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गुप्त तारा साधना और जिन से लड़की की रक्षा भाग 1

गुप्त तारा साधना और जिन से लड़की की रक्षा भाग 1

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक अनुभव के साथ उस महाशक्ति की साधना भी लेने जा रहे हैं जिनको प्राप्त करने की बहुत सारे लोग कोशिश करते हैं और वह है महाविद्या देवी तारा हैं । लेकिन इनकी अलग अलग तरीके से साधना की जाती है तो आज के पत्र को पढ़कर शुरू करते हैं। इस अनुभव और साथ में इस गुप्त तारा साधना के विषय में। जिसका मैंने विवरण इंस्टामोजो में डाल दिया है।

ईमेल पत्र-नमस्कार गुरु जी, मैं भी एक साधक हूं और आज मैं आपको अपना अनुभव भेज रहा हूं। कृपया मेरा नाम, ईमेल, पता इत्यादि गोपनीय रखे, क्योंकि मुझे गुरु से आज्ञा नहीं है, किंतु आपके यूट्यूब चैनल को देखकर मेरे मन में भी आकांक्षा हुई कि मैं अपने अनुभव को आपको बताऊं बिना अपनी पहचान बताएं तो मैं यही कहना चाहता हूं कि साधना क्षेत्र बड़ा ही विचित्र है और यहां पर भी अगर आप 10 महाविद्या में किसी देवी को सिद्ध कर लेते हैं। अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझे और फिर दूसरी कोई और साधना करने की आवश्यकता नहीं रह जाती है। मैंने भी अपने गुरु के सानिध्य में गुप्त तारा साधना सीखी, यह साधना माता तारा की एक विशिष्ट और कम दिनों की सिद्धि देने वाली अचूक साधना है। मुझे इसमें सिद्धि प्राप्त हुई और उसके बाद मेरा सामना एक जिन्न से कैसे हुआ, यह भी मैं आज के इस अनुभव के माध्यम से आपको बता रहा हूं। पत्र लंबा है इसलिए आप इसे कई भागों में प्रकाशित कर सकते हैं इससे साथ। भाई बहनों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। आप एक अच्छा काम कर रहे हैं। हमारी प्राचीन परंपरा, साधना विधियां और धर्म रहस्य के माध्यम से जगत को सनातन धर्म का प्रकाश दे रहे हैं। इसलिए मैं और मेरे समस्त भाई-बहन और गुरु जी सभी लोग आपकी भूरी-भूरी प्रशंसा करते हैं। गुरु जी यह 7 साल पहले जब मैं अपने गांव में निकम्मा घूमा करता था उस समय की घटना है कोई और उद्देश्य मेरे जीवन का नहीं था। सिर्फ खेती-बाड़ी करना ही लेकिन एक बार मैं अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ भूत प्रेत विषय पर चर्चा कर रहा था। उस दौरान मेरे सभी दोस्तों ने कहा कि भूत प्रेत बहुत शक्तिशाली होते हैं और आपके मस्तिष्क को अपने कब्जे में ले लेते हैं। मैंने कहा, जो चीज दिखती नहीं, उस पर विश्वास करना कठिन है। तब?

मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा, तुम भूत प्रेत अगर वास्तव में देखना चाहते हो तो उनकी साधना करो क्योंकि ऐसे बुलाने पर भूत-प्रेत थोड़े ही आ जाएगा या दिख जाएगा जैसे साधारण जनता समझती है। जब तक आप उसे बुलाएंगे नहीं, वह क्यों देखेगा। अगर शेर देखना है तो जंगल में जाना पड़ता है और फिर उसे ढूंढना भी पड़ता है। अगर शहर में आप बैठे हो और कहो शेर दिख जाए तो क्या दिखेगा और भूल से अगर वह दिख भी जाए। तो भी लोग उस पर विश्वास नहीं करेंगे कि हमारे शहर में शेर है। उसकी बात बिल्कुल सही थी। हमारे देश की जनता भी बिल्कुल ऐसी ही है। वह एक तरफ तो बहुत अधिक खोज करना चाहती है। लेकिन घर बैठे कुछ करना भी नहीं चाहती। तंत्र मंत्र से डरती है। जब तक आप तंत्र मंत्र सीखेंगे नहीं, तब तक इस के रहस्यों को कैसे जानेंगे और कैसे जान पाएंगे कि दूसरी दुनिया भी होती है तो गुरुजी। फिर मैंने उससे पूछा कि क्या कोई ऐसा व्यक्ति है जो तंत्र-मंत्र सिखा सके क्योंकि मेरा मन अब इस बात को करने लगा है तो उसने कहा पास ही। एक साधु महाराज बैठते हैं। चलो सब लोग उनके पास चलते हैं। साधु महाराज बहुत प्रसिद्ध थे और सभी लोग उनसे आशीर्वाद लेने आते थे। मंदिर में बैठकर वह माता की भक्ति किया करते थे पर वह सुट्टा मारने में कम नहीं थे और चिलम पीते रहते थे।

