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गुरु मंत्र योगिनी विवाद अनुभव और प्रश्न

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज लेंगे एक विशेष तरह के अनुभव को यह अनुभव है गुरु मंत्र से संबंधित। जहां पर दो शक्तियों के बीच में एक साधक के ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है, इसी को हम लोग जानेंगे। साथ ही उनके कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को भी लेंगे। चलिए शुरू करते हैं उनके अनुभव को क्या उनके साथ गुरु मंत्र साधना के दौरान घटित हुआ था?

प्रणाम गुरुजी मेरा नाम मृत्युंजय चंद है। मेरा एक छोटा सा अनुभव है। अगर आपको अच्छा लगे तो इस पर वीडियो बना दीजिएगा। नहीं तो इनबॉक्स में मेरे को रिप्लाई दे दीजिएगा। इससे पहले आपने मेरा एक छोटा सा अनुभव साधकों के प्रश्न और उत्तर श्रंखला भाग 25 में भी प्रकाशित किया था। उसके बाद माता साधना और शिव साधना नेपाल से, उस वीडियो में भी आपने मेरे अनुभवों को प्रकाशित किया था। उन सब के लिए आपका बहुत धन्यवाद! गुरुजी मेरा यह अनुभव कुछ दिन पहले का ही है यानी कि इस लॉक डाउन के समय।

लगभग पिछले ही हफ्ते की बात है, क्योंकि आजकल मैं गुरु मंत्र का जाप कर रहा हूं और मैंने यह टारगेट भी रखा है कि गुरु मंत्र का अधिक से अधिक इस दौरान जाप किया जाए। जिस दिन मुझे अनुभव हुआ था उन दिनों में गुरु मंत्र का जाप कर रहा था, लेकिन उस बीच के दिनों में जप छूट गया था। सुबह खाना खा कर के मैं 11:00 बजे रेस्ट करने के लिए अपने रूम में आया। थोड़ी देर के लिए मैं ऐसे बिस्तर पर लेट गया। इसी दौरान मुझे नींद आ गई। इस नींद के बारे में मुझे पता ही नहीं चला। कुछ ही देर बाद मैंने सपने में देखा कि 2 औरतें मेरे पास आकर के खड़ी हो गई हैं। मेरी कमरे में और एक! काला कपड़ा पहने हुई थी और दूसरी औरत ने लाल कपड़े पहने हुए थे।

वह एक दूसरे को देख कर के बहुत ही गुस्से में नजर आ रही थी। फिर दोनों मुझे देखकर गुस्से में बोली। और आपस में बात करने लगी। मैं माता कालिका की सेविका हूं और दूसरे लाल कपड़े वाली औरत ने बोला, मैं हनुमान जी की सेविका हूं। दोनों मां काली और हनुमान जी की बात कर रही होंगी। ऐसा मुझे लगता है। मैं बिस्तर से उठने की कोशिश कर रहा था लेकिन उठ नहीं पा रहा था। कि जैसे किसी ने स्लीप पैरालिसिस कर दिया हो। लगभग वैसे ही होता रहा।

मैंने अपने आप को यानी कि खुद को उठाने के लिए बहुत अधिक बल का प्रयोग किया। लेकिन उठा ही नहीं सका। मैंने मन ही मन गुरु मंत्र का जाप करना शुरू कर दिया। सपने में देखा कि कोई आकृति पद्मासन में बैठी हुई है। अभय मुद्रा धारण किए हुए हैं और मुझे देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही है। जैसे कोई आशीर्वाद दे रही हो। ऐसा लगा जैसे कि मेरी प्रार्थना पर वह आई है। मेरी नींद खुल गई, मेरे सामने कोई भी नहीं था।

वह दोनों औरतें वहां से चली गई थी। गुरु जी मुझे उस दिन से डर लगने लगा। आजकल मैं गुरु मंत्र का रोज जाप करता हूं और कोशिश करता हूं कि नकारात्मक शक्तियां मेरे पास ना आए और आए तो मैं उनकी ऊर्जा को झेल सकूं। उस दिन तो मुझे गुरु मंत्र ने बचा लिया था।

