पिछले भाग में हमने जाना किस प्रकार तक्षकमुखी नागिन अपने पिता अर्थात तक्षक राज के साथ में मंदिर में आई थी और जब उसके पिताजी वहां से चले गए और स्वयं शिव की आराधना में लीन हो गए तब इधर-उधर टहलते हुए वो मंदिर में घूम रही थी साथ ही उसने पूजा के लिए भगवान शिव पर फूलों को चढ़ाना चाहा उसी दौरान उसने शंभू नाम के एक व्यक्ति को झाड़ी में छिपे हुए था उसको बाहर कर दिया लेकिन शंभू ने उसे देखा और चूँकि सारी घटना वह पहले देख चुका था कि किस प्रकार से एक छोटी सी कन्या एक पूरी स्त्री बन चुकी थी l ऐसी अवस्था में नागिन को देखकर ऐसे अद्भुत नजारे को पहली बार शंभू ने देखा वह बहुत ही आश्चर्य से उसे देखता रहा, इसी प्रकार तक्षक मुखी नागिन को कुछ भी याद नहीं रहा और उसने अपना सर्प रूप धारण किया इधर सर्प रूप धारण करने पर उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें और फिर उसने मानव रूप धारण किया इस दौरान उसने गलती कर दी मानवीय रूप में आने पर वह वस्त्र हीन रही कारण कि उसे कुछ भान ही नहीं रहा l यह एक अप्रत्याशित सी घटना उसके साथ इसलिए घटित हो गई क्योंकि वो नागिन थी और इस बात को नहीं जान पाई की पहली बार मनुष्यों का सामना होने पर कैसा बर्ताव किया जाता है, उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कभी मानवी कभी नागिन बन रही थी इस दौरान गलती से जब वो मानवीय बनी तो वह नग्न रूप में ही प्रकट हो गई क्योंकि वह भूल गई की उसे अपने शरीर पर वस्त्र धारण किए हुए प्रकट होना चाहिए था और उसके नग्न रूप को देखकर के उसके शरीर की सुंदरता को देखकर के शंभू की आंखें फटी की फटी रह गई और वो उसे लगातार घूरे चले जा रहा था, नागिन को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कभी वह नागिन कभी वह नग्न स्त्री के रूप में बार-बार अपने रूप को बदल रही थी l मैं आखिर क्या कर रही हूं फिर अपने आप पर नियंत्रण करते हुए नागिन ने स्वयं को नागिन के विशालकाय रूप में प्रकट कर दिया उसके बाद उसने अपनी तीव्र विष फुंकार का प्रयोग किया उसकी तीव्र विष फुंकार के प्रयोग से शम्भु पूरी तरह से अचेत हो गया अर्थात बेहोश हो गया क्योंकि उस नागिन ने इसका प्रयोग इसलिए किया क्योंकि अब तक वह समझ चुकी थी कि यह रहस्य जो शम्भु ने देख लिया है उस रहस्य को छुपाना पड़ेगा क्योंकि नाग लोगों को इस प्रकार के अधिकार प्राप्त नहीं है कि वह मनुष्यों के बीच में अपने आप को प्रदर्शित करते हुए फिरे l ऐसी अवस्था में अब उसके विष के प्रयोग से शम्भु पूरी तरह से अचेत होकर उसी जगह पर गिरकर बेहोश हो गया उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था इसलिए तक्षकमुखी नागिन ने मंदिर की चारों ओर परिक्रमा की और उसके बाद कुछ ना सोचते हुए जंगल की ओर बढ़ने लगी जंगल की ओर बढ़ते हुए अचानक बहुत सारी उसकी सखियां अर्थात नागिने वहां आ गई और उन सब ने उसे घेर लिया और कहा कि अरे तुम तो तरुणी स्त्री बन चुकी हो इसका अर्थ यह हुआ कि पिताश्री ने आप को वरदान दे करके कन्या से पूरी स्त्री के रूप में परिवर्तित कर दिया है और तुम पहले से ज्यादा खूबसूरत भी लग रही हो अपनी माता और बाकी नाग लोक के लोगों को दिखाओ कि तुम्हारा रूप परिवर्तन हो चुका है इस प्रकार हंसते