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जमाल खान और असम की जादूगरनियाँ 4 अंतिम भाग

जमाल खान और असम की जादूगरनीया अंतिम भाग
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आपका एक बार फिर से स्वागत है । जमाल ख़ान की कहानी में आपने अभी
तक जाना और इसमें जाना कि किस प्रकार रूपा उसे बचाकर के बाहर निकाल तो लाई । मगर उसे पता था कि स्तंभन
शक्ति प्रयोग के द्वारा दोनों मुठ और इधर वह शक्तिशाली जादूगरनी केवल आधे घंटे के लिए रुक सकती हैं । और
उसके बाद फिर से वह जागृत हो जाएंगे । और वह शक्तियां अपनी प्रयोग करेगी । इसी बीच वह भागते हुए जमाल
खान से कहने लगी तुमने जिस मंत्र का प्रयोग किया था उसी मंत्र का जाप शुरू कर दो । आधे घंटे में मैं अपने गांव तक
पहुंच जाऊंगी । और उसके बाद तुम्हें अपनी सहायता खुद ही करनी होगी । इस बात को तुम अच्छी तरह गांठ बांध लो
यहां से बच निकलने का जो भी मैं रास्ता तुम्हें बता रही हूं ।

 

उसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है । इसलिए तुम इस
चीज को बड़ी गंभीरता से पालन करना । तभी यहां से बचकर तुम निकल पाओगे नहीं तो मारे जाओगे ।जादूगरनियां
दो प्रकार की होती है कुछ अच्छी है कुछ बुरी होती है । यह बुरे प्रकार की जादूगरनी है । जो बहुत ही शक्तिशाली है ।
और मैं अच्छी जादूगरनी हूं । मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूं । इसलिए तुम यहां से निकल जाओ । अब जमाल खान
एक बार फिर से उसी मंत्र का जाप करने लगा । जो उसको पीर बाबा ने दिया था । इधर अपने गांव पहुंचते ही रूपा
अपने घर में घुसी । और उसने कहा कि कुछ ही देर बाद जब कोई तुम्हारी सहायता करेगा तो उसकी सहायता स्वीकार
करके जो भी बात वह कहे उसकी बात का पालन करते रहना । और मैं अपनी मुठकरनी को रोकने के लिए और
तुम्हारी मुठकरनी को रोकने के लिए साधना में बैठने जा रही हूं । तब तक तुम्हारी रक्षा है और तुम्हें अपनी रक्षा स्वयं
करनी होगी । मैं मुठ तो रोक दूंगी लेकिन तुम्हें अपनी जिंदगी को बचाने के लिए जो मैंने कहा है उसे करते रहना । और
जमाल खान से कहा कि आप यहां से विदा हो जाइए यहां से निकल जाइए । और वह अंदर जाकर साधना में बैठ गई ।
जमाल खान के पास कोई रास्ता नहीं था । और वह भागता हुआ आगे जाने लगा ।

 

तभी उसे आकाश में उसके पीछे
आती हुई मुठ दिखाई पड़ी । जो एक मटका सा था । और मटके में से आग निकल रही थी । और वह मटका आकाश में
उड़ता हुआ उसकी तरफ आ रहा था । बहुत भय से व्याप्त होने पर मंत्र का जाप करते हुए वह आगे बढ़ता चला गया ।
यह रूपा का ही प्रभाव था जो शायद वह शक्ति मुठकरनी रुकी पड़ी रही । तभी वह मुट्ठ उसके नजदीक आने लगी ।
तभी वहां पर एक सफेद वस्त्रों में ऊपर से नीचे तक एक पीर प्रकट हो गया ।वह पीर प्रकट होकर उसके साथ चलने
लगा और उसने कहा बच्चे यहां से या मैं तुम्हें ब्रह्मपुत्र नदी तक लेकर जाऊंगा और तेरी रक्षा करूंगा । तब तक यह
मुठ तेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी । तू इस मंत्र का जो जाप कर रहा है उसी के प्रभाव से मैं प्रकट हुआ हूं और वहां तक मैं
तेरी सहायता करूंगा । लेकिन ब्रह्मपुत्र की नदी के आगे मेरी हद है उसके बाद मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा । ब्रह्मपुत्र नदी
पार करने के बाद मैं तुझे जो मार्ग बता रहा हूं उसी को करना ।

