नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है। जिन्ने चिराग की शक्तिशाली साधना में अभी तक आपने जाना कैसे एक साधक महोदय के दादा जी को एक जिन्न सिद्धि थी और उन्होंने परी को प्राप्त कर लिया था। आगे जानते हैं कि उनके साथ आगे भविष्य में क्या घटित हुआ?
पत्र – नमस्कार गुरु जी, पिछले पत्र में मैंने आपको बताया था। अब उसके आगे का भाग मैं आपको बता रहा हूं।
मेरे दादाजी उस परी की सेवा से बहुत अधिक खुश थे। काफी समय तक उन्होंने जिन से कोई कार्य नहीं लिया? इसी कारण से जिन को शायद नाराजगी हो गई होगी।
या यूं कहिए कि परी में ही फ़सकर मेरे दादाजी जिन को भुला दिए थे?
शायद इसी वजह से जो नई घटना घटी उसका ऐसा परिणाम निकला।
हुआ यूं कि? शहर के एक प्रसिद्ध साहूकार व्यक्ति।
मेरे दादाजी के पास आए। और उन्होंने कहा, आप मेरे लड़के को बचा लीजिए। मेरे दादाजी ने उससे पूछा। क्यों आपको क्या समस्या है? तब उस साहूकार व्यक्ति ने मेरे दादा जी से कहा। तंत्र मंत्र का क्षेत्र बहुत ही खतरनाक होता है? और बिना गुरु के या फिर सही और सटीक साधना ना करने पर हमेशा नुकसान ही हो जाता है।
यहां पर मेरे पुत्र के साथ भी ऐसा ही कुछ हो चुका है। एक!
तांत्रिक व्यक्ति से उसने एक परी को सिद्ध करने की विधि सीखी थी। लेकिन वह साधना बिगड़ गई।
तब मेरे दादाजी ने उससे पूछा कि आखिर साधना बिगड़ी कैसे?
तो उन्होंने सारी बात बताई कि कैसे परी साधना के दौरान उस व्यक्ति ने? परी के साथ ही शारीरिक संबंध बनाने की गलती कर दी। और ये साधना से पहले हो गया उसके बाद भी साफ सफाई का ध्यान ना रखते हुए उसने अगले दिन की साधना कर दी।
इसी वजह से जिस परी को वह सिद्ध करने वाले थे, वह नाराज हो गई और उसकी साधना उसने बिगाड़ दी। साधना बिगड़ने पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव मेरे पुत्र पर पड़ गया है। रात को नींद नहीं आती है जबकि तेज नींद उसकी आंखों में भरी रहती है। वह ना सोने की बीमारी के कारण चीखता और चिल्लाता है।
बहुत कोशिश करता है कि उसे नींद आ जाए, लेकिन उसकी सांसे तेज चलने लगती है और वह बहुत अधिक सोने की कोशिश करता है। पर उसे नींद नहीं आती। पूरी रात ऐसे ही गुजर जाती है।
अगर उसकी हालत ऐसी ही बनी रहे तो शायद वह नहीं बचेगा। मैंने कई डॉक्टरों को वैध्य हकीमो को उसे दिखाया है।
लेकिन कोई भी उसका इलाज नहीं कर पा रहा है !
जब उसने सारी बात! मुझे बताई तो मैं समझ गया। इस समस्या का इलाज केवल किसी विशेष साधक के पास ही हो सकता है। मैंने कई लोगों से आपका नाम सुना है। अब आप ही कुछ ऐसा कीजिए जिसकी वजह से मेरे पुत्र की नींद वापस आए और उसकी जान बच सके।
मेरे दादाजी! उन्होंने कहा- इसका हल मैं आपको अगले दिन बता दूंगा। आप अगले दिन अपने पुत्र को लेकर मेरे पास आइए।
रात में।
मेरे दादाजी ने अबकी बार जिन को याद किया। जिन ने कहा इस समस्या का हल केवल और केवल? परी ही बता सकती है जो आपकी सेवा में है। लेकिन गलती ना होने पाए और यह कहते हुए जिन वहां से गायब हो गया।
फिर मेरे दादाजी ने उस परी को बुलाया। परी ने कहा। उस परी का असर काटने के लिए आपको, मुझे उसे 1 दिन के लिए देना पड़ेगा।
और उस दौरान आप मुझ पर सारे अधिकार खो देंगे।
इसलिए मैं आपको सावधान भी करती हूं।
मेरे दादाजी ने कहा कि ठीक है कोई बात नहीं। मुझे तो उस इंसान की जान बचानी है। इसके लिए तुम्हें 1 दिन के लिए उसके पास जाना भी पड़े तो मुझे कोई समस्या नहीं है। मेरे दादाजी ने अगले दिन उस साहूकार व्यक्ति से बात की।
वह अपने पुत्र के साथ आया हुआ था। मेरे दादाजी ने उस साहूकार को कहा, आप रात के समय आए और अपने पुत्र को लेकर के पास के ही एक जंगल में आ जाएगा।
आपके पुत्र को एक रात्रि उस जंगल में बितानी होगी। और उसके बाद फिर वह हमेशा के लिए ठीक हो जाएगा।
साहूकार अपने पुत्र को लेकर रात्रि के समय उस वीराने जंगल में आ गया। मेरे दादाजी ने उस साहूकार को कहा, मैं और आप यही पर बैठे रहेंगे। अपने पुत्र को कहिए कि इस क्षेत्र का भ्रमण करें। सुबह तक उसे इसी प्रकार चलकर अपनी रात बितानी है। जो भी उसे दिखाई दे। या जिससे उसकी बातें हूं। उस बात को किसी को ना बताएं।
