काली माता सिद्धि तांत्रिक से खीचकर मेरे पास आयी यह गहरा राज भाग 2
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज से हम लोग प्रतिदिन एक नया विचार भी प्रस्तुत करेंगे ताकि लोग प्रत्येक दिन की शुरुआत अच्छे से कर सके तो आज का जो मेरा विचार है, वह यह है कि अपनी सोच बदलो। मनोविज्ञान का एक नियम है कि अगर आप अपने दिमाग में उस बात की छवि बना लेते हैं जो आप बनना चाहते हैं और फिर उस छवि को काफी देर तक वहां कायम रखते हैं तो आप जल्द ही वैसे ही बन जाएंगे, जैसा कि आपने सोचा था।
आज का इस विचार के बाद शुरू करते हैं अपने आज के इस अनुभव के विषय में। जैसे कि पिछली बार हमारी इस।
सत्य घटना में हमने जाना कि एक व्यक्ति दुकान के अंदर चला जाता है। जैसे ही वह दुकान के अंदर पहुंचता है वहां पर उसे ऐसा महसूस होता है जैसे कि कोई उसकी ओर ध्यान दे ही नहीं रहा है। यह बात सुनने में अचरज भरी लगेगी। लेकिन यह बात पूरी तरह अप्रत्याशित थी जो उस दिन जो घटित हो रहा था, किसी साधारण व्यक्ति की समझ से पूरी तरह परे था। उस व्यक्ति की बात को धारण करते हुए उस ड्राइवर ने उस दुकान में 2 किलो मिठाई एक डब्बे में रखकर और बड़े ही आराम के साथ बिना पैसे दिए हुए वापस आ गया। और जैसे ही सबने।
गाड़ी का दरवाजा बंद किया। ड्राइवर जोर जोर से हंसने लगा।
उसकी हंसी सुनकर बाकी लोग भी हंसने लगे। और वह तांत्रिक कहने लगा देखा। मैंने कहा था ना? कि मैं यह कार्य करने में पूरी तरह सक्षम हूं। सिर्फ एक मुर्गे की बलि देने मात्र से मेरा काम सिद्ध हो जाता है। मसान लोगों के दिमाग पर हावी हो जाता है। रात का समय हो तो यह कार्य इतनी ज्यादा अच्छी तरह होता है कि हम ढोल और नगाड़े भी बजाएं तो भी कुछ भी पता नहीं चलेगा। सभी को उसकी बात पर यकीन हो चुका था। इसलिए जिस प्रधान स्त्री ने इन सब को बुलाया था, सभी लोग उस स्थान पर पहुंचे।
जब वहां पहुंचे जैसे ही गाड़ी से उतरे गांव के काफी लोग वहां पर आ गए। जैसे कि सभी इसी बात का इंतजार कर रहे हो कि कौन और कब यहां पर आएगा? शायद किसी ने मुखबरी कर दी है।
ऐसा गांव क्षेत्रों में अधिकतर होता है क्योंकि लोगों में एक कोतूहल हमेशा बना रहता है।
इसी वजह से लोग लगभग गांव में घटने वाली किसी भी तरह की कोई भी घटना को देखने के लिए अवश्य ही पहुंच जाते हैं। गांव में कोई बात छुपाना बहुत टेढ़ी खीर होती है। अंदर ले जाकर प्रधान स्त्री ने कहा। कि आप लोग आए हैं तो मैं आपका पूरा सहयोग करूंगी। शर्त यही है आप सभी को 20% दिया जाएगा और बाकी सारा हम रखेंगे। तब थोड़ी इस बात पर। कई लोगों की बहस भी हुई। कि 20% केवल देना कहां तक उचित है? 50% सभी लोगों में बांटा जाए और 50% आप रखें।
तब वह कहने लगी, ठीक है रात के समय हम लोग यह कार्य करेंगे। आप लोग आराम कीजिए तब सारे लोग उस प्रधान स्त्री के पास उसके घर में रहकर आराम करने लगे। रात का समय हो रहा था। कि तभी! साधक के पिता ने कहा, मुझे कुछ अच्छा आभास नहीं हो रहा है।
मैंने आपसे कहा था कि यहां पर? सभी लोग शुद्ध रहे पर मुझे ऐसा महसूस नहीं हो रहा है। तब प्रधान स्त्री ने कहा था, मैं क्या करूं, मेरे रिश्तेदार आए हैं और उन्होंने बकरे का मीट बनाया है। मैंने उनसे मना किया था। लेकिन वह नहीं माने। तब साधक के पिता ने कहा, यह तो अच्छा नहीं है। दूषित घर में ऐसे शुभ कार्य फलित नहीं होते हैं। आप सबको तो आज के दिन उपवास रखना चाहिए था।
