गुरु मंत्र जाप के दो अनुभव
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम लेंगे दो अनुभवों को जो गुरु मंत्र की महिमा और गुरु से संबंधित है। चलिए पढ़ते हैं दोनों पत्रों को और जानते हैं क्या यह अनुभव? रहे हैं।
प्रणाम गुरु जी, गुरु जी, मैं आपका शिष्य हूं। गुरु जी कल मैंने गुरु मंत्र के जाप और ध्यान के बाद जब सोने के लिए गया था तो मैंने सपने में देखा कि मैं अपने नाना नानी मम्मी मेरे मामा मेरे नाना के दो दोस्त और मेरी मौसी की दोस्त घूमने के लिए कहीं गए हुए हैं। वह जगह बहुत ही अधिक सुंदर थी। हम सारे लोग वहां बहुत ज्यादा एंजॉय कर रहे थे, लेकिन उसी दिन मेरी मम्मी का भी जन्मदिन था। हम सब ने मिलकर उन्हें एक छोटा सा सरप्राइज दिया। गुरु जी उनका जन्मदिन! सेलिब्रेट करने के बाद वहां! वहां आपकी आवाज सुनाई दी मम्मी को और मुझको, गुरु जी आपने हमें उस समय कहा था कि इसी समय आप दोनों शिष्य को अपना गुरु मंत्र जाप करना है। तभी गुरु जी मैं और मम्मी आपकी आज्ञा पर उसी समय गुरु मंत्र का जाप करने लगे। गुरुजी जिस रूम में हम ठहरे हुए थे वही हम जॉप भी कर रहे थे। तभी वहां जोर से हवा चलने लगी और रूम का सारा सामान इधर-उधर गिरने लगा। लेकिन गुरु जी हमें उस समय कुछ समझ में नहीं आया कि ऐसा क्यों हो रहा है? जाप में हमारा ध्यान ऐसे मगन हुआ कि हमें समय का अंदाजा ही नहीं रहा कि कब रात हो चुकी है। गुरुजी मानसिक जाप करके हम बाहर सबके साथ रात का खाना खाने के लिए चले गए। लेकिन गुरु जी मेरी मम्मी ने मुझे मना किया था। रूम में जो भी अनुभव हुआ हम गुरु जी के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के आगे स्पष्ट नहीं करेंगे। गुरु जी मैंने किसी के आगे अपना अनुभव प्रकट नहीं किया। खाना खाकर जब हम रूम से वापस आए तो गुरु जी वहां एक आदमी की आवाज आई जो जोर जोर से ही हमारे गुरु मंत्र का उच्चारण कर रहा था। यह दृश्य देखकर मेरी मम्मी एकदम हैरान रह गई। कोई शक्ति हमारे गुरु मंत्र का उच्चारण! कर पा रही है। वह कैसे ?तभी रूम में पहले की तरह फिर से हवा चलने लगी। मेरे नाना जी कहते हैं कि यह तुम्हारे और तुम्हारे गुरु की परीक्षा है। अगर तुम्हारे गुरु में सामर्थ्य है तो इस शक्ति पर नियंत्रण कर के दिखाओ तभी गुरु जी मुझे और मेरी मम्मी को गुस्सा आता है। हम कहते हैं कि हमारे गुरु जी बहुत सामर्थ्य है। हम इस शक्ति पर नियंत्रण कर के दिखाते हैं लेकिन उस वक्त हम एक उलझन में थे। गुरुजी सबसे ज्यादा जो यह थी कि वह शक्ति हमारे गुरु मंत्र का उच्चारण कर रही थी और जब वह इस मंत्र का उच्चारण कर रही थी तो हम इस मंत्र से कैसे उसे नियंत्रित करें। गुरु जी मैं आपको एक बात बताना भूल गया कि मेरे नानाजी एक उच्च कोटि के साधक हैं। उनके पास विभिन्न प्रकार की शक्तियां हैं। इसके माध्यम से वह लोगों की मदद किया करते हैं लेकिन गुरु जी मेरे और। मेरे नाना जी के बीच थोड़ी सी नाराजगी चल रही है जो कि यह कि मैं चाहता था कि वह अपनी शक्तियां मुझे प्रत्यक्ष रूप से दिखाएं और वह बार-बार इस बात को टाल देते थे। इसी वजह से