मुस्कुराते हुए वह बातें करने लगी और उसकी कई सारी सहेलियां वहां पर इकट्ठा हो गई फिर उसके बाद उन्होंने नाग लोक में प्रवेश करने के लिए एक आयामी द्वार का निर्माण किया और उसके अंदर प्रवेश करके एक एक नागिन अंदर जाने लगी जैसे ही तक्षकमुखी नागिन उस द्वार में प्रवेश करने की कोशिश की बड़ा जोर का झटका उसे लगा वह द्वार के अंदर प्रवेश नहीं कर पा रही थी और इस बात से वह बहुत ही बड़ी मुश्किल में फंस गई वो सोचने लगी ऐसा क्यों हो रहा है कि मैं अपने ही लोक में प्रवेश नहीं कर पा रही हूं और द्वार मेरे लिए बंद सा क्यों है जो सबके लिए खुला हुआ है सारी नागिने अंदर प्रवेश कर गई है और यह यही रह गई उसकी एक सहेली ने देखा कि उसकी सहेली अर्थात तक्षकमुखी तो अंदर प्रवेश ही नहीं की है उसने वहां से फिर पृथ्वी में प्रवेश करते हुए मनुष्य लोक में आ गई और कहने लगी क्या हुआ तुम हमारे साथ में नहीं चलना चाहोगी तब तक्षकमुखी नागिन ने कहा बड़ा आश्चर्य का विषय है कि मैं अपने ही लोक में प्रवेश नहीं कर पा रही हूं ऐसा क्या हो गया है तभी उसकी और सहेलियां फिर से वापस आ गई और सब के सब मनुष्य लोक में आने पर उससे बातचीत करने लगी कि क्या हुआ आखिर तुम अपने नाग लोक में क्यों नहीं चल रही हो हमारी समय अवधि समाप्त हो चुकी है अपने लोक में लौटना चाहिए वो भी नाग पंचमी के दिन ही कुछ समय और तक ही केवल हम पृथ्वी पर रह सकते हैं इसके बाद हमें अपने लोको को लौट जाना चाहिए तो क्या हुआ है, राजकुमारी आप क्यों नहीं चलना चाहती तक्षक मुखी ने कहा मैं सच कह रही हूं मैं चलना चाहती हूं लेकिन मैंने बहुत कोशिश की लेकिन फिर भी मैं इस द्वार में प्रवेश नहीं कर पा रही हूं ऐसा क्यों हो रहा है मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं सभी ने अपने माथे पकड़ लिया और कहा ऐसा तो केवल एक ही अवस्था में हो सकता है कि आपको इस लोक में किसी ने नग्न देखा हो ! और साथ ही साथ आपको कन्या से स्त्री बनते हुए भी देखा हो ! अगर ऐसा हो तो फिर आपकी मानवीय शक्ति बढ़ जाती है और नागिन शक्ति क्षीण हो जाती इसलिए ऐसा होने पर ही केवल आपको आपने लोक में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिल पाएगी, क्या ऐसा कुछ हुआ है तो उस पर दुख भरे स्वर में सोचते हुए तक्षक मुखी ने कहा हां यह तो सच में घटित हो गया है जिस वक्त पिताजी ने मुझे कन्या से स्त्री होने का वरदान दिया उसी क्षण पता नहीं कौन मानव एक झाड़ी के पीछे छुपा हुआ यह सब देख रहा था जब उसके पास गई तो मुझे कुछ समझ में नहीं आया और जब मैं नागिन से मानवीय बनी और मानवी से फिर नागिन बनी उस दौरान में एक दो बार नग्न अवस्था में भी उसके सामने खड़ी हो गई मुझे भान ही नहीं रहा कि मेरे शरीर पर वस्त्र होने चाहिए जब मैं रूप परिवर्तित कर रही थी उसी दौरान उसने मुझे देख लिया l सबके सब चकित हो गए और उसे देख कर के बड़े आश्चर्य से कहने लगी हे देवी यह तो बहुत बुरी बात हो गई है अब तो आपको सज़ा मिलेगी इस पर बड़े गंभीरता से उनकी बातों को सुनते हुए तक्षकमुखी ने कहा कौन सी सजा मैं नहीं जानती यह कैसी सजा है क्या है l नागिनो ने कहा आपको अब मनुष्य लोग में ही रहना होगा और अब आप नागलोक में प्रवेश नहीं कर पाएंगे ऐसा सुनने पर तक्षक