तभी। सभी लोग किसी प्रकार। इस बात के लिए राजी हुए कि चलो कोई बात नहीं, एक दिन और रुका जाए और इस प्रकार 1 दिन व्यतीत हो गया। अगले दिन रात्रि के समय इसे करने का समय निर्धारित हुआ था। तब सभी लोग अपनी गाड़ी से। प्रधान के घर से कुछ ही दूरी पर एक स्थान है जहां पर कभी अंग्रेजों की कोठी थी। वहां पर गए और सभी इंतजार करने लगे। गाड़ी को झाड़ियों में खड़ा किया गया था ताकि लोगों की नजर उस पर ना पड़े। ऐसी चीजों के लिए लोग अपना काम बने या ना बने दूसरे का बिगाड़ जरूर देते हैं। और ऐसा हुआ भी लेकिन यहां पर जब रात्रि का समय हुआ। तब? मसान तांत्रिक को कहा गया कि तुम यहां पर इस गांव में मसान डाल दो ताकि कोई भी व्यक्ति यहां पर ना आये । तब उसने कहा, मुझे इतने पैसे दो? तो मैं मुर्गा यहां पर काटकर चढ़ा देता हूं। तब इस गांव क्षेत्र से कोई भी व्यक्ति यहां पर नहीं आएगा।
तब ऐसा हुआ कि रात्रि का समय था। और इधर! साधक अपने घर में सो रहा था। जो उसने स्वप्न में देखा रात का 1:00 बज रहा था तो उसने फोन करके अपने पिता से बातचीत की। तब उसने कहा कि आप जिस जगह पर खुदाई करने जा रहे हैं उसके संकेत मुझे यहां तक आ गए हैं। आपको मैं एक बात बताना चाहता हूं। यह धन एक! अंग्रेज औरत का है। जो कि अपने कुछ अंग्रेज साथियों के साथ इस स्थान में अभी भी आत्मा के रूप में वास कर रही है।
इतनी जल्दी आप लोगों को धन नहीं देने वाली। और? स्पष्ट संकेत आए हैं। एक! बिल्कुल गोरे रंग की निर्वस्त्र स्त्री वहां बंदूक लिए हुए। निर्वस्त्र अंग्रेज सिपाही लोगों को।
देखते हुए नजर आ रही है। जो कि आदेश दे रही है कि किसी भी प्रकार से इस धन को कोई ना ले जा सके। यह एक वैश्या जैसी है। इसने कई लोगों से धन इकट्ठा करके अपनी जिंदगी में कमाया था और धन को प्राप्त करने के लिए किसी को प्रसन्न करने के लिए यह अपने।
पति के जैसे उसे बना लेती थी। और वह उन सब के साथ शारीरिक संबंध के द्वारा उन्हें अपने वश में कर लेती थी।
गोरी और सुंदर स्त्री यहां के पुरुषों के दिमाग में सदैव हावी रहती थी। इसी कारण से वह! अपना शरीर प्रस्तुत करके किसी भी राजा या जमीदार को अपने वश में करके उसका धन प्राप्त कर लेती थी। इसी प्रकार उसके पास बहुत अधिक मात्रा में धन हो गया था।
जहां से कोठी की दीवार शुरू होती है उसी की दक्षिण और पश्चिम दिशा की ओर धन का होना। साधक के पिता ने निश्चित किया। लेकिन जैसे ही वहां खुदाई की बात शुरू हुई अचानक से बहुत ही तेज वर्षा वहां पर शुरू हो गई। और फिर सभी लोग कमरों के अंदर भाग गए।
बारिश इतनी तेज थी कि? वहां पर रुकना ही कठिन हो गया था।
धीरे धीरे सुबह का इंतजार हो रहा था। लेकिन? समस्या और ज्यादा बढ़ गई। थोड़ी देर बाद देखते हैं वहां पर बहुत सारे ग्रामीण लोग आ गए हैं। लेकिन यह कैसे हुआ? तो सभी ने मसान डालने वाले तांत्रिक से कहा, तुम्हारा तो मसान काम ही नहीं किया है। यह क्या है? तो वह कहने लगा। मैंने तो गांव पर मसान डाला था। कोई भी व्यक्ति यहां नहीं आ सकता था।
और सभी सो जाते। किसी को कुछ भी पता नहीं चलता। यह सब क्या हुआ है?