हम लोग जब उनकी और आए तो वह खुश होकर कहने लगे। बच्चा लोग आज यहां कैसे आए हो तब हम सब ने कहा, गुरु जी क्या भूत प्रेत सच में होते हैं। अगर होते हैं तो उन्हें कैसे देखा जाए तब उन्होंने कहा इसके लिए तो? तुम श्मशान में जाओ और वहां जाकर साधना करो क्योंकि सबसे जल्दी भूत प्रेत वही मिलेंगे। वह एक ऐसा स्थान है जहां इस दुनिया और दूसरी दुनिया का मिलन होता है। इसी कारण से भूत प्रेत आपको वही देखने को मिलेंगे। मेरा दोस्त हंसते हुए कहने लगा। मैं तो रोज ही शमशान से होकर गुजरता हूँ खेत में काम करने के बाद रात को लौटता हूं। तब तो मुझे आज तक भूत दिखा ही नहीं। फिर आप कैसे कह रहे हो कि भूत प्रेत दिख जाते हैं। फिर उन साधु महाराज ने कहा, तुम्हारी बात सत्य है। यह केवल भ्रम है कि ऐसे ही भूत दिख जाएगा। भूत को अपना शरीर दिखाने के लिए भी बहुत ऊर्जा लगती है। अमावस्या में थोड़ी सी शक्ति उन्हें प्राप्त होती है। तब वह अपना रूप दिखा सकते हैं। लेकिन वह क्यों और किसी को किस लिए दिखाने लगे। यह तो ऐसे हो गया कि तुम फिल्म देखने गए और हीरो ने कहा कि ठीक है। मैं तुम्हें घर पर ही आकर अपनी सारी एक्टिंग दिखा देता हूं। हम सभी उनकी बात सुनकर हंसने लगे। उन्होंने कहा, अगर सच में तुम्हें भूत प्रेत देखने हैं तो उनकी साधना करो। उन्हें बुलाओ जब उनका आवाहन तुम दोगे तो वह अपनी दुनिया छोड़ कर तुम्हारे पास आएंगे और तब तुम्हें अवश्य ही दिखेंगे।

मैं प्रमाणित रुप से कहता हूं तब मैंने कहा ठीक है गुरुदेव कुछ ऐसा बताइए जिससे हम इस चीजों को जान सकें और अगर साधना ही करनी है तो भूत प्रेत की ना करनी हो बल्कि किसी शक्तिशाली देवी या देवता की साधना करनी हो क्योंकि हमें सिद्धि मिले तो कम से कम हम अपना भला भी तो कर सके। सिर्फ भूत प्रेत देखने के लिए साधना करना मुझे समझ में नहीं आता। साधु महाराज मुझे देखकर कहने लगे। तुझे देख कर मुझे लगता है कि तू उच्च कोटि का साधक बनेगा। अवश्य तेरी बात बहुत सही है। तू बता तू कौन सी सिद्धि करना चाहता है तब मैंने उनसे कहा, मुझे किसी बड़ी शक्ति की उपासना करनी है जिसमें मुझे भूत प्रेत बड़ी अच्छी तरह दिखाई दे, लेकिन कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाए। चाहे पूरा शमशान मेरे खिलाफ खड़ा हो जाए, किंतु मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाए तब साधु महाराज हंसते हुए कहने लगे। ऐसा तो केवल महाविद्या साधना में हो सकता है। उन्होंने कहा कि शमशान में सबसे ज्यादा तीन शक्तियां विराजमान रहती हैं। एक है भैरवी देवी दूसरी है। छिन्नमस्ता देवी और तीसरी है। तारा देवी तब मैंने कहा महाकाली भी तो है तो वह हंसते हुए कहने लगे। महाकाली के लिए तो सारा संसार ही शमशान है। इसलिए मैंने उनका नाम नहीं लिया। अब तू बता कि तुझे इन महा शक्तियों में से किस शक्ति की आराधना करनी है तब मैंने उनसे कहा मैंने सुना है कि सभी महाविद्याओं में तारा देवी जल्दी सिद्ध हो जाती है और मैंने उनका फोटो भी देखा है। वह शव के ऊपर खड़ी होकर हंसते हुए विराजमान है और मैंने यह भी सुना है कि स्वयं भगवान राम ने इनकी सिद्धि की थी।

