनी इंस्टामोजो स्टोर पर उपलब्ध करवा दिया है।

आप इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में जाकर के लिंक पर क्लिक करके इस साधना को इंस्टामोजो से खरीद सकते हैं और इस साधना को करके कुबेर भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं जिनके जीवन में भी धन संबंधी परेशानियां ज्यादा है। उनको यह साधना करके वर्ष भर कुबेर जी का आशीर्वाद मिलता रहता है और इससे आपके जीवन में जो आर्थिक संकट आ रहे हैं, उनको भी दूर किया जा सकता है तो जो लोग भी है, साधना करना चाहते हैं। आप यह साधना पीडीएफ के रूप में खरीद कर उसका विधि विधान से कर सकते हैं और कुछ ज्यादा कठिन नहीं है। हां समय थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन फिर भी इस साधना को शुभ दिन पर करने से विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जैसे कि मैंने बताया कि अक्षय तृतीया का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान शिव ने कुबेर को धन का अधिपति बनाया था। इसी दिन सूर्य देवता ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र दिया था। इसी दिन नर और नारायण ने तपस्या करना मानव को सिखाया था। इसी दिन पृथ्वी से पहली बार सोना निकला था। यही दिन है जिस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, इसी दिन गंगा माता, अन्नपूर्णा माँ का पदार्पण हुआ था और इसी दिन बहुत सारे ऐसे कार्य जैसे महाभारत लिखने की रचना इत्यादि कई सारे कार्य हो चुके हैं। इसीलिए इसको अक्षय यानी ना समाप्त होने वाली तृतीया तिथि के रूप में जानते हैं।

यह था वीडियो अक्षय तृतीया के विषय में अगर यह वीडियो आप लोगों को पसंद आए तो लाइक करें। शेयर करें तो आप सभी का दिन मंगलमय हो जय माता पराशक्ति।

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