नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज जो अनुभव हम लेने जा रहे हैं, यह कुल देवता से संबंधित है। आखिर क्यों कुलदेवता नाराज हो जाते हैं और नाराज होकर क्या क्या परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। आज के वीडियो के माध्यम से हम लोग जानेंगे। एक अनुभव के रूप में तो चलिए शुरू करते हैं।
पत्र – गुरुजी मेरा नाम रंजीत है। मैं मध्य प्रदेश के कटनी जिले से आता हूं। गुरुजी बात उस समय की है जब वर्षा ऋतु की अमावस्या थी। गुरु जी मेरे पापा जी की दुकान है और मेरे पापा को खेती करने का भी बहुत शौक है। मेरे पापा ने अपने मोहल्ले के एक!
ब्राह्मण जो रहते हैं उनका खेत बोने के लिए लिया था वर्षा ऋतु की अमावस्या के दूसरे दिन।
पड़वा होती है और उस दिन की बात ही है। मैं पापा खाद लेने के लिए मार्केट गए हुए थे। हमारे गांव से यह मार्केट 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बात करीब 8:00 से 9:00 बजे सुबह की है। मेरी मां और मेरी दादी घर पर ही थे। जिस समय यह घटना घटी उस समय मेरी मां किचन में सफाई कर रही थी। मेरे पड़ोस की एक महिला आई और उन्होंने माँ से कहा कि चलो नहाने चलते हैं नदी पर। इतना कहकर वह अपने घर चली गई। मेरी मां किचन में सफाई करते करते उन्हें अचानक से कमर में दर्द होने लगा जैसे किसी ने डंडा मार दिया हो। ऐसा मेरी मां को दर्द हुआ और मेरी मां दर्द के मारे रोने लगी और वह भी जोर जोर से वह कभी रोती तो कभी हंसने लगती।
मेरी दादी को मम्मी की हालत देखकर दादी को डर लगने लगा और मेरी दादी ने मोहल्ले के कुछ झाड़-फूंक करने वाले। वहां के दो-तीन लोगों को बुलाकर अपने घर में ले आई। उन्होंने अपने मंत्रों से मेरी मां को ठीक करने की काफी कोशिश की। पर जितना मंत्र पढ़ते थे, मेरी मां उतना ही ज्यादा हंसने लगती थी और फिर रोने लगती थी। आस-पड़ोस के सभी लोग हमारे घर में इकट्ठा होने लग गए। सभी डरे हुए थे। इसी तरह की हालात को देखकर झाड़-फूंक करने वालों ने हमारी मां को ठीक नहीं किया और उस दौरान मेरे पापा घर में नहीं थे। एक पड़ोसी ने मेरे पापा को फोन किया कि तुम्हारी! वाइफ की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। उस समय बारिश हो रही थी। बहुत ही ज्यादा पानी गिरना हुआ था और वह लगातार चल रहा था। मैं मेरे पापा घर आए तब पापा ने मां की हालत को देखकर, उनके भी रोंगटे खड़े हो गए। मेरी मम्मी को कोई ऊपरी हवा का चक्कर लग गया था गुरुजी!