 

मैं तुझे लाल रंग के कुछ फूल दूंगा । उन फूलों को जाकर
के एक मंदिर होगा वहां चढ़ा देना और वहां पर जो दीपक जल रहा होगा उसे अपने हाथ में उठा कर के चलते रहना ।
और तेरी सहायता हो जाएगी और तू बच जाएगा । यह कह कर के वह पीर बाबा तब तक बने रहे जब तक ब्रह्मपुत्र
नदी नहीं आ गई । मुठ उसके ऊपर तब तक उड़ती रही लेकिन पीर बाबा की ताकत की वजह से वह मुठ उसके शरीर से
नहीं टकरा रही थी । और जमाल खान जिंदा बचा हुआ था ।जमाल खान यह बात अच्छे से जानता था कि अगर यह
मुठ मेरे शरीर पर आकर टकरा गई तो मेरी जान यही निकल जाएगी और मैं मर जाऊंगा । इसी प्रकार जब ब्रह्मपुत्र
नदी आ गई तब पीर बाबा ने उसके लिए एक नाव का प्रबंध किया उस नाव से जमाल खान ने नदी पार कर ली । नदी

पार कर लेने के बाद फिर पीर बाबा ने कहा तुम यहां से स्वयं ही जाओ । और यह लाल फूल ले लो यह लाल फूल
तुम्हारी रक्षा करेंगे और रात्रि तक तुम वहां पहुंच जाना ।जमाल खान ने अपनी अंजुली में वह लाल फूल रखें और वह
दौड़ते हुए वहां से आगे चला गया । आगे आने पर वह माता कामाख्या के मंदिर पहुंचा । जैसा कि बाबा ने बताया था
की माता कामाख्या के मंदिर में जा करके उसे फूल चढ़ाने हैं । और वह वहां गया और बड़ा ही अटपटा सा उसने वहां पर
बने प्राकृतिक रूप से योनि को देखा । मन ना होते हुए भी उसने वहां पर वह फूल चढ़ाएं । और कहा यह हिंदुओं के बड़े
अजीब अजीब देवता होते हैं लेकिन मुझे क्या करना है । बाबा ने कहा है तो मुझे अपनी रक्षा तो करनी ही होगी । और
उसने वहां पर वह लाल फूल चढ़ा दिए और वहां जल रहा दीपक उसने उठाकर के चलने लगा । तब तक रात हो गई
थी। मूठ की आवाज बहुत तेजी से आ रही थी जो उसके ऊपर ही मंडरा रही थी ।

 

जैसे-जैसे आगे चलता गया तभी
अंधेरा हो चुका था । उसे अपने शिविर तक पहुंचने के लिए काफी दूर चलना था । उसने अपने हाथों में दीपक लेकर
चलता चला जा रहा था । इस विश्वास के साथ की जरूर वह अपने शिविर तक पहुंच जाएगा । तभी एक कोने पर पेड़
के नीचे बैठी हुई 5 या 6 साल की कन्या दिखाई पड़ी उसने हरे रंग के वस्त्र पहने हुए थे । बड़ी ही सुंदर सी लड़की जो 5
साल की थी वहां पर बैठी हुई थी । जमाल खान उस रास्ते पर चलते हुए उस पेड़ के पास पहुंचा तब उस लड़की से पूछा
की बिटिया तुम यहां क्यों बैठी हो और कहीं खो तो नहीं गई हो चलो तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें यहां से निकाल सकता
हूं । और मेरे पास दीपक भी है हमें दिखता भी रहेगा क्योंकि अंधेरा हो चुका है । तो लड़की ने फिर जमाल खान के कपड़े
पकड़ लिए और एक छोटी बच्ची की तरह उसके साथ चलने लगी । कुछ दूर चलने के बाद वह पूछी आप कौन है आप
यहां किसलिए आए हैं । जमाल खान ने हंसते हुए कहा अरे हम तो मुगल सैनिक हैं हम लोग यहां पर ऐसे ही यहां नहीं
आते हैं । तो उसने कहा बताइए बाबा आप कौन हैं और यहां क्यों आए हैं । जमाल खान ने हंसते हुए कहा हम मुगल है
इस राज्य को जीतने आए थे । और इस राज्य को जीत कर ही जाएंगे उसी के लिए मैं यहां पर सैनिक बनकर ढूंढ रहा
था घूम रहा था । लेकिन मैं तो यहां जादूगरनिजो के चक्कर में फस गया ।

