गुरु मंत्र साधना में भगवान राम और हनुमान दर्शन
प्रणाम गुरु जी, गुरु जी को चरण स्पर्श जय गुरुदेव जय मां पराशक्ति माता की जय यह पत्र और अनुभव अपने गुरु जी श्री सूरज प्रताप जी को भेज रहा हूं। यह पत्र और अनुभव कहीं और प्रकाशित नहीं होगा। इसकी जवाबदारी मैं लेता हूं। गुरु जी मुझे माफ कर देना। मैं अपने अनुभव बहुत देर में भेज रहा हूं। गुरु जी मैं अपने अनुभव पहले बता रहा हूं। जो भी 12-9-2019 से 5 नवंबर तक के हैं। 2018 में यूट्यूब पर माता के गाने सुन रहा था। तब आपका चैनल खोला उसमें अप्सरा की साधना के बारे में बताया गया था। वह साधना अच्छी लगी। आपके चैनल के फिर मैं देखने लग गया और कहानी सुनने लगा। फिर मेरे मन में साधना करने का विचार हुआ। आपके चैनल के साथ और कई चैनल खोल रखे थे और तब दूसरे चरण में बताया गया कि आपका कोई गुरु नहीं है तो आप शिव या फिर गुरु गोरखनाथ को अपना गुरु बना सकते हैं संकल्प में मैंने गुरु गोरखनाथ को अपना गुरु बना लिया। गुरु गोरखनाथ का मंत्र था। ओम शिव गोरक्ष नमः मंत्र था। 11 दिन तक किया पर कोई अनुभव नहीं हुआ। एक घंटा तक जाप करता था। रात को लगभग 9:00 बजे से फिर 21 दिन का संकल्प लिया और फिर अनुभव पर मैंने देखा। भगवान शिव बाबा को ध्यान में बैठे हुए वह प्रतिमा लगभग 11 फीट के आसपास की रही होगी। वह सफेद रंग की थी। दूसरे दिन एक पहाड़ से पानी गिर रहा था और उस झंडे में भगवान शिव की प्रतिमा बन रही थी और वहां झरना का पानी भगवान शिव के शिवलिंग पर गिर रहा था। इसके बाद में मंत्र जाप में देखता हूं कि एक काले रंग की एक बूढ़ी और दिखने में बहुत डरावनी और काले रंग के कपड़े से ढकी हुई थी। उसके चेहरे से पता चल रहा था कि वह मांस वाली शरीर की नहीं, सिर्फ चमड़ी उसके शरीर पर चिपकी हुई थी। मुझे वह अपने पास बुला रही थी। मेरी 21 दिन की साधना पूरी हुई जिसमें मैंने प्रार्थना की मुझे भौतिक गुरु दिलाए और मैंने प्रार्थना की कि मुझे भौतिक ही गुरु दिलाए जाए।
5-2 -2019 के समय की है। मुझे सपने में दिखा आपके चैनल का लोगो। आप कह रहे हैं नमस्कार दोस्तों मैं समझ गया। आप को गुरु बनाने का संकेत मिल रहा है। फिर मैंने देर न करते हुए 29 मई 2019 को गुरु दीक्षा वाला वीडियो डाउनलोड कर लिया। जैसे की वीडियो में बताया गया है। बिल्कुल वैसे ही मैं बाजार से सामान और माता की फोटो वगैरा ले आया। 10 जून 2019 को गुरु मंत्र का जाप करने लगा पर कोई अनुभव नहीं हुआ। 21 दिन का संकल्प लिया कोई अनुभव नहीं हुआ। जुलाई महीने में 21 दिनों का संकल्प लिया और कोई अनुभव नहीं हुआ। फिर मैंने मंत्र जाप बंद कर दिया और लगभग 2 से 300000 मंत्र जाप तब तक मैं कर चुका था। अगस्त में मैंने कुछ भी नहीं किया और 2 सितंबर को मैंने सोचा कि मैंने तो गुरु से आज्ञा ली ही नहीं नहीं है और ना ही फॉर्म भर कर भेजा है। गुरु जी बताने के लिए एक बात भूल गया। मैंने अगस्त में गुरु मंत्र का जाप ही नहीं किया था। तब मेरे मन में कुछ बुरी बातें आ रही थी कि बस सब लोग पैसे कमाने के लिए चैनल बना लेते हैं और झूठी बात बताते हैं कि गुरु मंत्र बहुत शक्तिशाली मंत्र होता है जिससे बहुत सारे अनुभव होते हैं और कुछ भी नहीं दिखा है।
मैं चाहता तो गुरु जी यह बात छुपा सकता था, लेकिन मैंने बताना सही समझा है। गुरु जी मुझे माफ कर देना। मैंने आपके बारे में गलत सोचा और अनुभव नहीं किया था। फिर मैंने आपसे आज्ञा ली और फार्म को भरकर भेजा। 