नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। भैरवी साधना बहुप्रतीक्षित कि आज मैं आप लोगों के लिए वही अष्ट चक्र भैरवी साधना लेकर उपस्थित हुआ हूं। यह साधना आप लोग जानते ही हैं कि मैंने स्वयं की है इसमें सिद्धि भी मैंने प्राप्त की और यह साधना में शक्तियों से मेरा संपर्क स्थापित हुआ। वह सारे के सारे अनुभव मैंने पहले के वीडियोस में बता दिए हैं। आप चाहे तो लिंक दिया हुआ है कि यहां से क्लिक करके भी आप जा सकते हैं-
और पुराने अनुभवों को जान सकते हैं। कि किस प्रकार से इस साधना में मेरे को क्या क्या अनुभव हुए थे? इसे बहुत महत्वपूर्ण था। भैरवी से बातचीत होना और उसके बाद उनकी संपूर्ण सिद्धि हो जाना। लगभग सारी ही जानकारी इसके संबंध में दे चुका हूं और दे दे रहा हूं। लेकिन जहां तक साधना की बात थी, उसकी जानकारी मैंने नहीं दी थी तो आज मैं उसी के बारे में आप लोगों को बता रहा हूं।
साधना के लिए नीचे मैंने पीडीएफ का लिंक दिया हुआ है। वहां से जा करके आप इस साधना को खरीद सकते हैं। थोड़ा इसका जो धनराशि है, अधिक रखी गई है। उसका कारण यह है क्योंकि यह मेरे द्वारा जागृत सिद्धि है। और जो भी अनुभव मैंने बताएंगे वह सारे सत्य है। यह सब जो साधना है, यह पूरी तरह से परीक्षित है की गई है।
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भैरवी या भैरव? भय शब्द से बने हुए हैं इसलिए भय से तो आप का सामना होता ही है। लेकिन किस वजह से डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कहते हैं जिसने भैरव या भैरवी को सिद्ध कर लिया? उसकी जिंदगी से भय ही समाप्त हो जाता है। फिर उसे किसी चीज से डर लगना ही बंद हो जाता है।
लेकिन जब तक वह सिद्ध नहीं होते तब तक आपको। भय का सामना आपके जीवन में होता ही रहता है।
इस साधना में जिसका लिख बने नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में दिया वहां से क्लिक करके आप! इंस्टामोजो में पहुंचेंगे और वहीं से आपकी साधना को खरीद सकते हैं।-
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तीसरा और अंतिम चरण। पहले दो चरणों में आपको मैंने स्पष्ट रूप से बता दिया था कि पहले चरण में आपको अष्ट भैरवी और अष्ट भैरव इनकी साधना करनी होती है। उसका पीडीएफ़ भी आपको इंस्टामोजो में मिल जाएगा।
अष्ट भैरवी साधना इन्स्टामोजो लिंक
दूसरा चरण था आज तक चक्कर भैरवी के यंत्र का निर्माण करना। उसका लिंक भी आपको वही मेरे इंस्टामोजो में मिल जाएगा।
अष्ट चक्र भैरवी यन्त्र इन्स्टामोजो लिंक
दोनों प्रक्रिया कर लेने के बाद में आप के तीसरे चरण में प्रवेश साधना के लिए आप तैयार होते हैं सामने बाजोट के ऊपर। लाल वस्त्र बिछा ले उसके ऊपर ही आपको वही सिद्ध किया हुआ। भैरवी यंत्र रखना है। उसी के आगे आपको दीपक जलाना है। और आपको साधना करनी है।
इस साधना में आप जिस भी स्थान पर यह करने वाले हैं, स्पष्ट रूप से आप ए बात समझ लीजिए। कि वह स्थान एकांत होना चाहिए। साधना के दौरान आपको कोई डिस्टर्ब ना करें। दूसरी महत्वपूर्ण बात है।
साधना के दौरान आपको कोई देखे भी नहीं तो इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यही है कि अगर आप अपने घर में साधना कर रहे हैं। तो फिर आप अलग एक कमरा ले लीजिए। और जब तक साधना चलती है उस कमरे में किसी और व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रखिए। वहां की साफ-सफाई झाड़ू लगाना, पोछा लगाना यह सब कार्य को करना है। जहां तक हो सके इस साधना के दौरान लोगों से कम बातचीत करें।
ब्रह्मचर्य का पूरा पालन करेंगे। हालांकि पहले भी बता चुका हूं कि भैरवी साधना ही एक ऐसी साधना है जिसमें ब्रह्मचर्य के नष्ट होने से भी आगे के समय में सिद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि वह बढ़ती ही है।
लेकिन साधना के दौरान अगर आपका एक बार भी वीर्य निकल आता है। तो आपकी साधना बंद हो जाती है। इसलिए! और यह साधना के नियम सभी साधनाओ ऊपर लागू है जो भी आप तांत्रिक साधना करते हैं। याद रखिए सपने में भी आप का वीर्य स्खलित नहीं होना चाहिए।
साधना के बाद आपको इसमें छूट है पूरी तरह से यहां तक कि इस साधना में। आपको?
चेरी अप्सराएँ हैं वह सभी प्रकार के सुख प्रदान करते हैं।
कई हजारों की संख्या में भैरवी के नीचे चेरी अप्सराएं होती हैं। यह अप्सराएँ है जो कि आपका पहले शुरुआत में कार्य करती हैं ये सेविका शक्तियां भी स्वता ही प्राप्त होती हैं ।
सिद्धि की प्राप्ति के बाद भी आप किसी को भी इसके बारे में नहीं बताएंगे। लोगों का काम करेंगे। लेकिन आप किसी को कुछ भी नहीं बताएंगे कि मेरे पास यह स्थिति है। यह अच्छा नहीं माना जाता है और इससे शक्तियां नाराज होती दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण बात है। वह यह है कि? साधना का ज्ञान आप किसी और व्यक्ति को कभी नहीं देंगे। केवल दो ही तरह से भैरवी की सिद्धि का ज्ञान आप दे सकते हैं पहला आप स्वता ही किसी के गुरु बने हो? उस शिष्य ने आप को स्वीकार किया हो।
प्रत्यक्ष रूप से अप्रत्यक्ष रूप से पूरी तरह से आप को गुरु माना हो। तभी आप उसको दे सकते हैं।
दूसरा पॉइंट है के आप? भैरवी से पूछ कर के भी किसी को भी यह साधना दे सकते हैं। भैरवी अगर आज्ञा दे देती है तो आप इस स्थिति मे किसी को भी दे सकते हैं।
लेकिन इन दोनों के अतिरिक्त! किसी भी प्रकार से अगर आपने यह साधना किसी को यूं ही दे दी। तो फिर वह भैरवी नाराज हो जाती हैं ऐसी अवस्था में आपके ऊपर शारीरिक या मानसिक संकट तीव्रता के साथ आ जाएगा। और जिसको दिया है उसके ऊपर भी संकट आ जाता है।
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अन्य जानकारी के लिए नीचे का विडियो देखे –