मैंने थोड़े से कटु वचन उन्हें बोल दिए थे, जिसकी वजह से वह मुझसे नाराज थे। गुरु जी जब वह शक्ति बार-बार गुरु मंत्र का उच्चारण करती तो गुरु जी मेरे मन में आपकी आवाज आती जो कि यह थी कि अपने गुरु मंत्र पर विश्वास रखो और उसे टूटने मत दो। माता पराशक्ति को याद करो और उन्हें कहो मां आपके पुत्र और पुत्री से जो भी अभी तक अच्छे और बुरे कर्म हैं, वह सब हम आपको समर्पित करते हैं। गुरु जी को इष्ट मानते हुए आपके हर किए हुए। पापों के लिए आपसे क्षमा मांगते हैं। आपके बच्चे यदि आज इस शक्ति के हाथों मारे जाते हैं तो मां हम आपको अपना आत्मसमर्पण करते हैं। यह शक्ति मरने के बाद हमारी आत्मा को अपने अधीन ना रख सके बल्कि हमारी आत्मा आपके ही अधीन हो। तभी गुरु जी आपके इस वचन मुझे ऐसे प्रतीत हुए जैसे मैंने पहले भी सुने हैं और तब मुझे याद आया कि यह वचन आपने अष्ट चक्र भैरवी साधना में कहा था कि जब परिस्थिति तुम्हारे नियंत्रण से बाहर हो जाए तो गुरु मंत्र का जाप करते हुए अपना पूर्ण समर्पण मां के ऊपर कर दो। उसके बाद गुरु जी आपकी आवाज बहुत जोर से कमरे में गूंजती है और आप कहते हैं कि मुझे वहीं पर गुरु मंत्र का जाप करना होगा। और अपनी मम्मी को तक्षण ही घर पहुंचा दिया और कहा कि आपको यहां पर हवन करना है और आपका पुत्र वहां पर जॉप करेगा।
गुरु जी जैसे ही जाप शुरू करता हूं, वह शक्ति जोर-जोर से कमरे में चिल्लाती है और मारने की कोशिश भी करती है। एक बार वह जोर से तमाचा मार देती है। गुरु जी तभी आपकी आवाज फिर से आती है। जाप करते रहो, अब जप आप रुकने मत देना। गुरु जी आपने यह भी कहा कि आप की मौसी की दो दोस्त हैं। उनमें से एक आपकी शक्ति है और उसका हाथ पकड़कर जाप करो। तभी गुरुजी जाप करते करते ही मैं मन में सवाल किया कि आप ने माना था कि किसी को गुरु मंत्र नहीं बताना है और आपने तभी मौसी की दोस्त को आपने मंत्र दिया और कहा कि इसका उच्चारण करिए देवी मेरे शिष्य का हाथ पकड़ कर उसके बाद गुरु जी हमें जाप करते हुए सारी रात बीत जाती है और सुबह हो जाती है। सुबह के प्रकाश से वह शक्ति जलने लगती है और जाते हुए अपना फेस दिखा या जोकि बहुत काला था। और वह जोर-जोर से चिल्ला भी रहा था। गुरुजी सुबह के प्रकाश में जलकर भस्म हो गया। तभी मेरे नानाजी बहुत जोर से हंसते हैं और कहते हैं। तुम्हारे गुरु में वास्तव में बहुत ज्यादा सामर्थ्य है। तभी गुरुजी मेरी नींद खुल जाती है और मैं अपना सपना मम्मी को भी बताता हूं। मम्मी मुझे बताया कि मैंने भी यही सपना देखा है जिसमें गुरु जी मुझे हवन करने का आदेश दे रहे हैं और मैंने सारी रात हवन किया है। हवन के पास एक देवी खड़ी है जिनकी उम्र तकरीबन 25 से 30 वर्ष के बीच होगी। गुरुजी उनके चेहरे पर बहुत ही ज्यादा तेज था। उन्होंने लाल सफेद कलर की साड़ी पहनी थी। मम्मी ने कहा कि आपको अब बाहर कहीं नहीं जाना है और उसके बाद मेरी मम्मी ने देवी के चरण स्पर्श किए वह देवी वर मुद्रा में हाथ करके अंतर्ध्यान हो गए। गुरु जी मैं आपसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। वह शक्ति कौन थी जो हमारे गुरु मंत्र का भी जाप कर पा रही थी। गुरुजी आपने कहा कि मौसी की जो दोस्त है, वह मेरी शक्ति है और मुझे उनके साथ हाथ पकड़ा कर जाप करने को कहा। वह शक्ति कौन थी? गुरुजी जिसके बारे में आपने कहा था गुरुजी मम्मी को और मुझे एक जैसा सपना कैसे दिख सकता है? गुरुजी वह देवी कौन थी जिन्होंने मम्मी के सपने में दर्शन दिए थे?