इस प्रकार से यह घटना हमारे लिए एक संकट बन गई थी। उसके बाद मैं और मेरे पापा घर आए तो मेरी मां की तबीयत बहुत ही खराब अवस्था में थी। यहां पर बहुत लोग थे जो हमारे घर पर थे। फिर भी मेरे पापा दूसरे गांव से तांत्रिक लाने के लिए छोटे भाई को भेजें। मेरा! भाई उस तांत्रिक को लेकर आया। अपनी गाड़ी से, तांत्रिक ने मेरी मां से कहा, कौन हो तुम और मेरी मम्मी कभी हँसती तो कभी रोती थी। उसने अपनी शक्तियों को बुलाकर मां का पानी उतारा। फिर मम्मी कुछ देर बाद ठीक हुई। सब लोग अपने अपने घर चले गए। उस दिन फिर मेरी मम्मी जो है, वह ठीक ही थी।
कुछ दिनों बाद मेरी मम्मी का पैर में दर्द होने लगा। दूसरे दिन वह बताती थी कि उनके पैर में किसी व्यक्ति ने जैसे उनके पैरों में आग लगा दी हो। इस तरह का दर्द उन्हें होता था। फिर जब दूसरी रात आई तो मम्मी को अचानक से फिर से दर्द होने लगा। कभी रात में 2:00 बजे कभी 1:00 बजे। फिर मेरे पापा ही पानी उतारा किया करते थे और इसके बाद वह ठीक हो जाती थी। फिर जैसे रात आती, फिर वही किस्सा होता, पैर दर्द होता और वह रोने लगती। फिर हमने डॉक्टरों को दिखाना शुरू कर दिया। बहुत से बड़े डॉक्टरों को हमने दिखाया पर वहां से कोई भी आराम नहीं मिला।
मम्मी की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही थी। इसकी वजह से वह रोटी तक नहीं बना पाती थी। रोटी बनाने के लिए पड़ोस की लड़की आती थी। जो दवाइयां ले रही थी उनका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा था मेरी मम्मी पर । फिर हमारे मोहल्ले में एक काली मां के भक्त हैं, उन पर मां काली की सवारी आती है। हम मम्मी को वहां लेकर के गए उन्होंने जहां पर वह चौकी लगाते थे, उनको बैठाया और कहा कि यह ठीक हो जाएंगी। 9 दिन जल डाल मेरे स्थान पर ऐसा उन्होंने कहा। उन्होंने कहा, मां काली ने कहा है ऐसा और मेरी पूजा कर! और माता को सूअर की बलि देने की बात उन्होंने कही।
फिर वहां दूसरे दिन वह जल डालने गई। 9 दिन तक मम्मी ने मां काली के उस स्थान पर जल डाला और मां की हालत सुधरती चली गई। अब चलने फिरने लगी थी। 1 महीने तक वह ठीक रहीं फिर 1 महीने बाद अमावस्या के दिन। फिर से उनकी तबीयत खराब होने लगी और पूर्णता उनमें वह समस्या फिर बनने लगी। हम एक और तांत्रिक को दिखाएं। वह घर आया और घर बनाने के लिए बंधन करने लगा और उसके लिए उसने सामान मंगाया। उन्होंने अपनी विद्याओं से मां के ऊपर कुछ प्रयोग किए घर का बंधन किया पर मां पर इसका कोई असर नहीं हुआ। मां की हालत वैसी ही रही। फिर तांत्रिक बोला, मेरे बस की बात नहीं है आप किसी और को दिखाइए।
गुरुजी मां की दवाई को लेने के लिए मैं बाइक से जाता और मेरी भी तबीयत खराब हो जाती। मेरी तबीयत उसी ने खराब कि जिस ने मां की कि थी। मेरे भी पैरों में दर्द होने लगा था। 15 दिन तक तो ठीक रहता फिर 15 दिन अचानक तबीयत खराब हो जाती थी। जैसे ही अमावस्या आती और पूर्णिमा आती, मेरी तबीयत और मेरी मां की तबीयत भी खराब हो जाती थी। मेरे बड़े पापा पर मां दुर्गा की सवारी आती है। वह भभूत देते हैं तो ठीक हो जाते थे। फिर वैसे ही हालात बने रहे हमारे गांव में, यानी कि हमारे गांव में मां शीतला मसानी जिन्हें मरही देवी कहते हैं। उनके मंदिर पर पापा ने मेरे लिए सूअर की बलि दे दी और मेरी तबीयत ठीक हो गई। पर फिर मां की तबीयत में कोई सुधार नहीं आया।