12 सितंबर 2019 से गुरु मंत्र का जाप चालू किया। यहां से अनुभव भी चालू हो गए। जब मैं जॉप करता तो ऐसा लगता कि बैठे-बैठे नींद भी आ रही है और मेरी आंखों के सामने अंधेरा हो जाता है। कुछ रोशनी सी दिखाई देती है। फिर वह रोशनी या प्रकाश एक टनल में से बहुत तेज गति से होकर चलती चली जाती है। ऐसा 4 से 5 दिनों के आसपास मुझे दिखा जैसे ही गुरु मंत्र चालू किया कि 10 से 15 मिनट के बाद आंखों के सामने अंधेरा हुआ। फिर प्रकाश दिखा बाद में ऐसा लगा कि कहीं मैं दूसरी दुनिया में आ गया हूं। मैं देखता हूं कि एक पेड़ के नीचे 55 से 60 वर्ष के ऋषि मुनि ध्यान में बैठे हैं। सफेद दाढ़ी सफेद बाल। ऑरेंज कलर की धोती पहने हुए हैं। वह ध्यान में मुस्कुराते और आशीर्वाद की मुद्रा में हाथ को ऊपर करते थे और फिर मैंने देखा कि कुछ ही कदम पर कुछ और नवयुवक ऋषि मुनि भी है। जो यज्ञ कर रहे हैं, कुछ मंत्र बोल रहे हैं। आग में कुछ डाल रहे हैं। मेरा ध्यान टूटा उसके बाद ध्यान में फिर चला गया। इस बार मै एक समुद्र के किनारे खड़ा हूं। मैं देखता हूं कि आसमान से एक रोशनी के साथ रथ मेरी तरफ आ रहा है। उसमें पंख लगे थे और वह सफेद रंग का था। उस रथ में मैं दो 16 और 17 साल की लड़कियां थी जो सफेद रंग की थी, उसमें से जो सफेद और गुलाबी रंग की थी। वह मेरी तरफ आ रही थी। मेरा ध्यान टूट गया। कुछ मिनट के लिए उसके बाद फिर ध्यान लगाया। उसमें एक लड़की जो गुलाबी रंग की थी, वह पूरी की पूरी बिना कपड़ों में लिखी और मुस्कुराने लगी। फिर गुस्से में ध्यान टूटा और फिर माता की फोटो के सामने बोला। गुस्से में यह सब देखने के लिए मैं यहां पर नहीं बैठा। आप देखिए मुझे गंदी चीजें ना दिखाएं। मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं। मां कृपा कर मुझे यह सब ना दिखाएं और फिर लड़की नहीं दिखाई दी।
रात 9:00 बजे गुरु मंत्र का जाप करते समय ध्यान में मैंने देखा कि समुद्र के किनारे एक पहाड़ है। उस पहाड़ की चोटी पर श्री हनुमान भगवान ध्यान में बैठे हैं। उसके बाद वह उठे समुद्र की तरफ उड़ कर चले गए। गुरु जी मैं यह सब कुछ गुरु मंत्र के जाप के दौरान ही देख रहा था। अनुभूति से में गुरु जी आप सपने में आए एक जंगल है। एक कुटिया है उसमें आप और मैं, गुरु आप सफेद धोती और जनेऊ पहने हुए हैं। आप मुझसे बोले, आओ जंगल से लकड़ी और भोजन बनाने के लिए तो मैंने कहा जो आज्ञा गुरुजी आपने कहा, एक बात और थोड़ी दूरी पर एक तालाब है। उस तालाब में मत जाना, मैं लकड़ी लेने तो चला गया। फिर एक तालाब दिखा उस तालाब के किनारे बरगद का पेड़ था और श्री हनुमान जी का मंदिर था। मैंने सोचा क्यों तालाब में जरूर कुछ तो खास है जो गुरु जी ने मुझे वहां जाने से मना किया है। मैं सोचा गुरुजी को थोड़े ही पता चलेगा। देख लूंगा पर आ जाऊंगा। मुझे भी पता चल जाएगा कि वहां है क्या? तो मै उस तालाब के पास चला गया। मैंने देखा कि वहां बहुत सारी आत्मा, भूत, प्रेत इत्यादि तालाब के अंदर हैं। लंबे सफेद बाल चमड़ी चिपकी और कुछ की हड्डियां और दांत ही उनके पास है। किसी ने मुझे अंदर खींच लिया। मेरे पैरों को कुछ भूत और प्रेत पकड़े हुए थे और कुछ दूसरे पैर को खींच रहे थे। मैं जोर-जोर से रोते हुए गुरु जी आपको आवाज लगा रहा हूं। गुरु जी मेरी रक्षा करें। गुरुजी मेरी रक्षा करें। मुझे माफ कर दें। गुरु जी मैं आपकी आज्ञा नहीं मानी है। तब मुझे ध्यान आया कि भगवान हनुमान जी उन्हें अवश्य आवाज लगानी चाहिए तो मैं बजरंगबली भगवान जी से रक्षा की कृपया मेरी रक्षा करें। जय बजरंगबली भगवान मेरी रक्षा करें। जय श्रीराम जय श्रीराम तीन से चार बार श्री राम का नाम लिया और वहां आ गये और वहां कहने लगा। यह तो एक?शापित तालाब है हनुमान जी वहां आ गए थे। इसमें जो चला जाता है वह जीवित नहीं रहता मैंने वहां उनसे कहा कि प्रभु कैसे भी मेरी रक्षा करें? तब हनुमानजी ने कहा, मैं कुछ करता हूं।मैंने कहा, आप आ जाइए क्योंकि यह तालाब तो शापित है। मैं वहां आया तो मेरी शक्तियां फिर छीण हो जाएंगी।तब हनुमान जी ने कहा, तुम्हारी मृत्यु तो निश्चित है, एक काम करता हूं। मैं अपनी शक्तियां एक नारियल में डालता हूं और मैं तुम्हारी तरह फेकता हूं।