आप मेरे प्रश्नों का उत्तर दें। अगर आप इस पर अनुभव बनाना चाहते हैं तो बना सकते हैं। कृपया मेरा नाम और ईमेल आईडी गुप्त रख देना। गुरु जी आपका शिष्य …
संदेश-तो देखिए जो शक्ति गुरु मंत्र का जाप कर रही है। उन निश्चित रूप से कोई योगिनी शक्ति हो सकती है जो इस परीक्षा में शामिल थी और दूसरी शक्तियां भी भैरव स्वरूप हो सकती हैं या उनकी ही शक्तियां जो परीक्षा के लिए वहां पर मौजूद थी, लेकिन गुरु मंत्र के जाप के कारण उनको हटना पड़ा और नष्ट भी होना पड़ा। यहां पर जो शक्ति। हाथ पकड़ रही है वह भी सहायिका शक्ति है जो साधनाओं में साधक की मदद किया करती हैं। दोनों लोगों को एक जैसा सपना इसलिए आया क्योंकि दोनों लोग ही गुरु मंत्र के जाप के प्रभाव से आगे बढ़ रहे हैं और विभिन्न प्रकार की तांत्रिक शक्तियों का उनके जीवन में पदार्पण हो रहा है। इसी कारण से नाना की शक्तियों से भी उनका सामना होना तय था। और उनकी शक्तियों ने मेरी शक्तियों की परीक्षा का एक प्रयोजन जो किया था, उसमें हमारी शक्तियाँ निश्चित रूप से सफल हुई है और सामर्थ्य को प्रदर्शित किया है। निश्चित रूप से गुरु मंत्र का जाप लगातार आप करते रहिए और अपनी माता जी के साथ में आगे बढिए अध्यात्म के क्षेत्र में, गुरु शक्ति की कृपा अवश्य ही लगातार बनी रहेगी। अब लेते हैं अगले अनुभव को जो गुरु मंत्र की महिमा से संबंधित है।
प्रणाम गुरुजी चरण स्पर्श गुरु जी, यह मेरा गुरु मंत्र का अनुभव मैं मेरे गुरु जी सूरज प्रताप जी को भेज रहा हूं। इसको प्रकाशित करना है या नहीं, वह आपके ऊपर है। कृपया प्रकाशित करें तो मेरा नाम और ईमेल आईडी मत दिखाना गुरुजी। गुरु जी मैं! घर में बहुत ही टेंशन में था पर जब गुरु मंत्र लिया उसके 1 महीने में ही घर का वातावरण एकदम शांत हो गया है। गुरु जी एक बार मै स्कूल में एग्जाम दे रहा था। मैंने सुबह उठकर माता से प्रार्थना की और कहा मां मुझे कोई भी टीचर कुछ न पूछे। फिर मैं जॉप करके स्कूल चला गया । यानि कुछ पूछे ही नहीं तो गुरु जी जब टीचर मुझे पूछने के लिए मेरा नंबर आया तो मुझसे वह कुछ पूछे ही नहीं और मार्क्स दे गए टीचर ने तो इसी प्रकार आचरण किया। मुझे बहुत आश्चर्य था कि मां ने मेरी सुन ली थी। फिर गुरुजी एक दिन मुझे स्कूल जाना था। कुछ फार्म के काम से तो मैंने मां से कहा कि मैं टीचर मुझे डांटते हैं और डांटे नहीं।