खैर सभी लोगों ने यह निर्णय लिया कि अब यहां से जाना ही उचित है। क्योंकि? इतनी बड़ी लोगों की संख्या के बीच में यह कार्य होना संभव ही नहीं है।
तो सभी ने अपनी कार ले ली। और वापस अपने घर की ओर कार में बैठ कर चल दिए।
जब साधक और उनके पिता की कार वापस आई। तब साधक के पिता।
जब गैराज में अपनी गाड़ी खड़ी कर रहे थे तब साधक कमरे से बाहर निकल कर आया और अपने पिता से कुछ वार्तालाप किया। और पूछा वहां क्या-क्या हुआ? तो उन्होंने जो जो घटित हुआ था वह सारी बातें बताएं।
तब साधक ने कहा, मुझे कुछ नकारात्मक महसूस हो रहा है।
आप? ऐसा लगता है जैसे कोई नकारात्मक शक्ति अपने साथ लेकर आ गए हैं।
कि तभी साधक की नजर गाड़ी के टायरों में पड़ी। देखा तो टायरों में बड़ी-बड़ी 12 कीले।
ठोकी गई थी।
तब साधक ने कहा। देखिए, यह क्या हुआ है?
कोई भी जगह हो एक आध गाड़ी के टायर में लग सकती है लेकिन 12 कीलें।
किस प्रकार से साधक के गाड़ी के टायरों में लगेंगे? यह तो संभव ही नहीं है। निश्चित रूप से किसी ने जानबूझकर टायरों में कीलें ठोक दी थी। ताकि जब यह लोग वापस जाएं तो इनकी गाड़ी पंचर हो जाए और फिर हम इन्हें लूट लेंगे।
लेकिन आखिर ऐसा क्यों नहीं हुआ क्योंकि ज्यादातर यह लोग नहीं जानते थे कि?
इस गाड़ी के टायर ट्यूबलेस है। इसी कारण से।
गाड़ी के हवा निकलने का स्थान नहीं बना। और वह गाड़ी घर तक वापस चली आई।
लेकिन अब उसका असर सामने दिख रहा था टायर पंक्चर हो चुका था। इसे अब ठीक कराना आवश्यक था। इसके साथ ही उन सारे लोग और वह मसान डालने वाला तांत्रिक भी।
उन सभी के साथ वहां पर आया हुआ था।
साधक के पिता ने कहा इनका! रात्रि में कहीं छोड़ ना उपयुक्त नहीं था। इसीलिए मैं अपने घर लेकर आ गया हूं। और जल्दी ही हम किसी निश्चित योजना के तहत कहीं विशेष स्थान पर जाएंगे या फिर अगर वह प्रधान स्त्री बुलाती है तो वहां पर भी हम लोग जाएंगे। साधक इन सभी को देख रहा था और लगता था कि कुछ ना कुछ गलत ही हो रहा है।
आखिर क्या घटित हुआ अद्भुत और आश्चर्य सहित? उस घर में। जानेंगे हम लोग अगले भाग में। अगर यह जानकारी और सत्य घटना आपको पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।