गुरु मंत्र से बड़ा और कोई मंत्र हो ही नहीं सकता। मुझे अब इस बात का एहसास होने लग गया है। गुरु जी यह सब क्या था? और वह 2 स्त्रियाँ कौन थी? जब मैंने गुरु मंत्र का जाप मन ही मन किया तो आशीर्वाद की मुद्रा में देने वाली आकृति जो थी। वह कौन थी? जिन्होंने मुझे उन दोनों औरतों के प्रकोप से बचाया था? कृपया मुझे बताने का कष्ट करें।

गुरु जी मैंने सुना था कि गुरु मंत्र सिद्धि होने के बाद। गुरु के पास जो सिद्धियां होती हैं वह अपने आप आपके पास आने लगती हैं। मैंने यह भी सुना है कि शक्ति की साधना करने से पूर्व जन्म की शक्तियां भी प्राप्त होने लग जाती हैं। हम जो भी साधना करते हैं, उसमें सिद्धि मिलने लगती है। अगर ना करें तो प्रत्यक्षीकरण हो पाना मुश्किल होता है। मां शक्ति के अलावा क्या हम सीधे गुरु मंत्र सिद्ध करके भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कृपया इस बारे में भी बताइए?

उत्तर – देखिए योगनिक शक्तियां जो होती हैं। वह अपनी सामर्थ्य के हिसाब से आपके पास आती जाती रहती हैं। विशेष क्षेत्रों में विशेष योगियों का निवास होता है। जोगणिया साधक की पूजा साधना उपासना से प्रसन्न होकर उसके पास आ जाया करती हैं और उसकी ऊर्जा को स्वयं धारण करना चाहती है। उसको सिद्धियां दे कर के। तो कभी-कभी ऐसा होता है कि आपकी साधना और पूजा को देख कर के वह तुरंत ही आ गई। ज्यादातर जब साधक की पूजा उपासना छूट गयी हो, उसकी पूजा को खींचने और उसे स्वयं प्राप्त करने की इच्छा होती है। तभी ऐसी शक्तियां वहां पर उत्पन्न हो जाती हैं।

यहां पर 2 योगिनी आई थी और उन्होंने आपकी ऊर्जा को प्राप्त करने का अच्छा अवसर पाया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपने खुद बताया कि आपने जाप कुछ छूट गए थे। जब जापकुछ दिनों के लिए छूट जाते हैं तो उस दौरान आपका जो कनेक्शन है, आपके इष्ट देवता से टूट जाता है। इसी दौरान दूसरी शक्तियां आपके जाप का फल प्राप्त करने। आ जाया करती हैं इसीलिए ऐसा होता है ,यह सब के साथ घटित होता है। अगर आप जाप छोड़ देंगे कुछ दिन तो, दूसरी शक्तियां आ करके आपकी ऊर्जा को छीनने की और आपकी उर्जा को प्राप्त करने की कोशिश करने लगती हैं।

यहां पर दो तरह की योगनियाँ जो! एक काली शक्ति थी, कालिका माता के अधीन जो विभिन्न प्रकार की शक्तियां होती हैं । वही हनुमान जी की जो आप कह रहे हैं। हनुमान जी का अर्थ यहां पर ऐसा नहीं है कि हनुमान जी की सिद्धि होगी क्योंकि! लाल रंग का बीज प्रतीक है।वह माता या देवी शक्तियों का ही प्रतीक होता है और काला रंग भी देवी शक्तियां ही कहलाती हैं। लेकिन दोनो आपस में विवाद किसी बात पर होने लगा कि, इस व्यक्ति की ऊर्जा को मैं अपने पास रखूंगी। इसी वजह से आपको दोनों ने पैरालाइज कर दिया था। आप केवल उनकी बातें सुन पा रहे थे, बाकी कुछ भी नहीं कर पा रहे थे। किंतु जैसे ही आपने गुरु मंत्र का उच्चारण किया, मन ही मन उसका जाप किया। माता की मूल शक्ति आ गई। उसकी वजह से दोनों योगिनी को वहां से हटना पड़ा।

