जर महायोगिनी साधना दीपावली धनवर्षा सिद्धि
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज मैं आप लोगों के लिए एक ऐसी तांत्रिक साधना लेकर के आया हूं जिसकी सिद्धि प्राप्त करने पर व्यक्ति के ऊपर 100% धन की वर्षा होती है और यह प्रमाणित साधना है और मात्र दीपावली की रात्रि में एक रात में ही सिद्ध हो जाने वाली सिद्धि है। यह अत्यंत ही गोपनीय है और काफी ज्यादा प्रयास के बाद। इन्होंने भेजी है जिन के विषय में आप लोग जानते हैं, यह वही महोदय हैं जिन्होंने श्री राम तारण योगिनी साधना और उसके बाद यति भैरव रहस्य साधना के विषय में ज्ञान दिया था।
बहुत दिनों के बाद इन्होंने पत्र भेजा है तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं। इस साधना के विषय में और इस साधना को खरीदने के लिए मैंने नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में लिंक दे दिया है। वहां से आप इंस्टामोजो में जाकर के हिसाब ना को खरीद सकते हैं और दीपावली पर कर सकते हैं।
नमस्कार मित्र आप सभी को अग्रिम दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। मैंने बहुत समय पहले आपको श्रीराम तारण योगिनी साधना और यति भैरव रहस्य के विषय में बताया था, लेकिन साधकों के मन में सदैव एक प्रश्न रहता है और वह धन प्राप्ति का रहता है। मैं कई वर्षों से ऐसी ही किसी तांत्रिक लेकिन छोटी साधना के रहस्य को जानना चाहता था जो कि अचानक से ही मेरे सामने उपस्थित हो गई और यह रहस्य कैसे मुझे प्राप्त हुआ। मैं आप सभी को बताता हूं। मित्र आप जानते हैं कि मैं लगातार साधनाये करता रहता हूं और यति के समान ही घूमता रहता हूं। हिमालय में एक विशिष्ट तांत्रिक का मुझे अपनी साधना के द्वारा पता चला था और मैं महान रहस्य को समझने और उन तांत्रिक से मिलने के लिए अपनी शक्ति द्वारा बताए गए तरीके से उनके पास गुपचुप तरीके से 1 रात को पहुंच गया। उनकी कुटी में प्रवेश करने पर सामने से एक सुंदर कन्या ने मेरा स्वागत किया। उसने मुझे प्रणाम किया, लेकिन उसके चेहरे को और शरीर के तेज को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे यह कोई इंसान नहीं है। उसकी खूबसूरती काबिले तारीफ थी और नम्रता ऐसी थी जैसे कि स्वयं कोई देवी हो। उसने मुझे बैठने के लिए कहा, मैं बगल के कमरे में जाकर बैठ गया। और तब वह मेरे लिए चाय लेकर के आई तब मैंने उससे पूछा आपके गुरुदेव क्या यहां उपस्थित हैं तब वह हंसते हुए कहने लगी। गुरु जी अभी साधना में है। थोड़ी देर बाद जाग जाएंगे तब तक आप इंतजार करिए मैंने। उनसे कहा आप गुरु जी की क्या लगती हैं तो उन्होंने कहा, आप मेरी चिंता छोड़िए।
आप इतनी दूर से आए हैं वह भी अपनी तांत्रिक साधना के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करके तो अपने आप में आप इस लायक हैं कि गुरु जी आप से भेंट करें। आप यहां तब तक आराम से बैठे कुछ देर बाद अवश्य ही गुरु जी इस कमरे में पधारेंगे। मैं उसकी बात से खुश था और थोड़ी देर इंतजार करने के बाद अचानक से एक व्यक्ति को सामने देखता हूं।
वह काफी बूढ़ा था। वह व्यक्ति धीरे धीरे चल कर मेरे पास आया। मैंने उन्हें प्रणाम किया। वह मेरे सामने ही बैठ गए। तब उन्होंने कहा, आप यहां पर मुझसे तांत्रिक साधनाओं का ज्ञान प्राप्त करने आए हैं और मैं जानता हूं कि किस तांत्रिक शक्ति ने आपको मेरे बारे में बताया है।
चलिए! आपको एक विशेष रहस्य आज मैं दिखाऊंगा आप निश्चित रूप से वह रहस्य जानेंगे जो संसार को दिखा कर आप चमत्कृत अवश्य कर सकेंगे। तभी मैं उनके पास गया और उनके बगल में जाकर कहने लगा। आप तो काफी उम्र दराज लगते हैं। गुरु जी आपकी उम्र क्या है तो जब उन्होंने अपनी उम्र बताई, मैं और भी ज्यादा आश्चर्य में आ गया। उनकी उम्र 96 वर्ष थी।
96 वर्ष की उम्र में। इस प्रकार साधना रत व्यक्ति देखना अपने आप में ही बिरला भाग्य होता है।
तब वह कहने लगे, मुझे प्यास लग रही है। कृपया मुझे सामने रखा पानी पिलाईये तब मैंने कहा, आप की सेविका वह कन्या कहां है? तब वह हंसकर कहने लगे। मैं तो अकेला ही रहता हूं। सब कुछ अकेले करता हूं। एक शिष्य सुबह के वक्त आ जाता है और वही!