 

तुम तो बच्ची हो तुम कुछ जानती नहीं
होंगी । घर से भटकी हुई हो । लेकिन तुम्हें मैं बता रहा हूं अपने दिल की बात यह जादूगरनियां बहुत खतरनाक होती है
। किसी को बकरा भी बना देती है । तो वह लड़की हंसने लगी और कहने लगी अच्छा बकरा भी बना देती है इंसानों को
। जमाल खान ने कहा हां बिटिया ऐसा तो बहुतों के साथ हो गया है । अब मैं क्या बताऊं एक आदमी के साथ भी हो
गया था बेचारा भागता हुआ यहां तक आया है । लेकिन मजबूरी तो देखो बचने के लिए मुझे यहां पत्थरों के आगे अपने
फूल चढ़ाने पड़े । और पत्थरों पर कौन फूल चढ़ाना चाहता है पर परिस्थिति तो इतनी बुरी चीज है कि हमारे यहां इसे
मना किया जाता है लेकिन क्या करें जैसी जगह हो बचने के लिए वैसा ही करना पड़ता है । बच्ची ने हंसते हुए कहा
बाबा एक बात बताइए आप की मस्जिद और मंदिर किस चीज से बनता है । जमाल खान ने कहा पत्थरों से । तो फिर
कन्या ने कहा जब दोनों ही चीजें पत्थर से बनती है तो दोनों अलग कैसे हो गई ।

 

जमाल खान के पास इस बात का
कोई जवाब नहीं था । और उसने बड़े सहजता से कहा की तुम अभी छोटी हो इन बातों के लिए । तुम इन बातों को नहीं
समझोगी । और यह दुनिया तो अल्लाह की बनाई हुई है और अल्लाह की बनाई हुई चीजों को नहीं पूजना चाहिए ।
अल्लाह को ही केवल पूजना चाहिए हम इस्लाम को मानते हैं । इसलिए इसके अलावा हम किसी और को नहीं पूजते हैं
। फिर लड़की ने बड़े प्यार से जवाब दिया क्या आप किसी की इज्जत भी नहीं करते हैं । आप तो पीर फकीरों इन सभी
की इज्जत करते हैं। इनके मुरीद और शिष्य बनते हैं । तो क्या यह हिंदू लोग भी अपने देवी देवताओं को नहीं पूजते हैं

। क्या उनके शिष्य नहीं बनते हैं क्या उनकी कही बातों को नहीं मानते हैं दोनों में कोई भेद नहीं है बाबा । एक ही चीज
है यह दुनिया मरने से पहले और मरने के बाद एक जैसी ही हो जाती है । सारी दुनिया उसकी एक सत्ता है और सारे खेल
उसके ही खेले जाने वाले हैं । आप लोग अपनी छोटी सोच से हर चीज को बांट लेते हो पत्थरों को रंगों को रूपों को चीजों
को आप सबने अलग कर लिया है । और अपनी अपनी बातों को सिद्ध करने के लिए कोशिश करते रहते हो । ऐसी
बातें सुनकर जमाल खान आश्चर्य से भर गया उसने सोचा यह छोटी सी बच्ची इतना सब कैसे जानती है । और यह जो
मुझे समझाने की कोशिश कर रही है वह है क्या बात । उसने कहा जैसे आवश्यकता होती है उतना ही पानी पिया जाता
है उतना ही बड़ा बर्तन लिया जाता है उसी तरह हिंदू देवी देवताओं में भी होता है ।