क्या यह बात सत्य है तब साधु महाराज ने कहा, सच में मैं तो समझता था कि तुम सब मूर्ख हो लेकिन तू तो बड़ा ज्ञानवान निकला। तुझे कहां से पता चला कि भगवान राम ने भी तारा देवी को सिद्ध किया था। मैं हंसने लगा। मैंने कहा गुरुदेव आप? यह बताएं कि क्या आप मुझे तारा सिद्धि करवा सकते हैं तो उन्होंने कहा हां, लेकिन इसमें तो चार छे महीने लग जाएंगे। मैंने कहा, इतना समय मेरे पास नहीं है। आप मुझे इनकी कोई गोपनीय सिद्धि बताइए। ऐसी सिद्धि जो कम दिनों में हो जाती हो और इनकी पूरी शक्तियां प्रदान करती हो। तब उन्होंने कहा, मेरे गुरु ने मुझे गुप्त तारा साधना सिखाई थी। मैं चाहूं तो तुझे सिखा सकता हूं, लेकिन उसमें पात्रता भी होनी चाहिए। मैं तुझे यह सिद्धि सिखाऊँगा। लेकिन पहले तू मेरा 3 दिनों तक काम करेगा। मैंने हामी भर दी क्योंकि मेरे पास उन दिनों खेत में कुछ भी करने को नहीं था। तब 3 दिन की सेवा के बाद उन्होंने मुझे कहा, अब तू गुप्त तारा साधना कर सकता है। सबसे पहले मुझे गुरु दक्षिणा दे और मैंने उन्हें गुरु दक्षिणा प्रदान की गुरु सेवा में पहले ही कर चुका था। अब गुरु ने प्रसन्न होकर मुझे उस गुप्त तारा विद्या का ज्ञान प्रदान किया।

उन्होंने कहा, यह केवल 11 दिन की साधना है और इसे हर स्त्री और पुरुष कर सकता है और इस साधना के लिए मुझे आवश्यक सामग्री और पूजनीय यंत्र विधि भी दिखाई इस प्रकार मैं अब तैयार था। इस साधना को करने के लिए उन्होंने कहा कि तू यह साधना घर पर भी कर सकता है और श्मशान में भी बता तू यह साधना कहां करेगा तो मैंने कहा, श्मशान भूमि में मैं नहीं जाने वाला पता नहीं। मैंने बड़ी-बड़ी डींगे तो मार दी है लेकिन कहीं सच में कोई भूत प्रेत आ गया तो मेरे लेने के देने ही ना पड़ जाए। अपने घर में मुझे कॉन्फिडेंस रहेगा। इसलिए मैंने कहा, मैं अपने घर पर ही यह साधना करूंगा और उनकी आज्ञा लेकर मैंने घर के एक कमरे में। जिसे मैं ताला लगाकर रखता था, मैंने वह साधना शुरू कर दी तो इस प्रकार इन्होंने यहां पर साधना शुरू कर दी। आगे का भाग हम अगले भाग में जानेंगे तो अगर आपको यह सत्य घटना पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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गुप्त तारा साधना और जिन से लड़की की रक्षा भाग 2

 

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