नमस्कार दोस्तों आपका एक बार फिर से धर्म रहस्य में स्वागत है आज मैं आप लोगों के लिए कामना पूरक साधना ले कर रहा आया हूं l कामनाओं की पूर्ति के लिए इस साधना को बहुत ही अच्छा माना जाता है l पुराने समय में यह बहुत बात प्रचलित रही है कि इस मंत्र की सिद्धि जिसे हो जाती है उसकी निश्चित रूप से हर मनोकामना पूरी होती है। अगर लंबे समय तक जाप किया जाए तो उसको सिद्धि भी प्राप्ति हो सकती है ।बहुत ताकतवर वह व्यक्ति होता चला जाता है ।
यह एक शाबर मंत्र है , शाबर मंत्र के लिए कहा जाता है कि साल में एक बार अवश्य मंत्रों को आवश्यक रूप से जगा देना चाहिए, यानी इन मंत्रों को जीवित करना पड़ता है । ये आवश्यक हैं इसलिए ग्रहण काल में साबर मंत्र नष्ट होने लगते हैं तो इसलिए उसी ग्रहण काल में पढकर दोबारा जगाना होता है यानी कि एक ही दिन की साधना से कोई भी साबर मंत्र फिर से जाग जाता है। तो जब भी कभी ग्रहण काल पड़ता है तो आपने कोई भी साबर मंत्र की साधना की है तो यानि पहले 1 साल के अंदर की हो तो आप ग्रहण काल में फिर से जो भी उसका विधि विधान हो उसके अनुरूप सिद्ध कर सकते हैं ।
ग्रहण काल में अगर आप उसको जपते हैं और हवन कर लेते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है इससे आपके मंत्र की सिद्धि हमेशा के लिए बनी रहती हैं । शाबर मंत्रों में कभी कभी ऐसा नहीं नजर आता है कि उसकी सिद्धि हो गयी है लेकिन आपने पूर्ण विधि विधान, जितना दिया गया, उतना आपने कर लिया तो निश्चित रूप से यह मान लीजिए कि आपका मंत्र सिद्ध हो गया है ।अब उस मंत्र से कितनी शक्तियां प्राप्त कर सकते हैं यहां आप पर निर्भर करता है । निश्चित रुप से यह सत्य है कि आपने किसी मंत्र के सिद्धि की और उसमें कोई रुकावट नहीं आई है तो वह मंत्र निश्चित रूप से आपके लिए सिद्ध हो जाता है ।
खास तौर से यह बात शाबर मंत्र के लिए विशेष तौर पर कहीं जाती है तो यहां मैं आपके लिए भैरव जी से संबंधित एक साधना लेकर आया हूं, भैरव जी की साधना तो कई तरीके से की जाती और इसके बहुत तरीके प्रचलित है पर कामना पुरख भैरव जी की साधना है और अगर इस मेे आप साधना करेंगे तो आपके काम तो बनेंगे उसके साथ अगर आपने इस मंत्र से भैरव जी की साधना एक साल तक कर दी तो आपको साक्षात भैरव जी के दर्शन भी हो सकते हैं यह एक शावर मंत्र है और इसका अनुष्ठान भी अन्य भैरव पूजा के समान किए जाते हैं ।
सबसे पहले आप जान लीजिए कि इनका शाबर मंत्र किस प्रकार है तो मंत्र इस प्रकार है –
ॐ नमो भैरोनाथ काली का पुत्र हाजिर होके तुम मेरा कारज करो तुरंत कमर बिराज मस्तंगा लंगोट घुंघरु माल हाथ बिराज डमरु खप्पर त्रिशुल मस्तक बिराज तिलक सिन्दुर ,शीश बिराज जटाजुट गल बिराज नोद जनैऊ, ॐ नमो भैरुनाथ काली का पुत्र हाजिर होके ! तुम मेरा कारज करो तुंरत, नित उठ उठ करो आदेश आदेश।। )
यह मंत्र है इस मंत्र का अनुष्ठान भी जिस प्रकार भैरव जी के आने मंत्रों की उपासना की जाती है उसी तरह से करेंगे लेकिन साधना के लिए आपको एक काले कुत्ते का चयन करेंगे काले कुत्ते का मतलब उसकी शरीर पर एक भी बाल सफेद ना हो वह बच्चा ही क्यों ना हो, छोटा कुत्ता हो पिल्ला हो, लेकिन उसके शरीर पर एक भी बाल सफेद रंग का नहीं होना चाहिए। आपको इसके लिए एकदम काला कुत्ता चाहिए ।