दिन भर मेरे साथ रहता है, अब वह जा चुका है इसलिए! आपको ही मेरे लिए यह करना होगा। तब मैंने उनसे पूछा कि फिर वह कन्या कौन थी जिसने मुझे अभी चाय दी थी। तो वह हंसकर कहने लगे। कौन सी कन्या मेरे पास कोई कन्या उपस्थित नहीं है। मैं समझ चुका था। यह इनकी कोई शक्ति है और उसी ने मेरा स्वागत किया था। यह अद्भुत रहस्य था। खैर उन्होंने कहा। आप कल तक का इंतजार कीजिए। मैं आपको एक विशेष तांत्रिक साधना देखने का मौका दूंगा और फिर एक दिन मैंने उनके साथ ही व्यतीत किया। उनका पूरा ख्याल रखा। हर प्रकार से उनकी सेवा की शाम का वक्त था और दिवाली का समय था।
पहली बार पिछले वर्ष यानी आज से 1 वर्ष पहले इस घटना को वास्तविक अनुभव लेने का मौका मुझे मिला था। उनके पास उनसे मिलने के लिए भारत का एक बहुत बड़ा उद्योगपति आया। आपको मैं उसका नाम नहीं बता सकता क्योंकि आख़िर गुरु और शिष्य के बीच के संबंध को जग में उजागर नहीं कर सकते। वह व्यक्ति बड़ा परेशान था। उसने कहा, मुझे करोड़ों का घाटा लगा है आप मुझे।
किसी प्रकार से इस परेशानी से बाहर निकालिए गुरु जी मैं आपका पिछले 40 वर्षों से शिष्य हूं और आप के कारण ही इतनी ऊंचाई पर पहुंचा था। तब गुरुदेव ने कहा, मुझे तो पहले से ही पता था कि तू आएगा इसलिए मैंने पहले ही सारी व्यवस्था कर रखी है और फिर वह एक स्थान पर उसे लेकर चले गए। जहां मैं भी था। उन्होंने कहा कि तुम्हें पूरा दृश्य देखने का मौका मैं दे रहा हूं। हालांकि इस साधना को किसी अन्य व्यक्ति को देखने नहीं दे सकते। लेकिन मैं इस साधना को कई बार कर चुका हूं। इस कारण से सिद्धियों ने मुझे इस बात की आज्ञा दे रखी है कि मैं इस साधना को किसी और को दिखा सकता हूं। इसलिए मैं अपने शिष्य और तुम्हें इसे सामने से दिखाता हूं। फिर उन्होंने एक। गोपनीय साधना की जिसका सारा विवरण मैंने आपको भेज दिया है। आप इन्हें अपने समस्त शिष्यों को प्रदान कर सकते हैं। लेकिन गुरु जी के वचन के अनुसार इस साधना को प्राप्त करने वाला कोई विशिष्ट इस साधना को किसी और को ना बताएं। अपने तक पूरा गोपनीय रखें। अन्यथा देवी के क्रोध का भाजन उसे बनना पड़ सकता है। वह स्वयं साधना कर सकता है और अगर उसे कोई अपना गुरु बनाता है तो उसे वह दे सकता है और सिखा सकता है। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति इस साधना को दुनिया को ना बताएं क्योंकि इस साधना को पूरी तरह से गुप्त किया गया है। तब उसके बाद मैंने वहां पर एक कन्या को बैठे हुए देखा और जब उसने अपना हाथ ऊपर उठाया तो जो दृश्य अपनी खुली आंखों से मैंने और उनके शिष्य ने देखा वह दुनिया में सबसे बड़ा चमत्कार था। मेरे सामने ही दो 2000 के नोट गिरने लगे और सामने पूरा भंडार जैसे भर गया हो।
लगातार आकाश से पता नहीं कहां से धन की वर्षा हो रही थी। गुरुदेव की वह पूरी साधना रात भर चली थी। लेकिन सुबह के समय में इस प्रकार का चमत्कार अपनी खुद की आंखों से देखना बहुत बड़ा रहस्य है। तब मुझे यकीन हुआ कि तांत्रिक साधना में कितना अधिक बल होता है जो भौतिक जीवन के सारे नियमों को तोड़ सकता है। इसीलिए इस तांत्रिक साधना को मैं आपको भेज रहा हूं। आप इसे अपने शिष्यों को और जनता को उपलब्ध करवा सकते हैं, लेकिन इसके नियम बहुत सरल है और बहुत कठिन भी कोई भी इस साधना को पढ़कर सारी बात समझ जाएगा। लेकिन क्योंकि? यह साधना दीपावली की रात, होली की रात, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि की रात को की जाती है इसलिए इस साधना को एक ही रात में सिद्ध कर सकने की सभी में क्षमता मौजूद है और इसमें कोई विशेष कठिनाई भी नहीं है लेकिन? व्यक्ति में पूरी तरह आत्म नियंत्रण होना चाहिए और वह पूरी तरह जितेंद्रीय व्यक्ति हो जिसकी मन भावनाएं सब उसके नियंत्रण में अवश्य हो। अन्यथा सफलता वह कभी प्राप्त नहीं कर सकता है।