 

इस तरह एक समुंद्र परमात्मा है
यानी आप जिसे अल्लाह कहते हो लेकिन अल्लाह को आप अपने ऊपर रखोगे तो पानी का कोई मूल्य नहीं है । ना पी
सकते हो ना निकल सकते हो । आप केवल समाप्त हो सकते हो उसके आगे । उसकी ताकत उसकी शक्ति के आगे ।
लेकिन आपको उसका उपयोग करना है अगर आपको प्यास लगी है तो कोई बर्तन लेना होगा और बर्तन उतना ही बड़ा
होना चाहिए जितना आप पानी पी सकते हो यानी एक गिलास के बराबर या जग के बराबर ।उसी तरह हिंदू देवी देवता
भी हैं और वह एक बर्तन की तरह है जो पानी परमात्मा से आ रहा है उसको हम देवी देवताओं के माध्यम से हिंदू लोग
लेते हैं । और उसको अपनी जीवन शैली में अपने प्रयोगों के अनुसार जो भी इच्छा होती है उसके अनुसार ढाल करके
शक्ति का उपयोग कर लेते हैं । इसी प्रकार भोजन तो पूरी पृथ्वी बनाती है हम इतनी बड़ी संख्या का भोजन परमात्मा
बनाता है । तो क्या सारा भोजन आप अकेले ही खा जाएंगे । क्या आपका इतना बड़ा पेट है नहीं । आप उतना ही खा
सकते हैं जितनी आपकी सामर्थ है वही देवी देवता है इसलिए छोटे देवी देवता बड़े देवी देवता सभी से वह शक्ति और
जीवन की सुख सुविधा हम लोग प्राप्त करते हैं यही हिंदू लोग करते हैं ।

 

और बाकी भेद तो कुछ भी नहीं है समझ का
फेर है । चीजों को समझने की आवश्यकता है । तो इस प्रकार कहने पर जमाल खान की आंखें खुल गई । और उसने
कहा हां वास्तव में हम लोग एक ही हैं गलती यह करते हैं कि हम अपनी बातों को बढ़ा चढ़ाकर के सिद्ध की कोशिश
करते हैं । और सभी धर्म यही बातें करते हैं । तुम वास्तव में बहुत समझदार बच्ची हो और सिर्फ 5 साल की हो और
इतनी बड़ी-बड़ी बातें जानती हो । और कुछ ही देर में सुबह होने वाली थी पहुंचते-पहुंचते पहाड़ की चोटी पर जमाल
खान पहुंचा । तभी मुठकरनी तेजी से आती हुई उसकी छाती से टकराने के लिए बढ़ने लगी तभी उस लड़की ने एक डंडा
फेंक कर उस मुठकरनी पर मारा और उस मुठकरनी के टुकड़े टुकड़े हो गए । अब जमाल खान को समझ में आया कि
यह कोई साधारण लड़की नहीं है । यह कोई जरूर महाशक्तिशाली लड़की है उसने कहा बिटिया यह तुमने कैसे किया
इतनी बड़ी शक्ति को तुमने तोड़ दिया । और वह लड़की मुस्कुराते हुए बोली अभी तो तुमने बताया था ना कि असम में
सभी लड़कियां और औरतें जादूगरनी होती है ।

 

