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चलानिया गांव की पहाड़ी डायन सत्य अनुभव

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज एक अनुभव हमको मिला है। यह अनुभव पूरी तरह से सत्य है कहने वाले साधक ने यह कहा है कि उनके विषय में कोई जानकारी ना दी जाए क्योंकि यह गोपनीय बात है और वह नहीं चाहते कि उनका नाम किसी भी तरह से सामने आए। तो चलिए पढ़ते हैं इनके पत्र को और जानते हैं कि आज की? इस चलानिया गांव की डायन कौन है?

पत्र – नमस्कार गुरु जी, मैं राजस्थान के भीलवाड़ा के नजदीक चलानिया गांव के

एक घर से आंखों देखी कहानी को बता रहा हूं। यह कहानी पूरी तरह सत्य है

लेकिन मैं अपने बारे में कुछ ज्यादा नहीं बताना चाहता क्योंकि इससे मेरे ऊपर कई सारे प्रश्न।

पुलिस सहित कई लोग उठा सकते हैं।

बस कृपया मेरी इस कहानी को और घटना को प्रकाशित करें ताकि लोगों को इस पर विश्वास आ जाए।

गुरु जी हमारा यह गांव बहुत ही अधिक प्रसिद्ध है क्योंकि यह भैरव नाथ का स्थान है। यहां पर भैरू नाथ की पूजा की जाती है और दूर-दूर से डायनों को यहां पर सही किया जाता है। मेरा कहने का मतलब है यहां पर जिस औरत के ऊपर भी डायन आई होती है।

उस औरत के ऊपर से डायन को हटाने का काम इस जगह के तांत्रिकों के द्वारा होता है। मैं जिस व्यक्ति के बारे में बता रहा हूं, इसका नाम महावीर था। यह व्यक्ति!

बहुत साल पहले एक डायन से मिला था। यह बात आज से लगभग 6 -7 वर्ष पुरानी है। उस दौरान उसने जिस डायन को देखा आखिरकार उसका फल उसे मिल ही गया। मैं बताता हूं, क्या घटित हुआ था? महावीर! हर प्रकार से एक उत्तम व्यक्ति था। वह! अपने गांव से एक रात को। कहीं जा रहा था। तभी एक पेड़ पर उसने थोड़ी सी हलचल देखी! उसे लगा जैसे कि पेड़ पर कोई है उसने ऊपर टॉर्च मारी तो वहां पर एक स्त्री। बैठी हुई नजर आई। उसे देखकर महावीर आश्चर्य में पड़ गया कि आखिर पेड़ पर कोई औरत क्यों बैठी हुई है? महावीर जब उस पेड़ के नजदीक पहुंचा तो वह स्त्री जोर जोर से रोने लगी। उसको इस प्रकार रोता देख नीचे से महावीर ने आवाज लगाई और उससे कहा, कौन हो तुम वहां ऊपर पेड़ पर बैठकर क्यों रो रही हो? तो वह कहने लगी कि मैं बहुत परेशान हूं। मेरे परिवार वालों ने मुझे घर से निकाल दिया है। अब मैं इस पेड़ पर बैठकर ही जिंदा हूं। अगर मैं इस पेड़ को छोड़ दूंगी तो शायद ना बचू देखो इस पेड़ की पत्तियां मैं खाती हूं। और इसी से मैं जिंदा रहती हूं। महावीर ने उस औरत से कहा, तुम्हें तुम्हारे परिवार में क्यों निकाल दिया? इस पर वह स्त्री कहने लगी। पहले ऊपर आओ मैं इतनी दूर। जोर से नहीं बोल सकती हूं।

महावीर उस स्त्री से प्रभावित हो चुका था। इसलिए उसने कहा ठीक है, मैं पेड़ पर आता हूं, लेकिन तुम्हें भी मेरे साथ बाद में नीचे आना होगा। उस स्त्री ने कहा ठीक है। अगर तुमने मेरी दास्तान सुन ली। तो मैं अवश्य ही, तुम्हारे साथ नीचे आ जाऊंगी। अगर तुम मुझे अपने साथ लेकर नीचे आए तो? इस पर महावीर ने कहा, ठीक है और वह पेड़ के ऊपर चढ़ने लगा। धीरे-धीरे चढ़कर वह उसे पेड़ की डाल पर पहुंचा। और उस डाल पर बैठकर उसने उस स्त्री से कहा। क्या बात है? तब वह स्त्री जैसे ही पलटी उसे देखकर महावीर का दिल धक सा हो गया।