हमारे अपने पड़ोसी गांव से एक तांत्रिक बुलाया गया जो अघोरी शक्तियों को पूजता था। जब वह घर आया तो उसने मां को देखा और कहा कि इस पर किसी ने तंत्र प्रयोग किया है। फिर उसने भी अपना प्रयोग किया और अपनी शक्तियों से हमारे घर का बंधन किया पर कोई असर नहीं हुआ। फिर मैंने यूट्यूब पर एक चैनल देखा, जिसमें मां दुर्गा के निर्वाण मंत्र की साधना दी हुई थी। मैंने उस प्रयोग को 21 दिन तक किया। जब मेरा अनुष्ठान चलने लगा तो जितने दिन चला उतने दिन मां की तबीयत ठीक रही और बुरी शक्ति जो सपने में क्या आ कर कहती थी, मैं तुझे नहीं छोडूंगी। तू जाप बंद कर ।
इस दौरान मैं अपना अनुष्ठान पूरा करने में लगा हुआ था और मैं तब तक ठीक भी हो गया। मैं भी 21 दिन तक बिल्कुल ठीक रहा। मां की तबीयत बिगड़ गई फिर जब! हमारे 21 दिन पूरे हुए तो ।हमारे चाचा ने एक तांत्रिक को बताया कि मां शीतला के भगत उन्हें घर लेकर आए फिर उन्होंने माता शीतला के द्वारा। हमारे घर का बंधन किया गुरु जी हमें अपने देवताओं के बारे में कुछ भी पता नहीं था। हमारे देवताओं का स्थान दूसरे गांव में है वह तांत्रिक आया और मां शीतला का भजन गाया गृह बंधन किया तो मां ठीक लगी। उसने 6 महीने के लिए गृह बंधन किया था।
वह एक प्रसिद्ध सिद्ध तांत्रिक जिसे 6 महीने हुए, उसके बाद मां की फिर तबीयत खराब हो गई। गुरु जी हमारे घर में जो भी तांत्रिक आता वह कहता है। यह तो मां दुर्गा भगवती की कृपा से बचे हुए हो वरना तुम्हारे घर में बहुत कुछ हो जाता। यह एक मारण प्रयोग है तुम्हारे घर पर लोग मां दुर्गा को बहुत पूजा करते हैं मां जगदंबा के कारण से तुम बचे हुए हो । गुरुजी वह तांत्रिक लालची हो गया था। वह फिर पैसे मांगने लगा। फिर हमने उसे दिखाना छोड़ दिया। अब हम जहां भी जाते हैं वहां हमारे सामने एक ही बात आती है कि तुम्हारे कुलदेवता नाराज हैं। इसी बीच मेरी तबीयत फिर से खराब हो गई। मेरे बड़े पापा को मां दुर्गा की सवारी आती है और अब मेरे पापा को भी सवारी आती है।
ने कहा कि तुम्हारे कुलदेवता नाराज हैं। जब तक तुम उन्हें नहीं बनाओगे तब तक तुम्हें कोई ठीक नहीं कर सकता। उस टाइम मेरी तबीयत ज्यादा खराब थी।
हमारे कुलदेवता गुरु जी भगवान नरसिंह है और कुलदेवी मां चामुंडा! मुझे मेरे कुल देवताओं के स्थान पर ले जाया गया और मैं फिर ठीक हो गया। गुरु जी हमारे कुलदेवता हमारे घर में आना चाहते हैं। हमने कहा ठीक है, उनको ले आएंगे। गुरु जी मैं अपने कुल देवताओं को बहुत मानता हूं। हमारे मोहल्ले के मां काली के भक्त उन्होंने कहा था यह तुम्हारे ऊपर कुल देवता की कृपा है इसी वजह से तुम ठीक हो, मेरी मम्मी और पापा दादा दादी परिवार के लोग कुल देवताओं को ज्यादा नहीं मानते हैं। गुरुजी मेरी मां की तबीयत अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। हमारे पापा लोग कुल देवताओं को नहीं लाए हैं लेकिन उन्होंने मम्मी को ठीक किया था और मुझे भी! लेकिन अभी भी पूरी तरह से हम लोग ठीक नहीं हो पाए हैं । अब पापा लोग इस बात के लिए तैयार हैं और घर लाने के लिए देवताओं को जो और दूसरे गांव में है।