जाप पूर्ण करने के बाद स्कूल में गया तो टीचर ही नहीं थे। मैं दूसरे टीचर को देकर आ गया और मां को इस बात के लिए धन्यवाद बोला। गुरुजी! और कल रात तो गजब हो गया जब मैंने गुरु मंत्र की दीक्षा ली। तब से 4 से 5 दिन में ही मुझे स्वप्नदोष हो जाता था। लेकिन माता से प्रार्थना की और दो अगरबत्ती अर्पित की और बोला मां जो भी मेरा शक्ति है, मेरा ब्रह्मचर्य खंडित करती है। उस पर बंधन लगा दो कभी भी ऐसा ना वह कर पाए तो गुरुजी उस रात मुझको नींद ही नहीं आई और सुबह 3:00 बजे आंख लग गई। फिर सपना आया कि मैं और मेरा दोस्त कोई भूत वाली फिल्म देखने के लिए गए हैं। फिल्म खत्म होने पर बहुत रात हो गई। तो फिर एकदम मेरा दोस्त फटाफट दौड़कर घर के लिए निकले पीछे भी कई सारे दोस्त है। वह भी चिल्लाते आ रहे थे। पता नहीं क्यों पर गुरु जी घर आए तो घर में हवन चल रहा था। यह देखकर हम बालकनी में आकर खड़े हो गए। गुरु जी नीचे से कोई बोला, दोस्त अबे तेरे पर तो चुड़ैल बैठी है और मेरा दोस्त डर गया और घर में जहां हवन चल रहा था, वहां बैठे हैं। मैंने मेरे दोस्त को पीछे से पकड़ा और गुरु मंत्र का जाप चालू कर दिया तो मेरे दोस्त को दूर कोई चुड़ैल दिखने लगी। फिर गुरु जी हम उनके स्थान पर कोई एकदम काले रंग का भाई आकर बैठ गया और बाजू में फिर गुरु जी बस सपना खत्म हो गया। गुरु जी आज ही की बात है कि मैं जॉप कर रहा था। मेरी कुलदेवी माता चामुंडा का फूलों का हार लगा हुआ था तो वह ऊपर लटका था। फिर वह नीचे गिर गया और जैसे ही हम माता को हार चढ़ाते हैं सेम टू सेम वैसे ही अपने हार फिर लग गया। गुरु जी कृपया बताइए। क्या यह हुआ है और गुरु जी जब भी माता के सामने बैठकर जाप करता हूं तो माता मेरे सामने से देख कर मुस्कुराती ऐसा लगता है। क्या गुरूजी शुभ संकेत हैं? कृपया गुरु जी बताइए। यह सब क्या था और क्यों हुआ था गुरुजी वह चुड़ैल कौन थी? कृपया बताइए गुरु जी क्या हम जितना जाप करते हैं, वह माता को समर्पित करते हैं तो क्या हमें ऊर्जा नहीं मिलती और नहीं समर्पित करते हैं तो ऊर्जा ज्यादा मिलती है। कृपया मार्गदर्शन कीजिए। लिखने में कोई भूल हुई। हो तो माफ कर दीजिएगा। संदेश-तो देखिए चुड़ैल के माध्यम से जो नकारात्मक शक्ति है, उस पर बंधन लग गया और वह दूर हट गई। बगल में बैठा काला व्यक्ति भैरव स्वरूप है जो आपकी रक्षा के लिए आपके साथ अब रहेगा। इसी के अलावा आपने पूछा है कि जो जाप माता को समर्पित करते हैं उसमें ज्यादा ऊर्जा मिलती है या नहीं? तो निश्चित रूप से सारा जाप हम माता के लिए ही करते हैं। तो उन्हीं को सारा जाप समर्पित कर देना चाहिए जिससे वह उस उर्जा को फिर से अपनी कृपा द्वारा आपको लौटा सके और आप को अधिक से अधिक ऊर्जा मिल सके। क्योंकि जिसके प्रति हम साधना समर्पित करते हैं, वही शक्ति ऊर्जा बनकर हमारे अंदर वास करने लगती है। अगर आप जप को समर्पित नहीं करते हैं तो इसका मतलब यह है कि उस उर्जा को कोई और भी चुरा सकता है और जब गुरु मंत्र या गुरु के माध्यम से व्यक्ति जाप करता है तो ऊर्जा अपने आप ही ईष्ट तक पहुंच जाती है। लेकिन बिना गुरु के मंत्र जाप करने वाला व्यक्ति का जाप कोई भी शक्ति चुरा सकती है। इसीलिए उनकी साधना है। सदैव खंडित हो जाती हैं तो यह थे आज के दो अनुभव अगर आपको आज के वीडियो पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
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