क्योंकि वह स्त्री बहुत ही अधिक सुंदर थी। और? उस जगह पर इस प्रकार से बैठी हुई थी जैसे कि उसे मारपीट कर घर से भगाया गया हो। उसने कहा देखो मेरी शरीर पर कितने निशान पड़े हैं? यह सब मारपीट के निशान है। मेरे घर वालों ने मुझे बहुत मारा और मुझे घर से बाहर निकाल दिया। महावीर ने उससे पूछा कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई कि तुम्हें उन्होंने घर से बाहर निकाल दिया। तो वह कहने लगी। मेरी सास और मेरा पति दोनों ही मुझसे बहुत अधिक नफरत करते थे। और उन्होंने मेरा यह हाल कर दिया। मेरी पति को दूसरी शादी करनी थी। इसीलिए एक दिन अचानक से उसने मुझसे कहा, चलो पास के जंगल में चलते हैं।

मैं तुम्हें कुछ नई चीज दिखाना चाहता हूं। मुझे नहीं पता था कि वह मुझे घर के बाहर जंगल में क्यों ले जाना चाहता था? मैंने अपनी सास को भी देखा था। वह भी इशारे से मेरे पति को कह रही थी। इसे जंगल लेकर जाओ। मैं अपने पति पर विश्वास करती थी इसीलिए मैं उनके साथ इस जंगल की तरफ आ गई।

थोड़ी दूर चलने के बाद उसने। मुझसे कहा कि सामने यह जो पेड़ है इस पर ऊपर चढ़। क्योंकि मैं पेड़ पर आसानी से कर लेती थी। उसने मुझे एक लंबा सा दुपट्टा दिया और कहा इस दुपट्टे को इस पेड़ की डाल से बांध दो? और मैंने ऊपर चढ़कर उस पेड़ की डाल से वह दुपट्टा बांध दिया। इसके बाद उसने कहा, नीचे उतर आओ! तब मैंने कहा नहीं यहां से नजारा बड़ा ही अच्छा दिखता है। तो वह हंसने लगा और उसने कहा ठीक है। मैं भी तुम्हारे पास आता हूं और वह ऊपर चढ़कर मेरे पास आ गया और जिस डाल पर इस वक्त तुम बैठे हो वहीं पर वह भी बैठ गया। फिर उसने कहा तुम्हारे गले में अगर मैं यह दुपट्टा बांध तो क्या तुम इस पेड़ से बंध जाओगी? मैंने कहा नहीं!

तब उसने कहा ठीक है, देखते हैं और उसने मेरे गले में दुपट्टा बांध दिया और उसे अच्छी तरह कस दिया और अब वह कहने लगा। जैसे तुम इस पेड़ से नहीं बंध सकती। वैसे ही तुम मेरी जिंदगी से भी नहीं बंध सकती हो। मुझे एक लड़की पसंद आई है। और उसके परिवार वालों ने काफी दहेज देने की बात कही है जब मैंने उन्हें बताया कि मैं तो कुंवारा हूं। मैं अपने पति की इस तरह बात सुनकर। हक्की बक्की रह गई। मैंने उससे कहा, तुम्हारा तो विवाह मेरे साथ हो चुका है। तब उसने कहा कि अब तुम पुरानी हो चुकी हो। या तो मुझे छोड़ दो या फिर यह दुनिया ही छोड़ दो। तब मैंने उससे कहा कि मैं मरते दम तक तुम्हें नहीं छोड़ सकती। वह जोर-जोर से हंसने लगा और तभी उसने मुझे इसी जगह से धक्का दे दिया। क्योंकि इस डाल से दुपट्टा बंधा हुआ था और एक हिस्सा मेरी गर्दन में बंधा हुआ था। इस वजह से मैं नीचे गिर गई और मेरी इसी स्थान पर फांसी लगने से मौत हो गई क्योंकि मैं इसी डाल में लटकी रह गई। और तब से मैं इस डाल पर बैठी हूं इंतजार कर रही हूं अपने सच्चे प्रेमी का। पहली बार कोई मेरी बात सुनकर ऊपर आया है। और अब मैं तुम्हें अपना पति बनाऊंगी। यह सुनकर महावीर! घबरा गया और भाई जल्दी से नीचे की ओर भागा।

