जल यक्षिणी का सत्य अनुभव
नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। आज हम एक विचित्र अनुभव को लेंगे जो अनुभव एक गुप्त यक्षिणी के विषय में है जिसके विषय में साधिका महोदय भी नहीं जान पाई हैं कि आखिर यह रहस्यमई स्त्री कौन थी तो चलिए पढ़ते हैं। इनके पत्र को और जानते हैं कि क्या है यह अनुभव?
प्रणाम मैं किसी साधना का अनुभव नहीं अपितु अपने साथ बचपन में घटित हुई। एक छोटी सी किंतु विचित्र घटना का अनुभव साझा कर रही हूं। यह अनुभव आज से 10-11 वर्ष पहले का है। उस वक्त मेरी आयु 7 से 8 वर्ष के बीच रही होगी। गर्मी की छुट्टियों में मैं और मेरी मां मामा के घर गए हुए थे। घर के बगल में मैं और मेरी एक दोस्त खेल रही थी। हालांकि हम घर के बगल में ही थे। पास में ही कई और घर भी बने हुए थे। उस गली के लोगों का आना-जाना बिल्कुल बंद था। यानी जो गली में यह निवास करते थे। उसके पास एक गली से लोगों के आने-जाने पर पाबंदी थी और हम दोनों मैं और मेरी सहेली खेलते खेलते थोड़ी ही दूरी पर स्थित एक छोटे मुंह वाले गहरे गड्ढे के पास जा पहुंचे। आखिर हम तो थे बच्चे ही गड्ढे में आवाजें लगाना शुरू कर दिया। कोई है कोई है तभी कुछ ही देर बाद भी तल से एक आवाज आई। आवाज बहुत आकर्षित करने वाली और मधुर थी। जैसे कोई 20-25 साल की सुंदर युवती हमसे बात कर रही हो। साथ ही पानी की टिप टिप जैसी आवाज आना भी शुरू हो गई। हमने उस आवाज से पूछा, आप कौन हैं हमारे इस प्रश्न का उसने कोई उत्तर नहीं दिया, लेकिन पलट कर हमसे पूछा, तुम्हारा नाम क्या है, हम भी अड़े रहे पहले आप अपना नाम बताओ। फिर से कोई जवाब नहीं आया। अंततः हमने अपना नाम बताया। इसके तुरंत बाद सहसा पानी की टप टप बंद हो गई और आवाज भी गायब हो गई। हम कुछ समझ नहीं पाए। हमारे साथ यह क्या हुआ है घर आकर मैंने यह बात सबको बताई। सब हैरान थे खासकर मेरी मां, पर किसी ने हमारी इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। गुरुजी वह शक्ति कौन थी, हमसे क्यों बात कर रही थी और अब वह मुझे कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाएगी। आपको यदि उचित लगे तो इसे अपने यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित कर सकते हैं। साथ ही मेरे प्रश्न का उत्तर अवश्य दीजिएगा। धन्यवाद! तो देखिए यहां पर इन्होंने यह बताया उस गली से लोगों का आना-जाना बिल्कुल बंद था। उसी के पास एक छोटे मुंह वाला गहरा गड्ढा था और उस गड्ढे में इन्होंने आवाज लगानी शुरू कर दी। और उस जगह से उन्होंने कहा कि कोई 20 से 25 साल की सुंदर युवती की मधुर आवाज सुनाई दी थी। इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि आखिर यह शक्ति कौन थी। अगर इनके साथ कुछ गलत होता उस दौरान तो वह किसी स्त्री की आत्मा होती जो उस स्थान पर मर गई हो सकती थी लेकिन ऐसा नहीं था। उसने! अपना प्रश्न पूछ कर फिर आपसे प्रश्न पूछा, इसका मतलब है कि वह कोई प्रेत आत्मा नहीं थी, क्योंकि प्रेत आत्मा से जो सवाल पूछा जाता है, वह या तो जवाब नहीं देगी अथवा उसी ही प्रश्न का जवाब देगी। पलटकर आपसे प्रश्न नहीं पूछ सकती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वह कोई प्रेतात्मा तो नहीं थी? अब आते हैं अगली बात पर वह स्थान पानी से भरा हुआ था और पानी की ही आवाज टप टप की तरह आ रही थी यानी, वह शक्ति जो भी थी। पानी से पूरी तरह से संबंधित ही छोटे मुंह वाला गहरा गड्ढा था। यानी कि उस गड्ढे में कहीं ना कहीं पानी भरा होगा। यह पानी का कोई संबंध उससे जुड़ा होगा। तभी पानी के टप टप करने की आवाज इन्हें सुनाई