दूसरे गांव में लोग उनकी सेवा नहीं करते। मां दुर्गा ने कहा था कि तुम ले आओगे तो उन्हें ठीक कर देंगे । गुरु जी मैं और मां उन्हीं की कृपा से अभी तक ठीक है। गुरु जी मैं कहना चाहता हूं कि आप सभी लोगों को बताएं कि कुल देवताओं का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है। वह हमारे जीवन में क्या भूमिका निभाते हैं। गुरु जी आपको प्रणाम आप मेरा नाम भी बता सकते हैं। यूट्यूब चैनल पर गुरु जी और यह हमारे जीवन की एक सत्य घटना है। मैं चाहता हूं कि आप हमारे युटुब चैनल सब्सक्राइब उसको यह बात बताएं जिससे उन्हें हिंदू धर्म पर विश्वास हो। गुरु जी अगर लिखने में कोई त्रुटि हो गई हो तो क्षमा करें। इसके अलावा मेरा एक सवाल भी है। कुलदेवता अगर नाराज हो तो हमें कोई ठीक नहीं कर सकता है और क्यों और यह कौन सी शक्ति है जिसने मेरी मां और मेरी तबीयत को खराब किया था। गुरु जी प्रणाम आप मेरे जीवन की इस सत्य घटना को प्रकाशित करें अपने इस चैनल पर। जय श्री राम सभी सब्सक्राइबर और गुरु जी को प्रणाम!
संदेश – यहां पर कुल देवता के रूप में भगवान नरसिंह और कुलदेवी मां चामुंडा ।
कुल देवी देवताओं का मूल जो होता है यह वही होता है कि आपके पूर्वजों ने कई पीढ़ियों तक उनकी पूजा पाठ या अनुष्ठान किया है। लेकिन अब आपके घर में उनका पूजा पाठ स्थान नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण से अधिकतर देवी देवता नाराज हो जाते हैं । नाराज होने का कारण यही होता है कि पहले उनका जो सम्मान मान किया जाता था, वह नहीं किया जा रहा। ऐसे में उनकी जो सहायिका शक्तियां होती हैं, उनकी योगनिया होती हैं। वह नाराज हो जाती हैं और फिर। वह अपना संरक्षण हटा लेती हैं । संरक्षण हटने के साथ ही उस घर में दूसरी तरह की नकारात्मक शक्तियां आने लगती हैं। क्योंकि कहते हैं ना जहां पर मीठी चीज रख दो। अगर आपने उसे कवर करके रखा हुआ है तो वहां पर कीड़े मकोड़े दूर तो हो रहेंगे लेकिन उस पर आकर बैठे, आपने कबर हटा दिया तो तुरंत ही कीड़े मकोड़े आकर बैठने लग जाते हैं।
यही हाल होता है जब हम किसी देवी देवता का संरक्षण ले लेते हैं। चमकने वाली चीज की वजह से सभी शक्तियां आकर्षित होती है। तो जो भी आपके कुल देवी देवता है, वह चाहे कोई भी हो उनके संरक्षण में जवाबदेही रहती हैं इसलिए आपकी अगली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि उनका पूजा-पाठ उसी प्रकार चलता रहे जैसे पिछली पीढ़ी में होता रहा है। इसके अलावा अगर आपको अपने कुल के देवी देवता के बारे में ज्ञान नहीं है तो सीधी सी बात है। मां जगदंबा के सारे स्वरूप हैं जो कुलदेवी रूप मे पूजे जाते हैं वहीं पुरुष देवता शिव अंश । इसलिए मां जगदंबा की पूजा और भगवान शिव की पूजा। अगर आप करते हो तो कोई भी देवी देवता। अगर आपका कुलदेवी देवता है तो आप उसको मना सकते हैं और उन के माध्यम से उनकी पूजा करते हुए कुल देवता को पूजा का। जो भी!छोटा सा उनका अंश है, वह उनको मिलता जाएगा उसकी वजह से वह कभी भी वह नाराज नही हो पाएंगे ।अगर आजा की पोस्ट आपको पसंद आई है तो लाइक और शेयर करे आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद ॥