इसके बाद वह अपने घर आ गया।

और इस घटना के बाद गुरुजी! 15 मार्च का वह दिन। जो सबसे अधिक बुरा है।

महावीर के पुत्र बालचंद ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें बताया गया कि महावीर! 28 फरवरी से लापता है आसपास के क्षेत्रों में उसकी तलाश की गई, लेकिन उसका कुछ भी नहीं पता। चला गुरुवार सुबह चरवाहों ने चलनिया की पहाड़ी पर नर कंकाल देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी। कपड़ों के आधार पर शिनाख्त की गई तो कंकाल! रामपुरा गांव के महावीर का निकला ऐसा लगता है कि लंबे समय तक पड़ा रहा जिसे जंगली जानवरों ने नोच लिया।

कहते हैं संतुलन बिगड़ने से। महावीर मंदिर के पीछे शायद गिर पड़ा होगा और गर्मी ज्यादा होने से चरवाहे। इस तरफ नहीं जाते थे। इस कारण पता ही नहीं चला। बारिश शुरू होने से चारों तरफ हरियाली है। इस कारण चरवाहे इस तरफ गए होंगे?

कहते हैं कि? भैरूनाथ वाली स्थान की ओर ही महावीर निकला था और वहीं से नीचे गिर गया होगा जिसकी हड्डियां और खोपड़ी मौके पर मिली। गुरु जी मैं उस इंस्पेक्टर को भी जानता हूं जिसने यह सारी जानकारी दी और गुमशुदा रिपोर्ट लिखाई गई थी। और उसके पुत्र बालचंद को भी जानता हूं। मैं यह बातें इसलिए जानता हूं क्योंकि महावीर मेरा मित्र था और उस रात लौटने के बाद उसने यह सारी बात मुझे बताई थी और कहा था वह औरत मुझे हर जगह दिखाई पड़ती है। कहीं वह मुझे अपने साथ अपना पति बना कर ना ले जाए और आखिरकार!

वह घटना घटी गई जब महावीर की मौत हो गई। मैं इसके अलावा और बातें नहीं बताना चाहता क्योंकि उस व्यक्ति की हड्डियां और कंकाल मौके पर मिले थे।

गुरु जी यह बिल्कुल सत्य घटना है जिसे मैंने आपको भेजा है। अगर कोई चाहे तो 6 साल पुराने अखबारों से यह घटना निकाल भी सकता है।

गुरु जी इसके अलावा मैं अपने बारे में कुछ नहीं बताना चाहता वरना बेमतलब का पुलिस केस होगा।

बस इतना कहना चाहता हूं कि डायन होती है और यह डायन! जब किसी पर आकर्षित हो जाती है तो? मौत के साथ ही उसको अपने साथ भी ले जाती है। गुरु जी आप इस पर अवश्य ही वीडियो बनाएं और बाकी लोगों को भी दिखाएं। नमस्कार गुरु जी!

संदेश – देखिए यहां पर! बिल्कुल एक सत्य घटना बताई गई है और उन्होंने जो लिंक दिया था, वह भी है। मैंने उसे अखबार का निकाला है और यह बात बिल्कुल सत्य है। किंतु पुलिस कारणों से और बाकी लोगों को मैं नहीं बताना चाहता इसलिए! क्योंकि इससे इनके ऊपर कई चीजें आ सकती हैं। इस कारण से मैं वह लिंक आप लोगों को नहीं दे रहा हूं। बाकी यह जो इन्होंने बात बताई है, इसका सबूत जिन्होंने भेजा है। वह पूरी घटना, पूरी सच्ची है।

अगर यह घटना और अनुभव आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। चैनल को आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।

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