नमस्कार दोस्तो धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है आज मैं आप लोगों को बताऊंगा कि भगवान राम ने ताड़का का वध करते समय किस शक्ति का प्रयोग किया था। वह कौन सी शक्ति थी जिसकी वजह से वह ताड़का जैसी राक्षसी का वध कर पाए थे ।रामकथा के अनुसार श्री राम लक्ष्मण के साथ अपने गुरु विश्वामित्र के आश्रम में शिक्षा प्राप्त के लिए गए थे ।
उस समय गुरु आश्रम वन खंडो मे हुआ करते थे नगरों से दूर बने होते थे ।उस समय राक्षसो का आतंक फैला हुआ था ।इस बात को समझ कर ब्रहम ऋषि विश्वामित्र ने दशरथ से श्री राम को मांगा था, क्योंकि वह जानते थे कि राम स्वयं भगवान विष्णु का अवतार है और राक्षसों का वध करने के लिए ही प्रकट हुए हैं ।अगर मैं अपने तंत्र शक्तियाँ इन्हे प्रदान करूं और इनके अस्त्र शस्त्र में भर दू तो वह असुरो विनाश कर देंगे । जो हमें यज्ञ नहीं करने देते हैं ।उस समय ताड़का नाम की राक्षसी बहुत ही शक्तिशाली थी उसे कोई भी हरा नहीं पाता था ।
वन में जाने वाले लोगों को मारकर खा जाती थी इसलिए ऋषि विश्वामित्र ने राम को शस्त्र का ज्ञान प्रदान किया, परंतु ताड़का केवल शक्ति अस्त्र से ही मर सकती थी इसलिए विश्वामित्र ने राम को उस गोपनीय मंत्र को सिद्ध करने के लिए कहा। इस प्रकार जब श्री राम ताड़कवन में गए तब उन्होंने ताड़का पर कई अस्त्र शस्त्र का प्रयोग किया पर उस पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा तब उन्होंने सिद्ध किया हुआ शक्ति अस्त्र का प्रयोग किया ।
तब जाकर ताड़का को वह शक्ति लगी और उसकी मृत्यु हुई इस प्रकार उसका अंत हुआ था । आज मैं आप लोगों को वही विधि बताने जा रहा हूं किस मंत्र के द्वारा श्री राम ने ताड़का का वध किया था इसकी विधि इस प्रकार से हैं –
मँत्रः शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके। घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
अर्थ- हे देवी आप मेरी शूल से रक्षा करें अंबिका देवी आप मेरी खड़क से मेरी रक्षा करें तथा घंटा की ध्वनि और टंकार से भी हमारी रक्षा करें सभी प्रकार से आप मेरी रक्षा सुरक्षा करें। यह मंत्र 21 हजार बार जाप करने पर सिद्ध हो जाता है और किसी भी विकट परिस्थिति मैं रक्षा करता है । दुष्ट शक्तियों का नाश करता है यह देवी तंत्र मे सिद्ध मंत्रों की उच्च श्रेणी में आता है ।इसे जान सामान्य सिद्ध करके लाभ उठाएं और अपनी रक्षा सुरक्षा करें हर प्रकार की शक्तियों से । अगर आपको यह साधना पसंद आई हो तो धन्यवाद।।