तो यह एक सत्य है और उन जर महायोगिनी शक्ति को सिद्ध करके अतुलनीय धन प्राप्त किया जा सकता है। उस व्यक्ति का घाटा लगभग ₹270000000 था और पूरे पैसे ऐसा लगता था जैसे ब्याज समेत उनके गुरु ने उस व्यक्ति को प्रदान कर दिए थे। वह अपने गुरु के चरण छू कर वहां से चला गया और मुझे प्राप्त हुआ। यह ज्ञान मैं आपको सहर्षसा दे रहा हूं क्योंकि मेरे लिए धन कोई मायने नहीं रखता है। मैं केवल तत्व, ज्ञान और मोक्ष की ओर बढ़ना चाहता हूं। इसीलिए मैं आपको इस रहस्य को दे रहा हूं जो जीवन का सबसे बड़ा और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने वाला उनकी पुत्री स्वरूपा जर महायोगिनी की साधना बताता है। इसके बाद मैंने गुरु जी से जर महायोगिनी के विषय में थोड़ी और जानकारी प्राप्त की तब उन्होंने बताया कि इसे! जर नाम के एक ऋषि ने सबसे पहले सिद्ध किया था जो कि कई वर्षों तक मां भगवती की साधना धन प्राप्ति के लिए करते रहे तब देवी मां ने इन्हें जर महायोगिनी अर्थात जर का अर्थ धन होता है। उन को सिद्ध करने की विधि बताई थी। उन को सिद्ध करने के बाद वह व्यक्ति दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति बना और माता की कृपा से और उन देवी की कृपा से जर भैरव बनकर सदैव के लिए योगिनी लोक में भैरव के रूप में स्थापित हो गया था।
उन्होंने यह ज्ञान अपने शिष्यों को दिया था और बाद में यह ज्ञान!
विभिन्न प्रकार के तांत्रिकों से होता हुआ उज्जैन के प्रतापी राजा विक्रमादित्य ने इस साधना को किया था जब उनके ऊपर शनि की साढ़ेसाती चली थी तो उनका सारा धन रुपया पैसा सब कुछ समाप्त हो गया था तब उन्होंने।
शनिदेव की कृपा से स्वस्थ होने के बाद। खाली पड़े खजाने को फिर से प्राप्त करने के लिए इस साधना को किया था। और तब वापस अपने? महल में जब दोनों रानियों के साथ उज्जैन पहुंचे थे तब नगर में दीपावली मनाई गई थी और उस रात उन्होंने इस इस साधना को करके पूरा खजाना भर लिया था। इसी प्रकार उसके कई सौ वर्षों के बाद। आमेर के दुर्ग में राजा मानसिंह ने इस साधना को एक तांत्रिक के कहने पर चील के टीले नामक पहाड़ी पर स्थित अंबिकेश्वर मंदिर में किया था वहां पर माता दुर्गा और भगवान शिव की पूजा की जाती थी। तांत्रिक के कहने पर जब देवी उनके सामने प्रकट हो गई तो उन्होंने इन्हें अफगानिस्तान और उसके क्षेत्र पर हमला करके।
बहुत बड़े धन को प्राप्त करने की विद्या बताई थी।फिर राजा मानसिंह ने सारा खजाना लूट कर उसे लेकर आमेर वापस आए और इस धन का कोई भी विवरण इन्होंने अकबर को नहीं सौंपा क्योंकि देवी की माया से अकबर ने इन्हें मिला हुआ सारा धन इन्हीं के लिए छोड़ दिया था और इनसे कुछ भी धन के रूप में प्राप्त नहीं किया था।
इससे अनुमान लगा सकते हैं कि इस साधना का कितना बड़ा रहस्य है और कितने बड़े खजाने धन प्राप्त किए जा सकते हैं। इस प्रकार मैंने उन गुरुदेव जिनकी उम्र 96 वर्ष है, इस साधना को प्राप्त किया था।
आशा करता हूं। आपको यह साधना अच्छी लगेगी और जगत का कल्याण करेगी।
नमस्कार मित्र!
संदेश-तो देखिये यहां पर इन्होंने इस साधना को भेजा है। मैंने इस साधना को अपने इंस्टामोजो अकाउंट में उपलब्ध करवा दिया है। इसका लिंक इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन बॉक्स में है। वहां से क्लिक करके आप इस साधना को खरीद सकते हैं। और मनचाही सिद्धियां और देवी जर को प्रसन्न करके अपूर्व सिद्धियों के साथ धन की वर्षा कर सकते हैं लेकिन? सावधान रहने की आवश्यकता है और इस एक रात की साधना के लिए आप स्वयं को अवश्य ही पीडीएफ़ पढ़ के तैयार कर लें तभी ऐसी साधनाएं करें। तो यह था आज का यह साधना अनुभव अगर आज का वीडियो आपको पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।
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