दे रही थी। अब ऐसी शक्ति कौन सी हो सकती है आप जानिए? देखिए जो भी शक्ति होती है वह उस स्थान से ही नहीं बल्कि उस पूरे क्षेत्र से जुड़ी होती है। जमीन के अंदर कुछ गहराई पर जाकर हम जानते हैं कि पानी शुरू हो जाता है। इसको हम भूमिगत जल कहते हैं। यह शक्ति पानी के अंदर निवास करने वाली कोई शक्ति थी। क्योंकि उसने इन्हीं से पलट कर नाम पूछ लिया। इस कारण यह शक्तिशाली शक्ति थी, लेकिन अगर उसने कोई नुकसान इतने वर्षों में भी नहीं पहुंचाया है तो इसका अर्थ यह है कि वह एक शक्तिशाली यक्षिणी ही थी। यह जल यक्षिणी के नाम से जानी जाती है। इसे जलवासिनी यक्षिणी भी कहते हैं। यह एक शक्तिशाली और सौम्य शक्तियों से युक्त यक्षिणी मानी जाती है। ऐसा बहुत कम देखने में मिलता है कि बिना किसी साधना के इस शक्ति ने स्वयं जवाब दिया हो। अगर कोई बड़ा इंसान होता तो वह वचनों में इस शक्ति को बांध सकता था लेकिन क्योंकि छोटे बच्चों में समझ नहीं होती है और वह शांत और सरल स्वभाव के होते हैं। इसी कारण से ऐसी शक्तियां इनके प्रति आकर्षित हो जाती है। और जैसे पानी में हम खेलते हैं, वैसे ही वह भी पानी में खेल रही थी। और इनके खेल को समझ कर वह भी आ गई और उसने! पूछा। कि तुम्हारा नाम क्या है? लेकिन यह उसने तभी किया जब वहां पर बच्चों ने जोर-जोर से आवाज लगाई थी। इनकी अठखेलियां को समझ कर उसने भी एक शरारत की थी ऐसी शक्तियां! शक्तिशाली होने के साथ सरल स्वभाव की भी होती हैं, लेकिन इनकी सामर्थ्य बहुत अधिक होती है। अगर ऐसी शक्ति को कोई वचन में बांध ले और वचन के अनुसार उससे कहे कि मैं जब भी तुम्हें पुकार लूंगा, आप मेरी बात सुनने जरूर आएंगे और मैं जो कहूंगा वह आप करेंगे तो वह भी अवश्य ही अगर जवाब दे देती तो सिद्ध हो जाती और हमेशा के लिए आपकी हर आज्ञा को मानती। तो ऐसी शक्तियों से वार्तालाप करते वक्त सावधानी बरतते हुए आप उन्हें बिना कोई साधना किए सिद्ध कर सकते हैं। तो एक मौका था इनके पास और चाहती तो इसे सिद्ध कर सकती थी लेकिन नासमझ होने के कारण कम उम्र में ऐसी बातों का ज्ञान भी नहीं होता है। इस बात से इन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि 7- 8 साल की उम्र में अगर आपके साथ ऐसा हुआ था तो अब तक अगर वह कोई प्रेतनी या पिशाचीनी होती। तो आपके साथ वह बहुत बुरा कर देती। लेकिन वह एक यक्षिणी थी इसीलिए उसने कुछ भी नहीं किया। अब उसी स्थान पर जाकर अगर साधना की जाए तो उस यक्षिणी को सिद्ध किया जा सकता है। बशर्ते वह अब उस स्थान पर आज भी विराजमान हो। क्योंकि अधिकतर शक्तियां ऐसे स्थानों को छोड़ देती हैं जिस स्थान पर बार-बार कुछ विशेष घटना घटित हो जाए। इसकी वजह से आप!बहुत कुछ प्राप्त कर सकते थे क्योंकि जल यक्षिणी की यह सबसे बड़ी उपलब्धता होती है कि जल में पड़े हुए रत्न आभूषण और धन देने में बहुत अधिक समर्थ होती है आपको नदी के जल में समुद्र के जल में और अन्य स्थानों में भी जहां जल विराजमान है, कहीं भी अगर धन होगा तो यह बड़ी आसानी से अपने साधक को प्रदान कर सकती है। इसके अलावा इनकी संपूर्ण सिद्धि होने पर पानी के अंदर व्यक्ति बिना सांस लिए भी जीवित रह सकता है। और पानी पर चलने की विद्या में यह शक्तियां प्रदान कर सकती हैं। इसलिए इनकी सामर्थ्य बहुत अधिक मानी जाती है। तो यह था इनका एक छोटा सा अनुभव? जिससे हमें जल वासनी यक्षिणी के बारे में जानकारी मिली है। तो यह था आज का वीडियो, आप लोगों को पसंद आया है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें। आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद। |
|