यह केवल तभी होता है जब आप अपने गुरु मंत्र पर पूर्ण विश्वास रखें, क्योंकि वह माता आदिशक्ति का मंत्र है और निश्चित रूप से सदैव लाभ करने वाला है। कभी भी अपने गुरु मंत्र को नहीं छोड़ना चाहिए। इसीलिए मैं कहता हूं सदैव पूरी जिंदगी भर आपको गुरु मंत्र का जाप करना है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे कितना समय देते हैं, लेकिन प्रतिदिन अवश्य ही कम से कम एक-दो मालाएं तो करनी ही चाहिए। हर व्यक्ति के लिए बहुत अधिक जाप कर पाना संभव नहीं है, लेकिन अपनी मुक्ति के लिए अपने आध्यात्मिक जीवन जो कि आपकी मृत्यु के तुरंत बाद शुरू हो जाएगा। उसके लिए आपको अवश्य ही आगे बढ़ना चाहिए ।

गुरु मंत्र लेकर उसका जाप आजीवन करना चाहिए। अगला सवाल आपने पूछा कि क्या गुरु मंत्र सिद्धि होने के बाद गुरु की शक्तियाँ हमारे पास आती हैं। यह बात सत्य है। जिस प्रकार आपके द्वारा की गई साधना का कुछ भाग गुरु को भी प्राप्त होता है। इसी तरह गुरु की साधना और शक्तियां भी आपको प्राप्त होने लगती हैं। लेकिन गुरु के द्वारा बताए गए नियमावली के अनुसार ही आपको सब कुछ प्राप्त होता है। उसके अतिरिक्त या अलग तरीकों से नहीं। अगर गुरु ने कहा, इतना जाप आपके लिए आवश्यक है तो उतना ही जाप आपको करना है।

उसमें दशांश हवन और अन्य विधियां गुरु ने जो बताए हैं। गुरु प्रदत्त हैं। वह आपको उसी अनुसार करनी चाहिए। मां की साधना करने से पूर्व जन्म में अगर आपने कोई साधना कर रखी हैं तो उनका भी फल आपको प्राप्त होने लगता है और उन शक्तियों का से भी आपका। संबंध बनने लगता है। यह बात सत्य है। और तभी वह सकती आपके सामने प्रत्यक्ष होने लगती हैं और आपको सिद्धियां भी प्रदान करने लगती हैं। इसीलिए मां की साधना करने वाला सदैव ही सफल रहता है और उसके पूर्व जन्म की सिद्धियां भी उसके पास आने लगती हैं।

सदैव याद याद रखें कि अगर आप कोई साधना नहीं करते। केवल गुरु मंत्र का जाप करते हैं तो वह सर्वोत्तम है। क्योंकि वह सिद्धियों के साथ-साथ आपको वास्तविक ज्ञान प्रदान करेगा। इसे हम ब्रह्म ज्ञान कहते हैं। इसी ज्ञान को प्राप्त करने के लिए बड़ी से बड़ी सिद्धि आकर आप को रोकती है और सिद्धियां प्रदान करने की कोशिश करती हैं क्योंकि जब मूल ज्ञान जो व्यक्ति जान जाता है उसके बाद उसके लिए सिद्धियों को प्राप्त करने का कोई भी तात्पर्य नहीं रह जाता। मूल परमात्मा के ज्ञान को जो प्राप्त कर लेता है वह केवल मुक्ति के बारे में ही सोचता है। सिद्धियों के जंजाल में फिर वह नहीं फंसता है। यह थे आपके कुछ प्रश्न! और उनके उत्तर! खासतौर से उन लोगों के लिए जो गुरु मंत्र का जाप कर रहे हैं। अगर आज का पोस्ट आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो धन्यवाद!

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