तो इस प्रकार से।
अगले दिन तक वह ठीक हो जाएगा। साहूकार ने मेरे दादाजी की बातें मान ली थी। उसने सारी योजना अपने पुत्र को बता दी। मेरे दादाजी और साहूकार! एक जगह बैठ कर इंतजार करने लगे। सुबह होने का और साहूकार का पुत्र उस रात उस जंगल में चारों ओर भटकता रहा । थोड़ी देर बाद! उस साहूकार के पुत्र को एक बहुत ही सुंदर स्त्री दिखाई दी।
स्त्री जैसे ही उसके नजदीक आई। वह उसे देखकर बहुत ही अधिक व्याकुल हो गया और कहने लगा मुझे आप जैसी कोई सुंदर लड़की नहीं मिली है। मैं आपसे शादी करना चाहता हूं।
तब उस परी ने कहा, शादी बाद में कर लेना।
चलो मैं तुम्हें कुछ दिखाती हूं। और वह! परी उसका हाथ पकड़कर पूरी रात उस व्यक्ति को घुमाती रही।
उस व्यक्ति ने कहा कि ठीक है। अब अगले दिन मै तुमसे मिलने दोबारा आऊंगा। परी ने कहा, ठीक है तुम मुझसे मिलने दोबारा आ सकते हो? और आज के बाद से तुम्हारा यह रोग नष्ट हो जाएगा क्योंकि तुमने अपनी आंखों से वही देख लिया है जो तुम गलती किए थे ।
इस प्रकार से रात बिताकर वह मेरे दादाजी के पास लौट आया। और कहने लगा आज मैं बहुत ही अधिक तरोताजा महसूस कर रहा हूं।
मेरा स्वास्थ्य अच्छा लग रहा है।
और मैंने वादा भी किया है। उसे भी तो निभाना है। इस प्रकार! दादा जी की कृपा से उस व्यक्ति की नींद अब ठीक हो चुकी थी। उसका शरीर का भारीपन जा चुका था। अगली सुबह वादा अनुसार दादाजी की परी एक बार फिर से आखरी बार उससे मिलने के लिए आई।
अबकी बार परी ने कहा, क्या आपको रात में अच्छे से नींद आई है तब उस व्यक्ति ने कहा हां!
तब उस व्यक्ति ने एक बार फिर से वही गलती दोहरा दी उसने। परी का हाथ पकड़ लिया और कहा आज से तुम मेरे साथ रहोगी। मैं तुम्हें कहीं जाने नहीं दूंगा। इस पर परी ने कहा, मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती। मुझे वापस अपने मालिक के पास जाना है। तब उसने कहा, मैं तुम्हें ₹ पैसा सब कुछ दूंगा। तुम बस रुक जाओ, वह हंसने लगी और जाने लगी। तभी उसने अपने छुपे हुए दोस्तों से उसे घेरकर पकड़ लेने को कहा।
और सभी ने आकर उसे पकड़ लिया।
उससे परी ने गुस्से में आकर कहा, तुम लोग मुझे नहीं पकड़ सकते हो? यह तो मेरी इच्छा थी कि मैं दूसरी परी के प्रभाव को नष्ट कर। अपना प्रभाव तुम पर डाल रही थी ताकि तुम ठीक हो सको पर तुमने मुझे जगजाहिर कर दिया है। यह गलती ना सिर्फ तुमने की बल्कि मेरे मालिक ने भी की है इसलिए मैं उसे भी छोड़ कर जाऊंगी।
इस प्रकार से वह वहां से गायब हो गई और मेरे दादाजी के पास आकर खड़ी होकर गुस्से से उसने कहा। आपने वचन तोड़ा है इसलिए मैं अब इस दुनिया से वापस अपनी दुनिया में जा रही हूं।
तभी उसके साथ में जिन्न प्रकट हो गया।
और जिन्न ने कहा अब! मैं हमेशा के लिए आपको छोड़कर जा रहा हूं। क्योंकि आपने मुझसे भी जो वादा किया था, वह तोड़ दिया है।
वह जिन्न और अप्सरा हमेशा के लिए। उनकी जिंदगी से गायब हो गई।
बाद में। मेरे दादाजी को सबसे बड़ा धक्का तब लगा?
जब उन्होंने उस साहूकार से मिलने की बात सोची। जब वह उस साहूकार के पास मिलने के लिए गए। तो उस साहूकार ने एक ऐसी बात कह दी जिसने मेरे दादा का सिर ही घुमा दिया।
उसने कहा, मैं कभी आपके पास आया ही नहीं था।
तो इस प्रकार आप समझ ही सकते हैं। गुरु जी की साधना क्षेत्र में कितने बड़े चमत्कार होते हैं और किस तरह शक्तियां आपसे खेल जाती हैं? इस प्रकार उनकी सिद्धि भी गई और उन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।
साधना का पीडीएफ आपने इंस्टामोजो पर डाल दिया है। इसके लिए आपका धन्यवाद अगर कोई यह साधना करना चाहता है तो अवश्य करें लेकिन सावधान! क्योंकि मैंने कहानी के माध्यम से आपको सब कुछ बता दिया है।
सभी दर्शकों को प्रणाम! गुरु जी को नमस्कार!
धन्यवाद!
संदेश – यहां पर इन्होंने साधना के विषय का गूढ़ ज्ञान दिया। साथी ही साथ जो जीवन में इनके दादा जी के साथ घटित हुआ था, उसकी कथा भी सुनाई है। अगर आपको यह वीडियो पसंद आई है तो लाइक करें। शेयर करें, सब्सक्राइब करें । आपका दिन मंगलमय हो। धन्यवाद।