Table of Contents

तांत्रिक की शमशान भैरवी साधना भाग 3

तांत्रिक की शमशान भैरवी साधना भाग 3

नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल में आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। तांत्रिक की शमशान भैरवी साधना अब आगे के भाग के विषय जानते हैं।जैसे ही वह। व्यक्ति। उस स्त्री को पानी में डुबो देता है और सांस लेना उसका मुश्किल हो जाता है तो वह जोर से मंत्र का उच्चारण करती है क्योंकि उसके पति ने उसे ऐसा ही करने को कहा था कि वह अचानक से। जाग जाती है और देखती है कि वह और उसका पति उसी स्थान पर बैठकर साधना कर रहे हैं। तो फिर यह सब क्या था? जो कुछ भी उसने देखा वह सब क्या उसका भ्रम था? लेकिन अगर यह उसका भ्रम था तो फिर उसे यह इतना सत्य कैसे लग सकता है? अब!

वह घबराकर! फिर से मंत्र जाप करने के लिए बैठ जाती है। और सोचती है कि यह तंत्र साधना है तो बड़ी ही कठिन होती हैं। इस तरह की साधना में आपके जीवन के साथ बहुत बड़ा संकट भी आ सकता है। ऐसा लग रहा था जैसे कि सांस लेना सचमुच में मुश्किल हो गया है। अपने गले को छूती है। तू वहां? गर्दन पर निशान भी उसे महसूस होते हैं।

इस प्रकार उस दिन की साधना संपन्न हो जाती है। और वह! अपने पति के साथ वापस घर आ जाती है। अपने! पति के पास।

वह आकर उनसे सारी बात बता दी है। तब वह कहते हैं कि तंत्र साधना में विचित्र प्रकार के अनुभव होते हैं। गुरु ने मुझसे कहा था कि तुम्हारी पत्नी के लिए यह सब कुछ आसान नहीं होने वाला है। इसीलिए तुम्हें ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है।

समय बीतेगा और?

शक्ति तुम्हारे अंदर किसी दिन आ जाएगी। तब तुम्हें और भी ज्यादा तीव्र परीक्षाएं देनी पड़ सकती हैं। इस बात को समझो! यह चीजें आसान नहीं होती हैं।

तब वह स्त्री कहती है कि आपकी बात सत्य है। लेकिन अगर मैं ना कर पाए तो क्या होगा?

तब उसका पति उससे कहता है। एक बात को सत्य पूर्वक जान लो। तुम्हारे लिए ऐसे डर का सामना करना। ज्यादा अच्छा है या फिर लोगों के ताने?

क्योंकि जब लोग तुम से पूछेंगे इतना समय हो चुका है फिर भी तुम बांझ हो। तो तुम किस प्रकार से उनके प्रश्नों का उत्तर दोगी? इस बात को सदैव मन में धारण करो।

सब उसकी स्त्री ने कहा, चाहे मेरे प्राण ही क्यों ना निकल जाए?

अब मैं किसी भी हालत में। नहीं डरूंगी और अपनी साधना को जारी रखूंगी। चाहे कितनी भी बुरी स्थिति क्यों ना पैदा हो जाए?

इस प्रकार अब अगली रात्रि के लिए दोनों तैयार थे। फिर से दोनों स्नान करने के लिए वस्त्र हीन होकर।

आगे बढ़ते हैं। और बैठकर जाप करने लगते हैं।

अभी थोड़ी ही देर। साधना करते हुआ था। कि वहां पर अचानक से कुछ लोगों के चीखने की आवाज आने लगती है।

साधक अपनी साधना में पूरी तरह लीं था

उसे दुनिया की कोई खबर नहीं थी। लेकिन स्त्रियों के मन की सदैव! घबराहट और आशंका रहती है इसलिए एक बार फिर से उस धनी मानी व्यक्ति की पत्नी।

चारों तरफ आंखें खोल कर देखा। तो वहां?

कुछ डाकू जैसे दिखने वाले लोग एक औरत को घसीट कर ला रहे थे। उसे खींचकर उस श्मशान भूमि में लाया जा रहा था। यह सब कुछ! अजीब सा था। इसे देखकर वह स्त्री अचंभित हो जाती है। और फिर उनमें से एक कहता है कि इसके पास धन तो बचा नहीं है। अब इससे हम क्या फायदा उठा सकते हैं तो दूसरा कहता है। अरे है तो यह एक औरत ही। कम से कम यह शारीरिक सुख तो दे ही सकती है। चलो एक एक करके।

अपनी हवस इससे मिटाते हैं। इस प्रकार से वह सभी उस स्त्री के साथ बुरा करने के लिए।

बिल्कुल तैयार हो चुके थे।

यह? बिल्कुल घबरा जाती है। क्योंकि? जब कपड़े पहने किसी स्त्री के प्रति डाकू लोग ऐसा सोच सकते हैं। तू यह तो पूरी तरह से वस्त्र विहीन है। अगर किसी की भी नजर।

मुझ पर पड़ गई तो मेरा क्या होगा? मुझे यहां से तुरंत निकलना ही होगा। अगर मैं यहां से नहीं गई। तो निश्चित रूप से। बहुत बुरा हो सकता है।

यह लोग मेरे इकलौते पति के साथ भी बहुत बुरा कर सकते हैं और मेरे साथ पता नहीं क्या करेंगे?