उस कुत्ते को ले लीजिये और उसको पालन पोषण भी करना चाहिए क्योंकि इससे आपको भेरुजी के विशेष कृपा प्राप्त होती है जो भी भैरव साधना करना चाहता हैं जो भी भेरुजी की साधना करते हैं उनके लिए काला कुत्ता वरदान सवरूप होता है और निश्चित रूप से उनकेे दुर्भाग्य को नष्ट करने वाला होता है ।अगर कोई बड़ी मुसीबत आने वाली होती है तो कुत्ता उसे अपने ऊपर ले लेता है और उस कत्ते की मौत हो जाती है यह वास्तविक बात है इसे मैं जानता हूं और अपने जीवन में अनुभव किया है ।
अगर आप काले कुत्ते को पालते हैं और भैरव उपासना भी करते हैं तो आपको उपर आने वाली हर विपत्ति अपने ऊपर ले लेगा और उसकी ही मौत होगी आपसे पहले अपनी जिदँगी को आपके लिए स्वाहा कर देगा। तो यह बात निश्चित रूप से सच हैं । वैसे अनुष्ठान 21 दिन का है और अगर आप इनका अनुष्ठान की साधना एक वर्ष तक करते हैं तो आपको निश्चित रूप से भेरुजी के साक्षात दर्शन भी कर सकते हैं भेरुजी आपके साथ रहने लगेंगे जैसे एक मित्र रहता है वैसे ही वह आपके साथ रहने लगेंगे ।
इसमे भैरव विषयक जितने भी नियम है जो कि मैंने पहली के साधना में बताएं हैं किस प्रकार भेरुजी की साधना और उपासना की जाती है उसी प्रकार करना है और यह साधना आप किसी भी शनिवार से शुरु कर सकते हैं। भेरुजी की आप पँचोपचार पूजा करेंगे और भोग मैं गुड और तेल का शिरा और दही बड़े, मांस, शराब निम्न चीजें रख देे। प्रतिदिन आपको तीन माला इस मंत्र का जाप करना है , रोज आपको यह मालाएं करनी है तीन माला जाप करके यह सब चीजें उनको भोग के रूप में उनके सामने रखनी और जापान्त यानी जाप के अंत में सारी सामग्री काले कुत्ते को खिला देना है ।
इसलिए मैंने कहा था कि काले कुत्ते की आवश्यकता होगी पूरा काला कुत्ता तो आपके पास होना ही चाहिए। उसको आप खिला देंगे तो एक प्रकार से उनका वाहन होने केे कारण उनके पास पहुुुच जाएगा प्रतीकात्मक रुप मे । तो इस के प्रयोग से भैरव जी की कृपा से आपके सारे बिगड़े काम बनने लगते हैं और अगर आपकी कोई विशेष कामना है तो वह कामना में सफलता मिलती है । साधक पर सदैव भेरुजी की कृपा बनी रहती है ।
इसमेे आपको काले कंबल का आसन और काले कपड़े पहनने होते हैं रात्रि के समय में 9:00 बजे के बाद आप इनकी साधना कर सकते हैं अगर किसी भैरव मंदिर में करेंगे तो बहुत ही उत्तम बात होगी ।अगर कोई भैरव मंदिर ना हो तो किसी एकांत स्थान में जो आपके लिए उचित हो करे , आप घर में साधना करना चाहते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रहे कि जिस कमरे में आप साधना कर रहे हैं जब तक आपकी साधना चले, उस कमरे में कोई न आने पाएं ।साधना करने के बाद आप कम से कम 15 मिनट का ध्यान अवश्य करें साधना जाप के बाद आपको बैठकर 15 मिनट तक भैरव जी का ध्यान करना है ।
बिल्कुल एकाग्र चित होकर पद्मासन के मुद्रा में बैठकर ध्यान करें इसमें एक खास बात है कि अगर आप इस साधना में महामणियो की माला का उपयोग करेंगे तो बहुत ज्यादा आपको फायदा होगा और बहुत ही जल्दी आपको सिद्धि भी मिल जाएगी ।पूरी तरह कोशिश करें कि महा शंख के मणियों की माला उपयोग में हो, लेकिन अगर नहीं मिल पाती है तो आप रुद्राक्ष की माला का प्रयोग कर सकते हैं या फिर काले हकीक माला का भी प्रयोग कर सकते हैं सबसे अच्छा बताया जाता है कि आप महा शंख की मणियों की माला का ही उपयोग करें तो आपको निश्चित रूप से इसमें आपको सिद्धि मिलती है तो यही कामना पूरक भैरव साधना है धन्यवाद ।