मैं भी छोटी मोटी जादूगरनी हूं । और हंसने लगी । तो उसने कहा तुम
तो सब कुछ जानती हो अच्छा तुम यह बताओ कि क्या हम इस कामाख्या प्रदेश को जीत लेंगे । उसने हंसते हुए कहा
नहीं बाबा आप यहां नहीं जीत पाएंगे कुछ दिनों बाद यहां एक युद्ध होगा । उस युद्ध में आप लोग हार जाएंगे और
एक क्षेत्र में आहोमो का राज्य होगा और दूसरी तरफ आप लोगों का है । और हमेशा रहेगा यही बात आप जा कर के
अपने शिविर में भी बता दीजिए । कोई आवश्यकता नहीं है यहां प्रयास करने की क्योंकि मैंने यह लिख दिया है कि
यहां आप लोगों की जगह नहीं बनेगी । आपका क्षेत्र नहीं बनेगा । चुपचाप उसकी बातें सुनता हुआ। जमाल खान उस
लड़की से बोलने लगा अब तुम कहां जाओगी । लड़की ने कहा मेरा गांव आ चुका है मैं यहीं से बाई तरफ उतर जाऊंगी ।

आप दाई तरफ चले जाइए और आप अपने शिविर तक पहुंच जाएंगे । उसकी बात को मानते हुए जमाल खान अपने
शिविर की और चला गया । और वहां पहुंच कर के उसने सारी बात बताई कि यह जादूगरनीओं का क्षेत्र है । यहां पर
जीतना संभव नहीं है । लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं माना । मुग़ल सेनापति राम सिंह ने सोचा अब युद्ध करना
आवश्यक है । यह सब मनगढ़ंत बातें होती है एक तरफ से सेना भेज दी ।दूसरी तरफ से सोचा कि अब मैं स्वयं यहां से
हमला कर लूंगा । एक तरफ से जो सेना भेजी गई थी वहां की जादूगरनियो ने उन सेनाओं को ब्रह्मपुत्र नदी में ही बहा
दिया । एक तरफ की सेना वह जाने के बाद बड़ी ही स्थिति खतरनाक समझते हुए । पूरी शक्ति के साथ हमला करने
की राजाराम सिंह ने सोच ली । लेकिन अहोम सेना का सेनापति बहुत ही समझदार और ताकतवर था । उसका नाम
लाजित गॉड फूकन था । लाजित गॉड फूकन माता कामाख्या का बहुत बड़ा भक्त था । और उसने माता कामाख्या का
नाम लेकर के युद्ध में इनकी सेना को पराजित कर दिया । वह तंत्र मंत्र शक्तियों को भी जानता था ।

 

इसलिए इस
मुगल सेनाओं को इनसे जितना मुश्किल होता चला जा रहा था । लाजित गॉड फूकन और उसकी सेना द्वारा पराजित
होने के बाद । मुगल सेना ब्रह्मपुत्र की नदी के रास्ते ढाका की ओर चली । और गुवाहाटी की ओर चलने लगी । राम
सिंह की नेतृत्व मुगल सेना थी । लगभग 30,000 पैदल सैनिक 17000 तीरंदाज 18000 तुर्की घुड़सवार 5000 बंदूकची
1000 तोपों के अलावा नौकाओं का बड़ा और विशाल बेड़ा युद्ध के लिए उस क्षेत्र पर आ गया था । लड़ाई के पहले चरण
में मुगल सेना रामसिंह असम के ऊपर कोई भी सफलता पाने के लिए असफल रही । राम सिंह ने अब अपनी बुद्धि को
अपनाया सोचा यहां अगर मैं भ्रम फैला दूं तो शायद यह युद्ध जीता जा सके । राम सिंह ने एक पत्र के द्वारा एक तीर
छोड़ा आहोम सेना पर जिसमें लिखा था । लजित गॉड फुकन को ₹100000 दे दिए गए हैं । इसलिए उसे गुवाहाटी
छोड़कर चले जाना चाहिए । यह पत्र अंतता अहोम राजा चक्र ध्वज के पास पहुंचा । यद्यपि राजा को लज्जित की
निष्ठा और देश भक्ति पर संदेश होने लगा । लेकिन उसके जो प्रधानमंत्री थे अनंत बोर्ड गोहिना नाम था । उसने राजा
को समझाया की