मुखी नागिन रोने लगी ऐसा नहीं होना चाहिए मैं इस दुनिया की नहीं हूं मैं यहां किसी को नहीं जानती आखिर मैं अपनी ही दुनिया में क्यों नहीं जा सकती तो उनकी सहेलियों ने वहां पर कहा कि हमारे यहां का ऐसा नियम है कि अगर हमारे लोक से कोई दूसरे लोक में जाता है और अगर कोई नागकन्या विवाह के पूर्व नग्न रूप में किसी पुरुष को दिख जाती है तो उसे उससे विवाह करना होता है यानी नागलोक की ऐसी परंपरा है l इसलिए आपके नग्न रूप को कोई ना देख पाए केवल और केवल नाग लोक की शक्तियों को ही यह सब देखने का अधिकार होता है पर आपने तो एक मनुष्य को यह सब कुछ दिखा दिया है l इससे उबरने का कोई उपाय बताइए तक्षक मुखी ने पूछा तब सभी सहेलियो ने उससे कहा इसका एक ही उपाय है आप जाकर उस पुरुष को मार दीजिए अगर आप उसे जान से मार देंगे तो तुरंत ही आपको अपराध से क्षमा मिल जाएगी और आप नाग दुनिया में वापस आ सकेंगे नहीं तो केवल एक ही मार्ग बचा होगा आपको उस पुरुष से विवाह करना होगा लेकिन यह भी बात जान लीजिए अगर उस पुरुष ने आप से विवाह किया तो वह विवाह करते ही मर जाएगा अर्थात दोनों ही अवस्था में उसकी मृत्यु तय है तक्षक मुखी बहुत ही ज्यादा घबराकर और आँसू बहाने आने लगी और कहा मैं किसी निर्दोष को नहीं मार सकती और मेरे कारण कोई निर्दोष मारा जाए यह कभी संभव नहीं है मेरा हृदय पवित्र है मैंने कभी कोई गलत कार्य नहीं किया है और आगे भी नहीं करूंगी चाहे मुझे कोई कितनी बड़ी सजा दे आप कोई तीसरा मार्ग बताइए इन दोनों मार्गों में, वह मेरे कारण मारा जाएगा यह मैं समझ नहीं सकती और मैं किसी की हत्या का पाप अपने सिर पर भी नहीं लेना चाहती हूं कोई तो मार्ग होगा तब सभी कन्याओं ने आपस में बातचीत की और उससे कहा कि हां एक मार्ग शेष है अगर आप चाहो तो, उसने कहा क्या मार्ग है तो उसकी सखियो ने कहा आप ऐसी माया रचो जिससे वह व्यक्ति आपकी साधना करके आप को सिद्ध करें और उसके बाद फिर आपसे विवाह करे तो उसके प्राण बच जाएंगे फिर जब आपका पुत्र होगा अर्थात जब आप उसकी बच्चे की मां बनेगी उसके बाद ही आपको इस लोक में प्रवेश करने का अधिकार मिलेगा उससे पहले आप नागलोक में प्रवेश नहीं कर पाएंगी क्योंकि आप नियमों में बंधी हुई हैं क्यूंकि किसी मनुष्य को आपने अपना नागिन और मनुष्य दोनों शरीर को दिखा दिया है जबकि यह दिखाना मना है वर्जित है इसी के कारण आप धीरे धीरे करके अपनी शक्तियां भी खो देंगी इसलिए केवल एक ही मार्ग है आप उससे अपनी भक्ति करवाईये अर्थात अपनी पूजा करवाकर अपने आप को सिद्ध करवाकर उसके बाद उसकी पत्नी बनती है तो उसके बाद जब उसके पुत्र की माता बनती है तो निश्चित ही आपको प्रवेश करने का अधिकार प्राप्त होगा, ऐसी बात को समझते हुए अब तक्षकमुखी ने कहा ठीक है मेरी सहायता भी करो तुम सभी l फिर नागकन्या तुरंत ही दौड़ती हुई उस शंभू नाम के व्यक्ति के घर पर पहुंची वहां की स्थिति को उन्होंने देखा और इस बात को समझते हुए कि शंभू का विवाह हो चुका है ऐसी अवस्था में अब नागिन पत्नी के रूप में नहीं रह सकती है यह बात को जानते हुए सभी ने विष फुंकार का प्रयोग करके शंभू की पत्नी को बेहोश कर दिया और इसी के साथ में उसकी मां के साथ एक शक्ति का प्रयोग किया गया l प्रयोग के माध्यम से