कि तभी उनमें से कुछ की नजर।

इनके ऊपर पड़ जाती है। और वह कहते हैं वहां देखो कितनी खूबसूरत औरत? बिना वस्त्रों के बैठी हुई है। चलो इसके साथ ही आनंद लिया जाए।

यह तो इस औरत से कहीं ज्यादा सुंदर है।

यह बात सुनते ही इस स्त्री को बहुत ज्यादा डर लगता है और यह पूजा स्थल। को छोड़कर भागने लगती है।

भागते हुए वह जंगल में पहुंच जाती है। और शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। जल्दी में जिस स्थान पर इन लोगों ने अपने वस्त्र रखे थे। वहां से! होकर भी वह नहीं आई।

इस प्रकार जंगल में नग्न होकर।

दौड़ना कितना खतरनाक हो सकता है? इसकी कल्पना करके वह और भी ज्यादा घबरा रही थी।

साथ ही यह भी सोच रही थी कि मैंने तो अपने पति को अकेला ही वहां छोड़ दिया है। कहीं डाकू लोग उसके साथ बुरा तो नहीं करेंगे?

लेकिन उसे ऐसा लगता था कि पूजा और साधना करते हुए किसी व्यक्ति को डाकू शायद नहीं सताएंगे। इसीलिए मेरा वहां से निकल कर भाग जाना ही ठीक है।

कि तभी उसे स्पष्ट आवाजें डाकुओं की सुनाई देती है। वह सब चिल्ला कर कह रहे थे वह खूबसूरत औरत। इधर ही भागी है।

उसे पकड़ो!

कहीं भी मिले उसे खींच कर लाओ।

यह सुनकर वह और भी ज्यादा घबरा जाती है।

सामने एक गुफा उसे दिखाई पड़ती है।

छिपने के लिए यह स्थान बहुत उपयुक्त था। इसीलिए इस ने सोचा कि चलो हम लोग!

अगर! गुफा के अंदर प्रवेश करें। तो शायद डाकू की नजर ना लगे।

लेकिन?

बार बार यह बात भूल जा रही थी कि वह अकेली ही है।

फिर भी उसके पास। और कोई विकल्प शेष नहीं था।

इसलिए उस गुफा में प्रवेश करने के अलावा उसके अतिरिक्त कोई मार्ग उसके पास नहीं बचा था।

उसने जल्दी से। दौड़कर गुफा के अंदर प्रवेश कर लिया।

और हमने जो देखा अब तो स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक थी।

क्योंकि यह एक शेर की गुफा थी।

उस गुफा के अंदर! एक शेर! एक शेरनी!

और उसके दो छोटे बच्चे थे।

सभी सो रहे थे। लेकिन यह स्त्री उन सभी को देखकर कांप गई।

उसकी स्थिति।

आगे कुआं तो पीछे खाई जैसी स्थिति थी।

क्योंकि अगर वह वापस जाती तो डाकू उसे पकड़ कर उसके शरीर के साथ क्या करेंगे, वह नहीं जानती। और अगर? यहां थोड़ी सी भी गलती हुई तो उसके शरीर को चीर फाड़ कर शेर खा जाएगा।

इसलिए आप तो? स्थिति बहुत ज्यादा भयानक हो चुकी थी।

अब करें भी तो क्या? विकल्प क्या था उसके पास? इसलिए उसने गुफा के अंदर एक छोटे से पत्थर की ओट में चुपचाप बैठना ही उचित समझा। लेकिन उसे मालूम था। जल्दी ही आराम करते हुए यह जानवर उठ सकते हैं।

और जब यह उठेंगे तो मेरे शरीर की गंध सूंघ कर अवश्य ही मेरे पास आएंगे। वैसे भी वहां पर। आने का।

यही मार्ग है!

इसीलिए अब सब कुछ ईश्वर पर ही निर्भर करता है कि प्राण बचेंगे या नहीं?

लेकिन?

एक स्त्री के लिए अपनी इज्जत खोने से बड़ा कुछ भी ज्यादा नहीं है।

इसीलिए चाहे वह शेर के हाथों ही क्यों ना मार दी जाए? अपनी इज्जत नहीं खोएगी। यही सोचकर वह वहां पर बैठ जाती है।

इधर डाकू! भी उस गुफा के आसपास पहुंच कर। चिल्लाते हुए नजर आ रहे थे।

उनकी आवाज को सुनकर। अब शेर और शेरनी जाग गए।

क्योंकि? शेरनी अपने बच्चों को लेकर बहुत ज्यादा! रक्षात्मक होती है इसीलिए वह! और भी ज्यादा चौकन्नी हो गई।

इधर शेर भी! इस तरह का चोर और शराबा सुनकर।

जाग गया था।

और शेर और शेरनी दोनों आक्रामक तरीके से।

गुफा के दरवाजे की तरफ बढ़ने लगे।

जहां से उन्हें बाहर निकल कर। चारों ओर देखना था।

इधर डाकुओं की आवाज सुनकर स्त्री बहुत ज्यादा भयभीत हो गई।

कि तभी उसने अंदर की ओर देखा। तो शेर और शेरनी दोनों अब उसकी ही ओर बढ़ रहे थे।

अब क्या होगा? क्योंकि अगर वह भागकर! बाहर निकलती है। तो डाकू लोग उसे तुरंत पकड़ लेंगे।

और अगर वह चुपचाप बैठी रहेगी तो आवाज आने की वजह से शेर और शेरनी जल्दी ही उसके पास पहुंच जाएंगे।

और फिर वह उनका भोजन बन जाएगी।

ऐसी विषम परिस्थिति में आगे क्या घटित हुआ जानेंगे हम लोग अगले भाग में तो अगर आपको यह जानकारी और कहानी पसंद आ रही है तो लाइक करें। शेयर करें सब्सक्राइब करें आपका दिन मंगलमय हो जय मां पराशक्ति।

तांत्रिक की शमशान भैरवी साधना भाग 4

error: Content is protected !!
Scroll to Top