लाचित बोड़फुकन

के विरुद्ध एक चाल है ।

 

सराई घाटी की लड़ाई के अंतिम चरण में जब मुगलों ने
सराई में नजदीक से आक्रमण किया । तो असमिया सेना लड़ने की इच्छा खोने लगी । कुछ सैनिक पीछे हट गए ।
यद्यपि लक्षित गंभीर रूप से बीमार हो चुके थे । फिर भी वह एक नाव पर सवार हुए सात नव साथ मुगल बेड़े की
उन्होंने जय मां कामाख्या बोलकर सैनिकों का उत्साह बढ़ाने की कोशिश की । उन्होंने सैनिकों से कहा यदि आप भाग
ना चाहे तो भाग जाए । महाराज ने मुझे एक कार्य सौंपा है मुझे यह कार्य अच्छी तरह पूरा करूंगा । मुगलों को मुझे बंदी
बना लेने दीजिए ।आप महाराज को सूचित कीजिएगा । उनके सेना अध्यक्ष ने उनकी आज्ञा का पालन करते हुए
अच्छी तरह युद्ध किया । उनके सैनिक लामबंद हो गए । और मां कामाख्या का जयकारा लगाते हुए ब्रह्मपुत्र नदी में
एक भीषण युद्ध होने लगा । इस युद्ध में

लाचित बोड़फुकन

विजई हो गए ।

 

उनकी सेना की जय हो । सेना नायकों
की भी जय हो । देश की जय हो । केवल एक ही व्यक्ति नेतृत्व करता है यहां तक कि मैं राम सिंह व्यक्तिगत रूप से
युद्ध पर कोई कमी और कोई अवसर ना ढूंढ सका । उस महान लाजित गॉड फूकन विजई हो गई । और मुगल सेना
गुवाहाटी से पीछे हो गई मुग़ल सेनापति राम सिंह ने अहोम सैनिकों और सेनापति लाजित गॉड फूकन के सामने
अपनी हार अपनी पराजय स्वीकार करते हुए एक पत्र लिखा । महाराज की जय हो सलाहकारों की जय हो सेना नायकों
की जय हो देश की जय हो केवल एक ही व्यक्ति सभी शक्तियों का नेतृत्व करता है । यहां तक कि मैं राम से
व्यक्तिगत रूप से युद्ध स्थल पर उपस्थित होते हुए भी कोई कमी और कोई अवसर में ना ढूंढ सका उस महान

लाचित बोड़फुकन

के विरुद्ध ।

 

और वह माता कामाख्या की जय कारा करते करते अचानक से ऐसा युद्ध को जीत ले
गया । जैसे कोई बवंडर आता है और सेना को समाप्त कर जाता है । इस प्रकार वहां पर मुगल सेना की हार हो गई ।
और सभी लोग वापस आ गए । और यह बात फिर एक बार फिर से कहे कि मैंने आपसे कहा था । जमाल खान ने
अपने सैनिकों और शिविर में कहा कि मैंने सभी लोगों से कहा था यहां आप युद्ध नहीं जीत पाएंगे । यह क्षेत्र माता
कामाख्या का है और यहां के लोगों की भक्ति उनके प्रति अटूट है । मैं स्वयं इस बात का साक्षी रहा हूं । वापस लौटने
पर एक बार फिर पीर बाबा के पास गया । और एक बार फिर से पीर बाबा ने हंसते हुए कहा उस जमाल खान को क्या
हुआ पांचवीं बीवी का मुस्कुराते हुए उनकी तरफ देखते हुए । जमाल खान ने कहा बाबा बच गया अब पाचवी बीवी नहीं
बनाऊंगा । तो यह थी कहानी जमाल खान की । और उनके द्वारा गठित जीवन में जो जो घटनाएं थी उसकी कहानी है
। यह दुर्लभ अति गोपनीय कहानी है मध्यकाल की । धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो ।

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