लकवा मार जाता है इससे शंभू की मां को लकवा मार गया इधर इसकी पत्नी बेहोश हो गई नागिनो ने जाकर तक्षक मुखी नागिन से कहा कि हम लोगों ने तुम्हारा कार्य संपन्न कर दिया है अब उसकी पत्नी जब तक तुम्हारी इच्छा न हो तब तक वह अपनी बेहोशी को त्याग नहीं पाएगी हमेशा बेहोश ही रहेगी जब तक कि तुम स्वयंउसे ठीक नहीं करती हो उसकी मां को भी लकवा मार दिया है जिस कारण अब तुम को कोई भी विवाह करने से नहीं रोक सकता है अब क्योंकि कार्य संपन्न हो चुका था l इसलिए तक्षकमुखी नागिन को अपनी माया रचनी थी तक्षकमुखी ने इसके बाद फिर सुंदर स्त्री का रूप बनाकर के एक मार्ग पर स्वयं को घायल करके लेट गई इधर शंभू को सुबह जब होश आया तो वह अद्भुत नजारा और पुराने समय का याद करने लगा कि किस प्रकार से उसने एक नागिन को इस प्रकार देखा था फिर उसने सोचा कि अब घर चलना चाहिए क्योंकि ज्योतिषी ने कहा था कि आप घर लौट आना अब मुझे तुरंत अपने घर जाना चाहिए ऐसा सोच कर के वह 1 मार्ग से जाने लगा उस मार्ग में सामने एक बहुत ही सुंदर स्त्री घायल अवस्था में पड़ी हुई दिखाई पड़ी ऐसी अवस्था में उस स्त्री को देख कर के बहुत ही आश्चर्य हुआ उसने कहा यहां तो दूर-दूर तक इसकी सहायता करने वाला कोई मौजूद नहीं है ऐसे ही छोड़ दूं या फिर इसकी सहायता करु, विचार करके उसने उस स्त्री को उठा लिया और अपनी बाहों में लेकर के धीरे-धीरे करके अपने घर की ओर चलने लगा घर पर उसे लेकर के आया उसका इलाज करने लगा थोड़ी ही देर बाद स्त्री को होश आ गया, स्त्री ने कहा कि आप कौन हैं शंभू ने कहा मैं शंभू हूं नगर में एक अच्छा धनवान व्यापारी हूं आपकी यह हालत कैसे हो गई आप बताइए, उसने कहा कुछ लुटेरों ने आकर के मेरे घर वालों को मार दिया और मुझे भी घायल कर दिया मुझे पता नहीं मैं मार्ग में कहां पड़ी थी मेरे सामने ही मेरे पूरे परिवार की हत्या कर दी गयी है आज मैं अकेली हो गई हूं मेरे पास कुछ भी मौजूद नही सिर्फ यह पोटली है और उसने पोटली की ओर इशारा किया जब उसने उस पोटली को खोला तो शंभू की आंखें फटी की फटी रह गई आखिर क्या था उस पोटली में ।….आगे जानने के लिए भाग 3 पढे
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तक्षक मुखी नागिन और नागचंद्रेश्वर मंदिर कथा भाग 2
Dharam Rahasya
MPDRST( मां पराशक्ति धर्म रहस्य सेवा ट्रस्ट) -छुपे रहस्यों को उजागर करता है लेकिन इन्हें विज्ञान की कसौटी पर कसना भी जरूरी है हमारा देश विविध धर्मो की जन्म और कर्म स्थली है वैबसाइट का प्रयास होगा रहस्यों का उद्घाटन करना और उसमे सत्य के अंश को प्रगट करना l इसमें हम तंत्र ,विज्ञान, खोजें,मानव की क्षमता,गोपनीय शक्तियों इत्यादि का पता लगायेंगे l मै स्वयं भी प्राचीन इतिहास विषय में PH.D (J.R.F रिसर्च स्कॉलर) हूँ इसलिए प्राचीन रहस्यों का उद्घाटन करना मेरी हॉबी भी है l आप लोग भी अपने अनुभव जो दूसरी दुनिया से सम्बन्ध दिखाते हो भेजें और यहाँ पर साझा करें अपने अनुभवों को प्रकाशित करवाने के लिए धर्म रहस्य को संबोधित और कहीं भी अन्य इसे प्रकाशित नही करवाया गया है date के साथ अवश्य लिखकर ईमेल - [email protected] पर भेजे आशा है ये पोस्ट आपको पसंद आयेंगे l पसंद आने पर ,शेयर और सब्सक्राइब जरूर करें l धन्यवाद